SPEECH OF HONURABLE GOVERNOR OF PUNJAB AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH SHRI BANWARI LAL PUROHIT ON THE OCCASION OF FELICITATION OF SPORTS PERSONS AT U.T. SECRETARIAT, CHANDIGARH ON 25TH JULY 2023 AT 4:00 PM

  • PRB
  • 2023-07-25 17:30

आज हम विभिन्न खेलों में अपने युवा खिलाड़ियों की उत्कृष्ट उपलब्धियों व उनके प्रशिक्षकों द्वारा किए गए उल्लेखनीय प्रयासों को honour करने के लिए यहां एकत्र हुए हैं।
यह बहुत गर्व और खुशी की बात है कि हमने उन 33 पदक विजेताओं को सम्मानित किया जिन्होंने न केवल अपना बल्कि पूरे चंडीगढ़ का मान बढ़ाया है।
इन खिलाड़ियों ने जूनियर एशिया कप, कॉमनवेल्थ वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप, बॉक्सिंग नेशनल चैंपियनशिप आदि जैसे विभिन्न प्रसिद्ध टूर्नामेंटों में चंडीगढ़ का प्रतिनिधित्व किया है।
मुझे इन खेलों में पुरूष और महिला दोनों खिलाड़ियों की शानदार भागीदारी पर गर्व है।
हमने उन 3 कोचों को भी सम्मानित किया जिन्होंने इन खिलाड़ियों का मार्गदर्शन किया और उनकी यात्रा के दौरान उनका पूरा समर्थन किया है।
मैं सभी कोचों की उनके अथक समर्थन और समर्पण के लिए सराहना करता हूं।
आज हमने खिलाड़ियों को लगभग 33 लाख रूपये की नकद राशि भेंट की है।
मुझे याद है लगभग एक-डेढ़ महीना पहले, मई महीने में भी हमने खिलाड़ियों व कोचों को पुरस्कृत किया था। तब हमने Khelo India Youth Game स्वर्ण, रजत व कांस्य पदक विजेता खिलाड़ियों को सम्मानित किया था।
छोटे से अंतराल में एक और felicitation programme के आयोजन से इस बात में कोई संदेह नहीं कि हमारा खेल विभाग व हमारे खिलाड़ी सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
हमें इन उपलब्धियों को सेलिब्रेट करने के साथ ही ये भी सोचना है कि हम अपने खिलाड़ियों की और ज्यादा मदद कैसे कर सकते हैं। 
जैसे फुटबॉल और हॉकी जैसे खेलों में man to man marking होती है, वैसे ही आप सभी को Match to Match marking करनी होगी, हर टूर्नामेंट के लिए अलग रणनीति बनानी होगी। 
आपको हर टूर्नांमेंट के हिसाब से स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर व ट्रेनिंग पर फोकस करना होगा। आपको short term, medium term और long term goals भी तय करने होंगे।
मित्रों,
खेलों की एक विशेषता और होती है। खिलाड़ी अकेले लगातार अभ्यास करके फिटनेस तो प्राप्त कर सकता है, लेकिन बेहतरीन प्रदर्शन के लिए उसका लगातार खेलना भी जरूरी है। 
इसलिए स्थानीय स्तर पर ज्यादा से ज्यादा कंपटीशन हों, स्पोर्ट्स टूर्नामेंट्स हों, ये भी जरूरी है। इससे खिलाड़ियों को भी बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। 
खेल विभाग को ये सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी खेल प्रतिभा की अनदेखी ना हो।
हमारा देश खेल के मैदान में भी एक ताकत बनकर उभर रहा है। 
टोक्यो Olympics और Paralympics में हमारे खिलाड़ियों ने इस बदलाव को साबित किया है। 
टोक्यो Olympics में भारत ने पहली बार 7 मेडल जीते हैं।
यही रिकॉर्ड भारत के बेटे-बेटियों ने टोक्यो Paralympics में भी बनाया। भारत ने इस वैश्विक प्रतियोगिता में 19 मेडल्स जीते। 
लेकिन, ये तो शुरुआत है। भारतीय खिलाड़ी रुकने वाले नहीं। मुझे देश की युवा शक्ति पर पूरा भरोसा है।
मेरी आप सब खिलाड़ियों के लिए एक सलाह है- सफलता के लिए कभी कोई शॉर्टकट मत खोजिएगा! 
आपने रेलवे प्लेटफार्म पर देखा होगा, कुछ लोग ब्रिज पर से जाने के बजाए पटरी क्रॉस करके जाते हैं, तो वहां रेलवे वालों ने लिखा होता है, Shortcut will cut you short। 
शॉर्टकट का रास्ता बहुत अल्पजीवी होता है।
बन्धुओं,
सफलता का केवल एक ही मंत्र है- ‘Long term planning and continuous commitment’। न एक जीत कभी हमारा आखिरी पड़ाव हो सकती है, न ही एक हार! 
मैं आपको बताऊँ, आप बहुत भाग्यशाली हो। पुराने जमाने में आप अगर किसी को बताते थे कि मैं एक खिलाड़ी हूँ, तो लोग पूछते थे कि भई ठीक है, खिलाड़ी हो, हर बच्चा खेलता है। लेकिन असल में आप करते क्या हो? यानी खेल को हमारे यहां सहज स्वीकृति ही नहीं थी।
परन्तु हमारे खिलाड़ियों की सफलता ने अब समाज की इस सोच को बदल दिया है। 
अब लोग ये समझ रहे हैं कि स्पोर्ट्स में भी करियर होता है।
आप देश व दुनिया के उत्कृष्ट खिलाड़ी तो बन ही सकते हो, परन्तु खेलने व कोच बनने के अलावा और भी असंख्य संभावनाएं हैं।
स्पोर्ट्स राइटिंग में भी खेलों से जुड़े लोग शानदार करियर बना रहे हैं। 
ऐसे ही, खेलों के साथ-साथ trainer, physiotherapist और dietician जैसे तमाम अवसर पैदा होते हैं। 
इन सभी fields को युवा अपने लिए करियर के रूप में देखें, आगे बढ़ें, इसके लिए देश में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटीज़ की स्थापना की जा रही है। 
स्पोर्ट्स मैनेजमेंट में पीजी डिप्लोमा भी शुरू किया गया है।
आज मैं युवाओं के सभी परिवारजनों से आग्रह करना चाहता हूं। वक्त बहुत बदल चुका है। अगर आपकी संतान, बेटा हो या बेटी, अगर खेल में उसकी रुची है, तो आप उसको उत्साहित कीजिए। 
उसको आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहन दीजिए।
खेल विभाग से भी कहूंगा कि खिलाड़ियों को 4 शस्त्र जरूर दें - 
संसाधन, 
ट्रेनिंग की आधुनिक सुविधाएं, 
अंतर्राष्ट्रीय एक्सपोज़र 
और चयन में पारदर्शिता।
चयन प्रक्रिया में हमेशा पूर्ण पारदर्शिता रखिए।
प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, बस उभरते खिलाड़ियों को fair opportunity दीजिए, फिर पदकों की कोई कमी नहीं होगी। 
धन्यवाद,
जय हिन्द!