SPEECH OF HONURABLE GOVERNOR PUNJAB AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH SHRI BANWARI LAL PUROHIT ON THE OCCASION OF LAUNCHING OF CHANDIGARH SWACHHTA ANTHEM AT MAHILA BHAWAN, SEC-38, CHANDIGARH ON 02ND AUG 2023 AT 5:00 PM

  • PRB
  • 2023-08-02 18:30

स्वच्छता गान के ज़रिए शहर को साफ़ व सुन्दर रखने के लिए लोगों को जागरूक करने का प्रयत्न, नगर निगम की एक अच्छी व दिलचस्प पहल है।
मनुष्य की प्रवृत्ति है कि जब कोई काम उस पर थोपा जाता है तो वह उसे दिल से स्वीकारता नहीं। कचरा प्रबंधन भी बलपूर्वक नहीं करवाया जा सकता, लोगों को स्वच्छता को जीवन जीने का तरीका, एक आदत बनानी होगी।
ऐसे में, गीत-संगीत का माध्यम बहुत कारगर सिद्ध हो सकता है।
यह एक ऐसा माध्यम है जिससे शहर की सामूहिक चेतना को सहज ही जागृत किया जा सकता है।
B Praak जी ने बहुत ही सुरीला गीत, जिसके बेहद catchy बोल हैं, जो गीत बंद होने के बाद भी दिमाग में गूँजते रहते हैं, चंडीगढ़ के लिए तैयार किया है।
हम उनका अभिनन्दन करते हैं और आशा करते हैं कि उनका गीत शहरवासियों को inspire करेगा।
भाइयो और बहनों,
भारत के लिए स्वच्छता कोई नई अवधारणा नहीं है। इसका उल्लेख कई प्राचीन एवं वैदिक ग्रंथों में मिलता है।
हमें मनुस्मृति, गणेशपुराण, पतंजलि योग सूत्र, ऋग्वेद, अथर्ववेद, दक्ष स्मृति आदि जैसे प्राचीन ग्रंथों में स्वच्छता के बारे में विशेष उल्लेख मिलते हैं।
यहां तक कि सिंधु घाटी की सभ्यता के समय निर्माण हुई निकास प्रणाली भी स्वच्छता/साफ-सफाई के महत्व को दर्शाती है।
स्वच्छता हम भारतीयों की जीवन शैली का अभिन्न हिस्सा है।
आने वाले महीनों में देशवासी दीपावली और छठ का त्योहार मानएंगे।
दीपावली पर जहां लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं, वहीं छठ के अवसर पर लोग जलाशयों, घाटों और रास्तों को स्वच्छ बनाते हैं।
ऐसी है हमारी संस्कृति !
बन्धुओं,
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी सत्य और अहिंसा की तरह स्वच्छता का भी आग्रह करते थे।
गांधी जी का मानना था कि स्वच्छता की आदत लोगों में बचपन से ही डाली जानी चाहिए।
इस संदर्भ में, मैं एक प्रसंग का उल्लेख करूँगा।
एक बार बापू ने कस्तूरबा गांधी से बच्चों के लिए स्कूल शुरू करने के लिए कहा। जब ‘बा’ ने पूछा कि वह बच्चों को क्या पढ़ाएंगी तो बापू ने कहा ‘‘बच्चों की शिक्षा का पहला पाठ स्वच्छता है। किसानों के बच्चों को इकट्ठा करो। उनके आंख-दांत देखो। उन्हें स्नान कराओ। सफाई की आदत डालो। यह कम शिक्षा नहीं है’’।
गांधी जी की सोच थी कि अगर हम बच्चों में शुरुआत से ही साफ-सफाई की आदत डालें तो वे जीवन भर स्वच्छता के प्रति जागरूक बने रहेंगे ।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी उल्लेख किया करते थे ‘‘Cleanliness is next to godliness’’
उन्होंने स्वच्छता की कल्पना तीन आयामों के रूप में की - स्वच्छ मन, स्वच्छ शरीर और स्वच्छ वातावरण ।
उन्होंने स्वच्छता को ईश्वरीयता के समान बताते हुए कहा था कि ‘‘जैसे अशुद्ध मन से ईश्वर को प्राप्त नहीं किया जा सकता, ठीक उसी प्रकार अशुद्ध शरीर के साथ भगवान का आशीर्वाद प्राप्त नहीं किया जा सकता; और एक स्वच्छ शरीर एक अशुद्ध शहर में नहीं रह सकता है’’। इसीलिए, स्वच्छता हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
स्वच्छता एक multi-stakeholder movement है और हमें मिलकर अपने घरों, सार्वजनिक स्थानों, गांवों और शहरों को साफ रखने का प्रयास करना है।
जैसे कि अभी जो स्वच्छता गान - ‘‘रखना तू संभाल.....’’ लाँच किया गया है, उसमें भी बहुत खूबसूरती से संदेश दिया गया है कि सबको मिलजुल कर अपने शहर को साफ-सुथरा रखना है।
चंडीगढ़ की स्वच्छता यात्रा बहुत चुनौतीपूर्ण रही है। 2 साल पहले यह शहर कचरा संसाधित नहीं कर पा रहा था और कचरे के बड़े-बड़े पहाड़ बन गये थे। जब मैं यहां आया तो हमारी स्वच्छता रैंकिंग (साल 2021 में) देश में 16वें नम्बर पर थी।
2 साल के भीतर हमारे इंजीनियरों और स्वच्छता कार्यकर्ताओं के प्रयासों से अब हम सूखे कचरे की 100 प्रतिशत प्रोसेसिंग कर रहे हैं।
हमने एक अत्याधुनिक Horticulture Waste Processing Plant लगाया है।
अगले 6 महीनों के भीतर गीले कचरे के लिए Composting Plant भी तैयार हो जाएगा।
अपने नागरिकों की मदद और समर्थन से, चंडीगढ़ की स्वच्छता रैंक सुधर कर साल 2022 में 12वें स्थान पर पहुंच गई है।
अब साल 2023 के लिए हमारा लक्ष्य शीर्ष स्थान पर पहुंचना है।
परन्तु, स्वच्छता की शुरूआत तो घर से होती है।
महात्मा गांधीजी कहा करते थे, ‘‘Everyone must be his own scavenger’’ अर्थात, प्रत्येक व्यक्ति को अपना scavenger/सफाईकर्मी स्वयं होना चाहिए।
तो आप सबसे आग्रह है कि Waste Segregation जोकि नगर निगम के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती है, उसमें सहयोग दें और अपने-अपने घरों से गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग करके garbage collectors दें ताकि segregation में समय नष्ट न हो और उसकी प्रोसेसिंग तुरंत हो सके।
आशा है कि आप सभी के सहयोग से शहर को साफ-सुथरा और हरा-भरा बनाने में सफलता मिलेगी।
धन्यवाद,
जय हिन्द!