SPEECH OF HONURABLE GOVERNOR PUNJAB AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH SHRI BANWARI LAL PUROHIT ON THE OCCASION OF 3RD ANNIVERSARY OF NEP 2020 AT GIRLS GOVT. SR. SEC. SCHOOL, SECTOR 18, CHANDIGARH ON 03RD AUG 2023 AT 11.00 AM

  • PRB
  • 2023-08-03 12:30

अभी मैनें यहां लगी प्रदर्शनी देखी। 
15-20 तरह के अलग-अलग stalls लगाए गए हैं जिनमें  हमारे skill और  education sector  की उपलब्धियां प्रत्यक्ष दिखाई दीं। 
Information Technology, Artificial Intelligence, Food Production, School Health & Wellness इत्यादि के stalls देखे।
Activity Area में बच्चों से मिलने और उनके साथ बात करने का मौका मिला। 
बच्चे खेल-खेल में कैसे कितना कुछ सीख रहे हैं, कैसे शिक्षा और schooling के मायने बदल रहे हैं, यह देखना मेरे लिए वाकई उत्साहजनक था। 
हमारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू हुए 3 साल हो गए हैं।
यहां आकर लगा कि हम राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने में सफल रहे हैं और शिक्षा क्षेत्र में बदलाव की ओर अग्रसर हैं। 
इसलिए, मैं आप सबका, विशेषकर हमारे शिक्षकों का अभिनंदन करता हूं जिन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के लिए कर्तव्य भाव दिखाया, समर्पण दिखाया और खुले मन से नये विचारों का, नये प्रयोगों को स्वीकार करने का साहस दिखाया। 
बन्धुओं,
यह शिक्षा ही है, जिसमें देश को सफल बनाने की, देश का भाग्य बदलने की सर्वाधिक ताकत है।
आज 21वीं सदी का भारत जिन लक्ष्यों को लेकर बढ़ रहा है, उसमें हमारी शिक्षा व्यवस्था का भी बहुत ज्यादा महत्व है।
हमारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति में traditional knowledge system से लेकर futuristic technology तक सबको बराबर एक balanced way में अहमियत दी गई है।
अब शिक्षा केवल किताबों तक ही सीमित न रहे बल्कि practical learning इसका हिस्सा बनें और vocational education हमारी general education के साथ integrate हो, ऐसे प्रयास किये जा रहे हैं।
किताबी पढ़ाई के बोझ के कारण ही बच्चे सबसे ज्यादा पिछड़ते थे।
लेकिन नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत नए तरीकों से पढ़ाई होगी।
यह पढ़ाई interactive भी होगी और साथ-साथ interesting भी होगी।
प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में नया पाठ्यक्रम तैयार किया गया है।
उच्च शिक्षा के लिए देश में research eco-system को मज़बूत किया जा रहा है। 
तीसरी से बरहवी कक्षाओं तक लगभग 130 विषयों की नई किताबें क्षेत्रीय भाषाओं में आ रही हैं।
मुझे बहुत खुशी है कि अब बच्चे अपनी मातृ भाषा में पढ़ाई कर पाएंगे।
आम तौर पर देखने को मिलता है कि युवाओं को उनकी प्रतिभा की जगह उनकी भाषा के आधार पर judge किया जाता है, जोकि उनके साथ बहुत बड़ा अन्याय है।
हर भाषा की अपनी अहमियत है।
दुनिया में ज्यादातर विकसित देशों ने अपनी भाषा की बदौलत बढ़त हासिल की है।
अगर हम केवल यूरोप को ही देखें तो, वहां ज्यादातर देश अपनी-अपनी native भाषा का ही इस्तेमाल करते हैं।
लेकिन हमारे यहां, बहुत सारी समृद्ध भाषाएं होने के बावजूद, हमने अपनी भाषाओं को पिछड़ेपन के तौर पर देखा है।
कोई कितना भी innovative mind क्यों न हो, मगर वो अंग्रेजी नहीं बोल सकता तो उसकी प्रतिभा को जल्दी स्वीकार नहीं किया जाता।
इसका सबसे बड़ा नुकसान हमारे ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को उठाना पड़ता है।
आज आज़ादी के अमृत काल में National Educational Policy के ज़रिए देश ने इस हीन भावना को पीछे छोड़ने की शुरूआत की है।
हमारे देश के माननीय प्रधानमंत्री श्री मोदी जी तो UN में भी भारत की भाषा बोलते हैं!
अब Social Science से लेकर Engineering तक की पढ़ाई भारतीय भाषाओं में होगी।
युवाओं के पास भाषा का आत्मविश्वास होगा तो उनका हुनर, उनकी प्रतिभा खुलकर सामने आएगी।
हमारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति की एक विशेष प्राथमिकता है कि सबको शिक्षा के समान अवसर मिलें। यानि सभी बच्चों के लिए स्कूल और उनमें शिक्षा के सभी संसाधन समानता से पहुंचें।
जैसे आपके इस स्कूल को Rising India के एक पीएम-श्री स्कूल  (PM-Shri School) के रूप में चुना गया है, उसी तरह देश भर में हजारों स्कूलों को पीएम-श्री स्कूल के तौर पर अपग्रेड किया जा रहा है। 
आप भाग्यशाली हैं कि आपको ऐसे स्कूल में पढ़ने का अवसर मिल रहा है।
मुझे पूर्णतया विश्वास है कि शिक्षा नीति में किये गये बदलाव देश को बेहतर students, professionals और बेहतर इन्सान प्रदान करने का प्रमुख तरीका है।
चंडीगढ़ का शिक्षा विभाग न केवल राष्ट्रीय स्तर बल्कि वैश्विक स्तर पर निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रयत्नशील है। 
हमारे स्कूलों के entry level पर EWS और Disadvantaged Group से संबंधित छात्रों की Centralized Admission के लिए ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया गया है। 
8वीं, 9वीं और 10वीं कक्षा के लिए हिंदी माध्यम में e-content विकसित और प्रकाशित किया गया है; 
NCERT का Vidya Parvesh Module सभी स्कूलों में लागू किया गया है। 
Intellectual Disabilities वाले बच्चों को सहायता प्रदान करने के लिए 15 स्कूलों में एकीकृत कक्षाएँ स्थापित की गई हैं।
मुझे यकीन है कि विभाग, शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने की प्रतिबद्धता को जारी रखेगा।  
आप सभी को मेरी बधाई और भविष्य के सभी प्रयासों के लिए शुभकामनाएँ!
धन्यवाद, 
जय हिन्द!