TALKING POINTS OF HONURABLE GOVERNOR PUNJAB AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH SHRI BANWARI LAL PUROHIT ON THE OCCASION OF WELCOMING HERO ASIAN CHAMPIONS TROPHY IN CHANDIGARH AT HOTEL HAYAT, SEC 17 ON 13TH JULY, 2023 AT 5:00 PM

  • PRB
  • 2023-07-13 18:30

मैं यू.टी., चंडीगढ़ में प्रतिष्ठित हीरो एशियन चैंपियंस ट्रॉफी 2023 का हार्दिक स्वागत करता हूं।
यह न केवल हॉकी से पेशेवर रूप से जुड़े लोगों के लिए बल्कि हमारे शहर के सभी खेल प्रेमियों के लिए गर्व का क्षण है।
यह इस प्रतिष्ठित खेल आयोजन का 7वां सीज़न है।
3 से 12 अगस्त, 2023 तक चेन्नई, तमिलनाडु में होने वाले इस आयोजन में 6 देश हिस्सा लेंगे जिनमें भारत, पाकिस्तान, कोरिया, मलेशिया, जापान और चीन शामिल हैं।
यह हमारे लिए गर्व का क्षण इसलिए भी है क्योंकि इस साल भारत पहली बार एशियन चैंपियन्स ट्रॉफी टूर्नामेंट की मेजबानी करने जा रहा है।
मेरा मानना है कि ट्रॉफी का यह राष्ट्रव्यापी सफ़र हॉकी प्रेमियों को उत्साहित और प्रेरित करने के साथ-साथ हॉकी को बढ़ावा देगा।
यह ट्रॉफी जहां-जहां जाएगी वहां लोगों को दोस्ती और खेल भावना का संदेश देगी।
बन्धुओं,
हॉकी को इसकी लोकप्रियता के कारण भारत में राष्ट्रीय खेल के बराबर सम्मान दिया जाता है। यह हमारे देश में खेले जाने वाले सबसे पुराने खेलों में से एक है।
हॉकी का हम भारतीयों के दिलों में एक विशेष स्थान है।
यह एक ऐसा खेल है जिसने ओलंपिक में 8 स्वर्ण पदक के विश्व रिकॉर्ड के साथ देश को सबसे बड़ा गौरव दिलाया है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी, जो स्वयं एक बहुत बड़े खेल प्रेमी हैं, के नेतृत्व में भारत सरकार ने भारतीय हॉकी टीम का सदैव समर्थन किया है और कोविड-19 महामारी के कठिन समय के दौरान भी भारतीय हॉकी टीम का पूरा साथ दिया, जिसके परिणामस्वरूप भारत टोकियो ओलंपिक-2020 में हॉकी में प्रतिष्ठित कांस्य पदक जीता।
आज सरकार खिलाड़ियों पर, उनकी डाइट, फिटनेस और ट्रेनिंग पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है।
खेलो इंडिया अभियान के माध्यम से देश के कोने-कोने में बहुत कम उम्र में प्रतिभाओं की पहचान की जा रही है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी खेलों को प्राथमिकता दी गई है।
बन्धुओं,
हालाँकि हॉकी लगभग भारत के हर राज्य में खेली जाती है, लेकिन पंजाब दुनिया के बेहतरीन हॉकी के खिलाड़ी पैदा करने के लिए जाना जाता है।
आपमें से ज्यादातर लोग जानते होंगे कि जालंधर के पास संसारपुर गांव को हॉकी की नर्सरी कहा जाता है।
इस गांव ने 14 ओलंपियन सितारे पैदा किए हैं जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
इसी तरह, हॉकी चंडीगढ़ ने बलजीत सिंह, दीपक ठाकुर, राजपाल सिंह, इंद्रजीत सिंह और अन्यों सहित कई ओलंपियन और अंतर्राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी दिए हैं।
जूनियर वर्ग में संजय, अमनदीप, मनिंदर, अर्शदीप सिंह और सुखमन ने इस खेल में अपनी एक अलग ही पहचान बनाई है।
चंडीगढ़ को महिला ओलंपियन मोनिका, रीना खोक्कर और शर्मिला पर भी गर्व है, जिन्होंने टीम इंडिया का हिस्सा बनकर 40 साल के अंतराल के बाद टोकियो ओलंपिक में सेमीफाइनल तक पहुंचने में कामयाबी हासिल कर देश का गौरव बढ़ाया।
हम हॉकी में काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन मुझे लगता है कि हमें हमारी महिला हॉकी को और भी सशक्त बनाने की जरूरत है।
इसलिए, मैं हॉकी चंडीगढ़ से इसे एक चुनौती के रूप में लेने का आह्वान करता हूं। वे इस पर अधिक ध्यान केंद्रित करें और हमारी महिला जूनियर और सीनियर टीमों को पर्याप्त संसाधन और कोचिंग प्रदान करें ताकि हम उन्हें ऊंचाइयों को छूते हुए देख सकें।
एशियन चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम इंडिया को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं।
मुझे यकीन है कि हम यह टूर्नामेंट अवश्य जीतेंगे।
धन्यवाद,
जय हिन्द।