SPEECH OF HONOURABLE GOVERNOR PUNJAB AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH SHRI BANWARI LAL PUROHIT ON THE OCCASION OF LAUNCH OF MERI MAATI MERA DESH CAMPAIGN ON 27TH OCTOBER, 2023

  • PRB
  • 2023-10-27 14:30

आज हम एक बार फिर हमारा पोषण करने वाली हमारी मातृभूमि के प्रति श्रद्धांजलि के रूप में भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए ‘‘मेरी माटी मेरा देश’’ अभियान में उत्साहपूर्वक भाग लेने के लिए एकत्रित हुए हैं। 
आज़ादी का अमृत महोत्सव के तत्वावधान में, यह अभियान एकता, देशभक्ति और राष्ट्र-निर्माण की भावना से परिपूर्ण है।
‘मेरी माटी मेरा देश’ राष्ट्र की एकता व अखंडता के प्रति जनजागरण का कार्यक्रम है।
हम सौभाग्यशाली हैं कि इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं।
यह अभियान देशभर में अमृत कलश यात्राओं के साथ अपने दूसरे चरण में अब प्रवेश कर रहा है।
अखिल भारतीय आउटरीच (outreach) अभियान के रूप में इसका उद्देश्य देश के हर घर तक पहुंचना है। 
ग्रामीण क्षेत्रों के गावों, और शहरी क्षेत्रों के वार्डों से मिट्टी एकत्र की जा रही है।
यहां से औपचारिक तौर पर विदा किए जाने के बाद ये कलश यात्राएं 30 और 31 अक्तूबर 2023 को कर्तव्य पथ पर आयोजित एक भव्य समारोह के लिए दिल्ली पहुंचेंगी।
भारत के सभी कोनों से एकत्र की गई मिट्टी को अमृत वाटिका और अमृत स्मारक में रखा जाएगा, जिससे आजादी का अमृत महोत्सव मनाए जाने की विरासत तैयार होगी। 
मित्रों,
इससे पहले अगस्त माह में भी चंडीगढ़ प्रशासन ने तिरंगा पार्क में इसी तरह का एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया था।
इस दौरान पंच प्रण की शपथ ली गई थी। तब से अब तक के अंतराल में इस अभियान के अंतर्गत कई कार्यक्रम आयोजित किये गये हैं।
इस कार्यक्रम को पर्यावरण से भी जोड़ा गया है। हर, गांव, हर ब्लॉक, हर जिले में पौधे लगाए जा रहे हैं, सरोवर बन रहे हैं।
हर गांव में शहीदों का सम्मान किया जा रहा है। शिलाफलकम् लगाए जा रहे हैं ताकि आने वाली पीढ़ियां उनकी वीरता से सीख लेते हुए राष्ट्र निर्माण के यज्ञ से जुड़ सके।
मेरी माटी मेरा देश एक संयुक्त पहल है जोकि राष्ट्र-निर्माण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है। 
बन्धुओं,
यह हमारा सौभाग्य है कि हमें ऐसे आयोजनों के माध्यम से अपने देश के बारे में बात करने का अवसर मिलता है।
भारत माता की गौरवान्वित संतान के रूप में, हमें उनके मूल्यों और विरासत के प्रति अपनी बिना शर्त प्रतिबद्धता की प्रतिज्ञा करनी चाहिए।
हमें ‘मिट्टी को नमन, वीरों का वंदन’ की भावना को सैदैव अपने दिल में रखना है। 
न केवल आज, बल्कि हर दिन हमें वीरों के बलिदान को याद रखना है और उनका सम्मान करना है।
राष्ट्र की सुरक्षा में प्राणों की आहूति देने वाले मरते नहीं, अमर हो जाते हैं। एक सैनिक की मौत तब होती है, जब देशवासी व सरकारें उसके बलिदान को भुला देती हैं। हमें सुनिश्चित करना होगा कि हमारी युवा पीढ़ी वीरों के बलिदानों से भलिभांति परिचित रहें।
अमृत कलश यात्रा का जश्न मनाते हुए आइए, हम अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए अपने राष्ट्र की विरासत के रक्षण व संरक्षण का संकल्प लें।
यह सबका कर्तव्य है, हर नागरिक का कर्तव्य है। यूं कहूं कि अमृतकाल ‘‘कर्तव्यकाल’’ है। 
हम अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हट सकते, हमें वह भारत बनाना है जो पूज्य बापू के सपनों का था, हमें वह भारत बनाना है जो हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का सपना था।
आइए, हम एक मजबूत, अधिक एकजुट और समृद्ध भारत के लिए मिलजुलकर काम करने का संकल्प लें।
इसी विश्वास के साथ, इसी संकल्प के साथ मैं आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएँ देता हूँ। 
धन्यवाद,
जय हिन्द!