SPEECH OF HONOURABLE GOVERNOR PUNJAB AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH SHRI BANWARI LAL PUROHIT ON THE OCCASION OF STATEHOOD DAY OF JHARKHAND AT PUNJAB RAJ BHAWAN, CHANDIGARH ON 15TH NOVEMBER, 2023 AT 4.00 PM

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  • 2023-11-15 18:40

सर्वप्रथम पूरे देश और विशेषकर झारखंड के निवासियों को राज्य स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।
अब तक हम पंजाब राजभवन के प्रांगण में लगभग 21 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों का स्थापना दिवस मना चुके हैं।
मित्रों,
झारखंड शब्द दो हिंदी शब्दों से मिलकर बना है झार और खंड। झार का अर्थ वन से जबकि खंड का आशय भाग अथवा क्षेत्र है। इस तरह इसका शाब्दिक अर्थ वन क्षेत्र होता है। इसलिए इसे ‘‘वनों की भूमि’’ भी कहा जाता है
चारों तरफ पहाड़ियों एवं वनों से भरा झारखंड प्रकृति का मनोरम स्थल है। यहाँ की स्वर्णिम भूमि वन-संपदा से संपूर्ण है, इसकी प्रकृति छटा अनूठी है।
झारखण्ड राज्य का वृक्षों से विशिष्ट संबंध रहा है। यहाँ हर्षोल्लास के साथ सरहुल पर्व मानाया जाता है जिसमें वृक्ष की पूजा की जाती है। यहाँ के प्रत्येक घर के आँगन में हरा पेड़ अवश्य नजर आएगा।
राजधानी शहर रांची एक बड़ा पर्यटन स्थल बनकर उभरा है जहाँ रांची हिल तथा सूर्य मन्दिर मुख्य आकर्षण के केंद्र रहे हैं।
इसके अतिरिक्त यहाँ के चार बड़े शहर जमशेदपुर, धनबाद, पलामु और बोकारो भी पर्यटकों के लिए लोकप्रिय स्थल हैं। 
दुमका जिले में 108 टेराकोटा मंदिरों का मलूटी गाँव, झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर है।
वन एवं वन्य जीवों से समृद्ध यह प्रदेश राष्ट्रीय पार्क, उद्यानों तथा विविधता के लिए जाना जाता है जहाँ हजारीबाग की सुंदर sanctuary है।
बन्धुओं,
आज झारखण्ड के महान क्रांतिकारी बिरसा मुण्डा का भी जन्मदिन है। झारखंड के लिए सामाजिक आंदोलन के करिश्माई नेता बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों के विरुद्ध एक बड़े विद्रोह का नेतृत्व किया था। 
उनके बारें में कहानियाँ और गीत पूरे झारखंड में आज भी गाए जाते हैं। भगवान बिरसा मुंडा का केवल झारखंड में ही नहीं बल्कि सभी देशवासियों के हृदय में आदरणीय स्थान है।
15 नवंबर 2021 को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने बिरसा मुंडा को उनके जन्मदिवस पर सम्मान देते हुए एक ऐतिहासिक फैसला लिया था कि हर वर्ष देश 15 नवम्बर, यानी धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के जन्म दिवस को ‘जन-जातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाएगा।
इसी दिन माननीय प्रधानमंत्री जी ने झारखंड में देश का पहला जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी म्यूज़ियम देशवासियों को समर्पित किया था।
आज, तीसरे जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर, भारत के माननीय राष्ट्रपति जी द्वारा संसद परिसर में भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की गई है।
मित्रों,
हमारे प्रधानमंत्री जी के गतिशील नेतृत्व में 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप  में मनाने का निर्णय देश के इतिहास और संस्कृति में आदिवासी समुदायों के योगदान को मनाने के अलावा हमारी संस्कृति के संरक्षण के लिए आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करने में प्रभावी भूमिका अदा करेगा।
जनजातीय गौरव दिवस सभी आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित करने और आदिवासी क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक विकास के प्रयासों को फिर से सक्रिय करने के लिए भी महत्वपूर्ण रहेगा।
झारखंड का कोना-कोना महान विभूतियों की स्मृतियों से जुड़ा हुआ है। तिलका मांझी, नीलाम्बर-पीताम्बर भाईयों, सिद्धू-कान्हू, चांद-भैरव, फूलो-झानो और परमवीर चक्र से सम्मानित अल्बर्ट एक्का जैसे अनेक वीरों की गाथाओं से यहां का गौरवशाली इतिहास परिपूर्ण है। 
इन विभूतियों ने समानता और न्याय पर आधारित समाज के सपने को साकार करने के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया था।
मित्रों,
अधिकांश परम्पराओं में मानव समुदाय को जीव-जंतुओं और वनस्पतियों की अपेक्षा अधिक श्रेष्ठ माना गया है। ‘न हि मानुषात् श्रेष्ठतरम् हि किंचित्’ अर्थात मनुष्य से बढ़कर कुछ भी नहीं है, यही विचारधारा अधिकांश सभ्यताओं के विकास की प्रेरक रही है। लेकिन, झारखंड जैसे क्षेत्रों में मानव समुदाय को तथा जीव-जंतुओं और वनस्पतियों को एक समान महत्व दिया गया है। 
इसीलिए, यहां के लोगों की मूल विचारधारा में समस्त प्रकृति एवं जीव जगत के लिए स्नेह, सम्मान एवं संरक्षण की भावना दिखाई देती है। 
उदाहरण के लिए करमा का त्योहार प्रकृति के प्रति प्रेम का त्योहार है। इस पर्व के अवसर पर करमा वृक्ष को केंद्र में रखकर नृत्य किया जाता है। 
झारखंड के समाज की एक अन्य मौलिक विशेषता यह है कि यहां व्यक्ति की जगह समूह को महत्व दिया जाता है। जब समाज की सोच सामूहिकता पर आधारित होती है तो समूह के सभी सदस्य एक-दूसरे का ध्यान रखते हैं। हमें सहकारिता और सामूहिकता की इस भावना को निरंतर और अधिक शक्तिशाली बनाना चाहिए। 
झारखंड की धरती को रत्नगर्भा भी कहा जाता है क्योंकि इस राज्य की धरती के गर्भ में अमूल्य खनिज पदार्थ विद्यमान हैं। खनिज संपदा की दृष्टि से झारखंड देश के सबसे समृद्ध राज्यों में है। यहां के लोग परिश्रमी हैं, स्नेही हैं और सरल हैं।
मेरी शुभकामना है कि निकट भविष्य में ही झारखंड विकास की दृष्टि से देश के अग्रणी राज्यों में अपना स्थान बनाए। 
मुझे विश्वास है कि झारखंड के हमारे सभी भाई-बहन और बच्चे बहुत ही अच्छा जीवन-स्तर प्राप्त करेंगे तथा खुशहाली और समृद्धि से भरपूर जीवन बिताएंगे। इसी विश्वास के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देता हूं।
धन्यवाद,
जय हिन्द!