SPEECH OF HONOURABLE GOVERNOR PUNJAB AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH SHRI BANWARI LAL PUROHIT ON THE OCCASION OF STATEHOOD DAY OF ASSAM AT PUNJAB RAJ BHAWAN, CHANDIGARH ON 2ND DECEMBER, 2023

  • PRB
  • 2023-12-02 19:00

सर्वप्रथम पूरे देश और विशेषकर असम के निवासियों को राज्य स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।
आदि-शक्ति माँ कामाख्या के आशीर्वाद से सम्पन्न असम की पावन भूमि को मेरा नमन।
पंजाब राजभवन के प्रांगण में देश के विभिन्न प्रदेशों के स्थापना दिवस समारोहों के आयोजन का सफर निरंतर जारी है जिसके तहत आज हम असम का स्थापना दिवस मना रहे हैं।
अभी कल ही हमने नागालैंड का स्थापना दिवस कलाग्राम में मनाया था।
मित्रों,
भारत की भौगोलिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विविधता खूबसूरत इंद्रधनुष के समान है। 
राज्य स्थापना दिवस रूपी आयोजन हमारे देश की विविध संस्कृतियों और परंपराओं वाले प्रदेशों को एक करता है।
इस प्रकार के आयोजनों से देशवासी अलग-अलग राज्यों की संस्कृतियों और परंपराओं से परिचित होते हैं जो उनको अपने देश की विशालता और विविधता का बोध कराता है। 
भारत की विशेषता ही यही है, कि हमारी संस्कृति, हमारी परंपराएं हज़ारों-हज़ार वर्षों से हर भारतवासी को जोड़ती आई हैं।
माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की भी यही इच्छा रही है कि सांस्कृतिक विविधता को विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लोगों के बीच आपसी संपर्क और पारस्परिकता के माध्यम से मनाया जाना चाहिए ताकि देशभर में ‘‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’’ की भावना प्रतिध्वनित हो।
मित्रों,
भारत को गुलामी की बेड़ियों से आज़ाद कराना हो या फिर आज़ादी के बाद नये भारत के सृजन हेतु दिये गये योगदान की बात हो, देश के सभी प्रदेशों ने एकजुट होकर इसमें अपनी अहम भूमिका निभाई है।
असम का योगदान भी देश के लिए बहुत ही मददगार रहा है। यहाँ के अनेक वीरों ने देश की आजादी के लिए संघर्ष कर अपना बलिदान दिया था।
मैं तो असम का राज्यपाल रहा हूं। मैं तो इस प्रदेश से भलिभांति परिचित हूं। 
अगर हम इतिहास के पन्नों को पलट कर देखेंगे तो पता चलेगा कि असम के लोगों ने अनेकों बार तुर्कों, अफगानों, मुगलों के आक्रमणों का मुक़ाबला किया, और आक्रमणकारियों को पीछे खदेड़ा। 
अपनी पूरी ताकत झोंककर मुगलों ने गुवाहाटी पर कब्ज़ा कर लिया था। लेकिन, लचित बोरफुकन जैसे योद्धा आए, और अत्याचारी मुगल सल्तनत के हाथ से गुवाहाटी को आज़ाद करवा लिया। 
औरंगजेब ने हार की उस कालिख को मिटाने की हर मुमकिन कोशिश की, लेकिन वो हमेशा-हमेशा असफल ही रहा। 
वीर लचित बोरफुकन ने जो वीरता दिखाई, जो साहस दिखाया, वो मातृभूमि के लिए अगाध प्रेम की पराकाष्ठा भी थी। 
लचित बोरफुकन जैसा साहस, उनके जैसी निडरता, यही तो असम की पहचान है। 
स्वाधीनता संग्राम और भारत के नवनिर्माण में अमूल्य योगदान देने वाले भारत-रत्न, लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई की स्मृति को भी मैं सादर नमन करता हूं।
असम प्राकृतिक सुन्दरता और आकर्षण का केंद्र है। 
यहाँ के पर्यटन स्थलों में काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, तिलिंगा मंदिर, माजुली द्वीप, कामाख्या मंदिर प्रमुख हैं।
इस राज्य में देश में सबसे अधिक चाय का उत्पादन होता है जो देश-विदेश में बहुत पसंद की जाती है। यहाँ चाय के बागान सबसे अधिक देखने को मिलते हैं।
मित्रों,
हम भारतवासी अलग-अलग विचारों-विचारधाराओं के, समाजों-संस्कृतियों के, आस्थाओं-परंपराओं के धारणी हैं, पर फिर भी एक हैं।
बहुवाद हमारे राष्ट्र की एक अति प्रमुख विशेषता है और यह हमारी शक्ति है।
भारत की प्रगति और समृद्धि तभी हो सकती है जब इसका प्रत्येक राज्य प्रगति करे।
मेरी यह अभिलाषा है कि सौहार्द, शांति, विकास और समृद्धि देश के प्रत्येक हिस्से और समाज के प्रत्येक वर्ग तक पहुंचे। 
मैं असम के सभी निवासियों को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं।
मैं असम की प्रगति और यहां के निवासियों की समृद्धि की मंगल कामना करता हूं।
धन्यवाद,
जय हिन्द!