Speech by Governor Punjab and UT Chandigarh Administrator Shri Banwari Lal Purohit on Positive Change and Drug De addiction Campaign Launch at Tagore Theatre Sector 18 Chandigarh 26th November 2023 11 AM

  • PRB
  • 2023-11-26 12:35

मुझे आज यहां आपके बीच Blissful Life Through the Art of Positive Change एवं नशामुक्ति campaign की launch के विषय पर करवाए जा रहे इस सम्मेलन में उपस्थित होकर बहुत प्रसन्नता हो रही है।
विगत लगभग अस्सी वर्षों से, ब्रहमाकुमारी संस्थान अपने कार्यक्रमों द्वारा आध्यात्मिक उन्नति, व्यक्तित्व में आंतरिक परिवर्तन तथा विश्व-समुदाय के पुनरुद्धार के लिए, अमूल्य योगदान देता रहा है।
मैं ऐसे कार्यक्रमों के लिए ब्रह्माकुमारी परिवार की हृदय के अंतःकरण से सराहना करता हूँ ।
हमारा देश नित नई ऊंचाईयों को छू रहा है। चाहे चाँद पर तिरंगा लहराना हो या विश्व स्तर पर खेल-कूद के क्षेत्र में नए अध्याय लिखने हों, हमारे देशवासी अनेक कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। यह बदलते भारत की खूबसूरत तस्वीर है।
परन्तु दूसरी ओर हमारी सैद्धांतिक, नैतिक और आध्यात्मिक नींव कमज़ोर हो रही है।
हम अपने परिवारों, देशों, राजनीति, कार्यस्थलों और विभिन्न संबंधों के साथ बदलाव और संकट के एक अभूतपूर्व समय से गुज़र रहे हैं। आज लोग चिंता, असुरक्षा, अनिश्चितता और निराशा के जिस दौर से गुज़र रहे हैं पहले कभी नहीं गुज़रे।
हम सभी जानते हैं कि परिवर्तन प्रकृति का नियम है। समय और आवश्यकता के अनुसार समाज में परिवर्तन आवश्यक हो जाता है। 
लेकिन जब तूफ़ान चलता है तो वही पेड़ सुरक्षित रहता है जो झुकना जानता है। इसलिए हमें परिस्थितियों के अनुसार ढलना आना चाहिए। 
बदलते परिदृश्य में ढलने हेतू हमें सकारात्मक सोच अपनानी होगी। सकारात्मक सोच अपनाकर हम दुनिया की किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं। 
इसीलिए, प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय वर्ष 2023-2024 को “The Year of Positive Change”  के रूप में मना रहा है। 
सकारात्मक परिवर्तन के लिए जरूरी है कि जैसा विश्व हम चाहते हैं, वैसा ही हमें कर्म करने चाहिए। अर्थात, यदि हमें सुखमय दुनिया चाहिए तो हमे दूसरों को सुख देने वाले कर्म करने चाहिए।
आज हम सब technology के युग में जी रहे हैं। Mobile Phone के रूप में technology हर छोटे-बड़े के हाथ में दिन-रात मौजूद रहती है।
आज कल, एक विचित्र समय है। दशकों पहले गुलामी के दौर में लोग सिर झुकाने को मजबूर थे; आज़ादी आई और सिर उठा के जीने का अधिकार मिला। पर कैसी विडम्बना है-आज़ाद देशों के आज़ाद लोग, गुलामों की तरह चौबीसों घंटे सर झुकाए Phone में खोए रहते है। कैसी सहजता से हम gadgets के गुलाम हो गए हैं।
मेरा मानना है कि यह अति आवश्यक है कि हम दिन का कुछ समय electronic gadgets से दूर रहकर बिताएं। हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए Digital Detox ज़रूरी है।
साइंस और टेक्नालाजी के साथ आध्यात्मिकता को भी जोड़ें तो जीवन आसान हो जाएगा। क्योंकि, हम केवल एक शरीर नहीं हैं। हम एक आत्मा हैं। परम पिता परमात्मा की संतान हैं।
इसलिए, एक बात मैं हर बच्चे, युवा और बुजुर्ग से कहना चाहता हूँ कि अपनी आंतरिक शक्ति के विकास के लिए अपनी रुचि के अनुसार सकारात्मक कार्य करते रहिए। सदा positive thoughts और good company के साथ रहिए। ऐसे लोगों के बीच में रहिए जो आपको सही रास्ते पर चलने की प्रेरणा भी दें और आगे बढ़ने में आपका साथ भी दें। 
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय में दूसरों को बदलने के बजाय स्वयं परिवर्तन पर अधिक जोर दिया जाता है जो कि सराहनीय है। 
ब्रह्माकुमारी संस्था आध्यात्मिक ज्ञान और राजयोग के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन के कार्य में सकारात्मक भूमिका निभा रही है। यह संस्था नशा मुक्ति के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य कर रही है। यह संस्था सुदूर इलाकों में भी दिव्य ज्ञान और राजयोग की शिक्षा देकर व्यसनमुक्त बनाने का सराहनीय कार्य कर रही है। 
पंजाब और चंडीगढ़ में भी ब्रह्माकुमारी संगठन ने जो काम आरंभ किया है मैं उसके लिए संस्थान को बधाई देता हूँ।
आज विशेष नशा-मुक्ति Campaign भी launch की गई है।
नशा अलग-अलग रूप में लोगों को, विशेषतः हमारे युवाओं को दिशाहीन कर रहा है। नशे की शुरुआत पहले व्यक्ति के जीवन को खोखला करती है और फिर परिवार, समाज और देश को खोखला करती है। इन युवाओं को सुधारने की दिशा में हम सभी को मिलकर कार्य करना है।
हमारे भारत देश को विश्व गुरु बनाने में युवा शक्ति का बहुत बड़ा रोल है, लेकिन खेद है कि आज युवा नशीले पदार्थों एवं अनेक प्रकार की सामाजिक बुराइयों के गिरफ्त में आकर पथ भ्रमित हो गया है।
हमें नशीली दवाओं का दुरूपयोग रोकने और मादक पदार्थों के सेवन के दुष्प्रभावों से युवाओं को अवगत करना होगा। हमारे युवा हमारा आज ही नहीं बल्कि हमारा कल भी हैं। देश की बागडोर इन्हें संभालनी है। हम इन्हें नशे की दलदल में धंसने नहीं दे सकते।
नशा एक सामाजिक बीमारी है। यह देश के लिए खतरा है। इस अभियान के द्वारा लोगों को नशा मुक्त करने का लक्ष्य को सामने रख कर स्कूल से लेकर कॉलेज, विश्वविद्यालय के छात्रों व सामाजिक संस्थाओं में लोगों को नशे से होने वाले दुष्परिणाम के बारे में सेमिनार, मोटिवेशन वर्कशॉप इत्यादि के जरिये जागरूक करना होगा।
नशा मुक्ति एक बहुत बड़ा चुनौती का काम है, मुश्किल है लेकिन असंभव नहीं है। नशा मुक्ति केंद्रों की संख्या में कमी है और नशा मुक्ति के लिए काउंसलिंग परामर्श के माध्यम से उपचार कर सकते हैं। 
सभी सामाजिक संस्थाओं को एक साथ मिलकर नशे के खिलाफ बड़ी आवाज उठानी होगी। 
सरकारी स्तर पर इसे समाप्त करने के लिए कई अभियान चलाये जा रहे हैं। परंतु सफलता तभी मिल सकती है जब जन-जागृति हो।
मेरा मानना है कि स्थायी नशा मुक्ति आत्म निरीक्षण, आत्म जागरूकता व आध्यात्मिक जागृति से ही सम्भव हो सकती है। 
इस दिशा में ब्रह्मा कुमारी संस्था बहुत सहायता कर सकती है और कई वर्षों से नशा मुक्ति अभियान चला कर सहायता कर रही है। 
किसी का व्यसन छुड़ाना यह बहुत बड़ा पुण्य का काम है। जिसका व्यसन आप छुडायेंगे वह जीवन भर आपको याद रखेगा, दुआएं देगा। 
इसलिए मैं आप सभी को बहुत साधुवाद देता हूं क्योंकि आपने बहुत बड़ा समाज सुधार का काम अपने ऊपर लिया है।  
अंत में, एक बार फिर मैं आप सबको ‘The Year of Positive Change’ की शुरुआत के लिए बहुत-बहुत बधाई देती हूँ ।
सकारात्मक परिवर्तन का यह वर्ष आप सभी के जीवन में सुखद बदलावों का साक्षी बने और समाज खुशहाल रहे तथा हमारा देश हर तरह से समृद्ध हो।
धन्यवाद,
जय हिन्द!