SPEECH OF HON’BLE GOVERNOR PUNJAB AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH, SHRI BANWARI LAL PUROHIT ON THE OCCASION OF FOUNDATION DAY OF UTTAR PRADESH AT PUNJAB RAJ BHAVAN, CHANDIGARH ON 24.01.2024.

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  • 2024-01-24 17:40

उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस (24.01.2024)

 आज हम उत्तर प्रदेश का स्थापना दिवस मना रहे हैं।

 समस्त भारतीयों को विशेषकर उत्तर प्रदेश के मेरे भाई और बहनों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।

 दो दिन पहले ही हमने यहां पंजाब भवन के प्रांगण में मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा का स्थापना दिवस मनाया।

 ऐसा करके हम न केवल ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की सोच को सार्थक बना रहे हैं बल्कि अपने देश की एकता व अखंडता को और प्रबल कर रहे हैं।

 अब तक हम कई राज्यों की विविध संस्कृतियों और परंपराओं से परिचित हुए हैं।

 उत्तर प्रदेश, हर दृष्टिकोण से भारत का एक महत्वपूर्ण राज्य है, जिसे महाकाव्यों, पवित्र नदियों, प्राचीन शहरों और तीर्थों की भूमि कहा जाता है।

 भगवान राम, भगवान कृष्ण, गौतम बुद्ध और भगवान महावीर के समय से, यह राज्य सांस्कृतिक और बौद्धिक प्रतिभा का केंद्र रहा है।

 बाबा विश्वनाथ की काशी, प्रभु श्रीराम की अयोध्या, योगेश्वर श्रीकृष्ण की मथुरा तथा भगवान बुद्ध के सारनाथ से निकलने वाली भारत की परंपराएं और भाव-धाराएं सभी देशवासियों को एक सूत्र में पिरोती हैं।

 बाबा गोरखनाथ की तपस्थली गोरखपुर, संत कबीर की मुक्ति-स्थली मगहर तथा उत्तर प्रदेश के अनेक अत्यंत पवित्र स्थलों में भारत की आध्यात्मिक शक्ति का उत्कर्ष देखा गया है।

 ऐसे पवित्र स्थानों की आध्यात्मिक ऊर्जा युगों-युगों तक हमारे देश को शक्ति प्रदान करती रहेगी।

 उत्तर प्रदेश को गंगा, यमुना, सरयू, गोमती, घाघरा, गंडक, केन, बेतवा, राप्ती और सोन जैसी अनेक नदियों का आशीर्वाद मिलता रहा है।

 प्रयागराज में गंगा-यमुना के संगम पर कुम्भ का आयोजन प्राचीनकाल से एक प्रमुख धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन रहा है।

 वर्ष 2017 में UNESCO ने प्रयागराज कुम्भ मेला को ‘Intangible Cultural Heritage of Humanity’ अर्थात विश्व की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता प्रदान की है।

 देश में सबसे बड़ी workforce और सबसे बड़ी युवा आबादी उत्तर प्रदेश में ही है।

 महिलाओं के राजनीतिक सशक्तीकरण के इतिहास में उत्तर प्रदेश के ऐसे अनोखे कीर्तिमान हैं जो कभी टूट नहीं सकते हैं।

 वर्ष 1947 में श्रीमती सरोजिनी नायडू को देश की पहली महिला राज्यपाल तथा वर्ष 1963 में श्रीमती सुचेता कृपलानी को देश की पहली महिला मुख्यमंत्री होने का ऐतिहासिक गौरव उत्तर प्रदेश में ही प्राप्त हुआ।

 आधुनिक चिंतन और राजनीति की विभिन्न धाराओं को दिशा देने वाले मदन मोहन मालवीय, आचार्य नरेन्द्र देव, पुरुषोत्तम दास टंडन, जवाहरलाल नेहरु, लाल बहादुर शास्त्री, राम मनोहर लोहिया, दीनदयाल उपाध्याय, अटल बिहारी वाजपेयी, चौधरी चरण सिंह ने उत्तर प्रदेश की जनता की सेवा करते हुए अपने कार्य क्षेत्र को विस्तार दिया तथा पूरे देश के जनमानस में अपना विशिष्ट स्थान बनाया।

 हम सभी जानते हैं कि मेरठ छावनी के बहादुर सिपाहियों ने, 1857 के स्वाधीनता संग्राम का बिगुल बजाया था। उस संग्राम में लखनऊ से बेगम हजरत महल तथा कानपुर से नाना साहब और तात्या टोपे मोर्चा संभाल रहे थे।

 उस स्वाधीनता संग्राम में अपने प्राणों का उत्सर्ग करने वाली झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का नाम देश की महानतम वीरांगनाओं में सदैव अमर रहेगा।

 बीसवीं सदी में क्रान्ति की मशाल को जलाए रखने वाले राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक़ उल्ला खान, चन्द्र शेखर आजाद, दुर्गा भाभी तथा इस धरती की अनेक संतानों के शौर्य से पूरे देश में प्रेरणा का संचार हुआ था।

 अब तो उत्तर प्रदेश की धरती को चार चाँद लग गए हैं। दो दिन पहले ही अयोध्या में नव्य-भव्य-दिव्य राममंदिर में रामलला जी की प्राण प्रतिष्ठा की गई है।

 प्राचीन काल से ही उत्तर प्रदेश को संस्कृतियों की नई-नई धाराएं सींचती आई हैं। बाद के दौर में भी बुद्ध और 24वें जैन तीर्थंकर महावीर की शिक्षाओं के रूप में दो नई संस्कृतियां यूपी की धरती पर पुष्पित-पल्लवित हुई हैं।

 इस राज्य में भारद्वाज, गौतम, वशिष्ठ, विश्वामित्र और वाल्मिकी जैसे वैदिक काल के कई महान ऋषि फले-फूले।

 उत्तर प्रदेश की पावन धरती पर जन्मे रामानंद और उनके शिष्य कबीर, तुलसीदास, सूरदास और कई अन्य बुद्धिजीवियों ने हिंदी और अन्य भाषाओं के विकास में योगदान दिया।

 यह राज्य त्याग, तप, परंपरा और संस्कृति की पावन भूमि रहा है।

 मेरी कामना है कि चौतरफा विकास की ओर अग्रसर यह प्रदेश यूं ही नई ऊंचाइयों को छूता रहे।

 इसी कामना के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देता हूं।

धन्यवाद,

जय हिन्द!