SPEECH OF HON’BLE GOVERNOR PUNJAB AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH, SHRI BANWARI LAL PUROHIT ON THE OCCASION OF REPUBLIC DAY – 2024 AT PATIALA ON JANUARY 26, 2024.

  • PRB
  • 2024-01-26 15:00

गणतंत्र दिवस के अवसर पर संबोधन (26.01.2024)
बहनों, भाइयो और प्यारे बच्चो,
 गणतंत्र दिवस के अवसर पर मैं सभी भारतवासियों और ख़ासतौर पर पंजाब व चंडीगढ़ के निवासियों को हार्दिक बधाई देता हूं। 
 गणतंत्र दिवस का पर्व हम सभी के लिए अपने राष्ट्र और अपनी संप्रभुता का जश्न मनाने और सम्मान करने का दिन है। 
 यह उन लाखों स्वतंत्रता सेनानियों के भारी प्रयासों और बलिदानों को कृतज्ञता के साथ याद करने का दिन है जिनके खून और पसीने ने हमें आजादी दिलाई और हमारे गणतंत्र का निर्माण किया।
 सुभाष चन्द्र बोस , सरदार वल्लभभाई पटेल , पं. जवाहरलाल नेहरू , डॉ. राजेन्द्र प्रसाद और लाखों भारतवासियों ने भारत को आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। इन सभी को मैं नमन करता हूं।
 शहीद भगत सिंह , चन्द्रशेखर आजाद , करतार सिंह सराभा, मदन लाल ढींगरा जैसे कई युवा आजादी के आंदोलन में शहीद हुए थे। इन सभी शहीदों को नमन करते हुए मैं उनका स्मरण करता हूँ।
 आज इस अवसर पर मैं संविधान सभा के सभी सदस्यों का भी पुण्य स्मरण करता हूं।
 हमारा देश, डॉ. बाबासाहेब भीमराव आम्बेडकर का सदैव ऋणी रहेगा, जिन्होंने प्रारूप समिति की अध्यक्षता की और संविधान को अंतिम रूप देने में मत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
 आज के दिन हमें संविधान का प्रारंभिक मसौदा तैयार करने वाले विधिवेत्ता (Jurist) श्री बी.एन. राव तथा अन्य विशेषज्ञों और अधिकारियों को भी स्मरण करना चाहिए जिन्होंने संविधान निर्माण में सहायता की थी। 
 हमें इस बात का गर्व है कि उस संविधान सभा के सदस्यों ने भारत के सभी क्षेत्रों और समुदायों का प्रतिनिधित्व किया।
 संविधान निर्माण में सभा की 15 महिला सदस्यों ने भी योगदान दिया।
बहनों और भाईयों,
 26 जनवरी 1950 को हमारा देश संविधान को अंगीकार कर एक सार्वभौम गणतंत्र बना था।
 गणतंत्र या ‘रिपब्लिक’ शब्द कोई साधारण शब्द नहीं है। इसका आशय है कि, हमारे देश में, सर्वोच्च शक्ति किसी एक के पास नहीं अपितु जनता के पास है। जन-गण ही अधिनायक है।
 बाबासाहेब आम्बेडकर और अन्य विभूतियों ने हमें एक मानचित्र तथा एक नैतिक आधार प्रदान किया। उस राह पर चलने की जिम्मेदारी हम सबकी है।
 हम काफी हद तक उनकी उम्मीदों पर खरे उतरे भी हैं।
 भारत एक गरीब और निरक्षर राष्ट्र की स्थिति से आगे बढ़ते हुए विश्व-मंच पर एक आत्मविश्वास से भरे राष्ट्र का स्थान ले चुका है। हमने चांद पर तिरंगा लहराया, सूर्य के पास जाकर मिशन आदित्य सफल बनाया, आसमान में तेजस और सागर में विक्रांत का परचम लहराया है।
 लेकिन हमें ज्ञात है कि गांधीजी के ‘सर्वोदय’ के आदर्शों को प्राप्त करना अर्थात सभी का उत्थान किया जाना अभी बाकी है। 
मित्रों,
 संविधान ने देश के सभी नागरिकों को राष्ट्र के विकास में भाग लेने और योगदान देने के लिए समान अधिकार दिए हैं।
 अधिकार और कर्तव्य एक ही सिक्के के दो पहलू होते हैं, किसी एक के अभाव में दूसरा नहीं चल सकता। इसीलिए, संविधान ने हमें अधिकारों के साथ-साथ मौलिक कर्तव्यों के पालन की भी सीख दी है। 
 संविधान का पालन करना, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्रगान का आदर करना, देश की एकता और अखंडता की रक्षा करना, लोगों में भाईचारे की भावना का संचार करना, धर्म, भाषा, प्रदेश या वर्ग पर आधारित भेदभाव को दूर करना, ऐसी प्रथाएँ जो महिला सम्मान के विरुद्ध हों, उनका त्याग करना, देश की गौरवशाली परम्परा और संस्कृति को बनाए रखना, पर्यावरण का संरक्षण करना, सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा करना, आदि हमारे मौलिक कर्तव्य (Fundamental Duties) हैं, जिनका पालन करना हम सबकी सांझी जिम्मेदारी है ताकि राष्ट्र के निर्माण में हम अपना योगदान दे सकें। 
 सभी लोग जितनी सजगता से अपने अधिकारों का ध्यान रखते हैं, आशा करता हूँ कि उसी सजगता से वे अपने कर्तव्यों के प्रति भी जागरूक रहेंगे।
 एक नागरिक के तौर पर चौबीसों घंटे देश के नागरिक कैसे सजग रहें, इस दिशा में भी प्रयास बढ़ाने आवश्यक हैं। हमें समाज में वो चेतना लानी है कि कैमरे लगे हों या ना लगे हों, लोग ट्रैफिक की रेड लाइट जंप ना करें। लोगों में कर्तव्यबोध इतना ज्यादा हो कि वो समय पर दफ्तर पहुंचें, अपने दायित्वों को निभाने के लिए आगे बढ़कर काम करें। हमारे यहां जो भी प्रॉडक्ट बने, उसकी क्वालिटी इतनी बेहतर हो कि मेड इन इंडिया देखकर लेने वाले का गर्व और बढ़ जाए। जब देश का हर नागरिक, जिस भी भूमिका में है, जब वो अपने कर्तव्यों को निभाने लगेगा, तो देश भी आगे बढ़ चलेगा। 
बन्धुओं,
 Fundamental duties के पालन से न केवल समाज सशक्त होगा अपितु विकसित भारत के लक्ष्य की भी प्राप्ति हो सकेगी। 
 आज हर व्यक्ति, हर संस्था, हर संगठन को इस प्रण के साथ आगे बढ़ना है कि मैं जो कुछ भी करूंगा वो विकसित भारत के लिए होना चाहिए। आपके लक्ष्य, आपके संकल्पों का ध्येय एक ही होना चाहिए - विकसित भारत। एक शिक्षक के तौर पर आप ये सोचें कि ऐसा क्या करेंगे कि विकसित भारत के लक्ष्य में देश की मदद हो? एक विश्वविद्यालय के तौर पर आप ये सोचें कि ऐसा क्या करें कि भारत तेजी से विकसित बने? आप जिस क्षेत्र में हैं, वहां ऐसा क्या हो, किस तरह हो कि भारत विकसित बनने के अपने मार्ग पर तेजी से आगे बढ़े?
 सभी को विकसित भारत के लिए महति योगदान देने का प्रण लेना होगा। सबके प्रयास से ही विकसित भारत का निर्माण होगा।
 हाल ही में नीति आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार देश में पिछले 9 साल में लगभग 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आये हैं। परन्तु हमारा ध्येय अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति तक विकास की रोशनी पहुंचाना है। सर्वोदय सुनिश्चित करना है।
बन्धुओं,
 भ्रष्टाचार घुन की तरह हमारे समाज को खोखला करता है। यह हमारे लोकतंत्र, गणतंत्र व संविधान में निहित मूल्यों पर आघात करता है और देश के लिए प्राण न्यौछावर करने वालों के बलिदानों को धुमिल करता है, अपमानित करता है, ऐसा मेरा मानना है। 
 इसलिए, गत वर्ष मैंने पंजाब व पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ में तैनात सभी आई.ए.एस. व आई.पी.एस. अधिकारियों, जिनकी संख्या लगभग 350 है, को स्वयं पत्र लिखा और उन्हें स्वच्छ, पारदर्शी, भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन का संकल्प लेने का आह्वान किया। मैंने उन्हें प्रशासन में पूर्ण पारदर्शिता (Total Transparency) सुनिश्चित करने को कहा है।
 मेरा मानना है कि public life में ही नहीं अपितु, हमारी personal life में भी total transparency होनी चाहिए। जैसा कि गांधी जी ने कहा था, “मेरा जीवन एक खुली किताब है। मेरे पास छुपाने को कुछ भी नहीं है और मैं गुप्तता को प्रोत्साहित नहीं करता।’’ ऐसा कहा जाता है कि किसी व्यक्ति की असली कीमत इस बात से तय होती है कि वह तब क्या करता है जब कोई नहीं देख रहा होता।
 यहां मैं आज आप लोगों से आग्रह करूंगा कि भ्रष्टाचार रूपी रोग का अन्त करने में सरकार को सहयोग दें। यह राष्ट्र सेवा है, इसमें अपना योगदान दें। 
 विदेशी शासकों से आज़ादी दिलवाने में पंजाब का बहुत बड़ा योगदान है; भ्रष्टाचार व भ्रष्टाचारियों को रोकने में भी पंजाब के लोग मिसाल कायम करें, यह मेरी आप सबसे अपेक्षा है और अनुरोध भी।

बन्धुओं,
 हमारा देश, जो अनंतकाल से महापुरूषों की धरती रहा है, वहां सच्चाई का अस्तित्व बने रहना अत्यंत अनिवार्य है। हम ‘सत्यमेव जयते’ के सिद्धांत का अनुसरण करते हैं, जो हमारे राष्ट्रीय चिह्न में अंकित है। इसका अर्थ है ‘सत्य की हमेशा जीत होती है’। हमेशा हक और सत्य के पथ पर अडिग रहें। 
 धर्म का पहला पग सत्य है, उसका आचरण करें। करुणा दूसरा कदम है, उसका आचरण है सेवा और परोपकार। सरकार की कई योजनाएँ गरीबों को राहत दे रही हैं, सब हो रहा है। लेकिन हमारा भी कर्तव्य है, ये सब समाज बंधु हमारे अपने बंधु हैं। तो जहां आपको दुख दिखता है, पीड़ा दिखती है वहां दौड़ कर जाएं, सेवा करें। दोनों हाथों से कमायें। लेकिन अपने लिए न्यूनतम आवश्यक रखकर यथासंभव सेवा और परोपकार में लगाएं। 
 गांधी जी कहते थे, “Earth has enough for everyone's needs but it cannot satisfy everyone's greed.” तो लोभ नहीं करना, संयम में रहना और अनुशासन का पालन करना। अपने जीवन में अनुशासित रहना। अपने कुटुम्ब में अनुशासित रहना। अपने समाज में अनुशासित रहना। सामाजिक जीवन में नागरिक अनुशासन का पालन करना।
 भागीनी निवेदिता कहती थी कि ‘‘स्वतंत्र देश में नागरिक संवेदना रखना और नागरिक अनुशासन का पालन करना, यही देशभक्ति का रूप है।’’ 
 अपने देश को विश्व गुरु बनाने के लिए ये तपस हम सबको करना है।
बहनों और भाईयों,
 आज राज्य में कई चुनौतियां हैं जिनका सामना संकल्पबद्धता के साथ किया जाना आवश्यक है।
 पंजाब एक सीमावर्ती प्रांत है। हमारे देश की एकता एवं अखण्डता बनाए रखने में इस प्रांत का बहुत बड़ा महत्व है। यहां के निवासियों ने बड़ी संख्या में देश की सेना में भर्ती होकर इस कार्य को अंजाम दिया है।
 आज समय की मांग है कि सीमा पार से राज्य को उत्पन्न अवैध हथियारों व नशीले पदार्थों की तस्करी इत्यादि की चुनौतियों से निपटने में पंजाब वासी पूरा सहयोग दें।
 मैंने बारंबार यह बात हर मंच से हर जिले में पंजाब की जनता से कही।
 गर्व की बात है कि पंजाब के सीमावर्ती गावों ने, मेरे आह्वान पर नागरिक सुरक्षा समितियां गठित कीं। नशा तस्करी की रोकथाम में बेहतरीन कार्य करने वाली सीमावर्ती जिलों की 18 नागरिक सुरक्षा समितियों को मैंने प्रशंसा पत्र व token स्वरूप नकद राशि भिजवा कर उनका प्रोत्साहन करने का प्रयत्न किया है।
 हमारे सामने चुनौती बहुत बड़ी है। हमें हर गांव, हर मुहल्ले, हर गली, हर घर को नशे से बचाना है।
 नशे के विरूद्ध लामबंद होने का मैं, इस मंच से, इस पवित्र दिवस पर, आह्वान करता हूं।
 पंजाब में अपने लगभग ढाई साल के कार्यकाल में एक चीज़ मैंने पंजाबियों के बारे में जानी है, वह यह कि जब पंजाबी कुछ ठान लेते हैं तो वे उसे पूरा किए बिना पीछे नहीं हटते। पंजाब के बहादुर निवासियों से मैं अपेक्षा करता हूं कि वे अपनी युवा पीढ़ी को नेशे की दलदल से बचाएंगे।
 ‘‘पगड़ी संभाल जट्टा पगड़ी संभाल ओए!’’ आपके प्रदेश की उन्नति, आपके प्रदेश की प्रगति आपके हाथों में है और आपके प्रदेश की गरिमा के आप प्रहरी हैं।
 पटियाला के निवासियों से तो अपेक्षाएं और भी ज्यादा हैं। इस जिले से बड़ी तादात में स्वतंत्रता सेनानियों ने आज़ादी के संग्राम में योगदान दिया था। 
 यह वो शहर है जिसने 1947 के बंटवारे के दौरान PEPSU के संगठन से भारत का अखंड हिस्सा बनकर अडोल एकता का प्रमाण दिया और देश को टुकड़े-टुकड़े होने से बचाया। PEPSU के संगठन के दौरान Sardar Vallabhbhai Patel Ji ने तो यहां तक कहा था कि अगर मुझे दोबारा जन्म लेने का अवसर मिले तो मैं यहीं जन्म लेना चाहूंगा।
 किला मुबारक, शीश महल, मोती बाग, बारादरी बाग, गुरूद्वारा दुखनिवारन साहिब और प्राचीन काली माता मंदिर से सुशोभित यह शहर अपने आप में सर्व सम्पन्न है। 
 ‘‘शहरां विच्चों शहर सुनीदा, शहर सुनीदा पटियाला’’... जितना अच्छा यह शहर है उतने ही अच्छे यहां के निवासी। कुछ महीने पहले आई बाढ़ के दौरान मैंने यहां के लोगों की हिम्मत और भाईचारे की मिसाल देखी। सरकारी राहत कार्यों की प्रतीक्षा की अपेक्षा यहां के लोग एक दूसरे का आसरा बने। स्थानीय गुरूद्वारों व अन्य धार्मिक स्थलों में अपने परिवारों को रखा और राहत कार्यों में जिला प्रशासन की मदद कर जल्द ही प्राकृतिक आपदा पर विजय प्राप्त की।
 मुझे विश्वास है कि समस्त प्रदेशवासी और शासन-प्रशासन आप ही की तरह प्रदेश के विकास, प्रगति, तरक्की और खुशहाली के सफर में सहभागिता का उदाहरण प्रस्तुत करेंगे।
 आप सभी को पुनः गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
 आजाद हिन्द फौज का एक गीत था: 
‘‘कदम कदम बढ़ाए जा, खुशी के गीत गाए जा,
ये ज़िन्दगी है कौम की, तू कौम पे लुटाए जा।’’
 आज देश स्वतंत्र है, गणतंत्र है। हमें आज़ादी के लिए प्राणों की आहुति देने की आवश्यकता नहीं है। अपितु, इन पंक्तियों का भावार्थ यह लेना चाहिए कि हमें अपना सर्वस्व देश की, प्रदेश की समृद्धि में लगाना होगा।
 आइए, आज के दिन हम सब संकल्प लें कि आपसी सहयोग और समर्थन से हम देश और प्रदेश के विकास की हर बाधा को खत्म करेंगे; प्रदेश के नागरिकों के सुख-सुविधा और उत्कर्ष के लिए कदम के साथ कदम मिलाकर लगातार आगे बढ़ते रहेंगे।
धन्यवाद।
जय हिन्द!