SPEECH OF HON’BLE GOVERNOR PUNJAB AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH, SHRI BANWARI LAL PUORHIT ON THE OCCASION OF INAUGURATION OF ATTENDANT HALL, SCHOLAR HALL, PARK AND LIFT AT LAJPAT RAI BHAWAN, SECTOR 15-B CHANDIGARH ON 28.01.2024

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  • 2024-01-28 13:25

लाला लाजपत राय जी के जन्मदिन पर विभिन्न प्रोजेक्टों का उद्घाटन (28.01.24)

 आज शेर-ए-पंजाब लाला लाजपत राय जी का 158वां जन्मदिन है।

 मुझे बहुत प्रसन्नता है कि उनके द्वारा स्थापित Servants of the People Society की चण्डीगढ़ शाखा में मैं उनकी प्रतिमा का अनावरण करने के लिए आप सबके बीच उपस्थित हुआ हूँ।

 यह काम बहुत पहले होना चाहिए था।

 लाला लाजपत राय का जन्म पंजाब के फिरोजपुर जिले के एक छोटे से गाँव ढुडीके में हुआ था।

 उनकी गिनती महात्मा गांधीजी जैसे महान लोगों में की जाती है।

 वह बिपिन चंद्र पाल और बाल गंगाधर तिलक के साथ बंगाल विभाजन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में एक प्रमुख भूमिका में थे। तीनों को प्यार से ‘लाल-बाल-पाल’ कहा जाता था। वह जन-जन के नायक थे।

 लाला लाजपत राय जी दूरदर्शी और सच्चे देशभक्त थे।

 उन्हें यह आभास था कि अंग्रेज ज्यादा देर तक भारत को गुलाम नहीं रख सकते।

 इसलिए उन्होने स्वतंत्र भारत की नींव रखनी शुरू की। इसी उद्देश्य से उन्होंने 1886 में डीएवी संस्थान की स्थापना की और 1895 में पंजाब नेशनल बैंक (PNB) तथा लक्ष्मी बीमा कंपनी आदि की बुनियाद रखी।

 वह हिंदू महासभा से भी करीब से जुड़े हुए थे। वह एक विपुल लेखक थे और उन्होंने कई किताबें लिखीं। उन्होंने समाचार पत्रों और पत्रिकाओं की स्थापना और संपादन भी किया।

 उन्होंने तीन अंग्रेजी साप्ताहिक समाचार पत्र, ‘The Regenerator of Aryavarta’ (1883); ‘The Panjabee’ (1904) और ‘The People’ (1925); एक उर्दू साप्ताहिक समाचार पत्र ‘Deshopkarak’ (1883) और एक उर्दू दैनिक समाचार पत्र ‘Bande Mataram’ (1920) की शुरूआत की।

 लाला जी ने कहा था, "There is no life without freedom and there is no Freedom without 'Swarajya' यानी ‘‘स्वतंत्रता के बिना कोई जीवन नहीं है और ‘स्वराज्य’ के बिना कोई स्वतंत्रता नहीं है।’’ दिसंबर 1920 में नागपुर कांग्रेस सत्र में उन्होंने गांधी जी द्वारा अंग्रेजों के साथ असहयोग कार्यक्रम का पूर्ण समर्थन किया था।

 1927 में अपनी माता गुलाब देवी की स्मृति में अस्पताल शुरु किया जो आज पाकिस्तान में 2000 बिस्तरों वाला सबसे बड़ा अस्पताल बन गया है।

 जब लालाजी शहीद हुए तो उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए गांधीजी ने ‘यंग इंडिया’ पत्रिका में ‘लालाजी जिंदाबाद’ शीर्षक के तहत लिखा थाः ‘जब तक भारतीय आसमान में सूरज चमकता रहेगा, लालाजी जैसे लोग नहीं मर सकते।’

 1921 में उन्होंने Servants of the People Society की स्थापना की।

 वक्त के साथ यह Society आजीवन सदस्यों द्वारा किए गए समर्पण, त्याग और समाज सेवा की मिसाल बनकर स्थापित हुई।

 जब मैंने यहां कार्यभार ग्रहण किया तो श्री सत्यपाल जी के आग्रह पर पिछले वर्ष 26 लाख का अनुदान दीया।

 इस अनुदान का उपयोग पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ किया गया।

 इससे प्रभावित होकर, इनकी प्रार्थना पर मैंने पुनः 30 लाख का अनुदान दिया।

 इस राशि से आपने चिल्ड्रन पार्क, अटेंडेंट हॉल, रिसर्च स्कॉलर्स के लिए स्कॉलर हॉल, योगा सेंटर, लिफ्ट का प्रबंध व सौर ऊर्जा प्लांट आदि विकसित किए।

 मुझे इस बात की भी प्रसन्नता है कि कुछ ही महीनों में लोक सेवक मंडल ने ये सभी कार्य पूरे करके सरकारी अनुदान का सदुपयोग किया है।

 मैं आशा करता हूँ कि Society, श्री सत्यपाल जी के मार्गदर्शन में और स्थानीय कमेटी के सदस्यों के सहयोग से हमेशा ही लोगों की सेवा करती रहेगी।

धन्यवाद,

जय हिन्द!