The Punjab Governor and Administrator, UT, Chandigarh, Shri Banwari Lal Purohit releasing comic book on POCSO ACT – 2012 for children during the concluding ceremony of World Children’s Day at Chandigarh on December 20, 2023.

  • PRB
  • 2023-12-20 15:40

  • ‘‘विश्व बाल दिवस’’ के उपलक्ष्य में एक महीने तक चलने वाले उत्सव का आज समापन समारोह है, हार्दिक शुभकामनाएं।
  • विभिन्न स्कूलों को शामिल करते हुए आपने चंडीगढ़ के बाल देखभाल संस्थानों (सीसीआई) के बच्चों के लिए Personality Development, Music & Dance और Best Out of Waste संबंधी कार्यशालाओं सहित Sports Activities, Sessions on Menstrual Hygiene and Mental Wellbeing जैसी कई गतिविधियां आयोजित की हैं।
  • बच्चों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर भाषण, श्लोक सस्वर पाठ और नाट्य प्रतियोगिताओं सहित पोस्टर निर्माण, नारा लेखन और निबंध लेखन इत्यादि करवाए, जिसके लिए मैं आयोग की सराहना करता हूं। 
  • विश्व बाल दिवस पहली बार 1954 में मनाया गया था।
  • यह उत्सव दुनिया भर में बच्चों के कल्याण और अंतर्राष्ट्रीय एकजुटता को बढ़ावा देने का एक तरीका है।
  • बचपन हमारे जीवन का एक खूबसूरत, चिंतारहित और यादगार चरण होता है। 
  • यह लौटकर नहीं आता। किसी ने खूब कहा हैः

            ये दौलत भी ले लो, ये शोहरत भी ले लो

            भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी

            मगर मुझको लौटा दो बचपन का सावन

            वो कागज़ की कश्ती, वो बारिश का पानी

  • बच्चे देश का भविष्य हैं और उनका कल्याण हमारे लिए सर्वोपरि है। 
  • इन्हें हर प्रकार के शोषण से बचाना हमारा कर्तव्य है।
  • बाल-अधिकारों की रक्षा भी हमारा दायित्व है।
  • ये अधिकार उन्हें भारतीय संविधान ने दिए हैं।
  • उनके अधिकारों में निम्नलिखित अधिकार शामिल हैं:-
  • बच्चों से किसी भी तरह का ऐसा कार्य या श्रम न लिया जाये जो उनके शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक या नैतिक विकास में बाधा उत्पन्न करे। 
  • बच्चों को हर दशा में शोषण, दुराचार उत्पीड़न, अमानवीय सजा या प्रताड़ना से बचाया जाए।
  • बच्चों को किसी भी तरह से नशीले पदार्थ एवं नशीले द्रव्यों से दूर रखा जाए तथा बच्चे इन पदार्थों के व्यवसाय में लिप्त न हों इसका विशेष ध्यान रखा जाए।
  • बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए उनका शिक्षित होना अनिवार्य है।
  • प्रयत्न किये जायें कि सभी बच्चों को स्कूली शिक्षा व उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिये समान रुप से अवसर मिलें। 
  • इसके अलावा बच्चों की सेहत, पोषण और स्वास्थ्य सेवाएं भी उपलब्ध करवाना आवश्यक है।
  • आज के बच्चे, कल के भारत के जिम्मेदार नागरिक बनें, यह सुनिश्चित करना है।
  • बाल संरक्षण गृहों में भी यह आवश्यक है कि हम अपने बच्चों को समाज के उपयोगी सदस्य और देश के जिम्मेदार नागरिक बनाने के लिए रचनात्मक गतिविधियों में संलग्न करें।
  • साथ ही उन्हें नैतिक मूल्यों को समझाएं ताकि वे साथी मनुष्यों के साथ सम्मान और करुणा का व्यवहार करना भी सीखें।
  • उन्हें भारतीय दर्शन के अनुरूप ‘‘शेयरिंग और केयरिंग’’ के गुणों को अपनाना सिखाएं।
  • मुझे आशा है आयोग अपनी सतर्क निगरानी और सक्रिय गतिविधियों के माध्यम से बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
  • आइए, आज हम एक ऐसा समाज बनाने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराएँ जहाँ हर बच्चा भय, भेदभाव या उपेक्षा से मुक्त होकर फले-फूले। 

            धन्यवाद,

            जय हिन्द!