SPEECH OF HON’BLE GOVERNOR PUNJAB AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH, SHRI BANWARI LAL PUROHIT ON THE OCCASION OF INAUGURATION OF ROSE FESTIVAL AT ROSE GARDEN, SECTOR 16, CHANDIGARH ON FEBRUARY 23, 2024 AT 11.00 AM.

  • PRB
  • 2024-02-23 13:45

रोज़ फेस्टिवल (23 फरवरी, 2024)

 चंडीगढ़ को ‘सिटी ब्यूटीफुल’ कहा जाता है।

 यह पार्कों और बगीचों का एक सुंदर शहर है।

 यहां लगभग 1900 पार्क और उद्यान हैं जहां हम आराम कर सकते हैं और दिन भर की हलचल का आनंद ले सकते हैं।

 ली कॉर्बूजियर ने इन पार्कों की योजना lungs of the city के रूप में तैयार की थी।

 यहां कई खूबसूरत बगीचे हैं जैसे कि Japanese Park, Garden of Fragrance, Terrace Garden, Botanical Garden, Garden of Palms आदि।

 आज 52वां गुलाब महोत्सव है।

 मुझे बताया गया है कि यह अनूठी पुष्प प्रदर्शनी 1967 से आयोजित की जा रही है और इसे अपनी प्राचीनता और महिमा के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त है।

 भारत के तीसरे राष्ट्रपति जाकिर हुसैन के नाम पर रखा गया यह रोज गार्डन 40 एकड़ पर फैला हुआ है।  

 माना जाता है कि यह देश में सबसे अधिक पर्यटकों द्वारा देखे जाने वाले उद्यानों में से एक है और एशिया में सबसे बड़ा है।

 यहां विभिन्न रंगों में गुलाब की 800 से अधिक देशी और विदेशी किस्मों का एक विशाल संग्रह मौजूद है, जिनमें लाल, गुलाबी, सफेद, पीला, नारंगी, काला आदि रंग शामिल हैं।

 फूल आंखों और हृदय को सुकून प्रदान करते हैं, आनंद की अनुभूति करवाते हैं।

 खुशी की बता है कि इस पुष्प उत्सव को लेकर लोगों में जबरदस्त रुचि और उत्साह देखा जा रहा है।

 इस उत्सव में बड़ी संख्या में पुष्प प्रेमी शामिल होते हैं।

 इस तरह के पुष्प उत्सव लोगों को प्रकृति के महत्व को समझने में मदद करते हैं और उन्हें हमारे संसाधनों को संजोकर रखना सिखाते हैं।

 महात्मा गांधी ने अपने लेखों में उल्लेख किया है, “Nature has enough to satisfy every man’s need but not enough to satisfy every man’s greed”.

 पृथ्वी हमें वह हवा देती है जिसमें हम सांस लेते हैं, वो पानी देती है जिसे हम पीते हैं, सूरज की रोशनी जिसका हम आनंद लेते हैं, पेड़ जो छाया और ऑक्सीजन देते हैं।

 ये मानव जाति के लिए प्रकृति का आशीर्वाद हैं।  

 यह महत्वपूर्ण है कि हम इसे पहचानें और प्रकृति के इन आशीर्वादों को अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित करने हेतु कदम उठाएं।

 मैं आपसे आह्वान करता हूं कि अपने consumption को कम करें (limit your needs), recycling करें और renewable sources के उपयोग को बढ़ावा देने का संकल्प लें।

 फूलों का उपयोग अक्सर प्रशंसा, दोस्ती, आभार, खुशी और स्नेह व्यक्त करने के लिए किया जाता है।

 भव्य समारोहों में, पूजा-पाठ में, विवाह-शादी जैस शुभ कार्यों में, फूल हर महत्वपूर्ण अवसर में उपयोग होते हैं।

 माखनलाल चतुर्वेदी की ‘पुष्प की अभिलाषा’ जिसमें उन्होंने कहा हैः

मुझे तोड़ लेना बनमाली, उस पथ पर देना तुम फेंक।

मातृ-भूमि पर शीश-चढ़ाने, जिस पथ पर जावें वीर अनेक।

से लेकर आजकल के रोज़ डे, वैलेंटाइन डे जैसे आधुनिक उत्सवों में, फूल मानवीय भावनाओं को खूबसूरती से व्यक्त करते हैं।

 नगर निगम और यूटी प्रशासन को मेरी शुभकामनाएं और बधाई, जिन्होंने बहुत खूबसूरती से रोज़ फेस्टिवल का आयोजन किया है।

 मैं अपने मालियों के समर्पण और कड़ी मेहनत की भी सराहना करता हूं जो इन उद्यानों और पार्कों की खूबसूरती को बनाए रखने के लिए अथक प्रयास करते हैं।

 आइए, हम सब मिलकर City Beautiful को More Beautiful बनाएं।

धन्यवाद,

जय हिन्द।