SPEECH OF HON’BLE GOVERNOR PUNJAB AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH, SHRI BANWARI LAL PUROHIT ON THE OCCASION OF DISTRIBUTION OF AWARD MONEY AND CERTIFICATES TO MERITORIOUS STUDENTS OF CLASS 8TH AND 10TH FROM PUNJAB AND UT CHANDIGARH AT PUNJAB RAJ BHAVAN

  • PRB
  • 2024-02-01 13:10

कक्षा 8वी और 10वीं के मेधावी छात्रों का सम्मान (01.02.2024)

 स्कॉलरशिप हासिल करने पर आप सबको बहुत-बहुत बधाई।

 यह आपकी मेहनत का फल है।

 जैसी आदतें हम बचपन में डालते हैं वैसा ही हमारा व्यक्तित्व बन जाता है।

 इसलिए मैं आपसे कहना चाहूंगा किः

 समय की पाबंदीः

o समय की पाबंदी हमारे प्राथमिक चरित्र को परिभाषित करती है।

o समय का पाबंद होने से मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाने में मदद मिलती है क्योंकि समय के पाबंद व्यक्ति कम तनाव महसूस करते हैं।

 चरित्र निर्माणः

o यह जीवन का महत्वपूर्ण पहलू है।

o सच्चाई, उदारता, क्षमाशीलता, परोपकार, आज्ञापलन आदि मानवीय गुण चरित्र के आधार स्तंभ हैं।

 परिश्रमः

o परिश्रम के बिना सफलता असंभव है।

o Thomas Edison के बारे में तो आपने सुना होगा। उसने electric bulb का आविष्कार किया था। इस आविष्कार के सफल होने से पहले Edison दस हजार बार असफल हुए। असफलता से वह हतोत्साहित नहीं हुए बल्कि उन्होंने कहा, ‘‘मैं असफल नहीं हुआ हूं, मैंने दस हजार तरीके खोजे हैं जिनसे bulb नहीं बनता।’’

o So, there are no rules when we are trying to achieve something.  ऐसा नहीं है कि हम केवल एक बार, दो बार या तीन बार ही कोशिश करेंगे। याद रखें, Success is 1 percent inspiration and 99 percent perspiration.

 किताबें पढ़ने की आदत डालें:

o दुनिया में ऐसे कई महान व्यक्ति हुए हैं, जिनके विचारों को पढ़ने से ही हमारा जीवन बदल जाता है। जीवन में जब हमें कुछ समझ नहीं आता तब इन महान व्यक्तियों के विचार ही हमारा मार्गदर्शन करते हैं।

o स्वामी विवेकानंद जी ने कहा थाः

 उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य हासिल ना हो जाए।

 खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है।

o सुभाष चंद्र बोस ने कहा था:

 सफलता हमेशा असफलता के स्तंभ पर खड़ी होती है। इसलिए किसी को भी असफलता से घबराना नहीं चाहिए।

o महात्मा गांधीजी ने कहा था:

 चरित्र की शुद्धि ही सारे ज्ञान का ध्येय होना चाहिए।

o डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा था:

 तब तक लड़ना मत छोड़ो जब तक अपनी तय की हुई जगह पर ना पहुँच जाओ। ज़िन्दगी में एक लक्ष्य रखो, लगातार ज्ञान प्राप्त करो, कड़ी मेहनत करो, और महान जीवन को प्राप्त करने के लिए दृढ़ रहो।

 कलाम जी का तो अपना जीवन ही एक मिसाल थी

 आप जानते हैं कि आने वाले 25 वर्ष आजादी का अमृतकाल है। देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने साल 2047 तक विकसित भारत बनाने का vision दिया है।

 विकसित भारत बनाने के लिए आप ही instruments of change हो और आप ही beneficiaries of change होंगे।

 इसलिए, जहां तक संभव हो जो भी कार्य आप करें, पढ़ें, नौकरी करें या व्यापार करें हर कार्य को पूरी ईमानदारी से करते हुए देश के विकास में योगदान दें।

 हो सके तो, each one should teach one. यानि आप में से हर एक बच्चा एक निरक्षर व्यक्ति को पढ़ना-लिखना जरूर सिखाए। विकास के यज्ञ में यही आपकी आहुति होगी।

धन्यवाद,

जय हिन्द!