SPEECH OF GOVERNOR PUNJAB AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH, SHRI BANWARI LAL PUROHIT ON THE OCCASION OF FOUNDATION DAY BIHAR AT PUNJAB RAJ BHAVAN CHANDIGARH ON MARCH 22, 2024.

  • PRB
  • 2024-03-22 19:15

बिहार स्थापना दिवस (22 मार्च 2024)

  • बिहार राज्य के स्थापना दिवस के अवसर पर सभी को बहुत-बहुत बधाई।
  • 22 मार्च 1912 को बिहार राज्य की स्थापना हुई।
  • इस प्रकार के आयोजन से हम भारत के विविधताओं से परिपूर्ण विभिन्न राज्यों की संस्कृति और परंपराओं से परिचित होते हैं और आपसी सामंजस्य बढ़ता है।
  • यह जनसंख्या की दृष्टि से भारत का तीसरा सबसे बड़ा प्रदेश है; क्षेत्रफल की दृष्टि से बारहवां है।
  • बिहार का इतिहास बहुत पुराना है। 
  • इसकी सांस्कृतिक सम्पदा अत्यंत समृद्ध है। 
  • बिहार की सभ्यता विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है।
  • ऐसा माना जाता है कि इस क्षेत्र में बौद्ध मठों (विहारों) की अधिकता के कारण, इस क्षेत्र का नाम बिहार पड़ा। 
  • बौद्ध धर्म और जैनधर्म की उत्पत्ति स्थल और सिक्खों के दसवें गुरु श्री गुरू गोबिन्द सिंह जी की जन्मभूमि (पटना साहिब गुरूद्वारा) बिहार में है। 
  • यहाँ पर जैन धर्म के भगवान महावीर स्वामी ने जन्म लिया था।
  • यहां भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया था। 
  • आज से लगभग 2600 वर्ष पहले बोधिवृक्ष के नीचे सिद्धार्थ गौतम को बुद्धत्व प्राप्त हुआ। 
  • कालांतर में बोधगया पूरे विश्व के श्रद्धालुओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण केंद्र बन गया। 
  • किवदंतियों के अनुसार श्रीराम की अर्धांगिनी माता सीता का जन्म बिहार के मिथिला में हुआ, जिसे आज सीतामढ़ी कहा जाता है।
  • बिहार को पहले प्राचीन इतिहास में मगध के नाम से जाना जाता था।
  • अर्थशास्त्र के रचयिता कौटिल्य (चाणक्य) का जीवन भी बिहार की धरती पर ही व्यतीत हुआ। वह मगध के राजा चंद्रगुप्त मौर्य के सलाहकार थे।
  • बिहार के सरन जिले के रहने वाले डॉ. राजेंद्र प्रसाद भारत के पहले राष्ट्रपति बने।
  • बिहार भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खान की जन्मस्थली है।
  • बिहार राज्य में शिक्षा प्राप्त करने के लिए देश विदेश से प्राचीन समय में नालंदा में आते थे। 
  • महात्मा गाँधी ने स्वतंत्रता का आन्दोलन बिहार के चम्पारण जिले से प्रारंभ किया। उन्होंने सत्याग्रह का प्रथम सार्वजनिक प्रयोग यहीं किया। 
  • महावीर, बुद्ध और गांधीजी का ‘अहिंसा परमो धर्मः’ का संदेश आज और भी अधिक प्रासंगिक हो गया है। 
  • यही विचारधारा विश्व-कल्याण में सहायक सिद्ध हो सकती है।
  • बिहार के बारे में ऐसा कहा जाता है - मैं चाणक्य की नीति हूं, मैं आर्यभट्ट का आविष्कार हूं, मैं महावीर की तपस्या हूं, मैं बुद्ध का अवतार हूं, मैं बिहार हूं।

धन्यवाद,

जय हिन्द!