SPEECH OF HON’BLE GOVERNOR PUNJAB AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH, SHRI GULAB CHAND KATARIA ON THE OCCASION OF INAUGURATION OF THE INTERNATIONAL CONFERENCE ON LARGEST DEVELOPMENTS IN OBSTETRICS GYNECOLOGY & COSMETIC GYNECOLOGY AT CHANDIGARH ON AUGUST 14,
- PRB
- 2025-08-14 18:00
‘CosGynae 25 अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन’ के अवसर पर राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया जी का संबोधनदिनांकः 14.08.2025, गुरूवार समयः सुबह 11:00 बजे स्थानः चंडीगढ़
नमस्कार!
मैं ‘कोसगाइनी 25 अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ के इस महत्वपूर्ण आयोजन में उपस्थित होकर बेहद खुशी महसूस कर रहा हूं। यह अत्यंत संतोषजनक बात है कि चिकित्सा जगत के इतने महत्वपूर्ण और संवेदनशील विषयों पर एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का मंच, मोहाली जैसे मेडिकल-हब में स्थापित किया गया है।
मैं इस महत्वपूर्ण आयोजन के लिए विशेष रूप से डॉ. प्रीति जिंदल जी का हार्दिक धन्यवाद और अभिनंदन करता हूं, जिनके दूरदर्शी मार्गदर्शन, अथक परिश्रम और उत्कृष्ट नेतृत्व के कारण यह अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन सफलतापूर्वक संभव हो पाया है।
डॉ. प्रीति जिंदल भारत की एक प्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ, रोबोटिक सर्जन, आईवीएफ स्पेशलिस्ट, और रीजेनेरेटिव गाइनिकोलॉजी की अग्रणी पथप्रदर्शक हैं। उन्होंने अपने कार्य और दृष्टिकोण से महिला स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई दिशा दी है और भारत को वैश्विक मंच पर एक पहचान दिलाई है।
उनके नेतृत्व में Indian Society of Aesthetic & Regenerative Gynecology, Vascular Society of Limb Salvage और Mohali OBS GYNE Society जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं ने एक साथ आकर न केवल इस आयोजन को आकार दिया, बल्कि इसे ज्ञान, शोध और चिकित्सा नवाचार के एक महत्वपूर्ण मंच में परिवर्तित कर दिया।
मुझे बताया गया है कि यह इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का तीसरा संस्करण है। इसकी शुरुआत वर्ष 2019 में हुई थी, जब पहली बार इसे सफलतापूर्वक आयोजित किया गया था। तब से, यह सम्मेलन अपनी प्रासंगिकता, प्रभाव और लोकप्रियता में निरंतर वृद्धि करते हुए एक सशक्त मंच के रूप में उभरा है।
निर्धारित परंपरा के अनुसार, इसका आयोजन प्रत्येक दो वर्षों में एक बार किया जाता है, जिससे विभिन्न देशों, विषय-विशेषज्ञों और प्रतिभागियों को विचारों के आदान-प्रदान, शोध-नवाचार और सहयोग के नए अवसर प्राप्त होते हैं।
कोसगाइनी 25 एक ऐसा मंच है, जहाँ दुनियाभर के विख्यात स्त्री रोग विशेषज्ञ, कॉस्मेटिक गाइनिकोलॉजी के अग्रणी वैज्ञानिक, रोबोटिक सर्जरी और आधुनिक तकनीकों के विशेषज्ञ आज एकत्र हुए हैं।
यह सम्मेलन न केवल चिकित्सा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह महिला गरिमा, आत्मविश्वास और समग्र स्वास्थ्य को भी केंद्र में लाता है।
देवियो और सज्जनो,
स्त्री रोग विज्ञान केवल चिकित्सा का एक विषय नहीं है, यह स्त्री स्वास्थ्य, मातृत्व, परिवार और पूरे समाज की संरचना से जुड़ा हुआ है। समय के साथ चिकित्सा क्षेत्र में जो वैज्ञानिक प्रगति हुई है, वह नारी स्वास्थ्य की देखभाल को एक नई दिशा दे रही है, खासकर कॉस्मेटिक गाइनकोलॉजी, रीजनरेटिव मेडिसिन, फीटल वेलफेयर और वूमन वेल-बीइंग के संदर्भ में।
आज की यह कॉन्फ्रेंस न केवल नवीनतम तकनीकों और शोधों को साझा करने का अवसर प्रदान कर रही है, बल्कि यह चिकित्सकों, वैज्ञानिकों और सर्जनों को एक साझा मंच पर लाकर अंतर्विषयक संवाद और सहयोग को भी प्रोत्साहित कर रही है।
ऐस्थेटिक एंड रीजेनरेटिव गाइनिकोलॉजी के क्षेत्र में जो विकास हो रहे हैं, वे न केवल महिलाओं के शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि उनके मानसिक और सामाजिक आत्मबल को भी सशक्त कर रहे हैं। आज जब महिलाएं व्यक्तिगत स्वास्थ्य के प्रति अधिक जागरूक हो रही हैं, तब हमें यह सुनिश्चित करना है कि उन्हें सम्मानजनक, वैज्ञानिक और नैतिक उपचार मिले।
देवियो और सज्जनो,
महिला स्वास्थ्य वास्तव में समाज की असली नींव है, क्योंकि एक स्वस्थ महिला ही एक सशक्त परिवार, जागरूक समुदाय और प्रगतिशील राष्ट्र का निर्माण कर सकती है। जब हम महिलाओं के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हैं, तो हम आने वाली पीढ़ियों के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास की मजबूत आधारशिला रखते हैं।
एक कहावत है कि, “अगर एक पुरुष शिक्षित होता है तो एक व्यक्ति शिक्षित होता है, लेकिन जब एक महिला शिक्षित होती है, तो पूरा परिवार और आने वाली पीढ़ियाँ शिक्षित होती हैं।” यह केवल एक कथन नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र निर्माण की सच्चाई है।
इसी प्रकार, एक परिवार या समाज में एक स्वस्थ माँ की उपस्थिति राष्ट्रनिर्माण में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। माँ केवल एक परिवार की धुरी ही नहीं, बल्कि वह पहली गुरु, संस्कारों की वाहक और आने वाली पीढ़ियों की निर्माता भी होती है।
एक स्वस्थ माँ अपने बच्चों को न केवल उत्तम पोषण और देखभाल दे सकती है, बल्कि उनमें अच्छे संस्कार, अनुशासन और जीवन मूल्यों का संचार भी करती है। महिला स्वास्थ्य में निवेश का अर्थ है, मातृ मृत्यु दर को घटाना, शिशु मृत्यु दर को रोकना, और संपूर्ण परिवार को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करना।
अतः एक मजबूत और जागरूक माँ के हाथों में हमारे भविष्य की बुनियाद सुरक्षित होती है। इस प्रकार, एक स्वस्थ माँ केवल अपने परिवार का ही नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र के भविष्य को सुदृढ़ और उज्ज्वल बनाने में योगदान देती है।
देवियो और सज्जनो,
मेरा मानना है कि महिला स्वास्थ्य केवल शरीर तक सीमित विषय नहीं है, यह मानसिक, सामाजिक और आर्थिक प्रगति की मजबूत नींव है। जब एक महिला स्वस्थ होती है, तो केवल उसका शरीर ही नहीं, बल्कि उसका आत्मविश्वास, निर्णय लेने की क्षमता और सामाजिक सहभागिता भी बढ़ती है। इसका प्रभाव पूरे परिवार, समुदाय और अंततः राष्ट्र पर पड़ता है।
आज भी हमारे देश की लाखों महिलाएँ मासिक धर्म, प्रजनन स्वास्थ्य और रजोनिवृत्ति जैसी प्राकृतिक अवस्थाओं को लेकर न केवल शारीरिक पीड़ा सहती हैं, बल्कि सामाजिक संकोच, रूढ़िवाद और उपेक्षा का सामना भी करती हैं। यह स्थिति बदलनी ही होगी। हमें यह समझना होगा कि महिला स्वास्थ्य का प्रश्न केवल ‘स्वास्थ्य सेवा’ का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह गरिमा, समानता और सामाजिक न्याय से भी जुड़ा हुआ है।
इस सम्मेलन के माध्यम से हम एक सशक्त संदेश दे रहे हैं कि अब समय आ गया है कि महिला स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए, और इसके लिए जागरूकता, सुविधा और संवेदना, ये तीनों पहलू समान रूप से सुनिश्चित किए जाएँ।
साथियों,
चिकित्सा जगत निरंतर प्रगति कर रहा है और यह प्रगति महिलाओं के स्वास्थ्य क्षेत्र में भी नई संभावनाओं के द्वार खोल रही है।
रोबोटिक सर्जरी अब जटिल स्त्री रोग संबंधी ऑपरेशनों को अधिक सुरक्षित, सटीक और दर्द रहित बना रही है।
कॉस्मेटिक और रीजेनरेटिव गाइनिकोलॉजी महिलाओं को केवल चिकित्सा सुविधा ही नहीं, बल्कि सम्मान और आत्मसम्मान के साथ जीने का अवसर भी प्रदान कर रही है।
IVF और Assisted Reproductive Technology ने माँ बनने की इच्छा रखने वाली अनगिनत महिलाओं के जीवन में आशा और खुशियों की किरण जगाई है।
और अब, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (ए.आई) की मदद से हम निदान और उपचार को और भी तेज, सटीक और व्यक्तिगत बना रहे हैं।
इसके अलावा, सबसे महत्वपूर्ण, महिलाओं को प्रभावित करने वाले कैंसर, विशेषकर गर्भाशय ग्रीवा (सर्वाइकल) कैंसर की रोकथाम हेतु विकसित की जा रही वैक्सीन पर अनुसंधान अपने अंतिम चरण में है।
वर्तमान में इसके परीक्षण देश के अनेक प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थानों में सफलतापूर्वक जारी हैं। इस वैक्सीन का लाभ विशेष रूप से 9 से 16 वर्ष की आयु की बालिकाओं को मिलेगा, जिससे उनके जीवन भर इस घातक रोग से बचाव की संभावना लगभग 90 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी।
यह न केवल महिलाओं के स्वास्थ्य की सुरक्षा की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम होगा, बल्कि भारत को महिला स्वास्थ्य के क्षेत्र में विश्व अग्रणी बनाने में भी सहायक सिद्ध होगा।
देवियो और सज्जनो,
महिला शक्ति वह अदम्य ऊर्जा है, जिसने न केवल इतिहास के स्वर्णिम पन्नों पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है, बल्कि आज के आधुनिक भारत में भी अपनी योग्यता, साहस और नेतृत्व क्षमता का लोहा मनवाया है।
हमारे अतीत में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेज़ों के विरुद्ध अपने पराक्रम से स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी; महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने प्रशासन, न्याय और जनकल्याण के क्षेत्र में अद्वितीय उदाहरण स्थापित किए।
पंजाब की रानी जींद कौर और माई भागो जैसी वीरांगनाओं ने अपने शौर्य से महिलाओं के लिए एक अमर मिसाल कायम की और स्वतंत्रता आंदोलन में सरोजिनी नायडू, कस्तूरबा गांधी जैसी महान विभूतियों ने अपनी सक्रिय भागीदारी से राष्ट्र को प्रेरित किया।
आज का भारत भी ऐसी प्रेरणादायी नारियों से समृद्ध है। अंतरिक्ष विज्ञान में कल्पना चावला और डॉ. रितु करिधाल ने नई ऊँचाइयाँ छुईं; खेल जगत में पी.वी. सिंधु, मेरी कॉम, मिताली राज, मीराबाई चानू, हरमनप्रीत कौर और अवनी लेखरा ने विश्व स्तर पर तिरंगा लहराया; राजनीति और नेतृत्व में प्रतिभा पाटिल और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने जनसेवा का नया आदर्श प्रस्तुत किया; और उद्योग-जगत में किरण मजूमदार-शॉ, फाल्गुनी नायर और शहनाज़ हुसैन जैसी महिलाओं ने वैश्विक पहचान बनाई।
कार्यक्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। कॉरपोरेट सेक्टर, स्टार्टअप्स, सेना, विज्ञान और तकनीक, कला और संस्कृति, हर क्षेत्र में महिलाएँ अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। नारी शक्ति वास्तव में वह आधारशिला है, जिस पर ‘विकसित भारत 2047’ का सपना साकार होगा।
देवियो और सज्जनो,
कल हम भारत का 79वाँ स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहे हैं। आज की यह पूर्व संध्या केवल उत्सव का नहीं, बल्कि आत्ममंथन, उत्तरदायित्व और संकल्प का भी अवसर है। हम सभी को एक सामूहिक संकल्प लेना होगा कि महिला स्वास्थ्य, सम्मान और सुविधा को हम हर घर तक पहुँचाएंगे, चाहे वह शहर हो या गाँव।
स्वतंत्रता का असली अर्थ तभी है जब हर महिला अपने स्वास्थ्य और जीवन से जुड़े निर्णय स्वतंत्र रूप से ले सके, जब वह ज्ञान, सुविधा और संसाधनों तक समान रूप से पहुँच रखे, और जब उसे अपने सपनों को पूरा करने के लिए एक सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण मिले।
आइए, इस अमृत काल में हम सभी मिलकर यह सुनिश्चित करें कि महिला स्वास्थ्य और सशक्तिकरण केवल एक विषय न रह जाए, बल्कि यह हमारे राष्ट्र के विकास का केंद्रीय स्तंभ बने। यही हमारी सच्ची राष्ट्रभक्ति और स्वतंत्रता का वास्तविक उत्सव होगा।
मैं आशा करता हूँ कि यह मंच नवीनतम चिकित्सा शोध, तकनीकी प्रगति और व्यावहारिक अनुभवों को साझा करने का एक सशक्त अवसर प्रदान करेगा, युवा डॉक्टरों, शोधकर्ताओं और स्वास्थ्यकर्मियों को उत्कृष्टता के लिए प्रेरित करेगा, और महिला स्वास्थ्य से संबंधित नीतियों, विशेषकर कैंसर, मातृ स्वास्थ्य, पोषण तथा मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्रों में, नई दिशा और ठोस समाधान प्रस्तुत करेगा।
मुझे विश्वास है कि इस आयोजन का प्रभाव केवल चिकित्सा क्षेत्र तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह पूरे समाज की सोच और दृष्टिकोण को बदलने में सहायक होगा।
अंत में, मैं आयोजन समिति के अथक प्रयासों, देश-विदेश से पधारे सभी प्रतिष्ठित विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं तथा चिकित्सा क्षेत्र के उन समर्पित योद्धाओं को हार्दिक बधाई देता हूँ, जो अपने ज्ञान, परिश्रम और करुणा से मानवता की सेवा में लगे हैं।
धन्यवाद,
जय हिन्द!