SPEECH OF HON’BLE GOVERNOR PUNJAB AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH, SHRI GULAB CHAND KATARIA ON THE OCCASION OF INAUGURATION OF REGION OF THE CII CHANDIGARH STARTUP CONCLAVE – 2025 AT CHANDIGARH ON AUGUST 21, 2025.
- PRB
- 2025-08-22 12:20
‘चंडीगढ़ स्टार्टअप कॉनक्लेव 2025’ के अवसर पर राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया जी का संबोधनदिनांकः 21.08.2025, गुरूवार समयः सुबह 10:00 बजे स्थानः चंडीगढ़
नमस्कार!
यह मेरे लिए अत्यंत हर्ष और गर्व का विषय है कि मैं चंडीगढ़ स्टार्टअप कॉन्क्लेव 2025 के इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम का हिस्सा बना हूँ, जिसे भारतीय उद्योग परिसंघ (Confederation of Indian Industry-CII) द्वारा आयोजित किया गया है।
सी.आई.आई. देश के सबसे प्रतिष्ठित उद्योग संगठनों में से एक है, जिसका इतिहास लगभग 130 वर्षों से भी अधिक पुराना है। यह संस्था न केवल भारतीय उद्योगों के विकास की साक्षी रही है, बल्कि औद्योगिक नीति, वैश्विक सहयोग, सामाजिक दायित्व एवं सतत विकास के क्षेत्रों में भी निर्णायक भूमिका निभाती रही है।
सी.आई.आई. की शुरुआत वर्ष 1895 में हुई थी, जब पाँच इंजीनियरिंग कंपनियों ने मिलकर इंजीनियरिंग एंड आयरन ट्रेडर्स एसोसिएशन (EITA) का गठन किया।
उस समय इस संस्था का उद्देश्य ब्रिटिश सरकार पर दबाव बनाना था कि वे लोहा-इस्पात और इंजीनियरिंग उत्पादों की सरकारी खरीद भारत स्थित कंपनियों से करें, क्योंकि उस वक्त सरकारी आदेश केवल ब्रिटेन की कंपनियों को दिए जाते थे, जिससे भारतीय कंपनियाँ हाशिये पर थीं।
EITA ने ब्रिटिश शासन के दौरान ‘स्वदेशी’ विनिर्माण उद्यमियों के हितों की रक्षा करना, ऑर्डर प्राप्त करना और भारत में उद्योगों का विकास बढ़ाना, यही अपना उद्देश्य बनाया।
समय के साथ इस संस्था के नाम में कई परिवर्तन हुए। 1912 में इसका नाम बदलकर इंडियन इंजीनियरिंग एसोसिएशन (IEA) किया गया। 1942 में यह इंजीनियरिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया (EAI) बना। 1974 में इसका नाम एसोसिएशन ऑफ इंडियन इंजीनियरिंग इंडस्ट्री (AIEI) रखा गया और 1986 में यह कन्फेडरेशन ऑफ इंजीनियरिंग इंडस्ट्री (CEI) बन गया।
1991 में औद्योगिक लाइसेंस व्यवस्था समाप्त कर दी गई और व्यापक आर्थिक सुधारों की शुरुआत हुई। 1 जनवरी 1992 से, उदारीकरण की नई नीति के अनुरूप, CEI का नाम बदलकर CII रखा गया।
1992 के बाद से सी.आई.आई. ने तीव्र गति से विस्तार और सुदृढ़ीकरण किया है और आज यह भारत का सबसे प्रमुख एवं विश्वसनीय उद्योग संगठन बन चुका है।
सी.आई.आई. के मिशन में उद्योग और समाज के लिए एक ही स्थान पर सेवाएं उपलब्ध कराना, ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाना, विश्व-स्तरीय सेवाएं देना, वैश्विक सोच के साथ स्थानीय कार्रवाई करना, सीखने और देखभाल करने वाला संगठन बनना तथा साझेदारी पर आधारित कार्यशैली को बढ़ावा देना।
जहाँ तक इसके विज़न का प्रश्न है, सी.आई.आई. का लक्ष्य है कि यह भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में उत्प्रेरक की भूमिका निभाए।
देवियो और सज्जनो,
सी.आई.आई. पिछले अनेक वर्षों से भारत के औद्योगिक और उद्यमशील विकास में एक मजबूत स्तंभ के रूप में कार्य करता आ रहा है। विशेष रूप से पिछले पाँच वर्षों में, इसने चंडीगढ़ प्रशासन के साथ मिलकर नीति संवाद, मार्गदर्शन और विभिन्न पहलों के माध्यम से हमारे स्टार्टअप इकोसिस्टम को सुदृढ़ बनाने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है।
चंडीगढ़ ने हाल ही में अपनी स्टार्टअप पॉलिसी की घोषणा की है। यह दूरदृष्टि से तैयार की गई रूपरेखा इस समझ पर आधारित है कि स्टार्टअप्स किसी भी अर्थव्यवस्था की रीढ़ होते हैं। वे नए रोज़गार और तकनीकी समाधान उपलब्ध कराने के साथ-साथ प्रगति के सबसे बड़े साधन हैं।
इस नीति को उद्योग विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और सबसे महत्वपूर्ण, उद्यमियों के साथ व्यापक परामर्श के बाद तैयार किया गया है। यह हमारी जीवंत स्टार्टअप संस्कृति की भावनाओं और आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करती है।
देवियो और सज्जनो,
हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में वर्ष 2016 में स्टार्टअप इंडिया योजना की शुरुआत की गई थी जिसका उद्देश्य भारत में नवाचार को प्रोत्साहित करना, युवाओं को उद्यमिता के लिए प्रेरित करना, और स्टार्टअप्स के लिए एक ऐसा वातावरण तैयार करना था जहाँ वे बिना अनावश्यक बाधाओं के तेजी से विकसित हो सकें।
स्टार्टअप इंडिया योजना ने पारंपरिक नौकरियों के पीछे दौड़ने की मानसिकता से आगे बढ़कर ‘स्वयं के लिए रोजगार सृजन’ और ‘रोजगार प्रदान करने’ वाली सोच को बढ़ावा दिया। इसके अंतर्गत स्टार्टअप्स को पंजीकरण की सरल प्रक्रिया, कर में छूट, निवेश के लिए फंडिंग सहायता, इन्क्यूबेशन सेंटर की स्थापना और मेंटरशिप सपोर्ट जैसे अनेक प्रोत्साहन दिए गए।
आज इसका परिणाम हम सबके सामने है, आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन चुका है, और हर क्षेत्र में भारतीय स्टार्टअप्स नए-नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं।
आज भारत के स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र में ‘‘उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग’’ (डीपीआईआईटी) में पंजीकृत 1.25 लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से अधिक यूनिकॉर्न शामिल हैं, जो समस्या-समाधान और रोजगार सृजन की मजबूत संस्कृति को बढ़ावा दे रहे हैं।
देवियो और सज्जनो,
चंडीगढ़ सदैव दूरदृष्टि और आधुनिक सोच का प्रतीक रहा है। यह न केवल एक सुंदर और योजनाबद्ध शहर है, बल्कि यहाँ उत्कृष्ट भौतिक और डिजिटल ढाँचा, उत्तम कानून-व्यवस्था, उच्चस्तरीय शिक्षा और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध हैं। ये सभी कारक चंडीगढ़ को उत्तरी भारत का अग्रणी इनोवेशन हब बनाने के लिए आदर्श वातावरण प्रदान करते हैं।
भारत सरकार ने भी स्टार्टअप्स को आर्थिक विकास और रोज़गार सृजन के प्रमुख इंजन के रूप में पहचान दी है। स्टार्टअप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया और फंड ऑफ फंड्स फॉर स्टार्टअप्स जैसी योजनाएँ वित्तीय सहयोग, मार्गदर्शन और सरल नियामकीय ढाँचा उपलब्ध कराकर उद्यमियों की सफलता सुनिश्चित कर रही हैं।
इन राष्ट्रीय पहलों के साथ जब क्षेत्रीय नीतियाँ, जैसे चंडीगढ़ की अपनी स्टार्टअप पॉलिसी जुड़ती हैं, तो एक सशक्त और व्यापक स्टार्टअप इकोसिस्टम का निर्माण होता है।
देवियो और सज्जनो,
आज चंडीगढ़ के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है, हमारे सुशिक्षित युवाओं के लिए रोज़गार सृजन। मुझे विश्वास है कि स्टार्टअप्स इस चुनौती का समाधान बन सकते हैं। वे नए अवसर पैदा करेंगे, कौशल विकास को बढ़ावा देंगे और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाएंगे।
यह देखकर प्रसन्नता होती है कि हमारे स्टार्टअप्स केवल व्यवसाय खड़े नहीं कर रहे, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा, अपशिष्ट प्रबंधन और हरित गतिशीलता जैसी गंभीर चुनौतियों का समाधान भी खोज रहे हैं।
आज जब हम उद्यमशीलता की इस ऊर्जा का उत्सव मना रहे हैं, तब विशेष रूप से मुझे यह देखकर गर्व हो रहा है कि ग्रेटर चंडीगढ़ रीजन की 10 उभरती हुई स्टार्टअप इकाइयों को इस मंच पर मान्यता दी जा रही है। मैं समझता हूं कि सिटी ब्यूटीफुल चंडीगढ़ आज सिटी ऑफ इनोवेशन के रूप में भी उभर रहा है।
मैं यहाँ उपस्थित सभी उद्यमियों और उद्योग जगत के दिग्गजों से कहना चाहता हूँ कि आप केवल चंडीगढ़ ही नहीं, बल्कि पूरे भारत के नवाचार परिदृश्य को आकार देने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। सरकार आपको सहयोग और सक्षम वातावरण देने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुझे विश्वास है कि सी.आई.आई. जैसे संगठनों के साथ मिलकर हम एक जीवंत और समावेशी स्टार्टअप इकोसिस्टम का निर्माण करेंगे, जो न केवल रोज़गार सृजित करेगा, बल्कि तकनीकी प्रगति और सतत आर्थिक विकास को भी गति देगा।
अंत में, मैं सी.आई.आई. को इस कॉन्क्लेव के आयोजन के लिए तथा सभी हितधारकों को उनके योगदान और उत्साह के लिए धन्यवाद देता हूँ। आइए, हम सब मिलकर चंडीगढ़ को नवाचार, विकास और अवसरों का केन्द्र बनाने का संकल्प लें।
धन्यवाद,
जय हिन्द!