SPEECH OF HON’BLE GOVERNOR PUNJAB AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH, SHRI GULAB CHAND KATARIA ON THE OCCASION OF STATE LEVEL FUNCTION OF HAR GHAR TIRANGA AT CHANDIGARH ON AUGUST 14, 2025.

  • PRB
  • 2025-08-14 18:00

‘हर घर तिरंगा’ अभियान के अवसर पर

राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया जी का संबोधन

दिनांकः 14.08.2025, गुरूवारसमयः सुबह 10:00 बजेस्थानः चंडीगढ़

         

नमस्कार!

सर्वप्रथम, मैं आप सभी को भारत की स्वतंत्रता के पावन पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ देता हूँ। स्वतंत्रता दिवस केवल एक सरकारी उत्सव नहीं है, बल्कि यह हमारे राष्ट्र के गौरव, हमारी अस्मिता और हमारी आत्मा का पर्व है। यह वह दिन है जब हम अपने इतिहास की उन स्वर्णिम पंक्तियों को दोहराते हैं, जो साहस, त्याग और बलिदान से लिखी गई हैं।

आज, जब हम ‘हर घर तिरंगा’अभियान की सफलता का उत्सव मना रहे हैं, तो मेरे हृदय में अपार गर्व का भाव है। चंडीगढ़ के विद्यालयों ने इस अभियान में जो उत्साह और सहभागिता दिखाई है, वह वास्तव में अनुकरणीय है। 

एक लाख से अधिक विद्यार्थियों ने गीत, कविता, नाट्य, वाद-विवाद, चित्रकला और विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेकर यह साबित कर दिया है कि राष्ट्रप्रेम केवल पुस्तकों के अध्यायों में नहीं, बल्कि हमारे व्यवहार, आचरण और जीवनशैली में होना चाहिए।

साथियो,

हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आह्वान पर वर्ष 2022 में आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत हर घर तिरंगा अभियान की शुरुआत की गई थी। 

बीते 3 वर्षों में यह अभियान राष्ट्रीय पहचान, देशभक्ति और गौरव का एक सफल जनभागीदारी आंदोलन बन चुका है। 

इस वर्ष, सरकार ने इसे देशभर में तीन चरणों में 2 से 15 अगस्त 2025 तक मनाने का निर्णय लिया है।

इसका उद्देश्य है कि हर नागरिक अपने घर पर तिरंगा फहराकर न केवल आज़ादी के महानायकों को याद करे, बल्कि “राष्ट्रप्रथम” की भावना को अपने जीवन का मूल मंत्र बनाए।

यह कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता और अखंडता को सुदृढ़ करता है। जब पूरे देश के कोने-कोने में, शहर से लेकर गाँव तक, हर घर पर तिरंगा लहराता है, तो वह एक अद्भुत दृश्य बनाता है, जिसमें जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र की सीमाएं मिट जाती हैं, और हम सभी एक भारतीय परिवार के रूप में खड़े होते हैं।

‘हर घर तिरंगा’हमें यह भी याद दिलाता है कि तिरंगा केवल स्वतंत्रता दिवस या गणतंत्र दिवस का ध्वज नहीं, बल्कि यह हमारी राष्ट्रीय पहचान है, जिसे हमें पूरे वर्ष सम्मान, गौरव और आदर के साथ संजोकर रखना चाहिए।

प्रिय विद्यार्थियों,

आज यहाँ जो तिरंगामय वातावरण बना है, वह केवल रंगों का संयोजन नहीं, यह भावनाओं का संगम है। केसरिया रंग हमें बलिदान और निर्भीकता का आह्वान करता है। सफेद रंग हमें सत्य, शांति और पारदर्शिता की प्रेरणा देता है और हरा रंग हमें विकास, प्रगति और समृद्धि के पथ पर अग्रसर होने की शक्ति देता है।

इसके केंद्र में स्थित अशोक चक्र निरंतर गति, न्याय और समानता का प्रतीक है। इसके 24 आरे हमें यह याद दिलाते हैं कि राष्ट्र का विकास दिन-रात, सतत और गतिशील प्रयासों से ही संभव है।

इस प्रकार, हमारा तिरंगा हमें त्याग की प्रेरणा, निष्ठा का मार्गदर्शन और शांति का आशीर्वाद देता है, ताकि हम मिलकर एक सशक्त, एकजुट और प्रगतिशील भारत का निर्माण कर सकें।

देवियो और सज्जनो,

मेरा मानना है कि हमारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा केवल एक कपड़े का टुकड़ा नहीं, बल्कि करोड़ों भारतीयों की भावनाओं, आदर्शों और सपनों का जीवंत प्रतीक है।

इसका डिजाइन आंध्र प्रदेश के महान देशभक्त एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पिंगली वेंकैया जी ने तैयार किया था, और जुलाई 1947 में, संविधान सभा ने इसे स्वतंत्र भारत के राष्ट्रीय ध्वज के रूप में औपचारिक रूप से अपनाया। 

तिरंगा हमारी राष्ट्रीय एकता का जीवंत प्रतीक है, जो हमें यह संदेश देता है कि विविधता में ही हमारी वास्तविक शक्ति है। यह हमें याद दिलाता है कि स्वतंत्रता हमें सहज नहीं मिली। यह शताब्दी के संघर्ष, असंख्य बलिदानों और अथाह त्याग का परिणाम है। 

शहीद भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, महात्मा गांधी, सरदार पटेल, पंडित नेहरू और हजारों-लाखों अनाम वीरों ने अपने प्राण राष्ट्र के चरणों में अर्पित किए। उन्होंने केवल राजनीतिक स्वतंत्रता का सपना नहीं देखा, बल्कि एक ऐसे भारत का सपना देखा, जहाँ शिक्षा में उत्कृष्टता हो, विज्ञान में प्रगति हो, कृषि और उद्योग में आत्मनिर्भरता हो और समाज में समानता, न्याय व भाईचारा हो।

स्वतंत्रता दिवस केवल अतीत का स्मरण नहीं, बल्कि भविष्य का संकल्प है। हमें यह तय करना है कि आने वाले वर्षों में हम अपने भारत को किस ऊँचाई तक ले जाएंगे। 

तिरंगे को केवल छतों पर लहराना पर्याप्त नहीं, हमें इसे अपने विचारों, अपने आचरण और अपने कार्य में भी लहराना होगा।

यदि आप अपने जीवन में ईमानदारी, अनुशासन, परिश्रम और करुणा को अपनाएँगे, तो यह भी राष्ट्र सेवा है। यदि आप अपने ज्ञान से समाज को प्रकाशमान करेंगे, पर्यावरण की रक्षा करेंगे, और कमजोर वर्गों को आगे बढ़ने में सहयोग देंगे, तो यह भी सच्ची देशभक्ति है।

देवियो और सज्जनो,

मुझे गर्व है कि चंडीगढ़ के विद्यालय शिक्षा के साथ-साथ चरित्र-निर्माण में भी अग्रणी हैं। यहाँ के शिक्षक न केवल ज्ञान प्रदान कर रहे हैं, बल्कि छात्रों में मूल्य, संस्कार और देशभक्ति के बीज भी बो रहे हैं। ‘हर घर तिरंगा’ अभियान ने इस भावना को और प्रबल किया है। हर घर, हर गली, हर विद्यालय, हर हृदय में तिरंगे के प्रति सम्मान और प्रेम जागृत हुआ है।

आइए, इस अवसर पर हम सब यह संकल्प लें:

  • हम भारत की एकता और अखंडता की रक्षा करेंगे।
  • हम भेदभाव और विभाजन से ऊपर उठकर भाईचारे और सहयोग का भाव जगाएँगे।
  • हम अपने कर्म और आचरण से तिरंगे की गरिमा को ऊँचा रखेंगे।
  • हम भारत को विज्ञान, शिक्षा, स्वास्थ्य और नैतिकता में विश्व का अग्रणी राष्ट्र बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहेंगे।

आज का यह तिरंगामय वातावरण हमें यह याद दिलाता है कि जब हम एकजुट होते हैं, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं रहता। 

हमारे पूर्वजों ने हमें जो स्वतंत्रता सौंपी है, उसकी रक्षा करना और उसे और भी उज्ज्वल बनाना, हमारा सर्वोच्च कर्तव्य है।

आज देश उन उपलब्धियों को हासिल कर रहा है जिसकी कुछ साल पहले तक कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। 

अब समय है कि हम स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को पूरा करें और भारत को उस ऊंचाई तक ले जाने का प्रयास करें जिसकी उन्होंने कामना की थी।

आज के इस युग में, जब भारत एक विकसित और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने की दिशा में अग्रसर है, हमें तिरंगे की शपथ लेनी चाहिए कि हम भ्रष्टाचार, भेदभाव और असमानता जैसी बुराइयों से दूर रहेंगे और अपने देश के निर्माण में सक्रिय भागीदार बनेंगे।

मैं विशेष रूप से युवाओं से कहना चाहता हूँ कि आप भारत के भविष्य के निर्माता हैं। अपने घरों पर तिरंगा फहराकर ही नहीं, बल्कि अपने जीवन के हर कार्य में ईमानदारी, परिश्रम और राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखकर आप तिरंगे का मान बढ़ा सकते हैं।

मैं एक बार फिर आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई देता हूँ। आइए, हम सब मिलकर इस पावन अवसर पर अपने राष्ट्र के प्रति निष्ठा, सेवा और प्रेम का संकल्प दोहराएँ।

आज के इस आयोजन को सफल बनाने के लिए मैं आयोजकों का एवं प्रतिभागियों की तहेदिल से प्रशंसा करता हूँ एवं बधाई एवं शुभकामनाएँ देता हूँ। अंत में, एक बार फिर से आज़ादी के इस पावन पर्व की सभी को शुभकामनाएँ।

धन्यवाद,

जय हिन्द!