Speech of Hon’ble Governor of Punjab and Administrator, U.T. Chandigarh on the occasion of the “Inauguration of Homi Bhabha Cancer Conclave – 2025” at NMIMS, Chandigarh on 23rd August, 2025
- PRB
- 2025-08-26 11:20
‘होमी भाभा कैंसर कॉनक्लेव 2025’ के अवसर पर राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया जी का संबोधनदिनांकः 23.08.2025, शनिवार समयः 12:15 बजे स्थानः चंडीगढ़
नमस्कार!
आज ‘होमी भाभा कैंसर कॉन्क्लेव 2025’ के इस अवसर पर उपस्थित होकर मुझे अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। इसके लिए मैं होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, न्यू चंडीगढ़ को बधाई देता हूं।
इस अवसर पर, मैं भारत के महान वैज्ञानिक और दूरदर्शी चिंतक डॉ. होमी जहांगीर भाभा को सादर नमन करता हूँ। वे भारतीय परमाणु विज्ञान के जनक थे, जिन्होंने विज्ञान को राष्ट्र निर्माण का एक सशक्त माध्यम बनाया। उनकी दूरदृष्टि, वैज्ञानिक सोच और अथक प्रयासों ने भारत को वैश्विक वैज्ञानिक मंच पर एक विशिष्ट पहचान दिलाई। देश ने इस महान व्यक्तित्व को एक हवाई दुर्घटना में खो दिया था।
यह दो दिवसीय कॉन्क्लेव डॉ. भाभा के आदर्शों और वैज्ञानिक दृष्टिकोण का प्रतीक है, जो चिकित्सा विज्ञान में नवाचार को प्रोत्साहित कर मानव कल्याण और सामाजिक उत्थान की उनकी सोच को आगे बढ़ाता है।
हम सभी जानते हैं कि टाटा मेमोरियल सेंटर, मुंबई देश के सबसे पुराने और बड़े कैंसर संस्थानों में से एक है, जिसके पास 80 से अधिक वर्षों का अनुभव है। सेवा, शिक्षा और अनुसंधान के स्तंभों पर खड़ा यह संस्थान प्रति वर्ष लगभग 1 लाख 30 हजार रोगियों को उपचार प्रदान करता है। इसके 9 केंद्र अत्याधुनिक कैंसर देखभाल उपलब्ध कराते हैं।
इनमें हमारा न्यू चंडीगढ़ में 300 बिस्तरों की क्षमता वाला होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर और संगरूर में 150 बिस्तरों की क्षमता वाला होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल भी शामिल हैं।
होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, न्यू चंडीगढ़ का उद्घाटन हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 24 अगस्त 2022 को किया था। आज यह संस्थान अत्याधुनिक टर्शरी कैंसर केयर केन्द्र के रूप में पूरी तरह संचालित है।
यहाँ IITs और IISER जैसे शीर्ष वैज्ञानिक संस्थानों के साथ-साथ आयुर्वेद संस्थानों से भी समझौता ज्ञापन किए गए हैं, ताकि कैंसर अनुसंधान को नई ऊर्जा मिल सके।
यह संस्थान भारतीय संस्कृति दर्शन ट्रस्ट की Integrated Cancer Treatment & Research Centre परियोजना से जुड़ा है, जो आधुनिक चिकित्सा और आयुर्वेदिक पद्धतियों को एक साथ लाकर कैंसर उपचार में नई दिशा प्रदान कर रही है। मुझे यह बताते हुए भी प्रसन्नता है कि यह अस्पताल अब अत्याधुनिक रोबोटिक सर्जरी प्रोग्राम शुरू करने के लिए तैयार है।
इस अस्पताल की निवारक ऑन्कोलॉजी इकाई भी प्रशंसनीय कार्य कर रही है। यहाँ जनसंख्या और अस्पताल आधारित कैंसर रजिस्ट्री तैयार की गई है, जिसके माध्यम से पहली बार संगरूर और मानसा जिलों में कैंसर का जनसांख्यिकीय डेटा एकत्र किया गया है।
अब तक आयोजित 1 हजार 560 स्क्रीनिंग कैंपों के द्वारा 1 लाख 70 हजार से अधिक महिलाओं की जांच की गई है, और उनमें से कई में शुरुआती चरण में कैंसर की पहचान कर उनकी जान बचाई गई है।
स्कूल हेल्थ प्रोग्राम के माध्यम से बच्चों और शिक्षकों को कैंसर के प्रति जागरूक किया जा रहा है, ताकि आने वाली पीढ़ी स्वस्थ जीवनशैली अपनाए। इसके अतिरिक्त, इस अस्पताल ने पंजाब सरकार और चंडीगढ़ प्रशासन के साथ मिलकर कैंसर नियंत्रण के लिए कई महत्त्वपूर्ण कार्यक्रमों में सक्रिय सहयोग किया है।
देवियो और सज्जनो,
मुझे बताया गया है कि इस कॉन्क्लेव में सर्जिकल, मेडिकल और रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट्स, पैथोलॉजिस्ट्स, रेडियोलॉजिस्ट्स और इन विषयों को करियर के रूप में अपनाने के इच्छुक छात्र एकत्रित हुए हैं। हर वर्ष यहाँ विशिष्ट प्रकार के कैंसर के क्षेत्र में नवीनतम जानकारी, शोध और उपचार पद्धतियों पर चर्चा होती है।
यह प्रसन्नता की बात है कि "Multidisciplinary Management of Common Cancers" की थीम पर आधारित यह दो दिवसीय कॉन्क्लेव विविध व्याख्यानों, पैनल चर्चाओं, विचार-विमर्श और कार्यशालाओं से समृद्ध रहेगा। इस वर्ष का मुख्य फोकस जेनिटोरिनरी, गाइनीकलॉजिकल, ब्रैस्ट, पीडियाट्रिक और बोन एंड सॉफ्ट टिश्यु के कैंसर पर है। इन विषयों पर चर्चा के लिए देशभर से श्रेष्ठतम विशेषज्ञों को यहाँ आमंत्रित किया गया है।
देवियो और सज्जनो,
उत्तम स्वास्थ्य मानव जीवन का सबसे अनमोल धन है। भगवान बुद्ध ने भी इस तथ्य पर बल देते हुए कहा था कि “शरीर को स्वस्थ रखना हमारा कर्तव्य है अन्यथा हम अपने मन को मजबूत और स्पष्ट नहीं रख पाएंगे।” एक स्वस्थ समाज ही शिक्षा, ज्ञान और रोजगार के अवसरों का भरपूर लाभ उठा सकता है।
लेकिन, पिछले कुछ वर्षों में हमारी जीवनशैली में जिस प्रकार के बदलाव आए हैं, उन्होंने स्वास्थ्य पर गहरा असर डाला है। पहले जहाँ लोग संतुलित आहार, शारीरिक श्रम और प्राकृतिक जीवन पद्धति अपनाते थे, वहीं अब तेज़ रफ्तार जीवन, असंतुलित भोजन, फास्ट-फूड संस्कृति और शारीरिक सक्रियता की कमी आम हो गई है।
आज जलवायु परिवर्तन, ओज़ोन परत की क्षीणता और अल्ट्रावायलेट किरणों की बढ़ती मात्रा भी कैंसर जैसी घातक बीमारियों को जन्म दे रही है।
इसके अतिरिक्त, बढ़ता प्रदूषण भी अनेकों बिमारियों का सबसे बड़ा कारण है। श्री गुरु नानक देव जी ने सदियों पहले अपने उपदेशों में ‘‘पवन गुरू पानी पिता माता धरत महत्त’’ के संदेश के माध्यम से प्रकृति और पर्यावरण के महत्व को स्पष्ट किया है।
दुर्भाग्य से, आधुनिकता और औद्योगिक क्रांति के बाद हमने प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन किया और प्रदूषण की समस्या को जन्म दिया। वायु, जल और भूमि का प्रदूषण आज न केवल पर्यावरण को बल्कि मानव स्वास्थ्य को भी गंभीर खतरे में डाल रहा है।
हमारे पंजाब में ही सतलुज नदी इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है, जिसका पानी औद्योगिक अपशिष्ट और रासायनिक कचरे के कारण हरिके पत्तन तक पहुँचते-पहुँचते अत्यधिक दूषित हो जाता है। लुधियाना से होकर गुजरता बुड्ढा नाला भी औद्योगिक गंदगी और रसायनों के कारण प्रदूषित हो चुका है। यदि प्राकृतिक संसाधनों के इस दूषण को नहीं रोका गया तो मनुष्य सहित समस्त जीव-जगत के अस्तित्व पर संकट आ जाएगा।
कैंसर यूं तो पूरे देश के लिए ही बड़ी चुनौती है, लेकिन पंजाब में इसकी स्थिति काफी खराब है। यहां की मालवा बेल्ट इससे बुरी तरह प्रभावित है, जिसके सात जिले बठिंडा, फरीदकोट, मोगा, मुक्तसर, लुधियाना, फिरोजपुर और मानसा के लोगों को पिछले काफी समय से कैंसर और अन्य रोगों से जूझना पड़ रहा है। हालात ऐसे हैं कि जिस ट्रेन से लोग पंजाब से राजस्थान कैंसर का इलाज करवाने के लिए जाते हैं, उसे अब कैंसर ट्रेन के नाम से जाना जाता है।
इसलिए, अब समय आ गया है कि हम विकास के साथ-साथ सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान दें। प्रदूषण पर नियंत्रण, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और स्वास्थ्य जोखिमों पर निरंतर शोध ही हमें एक सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य की ओर ले जा सकते हैं।
देवियो और सज्जनो,
आजादी के अमृत काल में जब देश नए संकल्पों की प्राप्ति की ओर अग्रसर है, तब माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को और सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। यदि केंद्रीय बजट 2025-26 की बात करें तो इसमें स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़ी कई महत्वपूर्ण और दूरगामी घोषणाएँ की गई हैं।
सरकार ने पिछले दस वर्षों में 1.1 लाख नई मेडिकल सीटें जोड़ी हैं, जिससे डॉक्टरों की संख्या में 130 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। बजट 2025-26 के अनुसार, अगले पांच वर्षों में 75 हजार सीटों को जोड़ने के लक्ष्य की दिशा में आगामी वर्ष में, मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में 10 हजार अतिरिक्त सीटें जोड़ी जाएंगी, जिससे चिकित्सा शिक्षा को और सशक्त बनाया जाएगा तथा स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ेगी।
कैंसर उपचार को अधिक सुलभ बनाने के लिए, अगले तीन वर्षों में सभी जिला अस्पतालों में डे-केयर कैंसर केंद्र स्थापित किए जाएंगे। पहले चरण में, वर्ष 2025-26 में 200 नए केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
देवियो और सज्जनो,
कैंसर आज भारत सहित पूरी दुनिया के लिए एक सामाजिक-चिकित्सीय चुनौती बन चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, 2022 में विश्वभर में 2 करोड़ नए कैंसर मामलों की पुष्टि हुई और लगभग 97 लाख लोगों की मृत्यु इस घातक रोग के कारण हुई। भारत में भी हर साल लाखों नए मामलों का पता चलता है।
ऐसी स्थिति में ऐसे आयोजनों की प्रासंगिकता और बढ़ जाती है, क्योंकि ये जमीनी स्तर पर कैंसर से लड़ाई के लिए आधुनिक चिकित्सा ज्ञान, मुनासिब रणनीतियों और वैज्ञानिक विचारों का आदान-प्रदान करते हैं।
मैं इस अवसर पर सभी चिकित्सा विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को हार्दिक बधाई देता हूँ, जो इस महान कार्य में जुटे हुए हैं। यह कॉन्क्लेव हमें यह विश्वास दिलाता है कि समन्वित दृष्टिकोण और सामूहिक प्रयास से हम कैंसर जैसी गंभीर चुनौती का सफलतापूर्वक सामना कर सकते हैं।
आइए, हम सब मिलकर यह संकल्प लें कि हम न केवल कैंसर के उपचार में बल्कि उसके रोकथाम, शीघ्र निदान और रोगी के पुनर्वास में भी एकजुट होकर कार्य करेंगे। यही डॉ. होमी भाभा की वैज्ञानिक परंपरा और हमारे मानवीय कर्तव्य की सच्ची पूर्ति होगी।
धन्यवाद,
जय हिंद!