SPEECH OF PUNJAB GOVERNOR AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH SHRI GULAB CHAND KATARIA ON THE OCCASION OF ALL INDIA CYCLE MANUFACTURERS ASSOCIATION (AICMA) AT LUDHIANA ON AUGUST 30, 2025.

  • PRB
  • 2025-09-01 12:50

ऑल इंडिया साइकिल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के ए.आई.सी.एम.ए. अवार्ड समारोह के अवसर पर
राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया जी का संबोधन
दिनांकः 30.08.2025, शनिवार समयः दोपहर 12:00 बजे स्थानः लुधियाना
नमस्कार!
आज लुधियाना की इस ऊर्जावान धरती पर आप सबके बीच उपस्थित होना मेरे लिए बड़े सौभाग्य की बात है। लुधियाना, जो भारत की साइकिल निर्माण राजधानी कहलाता है, आज ऑल इंडिया साइकिल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (AICMA) के चौथे अवार्ड समारोह का साक्षी बन रहा है।
इस अवसर पर मैं AICMA और इसके सभी सदस्यों को हार्दिक बधाई देता हूँ, जिन्होंने साइकिल आंदोलन को आगे बढ़ाने में सराहनीय योगदान दिया है। 
मुझे बताया गया है कि ऑल इंडिया साइकिल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन की स्थापना सितम्बर 1984 में एक गैर-लाभकारी संस्था के रूप में की गई थी, जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। 
देवियो और सज्जनो,
आज हम केवल पुरस्कार वितरण के लिए नहीं, बल्कि उस परिवर्तनकारी आंदोलन का उत्सव मनाने के लिए एकत्र हुए हैं, जो सतत विकास की दिशा में भारत की आकांक्षाओं से जुड़ा हुआ है।
मैं आज सम्मानित उन सभी 7 व्यक्तियों, निर्माताओं और स्टार्ट-अप्स को बधाई देता हूँ जिन्होंने साइकिल क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आप न केवल नवाचार के प्रतीक हैं बल्कि स्वास्थ्य, पर्यावरण और सतत विकास के सच्चे दूत भी हैं। 
यह जानकर भी प्रसन्नता हुई कि साइकिल कंपनियाँ केवल कॉर्पारेट सामाजिक उत्तरदायित्व तक सीमित न रहकर जरूरतमंदों को सशक्त भी बना रही हैं। आज जो दसवीं कक्षा में शीर्ष स्थान प्राप्त करने वाले 25 विद्यार्थियों को नई साइकिलें भेंट की गई हैं, यह इस समावेशी सोच का उदाहरण है।
देवियो और सज्जनो,
साइकिल मानव जीवन का एक मौलिक और लोकतांत्रिक साधन है जो हर किसी के लिए सुलभ है। यह भारत सरकार के LiFE (Lifestyle for Environment) मिशन से पूरी तरह जुड़ा हुआ है, जो हमें सतत जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करता है। 
पिछले दो सौ वर्षों में साइकिल ने अपनी प्रासंगिकता और उपयोगिता को सिद्ध किया है। हालांकि, मोटर चालित परिवहन ने लंबे समय तक प्रभुत्व बनाए रखा है, लेकिन साइकिल ने अपने अपार स्वास्थ्य, पर्यावरणीय और आर्थिक लाभों के कारण वैश्विक स्तर पर अपना सम्मानजनक स्थान बनाए रखा है।
ग्रामीण भारत के लिए यह केवल परिवहन का साधन नहीं, बल्कि जीवन रेखा है। उनके लिए यह स्कूल, कार्यस्थल, बाज़ार और अवसरों तक पहुँचने का एक उपयोगी साधन है। 
देवियो और सज्जनो,
मुझे यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि हमारा लुधियाना शहर उद्योग जगत का एक महत्वपूर्ण केन्द्र है, जिसके चलते इसे ‘भारत का मैनचेस्टर’ कहा जाता है। यहाँ की औद्योगिक इकाइयाँ न केवल पंजाब बल्कि पूरे देश की अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करती हैं। यदि विश्वपटल पर हरित क्रांति के बाद पंजाब को किसी अन्य क्षेत्र में पहचान मिली है, तो वह लुधियाना का साइकिल उद्योग है।
लुधियाना को साइकिल निर्माण की राजधानी भी कहा जाता है, क्योंकि यहाँ भारत की लगभग 90 प्रतिशत साइकिलों का उत्पादन होता है और करीब 4 हजार से अधिक छोटे-बड़े उद्योग प्रतिवर्ष 2 करोड़ से अधिक साइकिलें बनाते हैं। यह हमें चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा साइकिल निर्माता बनाता है, जो हमारे लिए गर्व की बात है। 5 लाख लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से इन उद्योगों से जुड़े हैं, जिससे यह शहर ‘भारत की औद्योगिक धड़कन’ बन गया है। 
हीरो और एवन साइकिल्स जैसी प्रतिष्ठित कंपनियाँ यहीं से अपना उत्पादन करती हैं, जिनकी पहुँच अब अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक है।
लुधियाना शहर ने हमें साइकिल उद्योग से जुड़े उद्योगपतियों सहित और भी बहुत से उद्योगपति दिए हैं जिन्होंने देश-विदेश में राज्य का नाम रोशन किया है। इनमें भारती एंटरप्राइज़िस के संस्थापक श्री सुनील भारती मित्तल, ट्राईडेंट ग्रुप के संस्थापक श्री राजिंदर गुप्ता, हीरो साइकिल्स के संस्थापक स्व. श्री ओम प्रकाश मुंजाल जी, वर्धमान ग्रुप के संस्थापक श्री एस.पी. ओसवाल, एवन साइकिल्स के अध्यक्ष ओंकार सिंह पाहवा जी शामिल हैं। इसके अलावा यहां पर क्रैमिका, किट्टी और बॉन ब्रेड जैसी कंपनियां भी स्थापित हैं।
पंजाब सरकार के सहयोग और प्रयासों ने राज्य को साइकिल के निर्माण, अनुसंधान, विकास, परीक्षण और निर्यात का केंद्र बना दिया है। 
देवियो और सज्जनो,
यहाँ पर मेरा शिक्षण संस्थानों से आग्रह है कि वे अपने विद्यार्थियों में साइक्लिंग को बढ़ावा दें जिससे कि वे इसे अपनी जीवनशैली का अभिन्न अंग बनाएँ। ऐसा करने से हम एक ऐसी नई पीढ़ी का निर्माण कर पाएंगे, जो स्वास्थ्य के प्रति सजग, पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार और सतत विकास के प्रति समर्पित होगी।
मैं साइकिल उद्योग और उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) से आग्रह करता हूँ कि वे हल्के, उच्च गुणवत्ता वाले साइकिल मॉडल विकसित करने में सहयोग दें और साइकिल-टू-वर्क जैसे कार्यक्रमों को बढ़ावा दें। 
साइकिलिंग को बढ़ावा देने के लिए उपयुक्त बुनियादी ढाँचा तैयार करना समय की माँग है। इस दिशा में चंडीगढ़ एक मिसाल प्रस्तुत करता है। यहाँ 200 किलोमीटर से अधिक का समर्पित साइकिल ट्रैक नेटवर्क उपलब्ध है और उत्तरी भारत का सबसे बड़ा पब्लिक बाइक शेयरिंग सिस्टम भी शहरवासियों को प्रदान किया गया है। यही कारण है कि चंडीगढ़ को आज निस्संदेह एक साइकिल-अनुकूल शहर कहा जा सकता है।
इसी संदर्भ में, मैं पंजाब सरकार से आह्वान करता हूँ कि वे चंडीगढ़ के इस साइकिल-अनुकूल मॉडल को पंजाब के पवित्र शहर अमृतसर सहित राज्य के अन्य प्रमुख शहरों में भी लागू करें, ताकि सतत और स्वस्थ शहरी जीवनशैली को बढ़ावा दिया जा सके।
मित्रो, 
मेरा यहां पर आप सभी से एक विनम्र अनुरोध कि आप विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाए रखते हुए हमारे प्राकृति संसाधनों हवा, पानी और मिट्टी को प्रदूषित होने से बचाएं। 
यहां मैं हमारे लुधियाना शहर से गुजरने वाले बुढ्ढा नाला का उल्लेख करना चाहूंगा। यह पंजाब और विशेषकर लुधियाना के लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। मेरा आप सभी से आग्रह है कि इस नाले में उद्योगों के गंदे पानी को जाने से रोकें और पर्यावरण को दूषित होने से बचाएं।
इसके लिए आप उद्योग से निकलने वाले अपशिष्ट जल को सीधे नदी-नालों में छोड़ने के बजाय उसका समुचित उपचार करें, ताकि उसे पुनः उपयोग योग्य बनाया जा सके। इस प्रकार शुद्ध किया गया जल कृषि, उद्योगों की अन्य आवश्यकताओं या भू-जल पुनर्भरण जैसे कार्यों में इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे न केवल पर्यावरण प्रदूषण घटेगा बल्कि जल संरक्षण का भी मार्ग प्रशस्त होगा।
मित्रो, पंजाब की धरती उन महान गुरूओं की धरती है जिन्होंने सदियों पहले ही हमें हमारे पर्यावरण के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण को हमेशा लोकहित के लिए अनवार्य बताया। मैं समझता हूं कि पंजाब यदि हरित-क्रांति और साइकिल क्रांति में अग्रणी भूमिका निभा सकता है, तो मुझे पूर्ण विश्वास है कि यह पर्यावरण संरक्षण क्रांति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
पर्यावरण संरक्षण के माध्यम से हम आने वाली पीढ़ियों का भविष्य सुरक्षित, स्वस्थ और सशक्त बना सकते हैं। यदि हमारे युवा शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ तथा तंदुरुस्त होंगे, तभी वे राष्ट्र निर्माण में अपना सर्वोत्तम योगदान दे पाएंगे। और तभी हम सब मिलकर हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के विकसित भारत 2047 के सपने को वास्तविकता में बदल पाएंगे। 
मुझे विश्वास है कि सामूहिक प्रयास, नवाचार और साझा दृष्टि से हम पंजाब और भारत को एक उज्ज्वल और हरित भविष्य की ओर ले जाएंगे। 
आइए, हम सब मिलकर यह संकल्प लें कि भारत सरकार के फिट इंडिया कार्यक्रम के ‘फिटनेस की डोज़ आधा घंटा रोज़’ अभियान के अन्तर्गत प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट शारीरिक गतिविधि को अपने जीवन का हिस्सा बनाएँ।
आइए, हम सब मिलकर साइकिल की ओर लौटें और सतत विकास की ओर बढ़ें।        
धन्यवाद, 
जय हिंद!