SPEECH OF HON'BLE GOVERNOR PUNJAB AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH, SHRI BANWARILAL PUROHIT ON THE OCCASION OF CHIEF GUEST AT THE ATTESTATION-CUM-PASSING OUT PARADE STC, BSF KHARKAN CAMP, HOSHIARPUR ON MARCH 21, 2022

  • PRB
  • 2022-03-21 18:30

नमस्कार

दीक्षान्त परेड में भाग लेने वाली महिला नव-आरक्षक, परेड देखने वाले अतिथि, बीएसएफ के अधिकारी, अधीनस्थ अधिकारी, तथा अन्य रैंक, परिवार और प्यारे बच्चों।

यहां आपके बीच उपस्थित होकर और इस परेड का अवलोकन करते हुए मुझे अत्यंत हर्ष हो रहा है। सीमा सुरक्षा बल के नव-आरक्षकों के रूप में आपके जीवन में एक नई भोर की शुरुआत हो रही है।

आगे बढ़ने से पहले मैं आप सभी को उत्कृष्ट परेड के लिए बधाई देता हूं।

आज मैंने जो परेड देखी, वह युवा महिला नव-आरक्षकों के कौशल, समन्वय और आत्मविश्वास का उत्कृष्ट प्रदर्शन है। 44 सप्ताह के कठिन प्रशिक्षण से गुजरकर आज आप देशसेवा के लिए पूर्ण रूप से तैयार हैं।

पासिंगआउट परेड के दौरान आपका उत्साह एवं उत्कृष्ट ड्रिल आपकी कड़ी मेहनत और आपके उच्च प्रशिक्षण स्तर को दर्शाती है जो आपको कुशल महिला प्रहरियों के रूप में ढालने में लगी है।

मैं जब कभी भी ऐसे किसी सैन्य परेड का साक्षी बनता हूं तो मेरी रग-रग में हमारे शानदार सशस्त्र बलों और हमारे महान देश, भारत के प्रति एक नया जोश व उत्साह उमड़ने लगता है।

अब आप कठिनाइयों से भरे मार्ग पर चलने कौ तैयार हैं। अत्यंत चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में सैनिकों का नेतृत्व करने हेतु आवश्यक मानसिक और शारीरिक कौशल से लैस होने के लिए आप कठिन प्रशिक्षण से गुजरे हैं।

मैं आपको यह बताना चाहता हूं कि आपकी मातृ संस्था ने आपको जो कुछ भी सिखाया है, ऑनर कोड ;भ्वदवनत ब्वकमद्ध उन सबसे बढ़कर व अधिक महत्वपूर्ण हैं।

आपका सम्मान और सत्यनिष्ठा केवल आपकी ही नहीं हैं; हमेशा याद रखें कि एक अरब से अधिक भारतीय हर पल आपको पूर्ण आदर और सम्मान के साथ देख रहे हैं। वे आपसे देश के कठिनाई भरे समय के दौरान पूर्णतः तैयार रहने की उम्मीद लगाए बैठे हैं।

अब आप अपनी यूनिटों में जाएंगे और चुनौतीपूर्ण माहौल में मातृभूमि की सेवा करने का अवसर प्राप्त करेंगे। आपको जो प्रशिक्षण मिला है और प्रशिक्षण के दौरान आपने जो प्रयास किए हैं, वे कर्तव्यों का पालन करते समय हमेशा आपके साथ खडे़ रहेंगे।

मुझे बताया गया है कि इस वर्ष के पहले बैच में आज 451 महिला नव-आरक्षक पासआउट हो रहे हैं। पास आउट होने वाली महिला नव-आरक्षक पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, नागालैंड, बिहार, गुजरात, जम्मू, दिल्ली, मणिपुर और मिजोरम आदि राज्यों से हैं। आपके रूप में मुझे आज सूक्ष्म भारत के दर्शन हो रहे हैं।

जानता हूं कि आप सभी महिला नव-आरक्षकों ने अप्रैल 2021 में प्रशिक्षण में शामिल होने पर कोविड-19 की अत्यन्त कठिन अवधि का सामना किया परन्तु आपके धैर्य तथा अनुदेशकों के दृढ़ संकल्प ने आपके साहस और प्रयासांे को बाधित नहीं होने दिया और सभी नवआरक्षकों ने अपने प्रशिक्षण कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक पूर्ण किया। आपने शारीरिक प्रशिक्षण, हथियार प्रशिक्षण, सैन्य रणनीति में प्रशिक्षण, सीमा निगरानी, कानून और मानवाधिकार आदि विषयों संबंधी प्रशिक्षण हासिल किया। आपको अंतर्राष्ट्रीय सीमा की ड्यूटियों का व्यावहारिक प्रशिक्षण और वन शिविर प्रशिक्षण का एक्सपोजर भी दिया गया और सीमा चौकी के कामकाज के व्यावहारिक पहलुओं के बारे में बताया गया।

21वीं सदी अपने साथ विभिन्न प्रकार की चुनौतीयां लेकर आई है। हालांकि अशांति और अनिश्चितता मानव जाति के इतिहास में हमेशा से रही है, लेकिन इस सदी में बहुत ही द्वेषपूर्ण प्रकृति वाली अराजकता और संघर्ष देखने को मिल रहा है।

अब भारत को पहले से कहीं अधिक युवा पुरुषों और महिलाओं की आवश्यकता है जो कठिन समय में देश को सही दिशा प्रदान कर कर सकें और अपनी मातृभूमि की सेवा में अपनी जान की परवाह किए बिना अथक और निस्वार्थ भाव से काम कर सकें।

आपकी क्षमता की कड़ी परीक्षा ली जाएगी। जब आप कभी दुर्गम बाधाओं से जूझ रहे हों, तो उस समय याद रखना कि आपके युवा और बहादुर कंधों पर करोड़ों लोगों की उम्मीदें टिकी हुई हैं।

दुनिया के सबसे बडे़ और श्रेष्ठ सीमा सुरक्षा बल का सदस्य होना आपके लिए बहुत ही गर्व और सम्मान की बात होनी चाहिए। इस क्षेत्र में सुरक्षा परिदृश्य बहुत गतिशील है और हमारे विरोधियों और सीमा पार अपराधियों द्वारा प्रतिदिन दी जा रही नई चुनौतियों का सामना हमारे बलों द्वारा किया जाता है। इन चुनौतियों के बावजूद, बहादुर प्रहरी दिन-रात हमारी सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं और हमारे देश और समाज को नुकसान पहुंचाने के लिए नशा तस्करों और घुसपैठियों के खिलाफ लगातार अभियान चला रहे हैं।

बीएसएफ ने शांति के साथ-साथ युद्ध के दौरान भी अपना शानदार योगदान दिया है। अधिकांश सीमा प्रहरी कठिन और दूरदराज क्षेत्रों में सेवा करते हैं तथा सैंकड़ों सीमा प्रहरीयों ने देश की रक्षा हेतू अपने प्राण न्यौछावर किए हैं। राष्ट्र ऐसे वीरों के सर्वोच्च बलिदान के लिए कृतज्ञ रहेगा।

कश्मीर में नियंत्रण रेखा से लेकर गुजरात में कच्छ के दुर्गमरण, राजस्थान के कठोर तपते रेगिस्तान और अत्यधिक संवेदनशील जम्मू और पंजाब की सीमाओं तक, सीमा प्रहरी प्रतिदिन विषम परिस्थितियों से जूझते रहते हैं। सीमा सुरक्षा बल ने प्रशासन की सहायता में और आंतरिक सुरक्षा कर्तव्यों पर भी असाधारण रूप से उत्कृष्ट और अविस्मरणीय प्रर्दशन किया है।

इस तरह के एक पेशेवर बल के सदस्यों के रूप में आपको अपने युवा कंधों पर दुर्जेय विरासत को आगे बढ़ाना होगा। महिला होने के नाते, यह वास्तव में आपके लिए बहुत चुनौतीपूर्ण होगा। आपका मनोबल, प्रेरणा और दृढ़संकल्प देखकर मुझे विश्वास है कि महिला योद्धा के रूप में आप आने वाले समय में देश को गौरवान्वित करेंगी।

मैं युवा नव-आरक्षकों में पदक विजेताओं और उपलब्धि हासिल करने वालों को उनके सराहनीय प्रदर्शन के लिए बधाई देता हूँ। आपके मज़बूत हौसलों के सहारे सीमा सुरक्षा बल और भी अधिक ऊंचाइयों को छू सकता है।

अंत में, मैं महानिरीक्षक और उनके अधिकारियों की टीम को आत्मविश्वास से भरी अनुशासित और कुशल महिला सीमा प्रहरियों को इस रूप में ढालने के उद्देश्य को प्राप्त करने में उनके सफल प्रयासों के लिए बधाई देता हूँ। हर्ष की बात है कि आपका बैच उस समय पास आउट हो रहा है जब हमारी आज़ादी के 75वें वर्ष को समर्पित ‘‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’’ मनाया जा रहा है।

मित्रों,

कोई देश तभी अपनी संस्कृति को आगे बढ़ा सकता है और प्रोत्साहित कर सकता है जब वह सुरक्षित हो; आप देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले रक्षक हो और देश को आप पर गर्व है।

मैं ईश्वर से आपके सफल सेवाकाल और उज्जवल भविष्य के लिए प्रार्थना करता हूँ।

धन्यवाद

जय हिन्द।