74वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर पंजाब के राज्यपाल श्री बनवारीलाल पुरोहित द्वारा दिए जाने वाला भाषण

  • गणतंत्र दिवस के इस पावन पर्व पर मैं सभी भारत वासियों और ख़ासतौर पर समस्त पंजाब व चंडीगढ़ के भाईयों एवं बहनों को बधाई देता हूँ।
  • गणतंत्र दिवस हम सभी के लिए अपने राष्ट्र और अपनी संप्रभुता का जश्न मनाने और सम्मान करने का दिन है। यह उन लाखों स्वतंत्रता सेनानियों के भारी प्रयासों और बलिदानों को कृतज्ञता के साथ याद करने का दिन है जिनके खून और पसीने ने हमें आजादी दिलाई और हमारे गणतंत्र का निर्माण किया।
  • डॉ. बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर , सुभाष चन्द्र बोस , सरदार वल्लभभाई पटेल , पं. जवाहरलाल नेहरू , डॉ. राजेन्द्र प्रसाद और लाखों भारतवासियों ने भारत को आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। इन सभी को मैं नमन करता हूं। शहीद भगत सिंह , चन्द्रशेखर आजाद , करतार सिंह सराभा , मदन लाल ढींगरा जैसे कई युवा आजादी के आंदोलन में शहीद हुए थे। इन सभी शहीदों को नमन करते हुए मैं उनका पुण्य स्मरण करता हूँ।
  • हमारा लोकतंत्र विश्व का सबसे बड़ा और जीवंत लोकतंत्र है। हमारे इस महान लोकतंत्र का आधार है - हमारा संविधान। आज इस अवसर पर मैं संविधान सभा के सभी सदस्यों को भी आदरांजलि देता हूँ।
  • हमारा संविधान लोकतंत्र का एक पवित्र ग्रंथ है जो हम सभी के लिए एक मार्गदर्शक है। हमारा कर्तव्य है कि हम इसका पूरा सम्मान करें क्योंकि संविधान किसी भी राष्ट्र की शासन प्रणाली का मज़बूत आधार होता है। यह शासन की प्रकृति और प्रक्रिया को परिभाषित करता है। इसी के माध्यम से विभिन्न संस्थाओं की स्थापना और उनके कामकाज के नियम निर्धारित किए जाते हैं।
  • हर एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि अपना पद संभालने से पहले संविधन की शपथ लेता है चाहे वह प्रधानमंत्री हो, मुख्यमंत्री हो या फिर लोकसभा या विधानसभा का सदस्य हो। मैं पंजाब के सभी निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से आह्वान करूंगा की वे संविधान के अनुसार अपने कार्यों व कर्तव्यों का निर्वहन करें। और मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि संविधान का उल्लंघन करने वालों को दण्डित किया जाना चाहिए। हमारा संविधान अनेकों शाश्वत मूल्यों को अपने आप में समाए हुए है, जो हमारे मार्गदर्शक सिद्धांत हैं। हमें संविधान में निहित मूल्यों को अत्याधिक सावधानी और सतर्कता के साथ संरक्षित करने की आवश्यकता है।
  • डॉ. अम्बेडकर ने कहा था और मैं उनके शब्दों को दोहराता हूं: ‘‘मैं समझता हूं कि संविधान चाहे कितना अच्छा हो, वह बुरा साबित हो सकता है, यदि उसका अनुसरण करने वाले लोग बुरे हों। एक संविधान चाहे कितना बुरा हो, वह अच्छा साबित हो सकता है, यदि उसका पालन करने वाले लोग अच्छे हों”। बाबा साहेब संविधानिक नैतिकता यानि Consitutional Morality पर बहुत जोर देते थे। मैं इसी का अनुसरण करने के लिए सभी जनप्रतिनिधियों से आह्वान करता हूं।
  • पंजाब की बात करूं तो पंजाब की भूमि का क्या कहना? पंजाब का एक अपना ही स्थान है, अपने राष्ट्रगीत में भी पंजाब पहले आता है - पंजाब, सिंध, गुजरात, मराठा। यह खूबसूरत धरती न केवल पांच नदियों चिनाब, रावी, ब्यास, सतलुज व झेलम की धरती है बल्कि यहां एक छठी नदी भी बही थी जो बलिदान की है।
  • यह धरती बाबा राम सिंह व कूका लहर की है; यह धरती बाबा सोहन सिंह भखना व गदरी बाबों की है। जालंधर की बात करें तो इस धरती ने हमें अनेक वीर योद्धा दिए हैं। गदरी बाबा करम सिंह चीमा , मास्टर काबल सिंह गोबिन्दपुरी , शहीद किशन सिंह गड़गज्ज , मास्टर मोता सिंह पातरा , शहीद बंता सिंह संघवाल , डॉ. रूढ़ सिंह , शहीद बलवंत सिंह और खुड़दपुर के रंगा सिंह के नामों से आप सब परिचित हैं।
  • बहादुरी पंजाब वासियों को विरासत में मिली है - यह तो उनकी जन्मघुंटी है। सिख गुरू साहिबानों ने बलिदान का ऐसा उदाहरण पेश किया जो संसार के इतिहास में बेमिसाल है।
  • श्री गुरू अर्जुन देव जी सिख धर्म के पहले बलिदानी जिन्हें शहीद-ए-सरताज भी कहा जाता है। मुग़ल सम्राट जहांगीर ने श्री गुरू अर्जुन देव जी को तपते हुए तवे पर बिठाकर यातनाएं दीं परन्तु उन्होंने धर्म के मार्ग पर अडिग रहते हुए अपनी शहादत दे दी।
  • श्री गुरू गोबिन्द सिंह जी के पिता श्री गुरू तेग़ बहादुर जी जिन्हें ‘हिन्द की चादर’भी कहा जाता है, ने भी धर्म व मानवीय अधिकारों की रक्षा हेतु अपने प्राण न्यौछावर किए। मुग़ल सम्राट औरंगजेब ने अत्यंत क्रूरता से सरेआम उनका धड़ सिर से अलग कर दिया।
  • श्री गुरू गोबिंद सिंह जिन्हें ‘सरबन्स दानी’भी कहा जाता है, ने देश व धर्म की रक्षा के लिए अपने चारों पुत्र कुर्बान कर दिये (6, 9, 13 व 17 साल आयु के)। उन्होंने अपने पुत्रों की शहादत पर कहा था,

इन पुतरन के सीस पर , वार दिए सुत चार।

चार मुए तो क्या हुआ , जीवित कई हज़ार ।।

  • गुरू साहिबानों के रास्ते पर चलकर पंजाब के बेटे-बेटियां आज भी बड़ी तादाद में सेना में शामिल होकर देश की सुरक्षा में बढ़-चढ़ कर योगदान दे रहे हैं।
  • मैं आशा करता हूं कि हमारे प्रदेश से देश को बड़ी तादाद में अग्निवीर मिलेंगे। बल्कि मैं तो देश की तीनों सेनाओं में पंजाब की महिला अग्निवीरों को भी अग्रणी देखना चाहता हूं। हमारे प्रदेश का इतिहास वीरांगनाओं से भरा पड़ा है। चाहे वो गदर पार्टी की बीबी गुलाब कौर हो या अंग्रेज साम्राज्य से बहादुरी से लोहा लेने वाली महारानी जींद कौर हो, सदा कौर हो या माई भागो हो।
  • पंजाब ने न सिर्फ बलिदानों का इतिहास रचा है बल्कि यहां के किसानों ने अनथक मेहनत करके हरित क्रांति लाकर देशवासियों का पेट भरा।
  • वह भी एक जमाना था जब 35 करोड़ जनसंख्या के लिए भी अनाज की कमी थी। अमेरिका से पीएल-480 स्कीम के तहत हासिल निम्न श्रेणी (खराब किस्म) का लाल गेहूं खाने को बाध्य थे। आज हमारी जनसंख्या 135 करोड़ है, उस जनसंख्या के लिए हमारे पास भरपूर अनाज है और इतना ही नहीं निर्यात भी करते हैं। इस उपलब्धि में पंजाब का बड़ा हिस्सा है।

भाइयो और बहनो,

  • हमारा लोकतंत्र दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र ही नहीं है, परिपक्व लोकतंत्र भी है। देश ने राजनैतिक व नागरिक स्वतंत्रता का लम्बा सफर तय किया है।
  • माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने हम सभी भारतीयों से एक ऐसे नये भारत के निर्माण का संकल्प लेने को कहा है जिसमें प्रत्येक भारतीय को साथ लेकर चलने और सबके लिए विकास के खुले अवसर मुहैया करने की क्षमता हो और जो सांसारिक स्तर पर एक मज़बूत देश के तौर पर गर्व के साथ सिर ऊँचा करके अपना स्थान ले सके।
  • आजादी के 100 वर्ष - आज़ादी के अमृतकाल की ओर अग्रसर होते हुए हमें अपने इन प्रयासों को पूरी लगन व तनमयता से करने की ज़रूरत है ताकि आने वाली पीढ़ी शक्तिशाली भारत के वासी होने पर गौरवान्वित महसूस कर सके।

भाईयों और बहनों,

  • लोकतंत्र की सफलता की कुंजी सुशासन में है; गण के प्रति तंत्र की जवाबदेही में है।
  • गण के प्रति तंत्र की जिम्मेदारी को समझना और उसे पूरा करना सरकार का कर्त्तव्य है। मुझे विश्वास है कि राज्य सरकार प्रदेश को खुशहाल बनाने और तरक्की की राह पर तेजी से आगे बढ़ाने के साथ अपने इस कर्त्तव्य का भरपूर निर्वहन करेगी और एक पारदर्शी , संविधाननिष्ठ और संवेदनशील , भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन की स्थापना करेगी।

बन्धुओं,

  • भ्रष्टाचार घुन की तरह हमारे समाज को खोखला करता है। यह हमारे लोकतंत्र, गणतंत्र व संविधान में निहित मूल्यों पर आघात करता है और देश के लिए प्राण न्यौछावर करने वालों के बलिदानों को धुमिल करता है, अपमानित करता है, ऐसा मेरा मानना है।
  • जोश मलीहाबादी ने कहा थाः

भूलकर भी जो कोई लेता है रिश्वत , चोर है

आज कौमी पागलों में रात दिन ये शोर है।

  • इस नव-वर्ष पर मैंने पंजाब व पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ में तैनात सभी आई.ए.एस. व आई.पी.एस. अधिकारियों, जिनकी संख्या लगभग 350 है, को स्वयं पत्र लिखा। अपने हस्ताक्षरित पत्र के साथ मैंने भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के विजीलेंस जागरूकता सप्ताह दौरान दिए गए भाषण की प्रति भी संलग्न की जिसमें उन्हें स्वच्छ, पारदर्शी, भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन का संकल्प लेने का आह्वान किया। मैंने उन्हें प्रशासन में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करने को कहा है।
  • यहां मैं आज आप लोगों से आग्रह करूंगा कि भ्रष्टाचार रूपी रोग का अन्त करने के लिए भरपूर प्रयत्न करें। यह राष्ट्र सेवा है, इसमें अपना योगदान दें। विदेशी शासकों से आज़ादी दिलवाने में पंजाब का बहुत बड़ा योगदान है; भ्रष्टाचार व भ्रष्टाचारियों को रोकने में भी पंजाब के लोग मिसाल कायम करें, यह मेरी आप सब से अपेक्षा है और अनुरोध भी।
  • जालंधर की धरती पर खड़े होकर आपको संबोधन करते हुए हक और सच के लिए आप लोगों द्वारा आवाज़ बुलन्द करने की मेरी अपेक्षा और भी बढ़ जाती है क्योंकि जालंधर तो अखबारों का केन्द्र है। पंजाब के अलावा हिमाचाल, हरियाणा आदि अनेक प्रदेशों में यहां से अखबार जाते हैं। जालंधर के पास कलम की ताकत है।
  • मैं अपेक्षा करता हूं कि यहां का मीडिया समुदाय पत्रकारिता के उच्चतम मूल्यों का पलन करते हुए निष्पक्षता, सत्यता, निर्भीकता से कार्य करेगा और सभी तरह की बुराईयों पर प्रहार करेगा एवं लोगों के विचार, उनकी आवाज़ को बुलन्द करेगा।
  • हमारा देश, जो अनंतकाल से महापुरूषों की धरती रहा है, वहां सच्चाई का अस्तित्व बने रहना अत्यंत अनिवार्य है। हम ’सत्यमेव जयते’ के सिद्धांत का अनुसरण करते हैं, जो हमारे राष्ट्रीय चिन्ह में अंकित है। इसका अर्थ है ’सत्य की हमेशा जीत होती है’। हमारे शास्त्र कहते हैं: “ईश्वर सत्य है और सत्य ही ईश्वर है”। हमें हमेशा सच्चाई के लिए खड़ा होना चाहिए तभी हमारी जीत हो सकती है। सत्य ही हमारी प्रगति का एकमात्र आधार है। ब्रह्मांड की शुरुआत में सत्य था और अंत में भी केवल सत्य ही रहेगा और वही हमारे अस्तित्व का आधार है। स्वामी विवेकानंद ने एक बार कहा था, “सत्य के लिए आप हर चीज़ से छुटकारा पा सकते हैं, लेकिन आप सत्य से छुटकारा नहीं पा सकते”।

बन्धुओं,

  • आज राज्य में कई चुनौतियां हैं जिसका सामना संकल्पबद्धता के साथ किया जाना आवश्यक है।
  • प्रदेश में शिक्षा, स्वास्थ्य, बच्चों को पोषण, बेरोजगारों को रोजगार देने के क्षेत्र में तेजी से काम करने की जरूरत है।
  • वर्तमान में नगरीय क्षेत्र तेजी से बढ़ता जा रहा है। नगरों के बेतरतीब विकास और असंतुलित नियोजन से संसाधनों का अपव्यय बढ़ा है। प्रदेश सरकार को इस स्थिति को दूर कर शहरों को मूलभूत बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता के साथ आधुनिक सुविधाओं से लैस कर नगरीय विकास को सुसंगत आयाम देने के लिए काम करते रहना चाहिए।
  • शहरीकरण की दौड़ के बावजूद हमारा प्रदेश आज भी गांवों में बसता है। राज्य सरकार को गांवों और गांववासियों विशेषकर किसानों के हितों को अभूतपूर्व प्राथमिकता देना अनिवार्य है।
  • कृषि हमारे प्रदेश के विकास का मूल आधार है। अन्नदाता किसान को खेती-किसानी की सभी संभव सुविधाएँ और उनकी उपज का वाजिब मूल्य दिलाने के लिए सरकार संकल्पित है। किसान का सशक्तिकरण सच्चे अर्थों में सार्थक हो और उसकी खेती न केवल लाभ का धंधा बने बल्कि खाद-बीज की खरीदी, उपज के विक्रय, फसल नुकसानी पर राहत और शासन-प्रशासन में उसके रोजमर्रा के काम समय पर निराकृत हों। इस दिशा में सभी स्तर पर समुचित व्यवस्थाएँ बनें।
  • व्यापार और उद्योग का विकास प्रदेश की एक अन्य प्राथमिकता है। इसके लिए प्रदेश सरकार सुविचारित नीतियाँ बनाकर प्रदेश के ढांचागत विकास को ऐसा रूप दे कि निवेशक प्रदेश में औद्योगिक निवेश के लिए स्वयं आगे आयें। औद्योगिक विकास का फायदा प्रदेश को और प्रदेश के बेरोजगारों को मिले।
  • उद्योग की बात करते हुए खुशी और गर्व होता है कि जालंधर की स्पोर्ट्स गुड्स इण्डस्ट्री ने दुनिया भर में अपनी पहचान बनाई है। यहां के बने स्पोर्ट्स गुड्स विदेशों में निर्यात किए जाते हैं और उनका प्रयोग ओलम्पिक खेलों में भी हुआ। इस शहर ने देश को कई नामवर ओलम्पिक खिलाड़ी दिए। यहां का संसारपुर गांव तो संसार भर में ‘हॉकी की नर्सरी’के रूप में जाना जाता है। यहां की लैदर एवं हैंड टूल्स इण्डस्ट्री व हैल्थ केयर के क्षेत्र में मौजूद वर्ल्डक्लास हॉस्पिटल्स भी शहर की शान हैं।
  • यहां पर मौजूद जंग-ए-आज़ादी स्मारक स्वतंत्रता संग्राम, संघर्ष व स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को बहुत ही खूबसूरती से पेश करता है और आने वाली पीढ़ियों को देश की आज़ादी के लिए किये गये संघर्ष की गाथा से परिचित करवाने में अहम योगदान दे रहा है।
  • इस शहर की तो बात ही निराली है। चाहे देवी तालाब मन्दिर हो, बाबा सोडल मेला हो , गदरी बाबेयां दा मेला हो या फिर श्री हरिवल्लभ संगीत सम्मेलन हो , इनमें शामिल होकर मन प्रसन्न हो जाता है और कार्य निर्वाहन में एक नवीन स्फूर्ति का अनुभव होता है।

भाईयो और बहनों,

  • अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़े वर्गों, अल्पसंख्यकों और खासतौर से हमारे प्रदेश की महिलाएं, हमारी बहनें, इन सभी के सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक और शैक्षिक सशक्तिकरण को सरकार एक चुनौती के रूप में लेना चाहिए। प्रयास यह रहे कि इन वर्गों के सहयोग से सरकार एक ऐसा वातावरण बनाये जिसमें यह सभी न केवल समाज की मुख्य-धारा में शामिल हों, बल्कि सरकार के सहयोग से अपनी नियति और प्रगति भी तय करें।
  • पंजाब को महिलाओं की सुरक्षा, बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य के पर्याप्त इंतजाम, भ्रष्टाचार मुक्त शासन-प्रशासन व नशीले पदार्थों की रोकथाम से आने वाले वर्षों में एक सुशासित प्रदेश के रूप में पहचान मिले, यह मेरी मनोकामना है।
  • पंजाब के छह सरहदी जिलों के बारे में मैं अत्यंत चिंतित हूं क्योंकि आए दिन सीमा पार से बड़ी तादाद में हथियार और नशीले पदार्थों की तस्करी की खबरें मिलती हैं।
  • देश व अपने प्रदेश की आंतरिक सुरक्षा के लिए न सिर्फ पुलिस बल्कि हम सबको भी सजग रहना होगा।

भाईयों और बहनों,

  • मैं आप सबको याद दिलाना चाहूंगा कि हमारा संविधान जहां हमें मौलिक अधिकार प्रदान करता है वहीं उसने हमारे कर्तव्यों को भी रेखांकित किया है। आज जरूरत यह है कि अपने कर्तव्यों और देश के प्रति दायित्वों का निर्वहन करने के लिए प्रतिबद्ध हों।
  • एक सच्चा गणतंत्र वही होता है, जिसमें अगर तंत्र की जिम्मेदारियाँ हैं तो गण की भी। सफल गणतांत्रिक व्यवस्था में गण और तंत्र दोनों का एक समुच्चय बनना चाहिए।

बन्धुओं,

  • राष्ट्र निर्माण निरंतर चलने वाली एक प्रक्रिया है। जैसा एक परिवार में होता है, वैसे ही एक राष्ट्र में भी होता है कि एक पीढ़ी अगली पीढ़ी का बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत करती है। जब हमने आज़ादी हासिल की थी, उस समय तक विदेशी साम्राज्यों के शोषण ने हमें घोर गरीबी की स्थिति में डाल दिया था। लेकिन उसके बाद के पचहत्तर वर्षों में हमने प्रभावशाली प्रगति की है। मुझे विश्वास है कि इसी ऊर्जा, आत्म-विश्वास और उद्यमशीलता के साथ हमारा राज्य व देश प्रगति के पथ पर आगे बढ़ता रहेगा।
  • आज भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और इसमें हमारे संविधान की बड़ी भूमिका रही है और रहेगी। आज के दिन हमारा कर्त्तव्य बनता है कि हम एक ऐसे सर्वसमावेशी देश के निर्माण में अपनी भूमिका का निर्वहन करें, जो हमारी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक परंपराओं को अक्षुण्ण बनाये रखते हुए आज के विश्व में अपना स्थान बनायें ।
  • मुझे विश्वास है कि प्रदेशवासी और शासन-प्रशासन, प्रदेश के विकास, प्रगति, तरक्की और खुशहाली के सफर में सहभागिता का नया उदाहरण प्रस्तुत करेंगे।
  • मैं आप सभी को पुनः गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। और आह्वान करता हूं कि ‘‘पगड़ी संभाल जट्टा पगड़ी संभाला ओए!’’ आपके प्रदेश की उन्नति, आपके प्रदेश की प्रगति आपके हाथों में है और आपके प्रदेश की गरिमा के आप प्रहरी हैं; अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति तक विकास की रोशनी पहुंचाने में यथासंभव सहयोग दें।
  • जय शंकर प्रसाद की इन पंक्तियों के साथ मैं अपना संबोधन समाप्त करता हूं:

इस पथ का उद्देश्य नहीं है

श्रान्त भवन में टिक जाना

किन्तु पहुंचना उस सीमा तक

जिसके आगे राह नहीं है।

बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय हिंद !