SPEECH OF HON'BLE GOVERNOR PUNJAB AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH, SHRI BANWARILAL PUROHIT ON THE OCCASION OF ALLENGERS GULLY CRICKET TOURNAMENT 2023 AT CHANDIGARH ON 06TH APRIL, 2023

  • मुझे आप सबके बीच पहुंच कर बहुत आनन्द का अनुभव हो रहा है।
  • पुराने दिनों की यादें ताज़ा हो गईं।
  • 1950 के दशक में जब सड़कों पर ट्रैफिक नहीं होता था, तो हम भी गली क्रिकेट खेलते थे। 
  • डालडा के दो टिनों को एक के ऊपर एक रखकर विकेट का काम लिया जाता था। 
  • या फिर किसी दीवार पर तीन रेखाएं खींच कर या ईंटों का एक दूसरे के ऊपर ढेर लगाकर स्टंप बनाई जाती थी। क्रीज का निशान लगाने के लिए पत्थर या जूते का इस्तेमाल किया जाता था।
  • और यह तो पक्का ही होता था कि जिसका बल्ला होता था पहले बल्लेबाजी वही करता था।
  • छोटे बच्चों ने अपने अजीब नियम बनाए होते थे जैसे - पहली गेंद हमेशा ट्रायल मानी जाती थी, अगर  गेंद पड़ोसी के घर चली जाती तो बल्लेबाज को आउट समझा जाता था, और अगले मैच में विजेता टीम को पहले बल्लेबाजी का मौका मिलता था। 
  • खेल के नियम स्थान और उपलब्ध खिलाड़ियों की संख्या के आधार पर बदलते रहते थे।
  • जब भी कोई वाहन या पैदल यात्री हमारे खेल के बीच से गुज़रता तो खेल रुक जाता, ऐसा होता था हमारा गली क्रिकेट। 
  • हमारे देश में जहां क्रिकेट एक खेल नहीं बल्कि एक जुनून है, अधिकांश बच्चे अपने खाली समय का उपयोग इसे खेलने में करते थे। चाहे वह शहरों में हों, गाँवों में हों या झुग्गी-झोपड़ियों में हों, उपलब्ध संसाधनों से अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का प्रबंधन कर ही लेते थे।
  • यह बैकयार्ड क्रिकेट के रूप में ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका जैसे स्थानों में लोकप्रिय है, जहां घरों में बैकयार्ड हैं। 
  • जबकि गली क्रिकेट मुख्य रूप से उपमहाद्वीप के देशों, अर्थात् भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका, या अन्य देशों में खेला जाता है जहां खुली जगहों की कमी है।
  • अब इसका डिजिटल युग को दोष दें या किसी और को, इन दिनों शायद ही कभी बच्चों को गली क्रिकेट खेलते हुए देखा जाता है, जोकि थोड़ा निराशाजनक है।
  • परन्तु बच्चों और युवाओं को ड्रग्स और असामाजिक तत्वों से दूर रखने और उन्हें क्रिकेट से जोड़ने के अनूठे प्रयास के तहत यू.टी. क्रिकेट एसोसिएशन और चंडीगढ़ पुलिस द्वारा ‘एलेंजर्स गली क्रिकेट टूर्नामेंट’ शुरू किया जाना सराहनीय है।
  • 14 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के लड़कों और नौवीं से बारहवीं कक्षा के लड़कों को टूर्नामेंट में खेलने का मौका दिया जा रहा है। लगभग 238 टीमों का प्रतिनिधित्व करने वाले लगभग 2,800 बच्चे इस पहल से लाभान्वित होंगे।
  • मुझे लगता है यह आयोजन चंडीगढ़ और उसके आसपास की कॉलोनियों और गांवों के युवाओं को खेलों में भाग लेने के लिए प्रेरित करेगा।
  • आशा करता हूं कि यह आयोजन पूर्ण तौर पर सफलता हासिल करे और यह नियमित रूप से आयोजित होने वाला वार्षिक इवेंट बने।
  • बन्धुओं,
  • प्रौद्योगिकी ने हमारी फिटनेस की आदत छीन ली है। आज हम अपनी परंपरागत कार्यप्रणालियों और जीवनशैली से अनभिज्ञ हो गए हैं, जो हमें स्वस्थ रख सकती हैं। पहले एक व्यक्ति कई किलोमीटर पैदल अथवा साइकिल पर चलता था, आज मोबाइल ऐप हमें बताता है कि हम कितने कदम चले हैं।
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  • दुनिया भर में आज जीवनशैली से जुड़ी बीमारियां बढ़ रही हैं और उससे युवा भी प्रभावित हो रहे हैं। डायबिटीज और हाइपरटेंशन के मामले बढ़ रहे हैं और यहां तक की बच्चों में भी यह बीमारियां देखने को मिल रही हैं। 
  • किसी भी पेशे से जुड़े लोग अपने पेशे में और प्रभावी भूमिका निभा सकते हैं यदि वे मानसिक और शारीरिक रूप से फिट रहे। यदि शरीर फिट है तो आप मानसिक रूप से भी फिट हैं। खेलों का फिटनेस से सीधा संबंध है। 
  • भारत को फिट भारत बनाने के लिए एक स्वस्थ व्यक्ति, एक स्वस्थ परिवार और एक स्वस्थ समाज आवश्यक है।
  • आपका यह आयोजन इस दिशा में भी सहाई होगा। वो पंजाबी में कहते हैं न कि “नाले पुण, नाले फलियां”।
  • खेलों में उत्कृष्टता हासिल करना कोई आसान बात नहीं है। बाधाओं को दूर करने के लिए दृढ़ संकल्प के साथ-साथ घंटों की अथक मेहनत और सटीक योजना की ज़रूरत पड़ती है।
  • आपको एक असाधारण खिलाड़ी बनने के लिए न केवल एक मजबूत शरीर बल्कि एक मजबूत दिमाग और आत्मसंयम की भी आवश्यकता है।
  • मेरा दृढ़ विश्वास है कि खेल हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होना चाहिए। चूंकि वे हमारी शारीरिक फिटनेस में सुधार करते हैं, हमारी ज्ञानात्मक क्षमताओं में सुधार करते हैं और टीम गेम की स्थिति में हमारे सामाजिक कौशल को बढ़ाते हैं।
  • खेलों में भाग लेने से व्यक्ति की एकाग्रता के स्तर में सुधार होता है, टीम वर्क की अवधारणा को बढ़ावा मिलता है और समभाव का दृष्टिकोण विकसित करने में मदद मिलती है।
  • बिना किसी कटुता, दुर्भावना या द्वेष के असफलताओं और असफलताओं को स्वीकार करने के लिए संतुलन आवश्यक है, यह एक ऐसा गुण है जिसे हम ‘खेल भावना’कहते हैं। यह जीवन की सामान्य गुणवत्ता में सुधार करता है।
  • मेरा मानना है कि एक असाधारण खिलाड़ी एक उत्कृष्ट लीडर भी बन सकता है क्योंकि खेलों द्वारा नेतृत्व के गुणों का भी विकास होता है।
  • शांति के लिए नोबेल पुरस्कार विजेता और दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला ने अपने एक भाषण में कहा था, “खेल में दुनिया को बदलने की ताकत है। इसमें प्रेरणा देने का सामर्थ्य है। इसमें लोगों को आपस में जोड़ने की शक्ति है जो बहुत कम देखने को मिलती है। यह युवाओं से उस भाषा में बात करता है जिसे वे समझते हैं। जहां कभी केवल निराशा हुआ करती है, वहां खेल आशा पैदा कर सकता है...”
  • मैं इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए सभी खिलाड़ियों को बधाई देता हूं और यू.टी. क्रिकेट एसोसिएशन, यू.टी. पुलिस और इस टूर्नामेंट के आयोजन में योगदान देने वाले सभी लोगों को बधाई देता हूं।
  • याद रहे, भारत में बहुत सारी छिपी हुई प्रतिभाएं हैं और खेल की दुनिया में देश की क्षमता को प्रदर्शित करने में गली क्रिकेट की बहुत बड़ी भूमिका रही है।
  • खिलाड़ियों से मैं कहना चाहता हूं कि ‘‘सक्सेस स्टार्टस विद एक्शन!’’ यानी, आपने जिस क्षण शुरुआत कर दी, उसी क्षण सफलता की शुरुआत भी हो गई। अगर आप आगे बढ़ने के उत्साह का त्याग नहीं करते, तो जीत आपका पीछा करती रहेगी।
  • आप सभी को आपके भावी प्रयासों के लिए मेरी शुभकामनाएं।

धन्यवाद,

जय हिन्द!