SPEECH OF HON’BLE GOVERNOR OF PUNJAB AND ADMINISTRATOR UNION TERRITORY OF CHANDIGARH, SHRI BANWARI LAL PUROHIT ON THE OCCASION OF WORLD RED CROSS DAY AT CHANDIGARH ON 08TH MAY, 2023

मुझे World Red Cross Day के राज्य स्तरीय समारोह के अवसर पर यहां आप सभी के बीच उपस्थित होकर बहुत खुशी हो रही है।
मैं आज World Red Cross Day के अवसर पर पंजाब और चंडीगढ़ के सभी लोगों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं।
आप सभी जानते हैं कि यह दिवस Red Cross  Movement के संस्थापक Sir Jean Henry Dunant के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
रेड क्रॉस दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे विश्वसनीय, मानवतावादी व लोक-उपकारी संगठन है, जो पूरे विश्व में 192 देशों में पूरी सक्रियता के साथ काम कर रहा है।
पूरे जोश और उत्साह से भरे हुए ना जाने कितने लोग इस संस्था से जुड़े हुए हैं।
मित्रों,
कमजोरों, गरीबों और पीड़ितों की देखभाल करना हमेशा भारत की परंपरा का हिस्सा रहा है।
सेवा और सहयोग के संस्कार हमें विरासत में मिले हैं। ये हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग हैं।
महर्षि वेदव्यास जी ने लोगों की मदद करने की महानता को दो शब्दों में संक्षेप में बताया है - ‘परोपकारः पुण्याय’ - अर्थात, ‘दूसरों का उपकार करने से पुण्य होता है’। 
गोस्वामी तुलसीदास जी ने भी कहा है, ‘‘परहित सरिस धर्म नहीं भाई, परपीड़ा सम नहीं अधमाई” - अर्थात, ‘दूसरों का उपकार करने से पुण्य होता है और दुख देने से पाप’।
हम बुद्ध और महात्मा गांधी जी की भूमि से हैं जिन्होंने अपने कर्मों से दिखाया कि दूसरों के लिए जीने का क्या मतलब है।
मित्रों,
पंजाब वह भूमि है जहां रेड क्रॉस का मूल उद्देश्य यानी बिना भेदभाव के निःस्वार्थ सेवा, का सबसे शानदार उदाहरण देखने को मिला था।
रेड क्रॉस की स्थापना से लगभग 170 वर्ष पूर्व, 10वें गुरु, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के शिष्य भाई घनैया जी ने श्री आनंदपुर साहिब के युद्ध के मैदान में अपने स्वयं की सेना के साथ-साथ दुश्मन सेना के घायल सैनिकों को पानी पिलाकर और उनके घावों पर मरहम लगाकर एक मिसाल कायम की थी। 
युद्ध के मैदान में यह सब देखकर सिख योद्धाओं को बहुत बुरा लगा और उन्होंने गुरु जी से इसकी शिकायत कर दी। तब गुरु जी ने घनैया जी को बुलाकर पूछा कि, ‘‘क्या यह सच है जो मैंने सुना है? क्या आप दुश्मन को पानी पिला रहे हैं?’’, घनैया जी ने उत्तर दिया, ‘‘हे मेरे प्यारे गुरु जी, हाँ यह सच है।, मुझे युद्ध के मैदान पर कोई मुग़ल या सिख नहीं दिखता। मुझे तो सभी इन्सान ही दिखते हैं’’।  घनैया जी के इस उत्तर से गुरु जी बहुत खुश हुए।
उन्होंने बिना किसी जात-पात की भावना के मानवता की सेवा करने का मार्ग दिखाया।
मित्र और शत्रु दोनों के लिए उनकी निस्वार्थ सेवा, रेड क्रॉस आंदोलन की भावना का सच्चा प्रतीक है।
हमें उस पवित्र भूमि से होने पर गर्व है जहां उन्होंने ऐसी महान परंपरा स्थापित की।
इस वर्ष, World Red Cross Day का विषय (theme) “Everything we do comes #fromtheheart” है जिसका अर्थ है, ‘‘हम जो कुछ भी करते हैं दिल से करते हैं”। इस वर्ष के प्रमुख उद्देश्य (aims) हैं:- 
मानवतावाद की भावना का प्रचार करना।
अपने समुदायों में बदलाव लाने वाले व्यक्तियों को मान्यता  प्रदान (recognise) करना।
इसलिए आइए, हम अपने समुदायों में “the person next door” अर्थात अपने पड़ोस में रहने वाले लोगों का सम्मान करें, जो जरूरत पड़ने पर अक्सर सबसे पहले पहुंचते हैं और अपने आसपास के जरूरतमंद लोगों की मदद करते हैं और वे इसे प्यार से और पूरे दिल से करते हैं।
मुझे इस बात की खुशी है कि Punjab State Red Cross Branch और राज्य की विभिन्न District Red Cross Branches मानवता की सेवा के महान मिशन को पूरा करने के लिए सक्रिय रूप से अपनी भूमिका निभा रही हैं।
इनके द्वारा गरीब मरीजों को मुफ्त दवाइयां, विकलांगों को कृत्रिम अंग और योग्य महिलाओं को उपकरण; विभिन्न सेवा केंद्रों जैसे कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए क्लब, कामकाजी महिला छात्रावासों, कृत्रिम अंग फिटिंग केंद्र, नशामुक्ति केंद्र आदि के माध्यम से सेवाओं का प्रावधान; टीबी रोगियों को पोषण किट प्रदान करना और स्वैच्छिक रक्तदान कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
देवियो और सज्जनों,
मनुष्य ने अब तक काफी प्रगति और उन्नति तो कर ली है, पर बावजूद इसके, यह प्राकृतिक आपदाओं की घटनाओं पर काबू नहीं पा सकता।
हालांकि, हम ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को होने से तो नहीं रोक सकते, लेकिन हम निश्चित रूप से मानव जीवन पर पड़ने वाले उनके प्रतिकूल प्रभावों को कम कर सकते हैं।
प्राकृतिक आपदाओं के समय प्रभावी कार्यवाही के लिए National Disaster Response Force भारत की आपदा तैयारियों की अग्रिम पंक्ति है। लेकिन, तत्काल आपदा राहत के लिए efficient local response की आवश्यकता भी होती है। इन स्थितियों में Indian Red Cross Society जैसे स्वयंसेवी-आधारित संगठन बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
स्थानीय स्वयंसेवक, जो स्थानीय परिस्थितियों को बेहतर ढंग से समझते हैं, किसी इलाके में आपदाओं से अधिक प्रभावी ढंग से निपट सकते हैं। 
यह जानकर खुशी हो रही है कि भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी ऐसी चुनौतियों से निपटने के लिए स्थानीय समुदाय के सदस्यों को तैयार कर रही है।
रेडक्रॉस पंजाब के कॉलेजों में Youth Red Cross Wings स्थापित करने का काम कर रहा है और स्कूलों में Junior Red Cross wings के माध्यम से युवाओं में सेवा की भावना को बढ़ावा दे रहा है।
राज्य में रेडक्रॉस द्वारा अपने समर्पित स्वयंसेवकों के माध्यम से कन्या भ्रूण हत्या, एचआईवी/एड्स और प्रदूषण आदि जैसी सामाजिक बुराइयों संबंधी जागरूकता कार्यक्रम के कार्य भी किए जा रहे हैं, जो सराहनीय है।
मैं इस अवसर पर सभी पंजाबियों से आह्वान करना चाहूंगा कि वे अपनी उदारता और दानशीलता की परंपरा को आगे बढ़ाएं और रेड क्रॉस सोसाइटी का सहयोग करें।
मैं चाहूंगा कि जिला कलेक्टर जो जिलों में भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटीयों के अध्यक्ष हैं, वे अधिक सक्रिय हों और भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी के कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।
रेडक्रॉस सोसायटी के कामकाज में शत प्रतिशत पारदर्शिता सुनिश्चित करें।
भ्रष्टाचार मुक्त सेवाएं समय की मांग है और इसे हासिल करने के लिए पूरा प्रयास करें।
मेरी आप सभी से अपेक्षा है कि आप भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी के सात मौलिक सिद्धांतों (Humanity, impartiality, neutrality, independence, voluntary service, unity and universality) का यथावत पालन करेंगे।
मुझे आशा है कि इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी, पंजाब शाखा आने वाले दिनों में सबसे कमजोर व ज़रूरतमंद लोगों की सेवा हेतु और अधिक गतिविधियों का आयोजन करेगी।
मैं अपना संबोधन महात्मा गांधी जी के शब्दों के साथ समाप्त करना चाहूंगा। उन्होंने कहा था, ‘‘खुद को खोजने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप खुद को दूसरों की सेवा में खो दें”।
मेरा विश्वास कीजिए, जो लोग दूसरों की सेवा में अपना जीवन समर्पित करते हैं, उनका जीवन सबसे अधिक सफल होता है।
जैसा कि Helen Keller ने कहा था कि ‘‘अकेले हम कितना कम हासिल कर सकते हैं, साथ मिलकर कितना ज्यादा”।
इसलिए, World Red Cross Day के इस अवसर पर, आइए, हम अपने ज़रूरतमंद भाइयों और बहनों की मदद के लिए रेड क्रॉस के साथ जुड़ें। 
एक बार फिर आप सभी को इस दिन की बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं।
धन्यवाद,
जय हिन्द!