27.05.2023 को नीति आयोग की 8वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक के लिए माननीय प्रशासक, यू.टी. चंडीगढ़़ के लिए भाषण

‘खूबसूरत शहर’ चंडीगढ़ प्रसिद्ध फ्रांसीसी वास्तुकार ली कार्बूजियर द्वारा अपनी अनूठी वास्तुकला और सुनियोजित भूनिर्माण के रूप में डिजाइन किया गया। 
यह एक आधुनिक शहर है जो दो राज्यों, पंजाब और हरियाणा की राजधानी के साथ एक केंद्र शासित प्रदेश है। 
चंडीगढ़ की Planning वास्तुशिल्प योजना, प्राकृतिक पर्यावरण के संरक्षण, खुले स्थानों के साथ सह-अस्तित्व वाली इमारतों के संरक्षण, और शहर भर में बड़े गोल चक्करों के साथ व्यापक सड़क नेटवर्क को सुंदरता और कार्यक्षमता प्रदान करने पर ध्यान केन्द्रित करके की गई है।
MSMEs पर जोर
शहर की Strengths के आधार पर, चंडीगढ़ ने MSMEs में 3 थ्रस्ट सेक्टरों की पहचान की है - Information Technology Enabled Services (ITeS)] Tractor Parts और Needles। इन क्षेत्रों के अलावा, चंडीगढ़ के Service Sector में Software as a Service (SAAS), उपभोक्ता प्रौद्योगिकी, डिजिटल प्रौद्योगिकी, खाद्य प्रसंस्करण, नागरिक प्रौद्योगिकी, अपशिष्ट प्रबंधन आदि जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
उद्योगों के मौजूदा MSME पूल को सुविधाजनक बनाने और मजबूत करने के लिए, केंद्र सरकार की Hub & Spoke योजना के तहत टूल रूम, लुधियाना से समन्वय से चंडीगढ़ औद्योगिक विकास सुविधा केंद्र (IDFC) के पुनर्विकास पर सक्रिय रूप से काम कर रहा है। 
चंडीगढ़ प्रशासन ‘Raising and Accelerating MSMEs Programme’ (RAMP) पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है।
नवोन्मेषी विचारों को नवोदित स्टार्ट-अप्स में विकसित करने के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए, चंडीगढ़ सक्रिय रूप से स्टार्ट-अप नीति जारी करने पर काम कर रहा है।
इन्फ्रास्ट्रक्चर और निवेश
चंडीगढ़ प्रशासन ने 2047 तक ‘विकसित भारत’ के vision को साकार करने के लिए कई प्रयास किए हैं।
चंडीगढ़ प्रशासन शहीद भगत सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे, मोहाली के लिए एक वैकल्पिक मार्ग का निर्माण शुरू करने जा रहा है। पूरा होने पर, चंडीगढ़ से अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की दूरी 11 किमी से घटकर 3.5 किमी रह जाएगी। 
अंतर-राज्य कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए पंजाब को जोड़ने वाली परिधीय सड़कें (पीआर-4 और पीआर-5) जैसी कई परियोजनाएं भी चल रही हैं। 
इसके अलावा, हरियाणा की तरफ रेलवे स्टेशन के पास अतिरिक्त कनेक्टिविटी प्रस्तावित की गई है। 
कनेक्टिंग सड़कों पर भीड़ को कम करने के लिए 2 रोड अंडर ब्रिज और एक रोड ओवर ब्रिज निर्माण की भी योजना बनाई गई है।
परिवहन Infrastructure को और मजबूत करने के लिए, एम/एस. राइट्स को Tri-City की व्यापक गतिशीलता योजना तैयार करने के लिए एक सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया है। 
उनकी रिपोर्ट के अनुसार, मास रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम (METRO) को विभिन्न चरणों (चरण-I से चरण-III) में Tri-City क्षेत्र को कवर करने का प्रस्ताव दिया गया है।
यह रिपोर्ट शहरी मामलों के आवास मंत्रालय, भारत सरकार को पहले ही सहमति के लिए सौंपी जा चुकी है। सहमति के बाद, तदनुसार आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। 
इसके अलावा, गैर-मोटर चालित वाहनों को बढ़ावा देने के लिए, चंडीगढ़ प्रशासन ने पहले से ही प्रकाश व्यवस्था के साथ 220 किलोमीटर के साइकिल ट्रैक का निर्माण किया है और 2047 तक इसकी लंबाई 200 किलोमीटर तक बढ़ाने की योजना बना रहा है। चंडीगढ़ ने 5,000 साइकिलों के साथ भारत की सबसे बड़ी सार्वजनिक बाइक शेयरिंग प्रणाली और 617 डॉकिंग स्टेशन भी स्थापित किए हैं। इस Public Bike Sharing System के 3 चरणों को लॉन्च किया गया है, विश्व साइकिलिंग दिवस, 3 जून, 2023 को 1,250 साइकिलों के साथ अंतिम चरण का शुभारंभ किया जाना है।
पावर इन्फ्रास्ट्रक्चर के संबंध में, अपने सभी नागरिकों के लिए विश्वसनीय पावर ट्रांसमिशन सुनिश्चित करने के लिए मौजूदा 15 ग्रिड सब-स्टेशनों में चार 66 केवी ग्रिड सब-स्टेशनों को जोड़ने सहित कई पावर इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाएं चल रही हैं।
इसके अलावा, अतिरिक्त 66 केवी फीडर लगाने के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों में ओवरहेड हाई और लो टेंशन लाइनों को भूमिगत प्रणाली में बदलने का काम भी किया जा रहा है। 
पारंपरिक ऊर्जा मीटरों को Supervisory Control and Data Acquisition (SCADA) केंद्र से जुड़े स्मार्ट/प्री-पेड मीटरों से बदला जा रहा है। 
मॉडल सोलर सिटी प्रोग्राम के तहत, अब तक कुल क्षमता 55.596 Mega Watt peak (MWp), ग्रिड-से-जुड़े रूफटॉप सोलर पावर प्लांट 4,363 साइटों पर 31 मार्च, 2023 तक, (निजी क्षेत्रों सहित) स्थापित और चालू किए गए हैं। चंडीगढ़ प्रशासन ने 15 अगस्त, 2023 तक ग्रिड से जुड़े रूफटॉप सौर ऊर्जा Plants में 75 एमपी हासिल करने का लक्ष्य रखा है। 
अनुपालन को न्यूनतम करना 
चंडीगढ़ प्रशासन ने ”Ease of Doing Business” और ”Ease of Living” के लिए अनुपालन को न्यूनतम करने के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता तय की है। 
यूटी चंडीगढ़ में विभिन्न हितधारक विभागों में 993 अनुपालन सफलतापूर्वक कम कर दिए गए हैं। कम किए गए इन 993 अनुपालनों में से 597 अनुपालन ”Ease of Living” से संबंधित हैं और शेष 396 अनुपालन ”Ease of Doing Business” से संबंधित हैं। 
नगर निगम चंडीगढ़, प्रदूषण नियंत्रण समिति, आबकारी और कराधान, खाद्य और आपूर्ति और उपभोक्ता मामले और कानूनी मौसम विज्ञान और श्रम विभागों में 383 अनुपालन कम किए गए हैं। 
इसके अतिरिक्त, यूटी चंडीगढ़ एक सिंगल विंडो सिस्टम (SWS) विकसित करने की राह पर है, जो एक ही लॉगिन चैनल के माध्यम से कई विभागों में सेवाएं प्रदान करेगा। विकास के बाद के चरणों में, Single Window System डिजी लॉकर सेवा से जुड़ जाएगा जो उपयोगकर्ता को हर नई सेवा के लिए आवेदन के दौरान आवश्यक दस्तावेजों को फिर से अपलोड करने के अनावश्यक प्रयास से मुक्त कर देगा।
महिला सशक्तिकरण
चंडीगढ़ प्रशासन आर्थिक सशक्तिकरण के साथ-साथ अपनी सभी महिला निवासियों के लिए सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठा रहा है। 
समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की 467 महिलाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। 
महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए एक समर्पित हब का मार्च 2013 से संचालन किया जा रहा है और 55,000 महिलाओं को Gender Sensitization] POCSO आदि जैसे विषयों पर लगभग 850 प्रशिक्षण और कार्यशालाएँ प्रदान की गई हैं।
शहर में सभी कामकाजी महिलाओं और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की छात्राओं को किफायती आवास प्रदान करने के लिए शहर के विभिन्न हिस्सों में 6 कामकाजी महिला छात्रावास स्थापित किए गए हैं। 
कई देखभाल और पुनर्वास केंद्र भी स्थापित किए गए हैं। नारी निकेतन और शक्ति सदन जैसे अन्य संस्थान क्रमशः 25 और 30 निवासियों की क्षमता के साथ, परित्यक्त, निराश्रित, under trial महिलाओं और संरक्षण की आवश्यकता वाली अविवाहित माताओं की संस्थागत देखभाल, सुरक्षा और पुनर्वास सुनिश्चित कर रहे हैं।
हिंसा से प्रभावित महिलाओं का समर्थन करने के लिए सितंबर 2015 से महिलाओं के लिए SAKHI नामक वन स्टॉप सेंटर की स्थापना की गई है। अकेले 2022-23 में ही 56 महिलाओं की समस्याओं का समाधान कर उन्हें उनके परिवारों के साथ बहाल किया गया। 
चंडीगढ़ में महिलाओं को वित्तीय सहायता और पेंशन प्रदान करने के लिए कुछ पहल और योजनाएं भी चल रही हैं। ‘अपनी बेटी अपना धन’ योजना के तहत 5,000/- रुपये ‘चिल्ड्रन करियर प्लान’ में बालिका के नाम पर निवेश किया जाता है। अब तक 166 लाभार्थियों को वित्तीय सहायता मिल चुकी है। विधवाओं और निराश्रित महिलाओं और उनके आश्रित बच्चों को 1,000/- प्रति माह की सहायता भी प्रदान की जा रही है। वर्तमान में इस योजना से 8,713 विधवा एवं निराश्रित महिला (18-60 वर्ष) तथा विधवा एवं निराश्रित महिलाओं के 1,733 आश्रित बच्चों को लाभान्वित किया जा रहा है। इसके अलावा 2022-23 में 41 महिलाओं को प्रत्यक्ष ऋण योजना के माध्यम से लाभान्वित किया गया है। 
शहर के overall workforce में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए कार्यस्थल की सुरक्षा सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है। इसे प्राप्त करने के लिए, चंडीगढ़ प्रशासन ने जिला स्तर पर ‘स्थानीय स्तर की शिकायत समिति’ के अलावा सभी विभागों में ‘आंतरिक शिकायत समितियों’ का गठन किया है।
महिला नागरिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन ने कई पहल की हैं। महिलाओं, बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों और विकलांग व्यक्तियों की सहायता के लिए एक 24x7 महिला एवं बाल हेल्पलाइन (181) टोल-फ्री नंबर चालू किया गया है। 
सभी महिला निवासियों के लिए सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए, चंडीगढ़ की सभी बसों में एक समर्पित पैनिक बटन के साथ 06 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं।
इसके अलावा, चंडीगढ़ पुलिस सभी महिलाओं को रात 11 बजे से सुबह 5 बजे के बीच पिक एंड ड्रॉप की सुविधा दे रही है। इसके लिए रात के समय पीसीआर वाहनों में महिला पुलिस कर्मियों की व्यवस्था की गई है। 
चंडीगढ़ पुलिस ने महिलाओं और बच्चों की शिकायतों को दूर करने के लिए एक समर्पित ‘महिला और बाल सहायता इकाई’ भी स्थापित की है। यह इकाई कानूनी कार्रवाई के माध्यम से परामर्श और राहत प्रदान करती है।
आत्मरक्षा कार्यक्रमों के तहत, SWAYAM टीम विभिन्न स्कूलों/कॉलेजों/संस्थानों में नियमित कार्यक्रम आयोजित करती है और उन्हें उनकी सुरक्षा के लिए प्रशिक्षित करती है।
चंडीगढ़ ने बलात्कार और यौन शोषण के सभी पीड़ितों को परामर्श, कानूनी सहायता, चिकित्सा सहायता और वित्तीय सहायता के माध्यम से सहायता संरचना की पेशकश करते हुए एक ‘बलात्कार संकट हस्तक्षेप केंद्र’ की स्थापना की है।
स्वास्थ्य और पोषण 
पोषण संबंधी देखभाल की निरंतरता बनाए रखने के लिए, चंडीगढ़ का समग्र जीवन चक्र दृष्टिकोण है। गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य और कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए कई पहल की जा रही हैं। सभी उच्च जोखिम वाली गर्भवती माताओं को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (PMSMA) के तहत ट्रैक किया जा रहा है।
विशेष पोषाहार अभियान के तहत जिला अस्पताल में गर्भवती व lactating mothers को पौष्टिक आहार दिया जाता है।
पूरक पोषण कार्यक्रम के तहत, लगभग 6,000 गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को प्रति सप्ताह प्रोटीन, कैलोरी, सूक्ष्म पोषक तत्वों और विटामिन से भरपूर 03 पोषक लड्डू प्राप्त हो रहे हैं।
व्यापक नवजात स्क्रीनिंग 100 प्रतिशत है और सभी उच्च जोखिम वाले नवजातों का जन्म के बाद जिला अस्पताल में प्रारंभिक हस्तक्षेप के लिए follow-up किया जाता है। 
इसके अलावा, 58 आंगनबाड़ी केंद्रों में 3-6 वर्ष के आयु वर्ग के लगभग 1,200 बच्चों को सप्ताह में दो बार अतिरिक्त स्वस्थ खाद्य पदार्थ प्रदान किए जाते हैं।
चंडीगढ़ में निर्माण स्थलों पर रहने वाली सीमांत आबादी को कवर करने के लिए 03 आंगनबाड़ी मोबाइल वैन ‘पोषण ऑन व्हील्स’ तैनात की गई हैं। चंडीगढ़ ने एक ‘पोषण ट्रैकर’ मोबाइल-आधारित एप्लिकेशन भी विकसित किया है, जिसमें बच्चों के विकास और पोषण की स्थिति और मासिक विकास प्रगति के बारे में स्वास्थ्य संकेतकों की real-time monitoring की जाती है ताकि समय पर हस्तक्षेप और समर्थन सुनिश्चित हो पाए। 
कुपोषण को खत्म करने और गंभीर और मध्यम कुपोषित बच्चों को ‘कुपोषण मुक्त चंडीगढ़’ बनाने के उद्देश्य से एक और पहल ‘कुपोषण से सुपोषण की ओर’ शुरू की गई है। पीडियाट्रिक यूनिवर्सल न्यूट्रिशन स्क्रीनिंग कैंपेन (PUNSAC) के दौरान, चंडीगढ़ की 450 आंगनबाड़ियों में 0-6 वर्ष के आयु वर्ग के 45,113 बच्चों की कुपोषण और संबंधित विकारों के लिए जांच की गई। आंगनबाड़ी केंद्रों में नामांकित सभी बच्चों को शामिल करने के लिए स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए गए, और गंभीर व मध्यम तीव्र कुपोषित बच्चों को राजकीय पोषण पुनर्वास केंद्र में Refer किया गया। आगे के चिकित्सा उपचार के लिए मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल भेजा गया। 
इसके अलावा चंडीगढ़ गैर-संचारी रोगों (NCDs) की रोकथाम और प्रबंधन के लिए कई कदम उठा रहा है। सभी स्वास्थ्य सामुदायिक केंद्रों पर व्यापक diagnosis, जांच, उपचार, परामर्श सुविधाओं के अलावा, शून्यकाल में तत्काल उपचार के लिए स्ट्रोक के रोगियों को तत्काल Refer करने के लिए माध्यमिक और तृतीयक देखभाल संस्थानों के बीच एक व्हाट्सएप समूह बनाया गया है।
चंडीगढ़ प्रशासन भी अपने सभी नागरिकों के लिए सर्वोत्तम उपचार प्रदान करने के लिए प्रमुख चिकित्सा संस्थानों के साथ साझेदारी कर रहा है। उदाहरण के लिए, चंडीगढ़ और विशेष रूप से उपनगरीय क्षेत्रों में कैंसर रोगियों की जांच, पहचान और उपचार के लिए चंडीगढ़ टाटा मेमोरियल अस्पताल के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर रहा है। इससे उन सभी मरीजों को फायदा होगा जो महंगा इलाज कराने में असमर्थ हैं। यह स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने के लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के साथ भी साझेदारी कर रहा है।
चंडीगढ़ में नागरिकों के लिए स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने के लिए तथा मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों में प्रतिदिन योग सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। 
स्कूलों में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) टीमों और MBBS छात्रों द्वारा स्वस्थ आहार और शारीरिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाता है। PGIMER] WHO और स्वास्थ्य विभाग के साथ अभिसरण में शिक्षा विभाग द्वारा स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले स्कूलों के लिए प्रत्यायन प्रणाली विकसित की गई है। 
स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने के लिए साइक्लोथॉन, वॉकाथॉन, मैराथन और स्वास्थ्य मेला जैसे कई IEC अभियान आयोजित किए जाते हैं। 
बाजरा का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष के अंतर्गत चंडीगढ़ ने बाजरा को दैनिक आहार में शामिल करने के उद्देश्य से ‘चंडीगढ़ बाजरा मिशन’ शुरू किया है। सभी राज्य संचालित आतिथ्य संस्थानों ने बाजरा मेनू पेश किया है तथा पुलिस कर्मियों और जेल के कैदियों के लिए एक नई बाजरा आधारित आहार योजना भी शुरू की गई है।
कौशल विकास
चंडीगढ़ कौशल विकास मिशन उद्योग, प्रशिक्षण प्रदाताओं और शैक्षणिक संस्थानों सहित विभिन्न हितधारकों के साथ मिलकर Skill Gaps की पहचान करने, प्रशिक्षण कार्यक्रम विकसित करने और प्रभावी implementation सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना चंडीगढ़ के कौशल विकास परिदृश्य को आकार देने में सहायक रही है। इस योजना के तहत दिया जाने वाला कौशल प्रशिक्षण उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप है और इसका उद्देश्य कार्यबल की रोजगार क्षमता को बढ़ाना है।
PMKVY 2.0 और 3.0 को चंडीगढ़ में सफलतापूर्वक लागू किया गया है और वर्तमान में, PMKVY 4.0 के तहत पाठ्यक्रम औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों और जन शिक्षण संस्थान में चल रहे हैं। 
एक अन्य योजना, नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम चंडीगढ़ में अप्रेंटिस अधिनियम, 1961 के अनुसार लागू की जा रही है। इस योजना में जागरूकता और भागीदारी बढ़ाने के लिए भारतीय उद्योग परिसंघ के सहयोग से नियमित रूप से कार्यशालाओं और जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जाता है।
औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में ड्रोन सर्विस टेक्निशियन, सोलर पैनल इंस्टॉलर और जियो इंफॉर्मेटिक्स जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों पर नए पाठ्यक्रम शुरू होंगे। चंडीगढ़ के कई संस्थानों ने संबंधित प्रयोगशालाओं के लिए प्रशिक्षण और उपकरणों की खरीद के क्षेत्रों में प्रमुख संस्थानों/एजेंसियों के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं। इन नए पाठ्यक्रमों के उचित implementation को सुनिश्चित करने के लिए, तकनीकी शिक्षा निदेशालय की टीमों ने हाल ही में भास्कराचार्य इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस एप्लीकेशन एंड जियोइन्फॉर्मेटिक्स और गुजरात के गांधी नगर में कौशल्या-द स्किल यूनिवर्सिटी जैसे प्रमुख संस्थानों का दौरा किया।
चंडीगढ़ में कई उद्योग अप्रेंटिसशिप प्रोग्राम, इंटर्नशिप और ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। वे पाठ्यक्रम डिजाइन में भी योगदान देते हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि प्रशिक्षण कार्यक्रम उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप हों। इस तरह की साझेदारी न केवल कौशल विकास की सुविधा प्रदान करती है बल्कि उद्योग के विकास और नवाचार के लिए एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र भी बनाती है।
इसे ध्यान में रखते हुए, पॉलिटेक्निक और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के लिए industry leaders और शिक्षाविदों से युक्त एक अकादमिक निकाय का गठन किया गया है। इस बोर्ड का गठन भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के सहयोग से किया गया है।
क्षेत्र विकास और सामाजिक बुनियादी ढांचे के लिए गति शक्तिः-
यूटी चंडीगढ़ देश भर में गति शक्ति मास्टर प्लान के अग्रदूतों में से एक है। यह पहले ही 24 अनिवार्य मास्टर लेयर और 390 अतिरिक्त लेयर भास्कराचार्य इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस एप्लिकेशन एंड जियोइन्फॉर्मेटिक्स के साथ साझा कर चुका है। यह सर्वोत्तम एकीकरण प्राप्त करने के लिए अधिकतम विस्तृत स्तर पर साझा परतों की विशेषताओं को साझा करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
चंडीगढ़ ने गति शक्ति मास्टर प्लान को लॉजिस्टिक्स, मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी आदि क्षेत्रों से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं पर लागू करने का काम शुरू कर दिया है। चंडीगढ़ में 5जी-रोलआउट गति शक्ति के उपयोग का एक ऐसा सफल उदाहरण है। पहले चरण के तहत, चंडीगढ़ को 5जी-रोलआउट के लिए देश भर के 14 शहरों में से एक के रूप में चुना गया था। 
चंडीगढ़ ने दुनिया में रहने के लिए सबसे अच्छे शहरों में से एक बनने पर अपनी नजरें गड़ा दी हैं और इसका उद्देश्य जीवन यापन में आसानी या निर्बाध नागरिक केंद्रित सेवाओं जैसे विभिन्न मानदंडों पर रहने की योग्यता के वैश्विक मानकों को पूरा करना है।
तब यह भारत में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के बीच एक ताज के रूप में अपनी स्थिति को सही ठहराएगा।
धन्यवाद,
जय हिन्द!