SPEECH OF HON’BLE GOVERNOR PUNJAB AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH, SHRI BANWARI LAL PUROHIT ON THE OCCASION OF 100TH EPISODE OF "MANN KI BAAT" AT PUNJAB RAJ BHAVAN, CHANDIGARH ON APRIL 30, 2023

‘मन की बात’ का पहला एपिसोड तीन अक्तूबर, 2014 को विजयदशमी के दिन प्रसारित हुआ था। ‘मन की बात’ का शाब्दिक अर्थ है ‘‘किसी के दिल की बात”। यह एक ऐसा कार्यक्रम है जिसके माध्यम से प्रधानमंत्री जी राष्ट्र को संबोधित करते हैं और विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार और दृष्टिकोण साझा करते हैं। इस कार्यक्रम ने आज 30 अप्रैल को 100 एपिसोड के मील के पत्थर को हासिल कर लिया है। यह एक रेडियो वार्ता के रूप में शुरू हुआ था, लेकिन अब इसे विभिन्न प्लेटफॉर्मों पर कई भाषाओं में प्रसारित किया जाता है। यह कार्यक्रम समग्र रूप से समाज के साथ संवाद करने के अभिनव तरीके के मामले में अद्वितीय है। IIM (Indian Institute of Management) रोहतक द्वारा 100वीं कड़ी से पहले किए गए एक सर्वेक्षण के निष्कर्षों के अनुसार लगभग 230 मिलियन लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम को नियमित रूप से सुनते हैं जबकि अनियमित रूप से सुनने वालों को मिलाकर यह संख्या 410 मिलियन तक हो जाती है। ‘मन की बात’ का अनुवाद और प्रसारण 52 भाषाओं/बोलियों में किया जाता है, जिसमें 11 विदेशी भाषाएं शामिल हैं, ताकि देश के दूर-दराज क्षेत्रों से लेकर विदेशों में रह रहे भारतीयों तक इसकी पहुंच सुनिश्चित हो सके। इस कार्यक्रम के माध्यम से प्रधानमंत्री ने सफलतापूर्वक कल्याणकारी योजनाओं और नीतियों को हर स्तर पर लोगों तक पहुंचाने और इसके बारे में जागरूकता पैदा करने हेतु एक तंत्र स्थापित किया है। संकट के समय में भी इस कार्यक्रम ने लोगों को सूचित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। उदाहरण के लिए, इसने कोविड महामारी के दौरान लोगों को वास्तविकता (reality) से अवगत कराया और उन्हें टीका लगवाने के लिए प्रेरित किया, भारत की टीके की कहानी की सफलता का श्रेय काफी हद तक इस कार्यक्रम को जाता है। मन की बात की सबसे महत्वपूर्ण विशेषताओं में से एक यह है कि इसकी पहुंच समाज के सभी वर्गों के लोगों तक है, चाहे वह आम जनता हो, किसान हों, सैनिक हों, छात्र हों या इनोवेटिव स्टार्टअप हों। इस कार्यक्रम में आम लोगों की असाधारण कहानियों और अनुभवों को प्रधानमंत्री जी द्वारा राष्ट्र के साथ साझा किया जाता है। यह लोगों के साथ resonate होता है क्योंकि यह उनके concerns के बारे में है। यह अनूठा कार्यक्रम शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही का प्रतीक बन गया है। प्रधानमंत्री जी केवल सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक मुद्दों पर ही नहीं, बल्कि जलवायु परिवर्तन, अपशिष्ट प्रबंधन, ऊर्जा संकट जैसी समस्याओं पर भी प्रेरित व सक्रिय करते हैं, जिनका दुनिया आज सामना कर रही है। इस कार्यक्रम का उपयोग स्वच्छ भारत अभियान, डिजिटल इंडिया, और बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसी विभिन्न सरकारी पहलों और कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए भी किया गया है। इसका उपयोग जलवायु परिवर्तन, मादक पदार्थों के दुरुपयोग और सड़क सुरक्षा जैसे मुद्दों संबंधी जागरूकता पैदा करने के लिए भी किया गया है। ‘मन की बात’ का उपयोग आतंकवाद, भ्रष्टाचार और सांप्रदायिकता जैसे राष्ट्रीय मुद्दों से निपटने के लिए भी किया गया है। प्रधानमंत्री जी ने लोगों को एकजुट होकर इन मुद्दों के खिलाफ लड़ने के लिए प्रोत्साहित किया है। इस कार्यक्रम ने पर्यावरण जागरूकता, खेल संस्कृति और सतत विकास को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ‘मन की बात’ कार्यक्रम में देश की राष्ट्रीय एवं वैश्विक सफलताओं को भी उजागर किया गया जिनसे भारत के नागरिकों में गर्व, अपनापन और राष्ट्रवाद की भावना उत्पन्न होती है। कुल मिलाकर, ‘मन की बात’ कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता की भावना पैदा करने में पूरी तरह से सफल रहा है और साथ ही इससे सरकार और लोगों के बीच एक मजबूत सम्बन्ध स्थापित करने में काफी मदद मिली है। निर्वाचित नेता और जनता के बीच संचार का ऐसा अनूठा तरीका लोकतंत्र और शासन में लोगों के विश्वास को मजबूत करता है। शायद ही कभी ऐसा हुआ हो कि दो देशों के मुखियों ने एक साथ Radio के माध्यम से संबोधन किया हो। यह unique घटना हमने मन की बात के 4th episode में देखी जब अमरीका के राष्ट्रपति Barack Obama और भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीयों के सवाल सुने और संयुक्त रूप से उनके उत्तर दिए। पंजाब, पंजाबियों, पंजाब की संस्कृति, गुरूओं के बलिदान और किसानों के प्रति प्रधानमंत्री जी की संवेदना ‘मन की बात’ के अनेकों episodes में देखने को मिली। कार्यक्रम के शुरूआती दिनों में ही लगभग 14वें episode में प्रधानमंत्री जी ने किसानों व stubble burning के बारे में बातचीत की। पंजाब के जालंधर शहर से किसान सरदार लखविंदर सिंह से टेलिफोन पर वार्तालाप की और stubble burning पर उनकी चिंता पर खुलकर बातचीत की तथा उनके द्वारा organic farming किये जाने की प्रशंसा की। एक अन्य episode में मन की बात में प्रधानमंत्री जी द्वारा पंजाब के किसान भाई सरदार गुरबचन सिंह का जिक्र किया। गुरबचन सिंह एक युवा किसान थे जिनकी शादी होने वाली थी। इन्होंने शादी से पूर्व कन्या पक्ष से एक मांग (demand) रखी। आपको आश्चर्य होगा कि पंजाब की मिट्टी के इस सपूत ने क्या मांग रखी। इस भले मानस ने कन्या पक्ष से कहा कि वह बिना किसी लेन-देन के शादी करेंगे परन्तु उनकी एक ही मांग है कि कन्या पक्ष का किसान परिवार यह वादा करे कि वह अपने खेतों में पराली नहीं जलाएंगे। धरती मां का कर्ज उतार दिया इस नौजवान ने अपनी खूबसूरत सोच से। इसी 49वें episode में प्रधानमंत्री जी ने पंजाब के नाभा शहर के नज़दीक के गांव कल्लर माजरा (Kallar Majra) के किसानों का जिक्र किया जो stubble burning न करते हुए पराली में रेत मिलाकर खेतों की जुताई करते हैं और उचित technology के माध्यम से पराली का प्रबंधन करते हैं। इसी तरह 16वें episode में फिर से किसानों, फसल बीमा योजना व organic farming का जिक्र हुआ। 18वें episode में किसान मेलों की बातचीत हुई। हुनर हाट के जिक्र के दौरान 9वें episode में प्रधानमंत्री जी ने पंजाब की खूबसूरत फुलकारी का जिक्र किया। एक अन्य episode में उन्होंने तामिलनाडू, गोवा और विशेषकर पंजाब के स्कूली बच्चों का जिक्र किया जो अपने स्कूलों की Atal Tinkering Lab में waste management पर अच्छा काम कर रहे हैं। 30वें episode में वीर सपूतों की इस धरती के महान सपूत सरदार भगत सिंह, राजगुरू व सुखदेव के बलिदान और जलियांवाला बाग़ में लोगों द्वारा दी गई शहादत का जिक्र हुआ। जब 24 अप्रैल, 2022 को प्रधानमंत्री जी मन की बात कार्यक्रम में बच्चों से अपने देश के मशहूर museums के बारे में सवाल कर रहे थे तब उनका तीसरा सवाल पंजाब के विरासत-ए-खालसा museum के बारे में था जोकि आनंदपुर साहिब की पवित्र धरती पर स्थित देश का one of the most frequented museum with highest footfall है। जब मन की बात कार्यक्रम ने अर्धशतक बनाया (50वां episode मुकम्मल हुआ) तब श्री गुरू नानक देव जी को नमन किया गया। 52वें episode में संत रविदास जी को श्रद्धांजलि दी गई।71वें episode में गुरू नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के अवसर पर उन्हें नमन किया गया। 72वें episode में श्री गुरू गोबिन्द सिंह जी के साहिबज़ादे - साहिबज़ादा जोरावर सिंह, फतेह सिंह और उनकी माता - माता गुजरी जी की कुर्बानी को श्रद्धापूर्वक स्मरण किया गया। उन्होंने कहा कि ये ऐसे बलिदान हैं जिन्होंने भारत के ताने-बाने को अब तक अक्षुण्ण रखा है। चंडीगढ़ की बात करें तो, 28 सितंबर को सरदार भगत सिंह जी की जयंती के अवसर पर यहां के अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम सरदार भगत सिंह के नाम पर रखने का ऐलान मन की बात में हुआ। चंडीगढ़ के नौजवानों द्वारा यहां पर सबसे बड़ा Human Tricolour बनाने की पहल का जिक्र भी हुआ। Rio Olympics खेलों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलोड़ियों का जब जिक्र हुआ तो हमारे शहर के अभिनव बिंद्रा के बारे में भी बात हुई। पंजाब सेंट्रल यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी सूरज प्रकाश उपाध्याय की Rio Olympics में भाग लेने वाले खिलाड़ियों के उत्साहवर्धन के लिए लिखी कविता प्रधानमंत्री जी को भेजी जो उन्होंने मन की बात में पढ़कर सांझा की। 26 जून, 2016 के episode में प्रधानमंत्री जी ने चंडीगढ़ में हजारों योगा प्रेमियों के साथ योग करने की अपनी यादें साझा कीं। नामचीन खिलाड़ी ही नहीं बल्कि बड़े दिलवाले लोगों की बात करते हुए 79वें episode में प्रधानमंत्री जी ने चंडीगढ़ के सेक्टर-29 में साईकिल पर छोले-भटूरे बेचने वाले संजय राणा की बात की जिन्होंने अपनी बेटी रिद्धिमा और भतीजी रिया के सुझाव/अनुरोध पर कोविड वैक्सीन लगवाने हेतु लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए, उन लोगों को मुफ्त छोले-भटूरे खिलाए जो कोविड वैक्सीन लगवा चुके थे। 24 अक्तूबर, 2020 को प्रसारित हुए कार्यक्रम दौरान प्रधानमंत्री जी ने चंडीगढ़ के संदीप कुमार की प्रशंसा की जोकि एक NGO चला रहे हैं और जिन्होंने एक mini-van में एक mobile library स्थापित की है। संदीप कुमार गरीब बच्चों को इस mobile library के जरिए मुफ्त में पुस्तकें उपलब्ध करवाते हैं। ऐसे लोगों की देश में कमी नहीं है, याद करें मन की बात के 44वें episode में प्रधानमंत्री जी ने श्रीमन राव जोकि कट्क (उड़ीसा) के एक छोटे से tea vendor हैं, उनके बारे में बताया कि वे अपनी आमदन का 50 प्रतिशत हिस्सा slum क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों की भलाई पर खर्च करते हैं। मन की बात के 12वें episode में प्रधानमंत्री जी ने पंजाब के जिला पठानकोट के दिव्यांग राजू के नेक कार्य को देशवासियों से साझा किया। राजू ने अपनी थोड़ी सी कमाई व दूसरों की मदद से कुछ राशि जमा की जिससे उसने कोरोना की मुश्किल घड़ी में तकरीबन 3000 से ज्यादा मास्क बनाए और वितरित किए। इतना ही नहीं राजू भाई ने सैंकड़ों परिवारों के लिए भोजन का प्रबंध करने के लिए भी प्रशंसनीय प्रयास किये। समाज की भलाई के काम के लिए पैसे से ज्यादा सेवा भाव, कर्तव्य भाव की ज्यादा आवश्यकता होती है। मन की बात के पिछले episode (99th episode) में मोदी जी ने अमृतसर के रहने वाले एक खास परिवार से लाइव बात की। अमृतसर के रहने वाले सुखबीर सिंह संधू और उनकी पत्नी सुप्रीत कौर को एक बेटी हुई थी। घर के लोगों ने प्यार से उसका नाम अबाबत कौर रखा था। अबाबत सिर्फ 39 दिनों की थी, जब वो दुनिया छोड़कर चली गई। बच्ची के जाने के बाद सुखबीर सिंह संधू और उसकी मां सुप्रीत कौर ने अबाबत के अंगदान का प्रेरणादायक फैसला किया। प्रधानमंत्री जी ने दंपति से उनकी बेटी और अंगदान के सराहनीय फैसले के बारे में बात की। हमें अपने प्रदेश के ऐसे उदार, compassionate व्यक्तियों पर गर्व है। यह है पंजाबियों की बहुचर्चित दरिया-दिली की प्रशंसनीय मिसाल। आईए, मिल-जुल कर अपने प्रदेश व देश की उन्नति के लिए कार्यशील रहें। धन्यवाद, जय हिन्द!