SPEECH OF HON’BLE GOVERNOR OF PUNJAB AND ADMINISTRATOR UNION TERRITORY OF CHANDIGARH, SHRI BANWARI LAL PUROHIT ON THE OCCASION OF INVESTITURE CEREMONY AT TAGORE THEATRE, CHANDIGARH ON 03RD MAY, 2023

बन्धुओं,
यह मेरे लिए दूसरा अवसर है कि मैं सीमा सुरक्षा बल के पदक अलंकरण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि सम्मिलित हूं।
गतवर्ष भी सितंबर महीने में अलंकरण समारोह का आयोजन इसी प्रांगण में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ आयोजित किया गया था। 
बल के कर्तव्यनिष्ठ एवं बहादुर कार्मिकों को पदक से अलंकृत करना मेरे लिए बहुत ही हर्ष की बात है।
सीमा सुरक्षा बल का बहुत गौरवपूर्ण इतिहास है। 1965 के युद्ध के बाद बीएसएफ़ की स्थापना का निर्णय किया गया और आज ये दुनिया का सबसे बड़ा सीमाओं की रक्षा करने वाला बल है। किसी भी प्रकार के भौगोलिक परिवेश में सीमा सुरक्षा बल ने हर परिस्थिति में पराक्रम और उत्कृष्ट सेवा का परिचय दिया है।
बीएसएफ़ के जवान -4 डिग्री (Minus 4 degree) से लेकर 46 डिग्री टेंपरेचर तक खड़े रहकर सजगता से बॉर्डर पर देश की सुरक्षा करते हैं। 
चाहे युद्ध के समय भारतीय सेना के साथ मिलकर दुश्मन का सामना करने का दायित्व हो या शाँति के समय सीमा पर होने वाले अपराधों, घुसपैठ व अन्य देश विरोधी गतिविधियों की रोकथाम की जिम्मेवारियाँ हों, सीमा सुरक्षा बल के कार्मिकों ने हमेशा अपने कर्तव्यों का निर्वहन सम्पूर्ण निष्ठा एवं समर्पण के साथ किया है।
मुझे आज भी याद है कि, सेना और सीमा सुरक्षा बल ने एक साथ 1971 में लोंगेवाला में अदम्य साहस का परिचय देते हुए पूरी टैंक बटालियन को खदेड़ दिया था।
भले ही दुश्मन संख्या में अधिक हों उनके पास आधुनिक हथियार हों, फिर भी विजयश्री उसी का वरण करती है जो साहस व वीरता के साथ देशभक्ति के जज्बे से प्रेरित होकर दुश्मन का सामना करता है।
बन्धुओं,
कोई भी देश तभी प्रगति कर सकता है और अपनी संस्कृति को प्रोत्साहित कर सकता है जब वह सुरक्षित हो। आप देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले जवान हैं और पूरा देश आप पर गर्व करता है।
इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं है कि सुरक्षित सीमाएँ ही एक समृद्ध राष्ट्र की बुनियाद होती हैं। जब हमारी सीमाएँ सुरक्षित हैं तो देश में अमन और शाँति होगी, विकास के नए अवसर बनेंगे और देश समृद्ध होगा।
मुझे इस बात की जानकारी है कि भारत-पाकिस्तान बॉर्डर सीमापार से होने वाली घुसपैठ एवं मादक पदार्थों और हथियारों की तस्करी के लिहाज से काफी संवेदनशील है। असामाजिक तत्व अपने नापाक इरादों को अन्जाम देने के लिए नित नए तरीके अपना रहे हैं। 
पंजाब प्रांत में ड्रोन के जरिए मादक पदार्थों और हथियारों की तस्करी सीमा सुरक्षा बल और पंजाब पुलिस के लिए एक नई चुनौती के रूप में सामने आई है।
मैं हर तीन महीने में एक बार बी.एस.एफ. व अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों व सरहदी गावों के सरपंचों से मिलता रहता हूं। मुझे ज्ञात है कि वर्जित वस्तुओं की ड्रोन के द्वारा तस्करी का बढ़ता खतरा आज बहुत गंभीर हो गया है। इसलिए मैं गांवों में रहने वाले नागरिकों को आपका सहयोग देने के लिए प्रेरित करता रहता हूं।
मेरा मानना है कि बॉर्डर की सिक्योरिटी तभी हो सकती है जब बॉर्डर के गांव के अंदर की आबादी सीमाओं पर तैनात जवानों का साथ दें।
मैं आपसे आशा करता हूं कि आप सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध स्थापित करके और उनके साथ बातचीत करके सीमाओं के लिए सुरक्षा का एक मजबूत घेरा बनाएं।
मुझे इस बात की खुशी है कि पश्चिमी कमान के अंतर्गत सीमा सुरक्षा बल के जवान और सीमावर्ती जिलों में तैनात पंजाब पुलिस के कार्मिक ड्रोन की मदद से मादक पदार्थों एवं हथियारों की तस्करी को विफल करने में काफी हद तक कामयाब हुए हैं।
विगत एक वर्ष में सीमा सुरक्षा बल के पश्चिमी कमान के इलाके से 361 बार पाकिस्तान की ओर से ड्रोन को भारतीय सीमा में प्रवेश करते हुए देखा गया और 307 बार ड्यूटी पर तैनात बीएसएफ कार्मिकों ने ड्रोन के ऊपर फायर किया, जिसके फालस्वरूप ड्रोन पाकिस्तान क्षेत्र में वापिस चला गया।
इसके अलावा कुल 33 ड्रोन को या तो मार गिराया है या गिरे हुए ड्रोन को तलाशी अभियान के दौरान बाद में बरामद किया गया। 
यह भी उल्लेखनीय है कि सीमा सुरक्षा बल के कार्मिकों ने कुल 680 किलोग्राम हेरोइन, 290 किलोग्राम अन्य मादक पदार्थ इस दौरान बरामद किए हैं। 
इसके अलावा 71 पाकिस्तानी और 196 भारतीय नागरिकों को गैर कानूनी गतिविधियों में लिप्त होने पर गिरफ्तार किया गया है और 11 पाकिस्तानी तस्करों एवं घुसपैठियों को मार गिराया है।
यह इस बात का प्रमाण है कि सीमा सुरक्षा बल के अधिकारी एवं कार्मिक राष्ट्र सुरक्षा से संबंधित अपने कर्तव्यों के प्रति सजग हैं और बल के कार्मिक पूरी मेहनत, लगन और कर्तव्य परायणता के साथ सीमाओं की सुरक्षा कर रहे हैं।
मेरा दृढ़ विश्वास है कि देश की सीमाओं की सुरक्षा कोई पिलर या फेंसिंग नहीं बल्कि उस सीमा पर खड़े जवान की वीरता, देशभक्ति व सजगता ही कर सकती है।
आपके द्वारा सीमावर्ती क्षेत्रों में सदभावना व समन्वय को बनाए रखने के लिए किए गए अनेक प्रयास जैसे सिविक एक्शन प्रोग्राम, निःशुल्क मेडीकल कैंप, जागरूकता अभियान इत्यादि में सहयोग देना सराहनीय है। 
यह न केवल सीमा प्रबंधन बल्कि सीमावर्ती लोगों के सामाजिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए भी अनिवार्य हैं।
मेरा बीएसएफ के सभी जवानों से आग्रह है कि आप सीमा की सुरक्षा के साथ-साथ जब समय मिले तब डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर के साथ चर्चा करके सरकार की गरीब कल्याण की योजनाओं का लाभ सीमा पर रह रहे लोगों को मिल रहा है या नहीं, इसका भी ध्यान रखें।
Border Area Development Programme के अंतर्गत चलाए जा रहे प्रोग्राम में सीमा सुरक्षा बल की सहभागिता से सीमा पर रहने वाले लोगों का सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान हुआ है। जिसके लिए समस्त प्रहरीगण बधाई के पात्र हैं।
अभी श्री पी वी रामा शास्त्री, अपर महानिदेशक सीमा सुरक्षा बल पश्चिमी कमान ने अपने स्वागत भाषण के दौरान सीमा सुरक्षा बल के गौरवमयी इतिहास का जिक्र करते हुए बताया कि बल के कार्मिकों को 01 महावीरचक्र, 06 कीर्तिचक्र, 13 वीरचक्र, 13 शौर्यचक्र, 57 सेना मेडल सहित 1300 से अधिक वीरता पदकों से सम्मानित किया जा चुका है। 
पदकों से सम्मानित बल की इस गौरवमयी इतिहास को कायम रखने के लिए 1957 कार्मिकों ने शहादत दी है। 
यही नहीं, इस दौरान हजारों सीमा प्रहरी, राष्ट्र रक्षा में विभिन्न चुनौतियों से जूझते हुए घायल भी हुए हैं। 
यह बल की कर्तव्य निर्वहन की क्षमता एवं युद्ध भूमि में प्रहरियों के अद्भुत शौर्य का उत्कृष्ठ प्रमाण है। 
बन्धुओं,
सीमा सुरक्षा बल को मिले अनगिनत वीरता पदक और पुलिस मेडल आपके सीमा सुरक्षा में अद्वितीय बल होने का साक्षी हैं। मानव जाति के इतिहास में वीरता को सम्मानित करने के लिए कोई पदक बना ही नहीं है, आपकी वीरता स्वयं में पूरे देश के लिए एक पदक है।
आज इस अलंकरण समारोह के शुभ अवसर पर मैं अपनी ओर से सीमा सुरक्षा बल के वीर प्रहरियों एवं शहीदों को देश की सुरक्षा हेतु सर्वोच्च बलिदान के लिए श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूँ।
सीमा प्रहरी ही नहीं सेनाओं के अनेक जवान भी देश की सुरक्षा में प्राणों की आहुति दे रहे हैं।
कुछ ही दिन पहले पंजाब के 4 जवान J&K के पुंछ जिले में शहीद हुए। आज मैं उन्हें भी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
आज के समारोह में Police Medal for Meritorious Service पदक से सम्मानित हुए 46 कार्मिकों व उनके परिजनों को पदक प्राप्ति के लिए बधाई देता हूँ एवं उनके उज्जवल भविष्य के लिए कामना करता हूँ।
अंत में, सीमा सुरक्षा बल के अपर महानिदेशक श्री पी वी रामा शास्त्री, भारतीय पुलिस सेवा एवं उनकी टीम को समारोह के सफल आयोजन के लिए बधाई देता हूं।
मैं, आशा करता हूं कि सीमा सुरक्षा बल इसी प्रकार अपने यश और कीर्ति को बनाए रखते हुए अपने कर्तव्यों का निर्वहन करता रहेगा।
धन्यवाद,
जय हिन्द!