SPEECH OF HONURABLE GOVERNOR PUNJAB AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH, SHRI BANWARI LAL PUROHIT ON THE OCCASION OF STUDENT POLICE CADET PROGRAM AT SPORTS COMPLEX, SECTOR-7, CHANDIGARH ON 14TH SEPTEMBER 2023 AT 5:00 P.M.

आज की दुनिया में, प्रभावी (effective) कानून  व्यवस्था के लिए, पुलिसिंग में सामुदायिक भागीदारी (community participation) की आवश्यकता है।
इस साझेदारी के माध्यम से हम अधिक सुरक्षित, अधिक न्यायपूर्ण और एकजुट समाज का निर्माण कर सकते हैं।
सामुदायिक भागीदारी, Law enforcement agencies और जिन लोगों की वे सेवा करते हैं, उनके बीच विश्वास और पारस्परिक सम्मान को बढ़ावा देती है।
जब समुदाय के सदस्य अपने स्थानीय पुलिस बल के साथ सक्रिय रूप से जुड़ते हैं, तो यह अधिकारियों का मानवीयकरण भी करता है, उन्हें community needs के प्रति और अधिक sensitize करता है।
बातचीत और सहयोग के माध्यम से, हम उन बाधाओं को तोड़ सकते हैं जो कभी-कभी Law enforcement agencies और समुदाय के बीच मौजूद होती हैं।
चंडीगढ़ पुलिस सामुदायिक पुलिसिंग में अग्रणी रही है।
समावेश से अपराध की रोकथाम और इसका पता लगाने में वृद्धि हुई है।
मुझे खुशी है कि अब इसका दायरा बढ़ाकर इसमें बच्चों को शामिल किया गया है, जो न केवल हमारी जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा हैं, बल्कि हमारे देश का भविष्य और कल के नागरिक भी हैं।
बच्चे आपस में मतभेद, वर्ग या जाति या रंग या स्थिति के बीच के अंतर के बारे में नहीं सोचते। इसलिए एक राष्ट्र के निर्माण के लिए हमें यहीं से शुरुआत करनी होगी।
गांधीजी ने कहा हैः ‘‘यदि हम विश्व को वास्तविक शांति का पाठ पढ़ाना चाहते हैं... तो हमें शुरुआत बच्चों से करनी होगी।’’
मुझे चंडीगढ़ पुलिस के ”Student Police Cadet and Road Safety Rangers’’ नामक पहल शुरू करने पर बहुत हर्ष महसूस हो रहा है।
इसमें 8वीं और 9वीं कक्षा के बच्चों को Bureau of Police Research and Development द्वारा डिजाइन किए गए पाठ्यक्रम के अंर्तगत प्रशिक्षण देकर जिम्मेदार, सक्रिय और जागरूक नागरिक बनाया जाएगा।
Student Police Cadet Program उनमें Public Safety, अनुशासन, धैर्य, सहिष्णुता, सहानुभूति, वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान, सामाजिक सद्भाव और भ्रष्टाचार मुक्त वातावरण के पहलुओं को विकसित करेगा।
यह पहल छात्रों को पुलिस की कार्यप्रणाली से करीब से परिचित होने तथा शासन और सुरक्षा में सक्रिय भागीदार बनने का अवसर प्रदान करने के लिए की गई है।
और जन्माष्टमी तथा गणेश चतुर्थी की भावना व उत्साह के दौरान यह करना, सबसे बेहतर अवसर है।
यह पहल, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप भी है, जो कौशल पर बहुत जोर देती है।
मुझे आशा है कि इन कार्यक्रमों के माध्यम से हम युवाओं की एक ऐसी पीढ़ी तैयार करने में सक्षम होंगे, जो स्वेच्छा से कानून का सम्मान करे और उसका पालन करे। और साथ ही मैं उम्मीद करता हूं कि हम उनको बढ़िया स्वास्थ्य, शारीरिक और मानसिक फिटनेस, आत्म-नियंत्रण और अनुशासन के विकास की सुविधा प्रदान करेंगे।
इससे उनकी कड़ी मेहनत करने और व्यक्तिगत उपलब्धि की क्षमता बढ़ेगी।
वे अन्य बच्चों के साथ-साथ अपने माता-पिता और समाज के लिए रोल मॉडल के रूप में कार्य कर सकते हैं।
आधुनिक समय के युवा कई मुद्दों का सामना कर रहे हैं जैसे बढ़ती असहिष्णुता, आपराधिक और विकृत व्यवहार, पारिवारिक संबंधों का कमजोर होना, समाज में नैतिक मानकों में गिरावट और नशीले पदार्थों का उपयोग।
तेजी से आधुनिकीकरण और कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करते हुए, युवाओं ने अपना सारा ध्यान करियर निर्माण और आय बढ़ाने पर केंद्रित कर दिया है, जिससे उनके दिमाग पर जबरदस्त दबाव पैदा हो रहा है।
ज़्यादातर शिक्षा संस्थानों में भी किताबें पढ़ने पर अधिक जोर दिया जाता है और छात्रों के चरित्र निर्माण पर बहुत कम ध्यान दिया जाता है जो बढ़ते अपराध के रूप में समाज पर नकारात्मक प्रभाव दिखाता है।
मैं आशा करता हूँ कि यह परियोजनाएं युवाओं को अपनी जन्मजात क्षमताओं का पता लगाने और उन्हें विकसित करने में सहाय होंगी।
उनमें सामाजिक असहिष्णुता, मादक पदार्थों के सेवन, विचलित व्यवहार और हिंसा जैसी नकारात्मक प्रवृत्तियों के विकास का विरोध करने में सशक्त बनाएंगी।
यह युवा मन का भटकाव रोकने और उन्हें रचनात्मक रास्ते पर ले जाने की दिशा में भी एक स्वागत योग्य कदम साबित हो, ऐसी मेरी कामना है।
प्रधानमंत्री जी की परीक्षा पे चर्चा की तरह, यह बच्चों के लिए तनाव कम करने के रूप में भी काम कर सकता है।
हमें शहीद बाजी राउत (Baji Rout from Odisha) जैसे लोगों से प्रेरित होना चाहिए, जो सिर्फ 12 साल के थे जब उन्होंने भारत की आजादी की लड़ाई में अपने प्राणों की आहुति दे दी।
पंजाब में भी मदन लाल ढींगरा और भगत सिंह जैसे अनेक युवा आज़ादी के आन्दोलन में शहीद हुए हैं।
मैं युवाओं से आग्रह करता हूं कि वे अपने जीवन के अगले कुछ वर्ष देश के विकास के लिए समर्पित करें।
हमारी युवा शक्ति में ‘कर सकते हैं‘ की भावना है जो नामुमकिन को मुमकिन कर सकती है।
मुझे पूर्ण विश्वास है कि ‘अमृत दृष्टि’ से प्रोत्साहित बच्चों के माध्यम से भारत के लिए ‘अमृत काल‘ का उदय होगा।
आज यहां मौजूद सभी छोटे बच्चों को मेरा संदेश है कि वे स्वामी विवेकानन्द के संदेशों को याद रखें।
स्वामी विवेकानन्द भारत के युवाओं को गौरवशाली अतीत और भव्य भविष्य की मजबूत कड़ी के रूप में देखते थे।
विवेकानन्द कहते थे कि “सारी शक्ति तुम्हारे भीतर है, उस शक्ति का आह्वान करो। उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाये।”
आज दुनिया भारत की तरफ आशा भरी नजरों से देख रही है। यह इतिहास का एक विशेष समय है। आप एक विशेष पीढ़ी हैं। आपके पास एक विशेष मिशन है,- यह मिशन है की वैश्विक परिदृश्य पर भारत का प्रभाव बढ़े।
देश आपको असीमित अवसर प्रदान करेगा, आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है, बस आगे बढ़ते रहें।
मैं आप सभी को उड़ान भरने और नई ऊँचाइयां हासिल करने के लिए रनवे उपलब्ध कराने के लिए डीजीपी प्रवीर रंजन और UT Police को बधाई देता हूं।
धन्यवाद
जय हिन्द!