SPEECH OF HON’BLE GOVERNOR PUNJAB AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH, SHRI BANWARI LAL PUROHIT ON THE OCCASION OF DISHA INDIAN AWARDS AT MOHALI CLUB SECTOR 65 PHASE – II ON 21.03.2024 AT 11.00 AM.

‘दिशा इंडियन अवार्ड’ समारोह (21.03.2024)

  • ‘‘अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस’’ के हिस्से के रूप में आयोजित ‘दिशा इंडियन अवार्ड’ समारोह के अवसर पर उपस्थित होकर अत्यंत हर्ष हो रहा है।
  • विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धि हासिल करने वाली सम्मानित सभी महिलाओं को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
  • महिला शक्ति के बिना एक सशक्त और स्वस्थ समाज की परिकल्पना संभव नहीं है।
  • हमारे पौराणिक ग्रंथों और भारतीय इतिहास में, महिलाओं की शक्ति और साहस के अद्भुत उदाहरण मौजूद हैं।
  • वे न केवल अपने परिवारों के लिए बल्कि पूरे सामज के लिए आदर्श बनीं।
  • रानी लक्ष्मी बाई, रानी दुर्गावती, सरोजनी नायडु हो या पंजाब की रानी जींद कौर (महाराजा रणजीत सिंह की पत्नी) या फिर माई भागो (गुरू गोबिन्द सिंह जी के समय में मुगलों के खिलाफ सिख सैनिकों का नेतृत्व करने वाली कुशल योद्धा) हों, इन सभी की शौर्य गाथाएं सदैव प्रेरणादायी रही हैं।
  • भारतीय संस्कृति में नारी को देवी रूपा माना जाता है।
  • वेदों में स्त्रियों के बारे में कहा जाता है, ‘‘नारी तू नारायणी’’ जबकि पुरूषों के बारे में कहा जाता है ‘नर करनी करे तो नारायण हो जाए’’। 
  • कितनी खूबसूरत परिभाषा है -  नर अगर अच्छे कर्म करेंगे तो वे नारायण रूप होंगे परन्तु महिलाओं को जन्म से ही नारायणी का दर्जा दिया गया है।
  • परन्तु, स्त्री को केवल पूजा योग्य मान लेना और कह देना काफी नहीं है।
  • वक्त के साथ-साथ महिलाओं के प्रति अन्याय और अत्याचार बढ़े।
  • पर, वक्त ने फिर करवट ली, बदलाव आया और महिला अधिकारों के प्रति चेतनता उत्पन्न हुई।
  • हमारे संविधान में महिलाओं को समान अधिकार और समान अवसर दिए।
  • भारत उन देशों में से है जहां महिलाओं को मताधिकार अन्य देशों के मुकाबले काफी पहले मिला।
  • आज महिलाएं गावों की पंचायतों से लेकर देश की संसद में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।
  • खेल क्षेत्र से लेकर अंतरिक्ष के अभियानों में अपनी छाप छोड़ रही हैं।
  • परन्तु, महिला सशक्तिकरण के लिए अभी भी, महिला सुरक्षा व शिक्षा के क्षेत्रों में बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
  • महिला सशक्तिकरण केवल नैतिक दायित्व या सामाजिक न्याय का मुद्दा ही नहीं है बल्कि एक आर्थिक अनिवार्यता भी है।
  • अगर हमें अपने देश को विश्व गुरू बनाना है तो महिलाओं का योगदान अति आवश्यक है।
  • खुशी की बात है कि आपकी संस्था महिलाओं को जागरूक करने व उनकी मदद करके उन्हें सशक्त करने के लिए कार्यशील है।
  • हमारे शास्त्रों में कहा गया है, ‘‘जहाँ स्त्रियों की पूजा होती है, वहाँ देवता निवास करते हैं और जहाँ स्त्रियों की पूजा नहीं होती, उनका सम्मान नहीं होता, वहाँ किए गए समस्त अच्छे कर्म भी निष्फल हो जाते हैं।’’
  • मैं इस मंच से देश की समस्त महिलाओं से आग्रह करता हूं कि वे खुद पर विश्वास रखें।
  • महात्मा गांधी जी ने कहा है, ‘‘महिलाओं को स्वयं को पुरुषों के अधीन या हीन नहीं समझना चाहिए। स्त्री पुरुष की हमराही है, समान मानसिक क्षमता से संपन्न है। यदि नैतिक शक्ति की बात करें, तो स्त्री पुरुष से अधिक श्रेष्ठ है।’’
  • आशा करता हूं कि देश का हर परिवार अपनी बहनों व बेटियों को प्रोत्साहित करेगा, उनका मनोबल बढ़ाएगा ताकि उनकी उड़ान को पंख मिलें और उनके साथ-साथ देश भी खुशहाली की नई ऊचाईयों को छूए।
  • इसी कामना के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देता हूं।
  • एक बार फिर सभी पुरस्कृत महिलाओं को बधाई और दिशा ट्रस्ट को उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं।

धन्यवाद,

जय हिन्द!