SPEECH OF HON’BLE GOVERNOR PUNJAB AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH, SHRI BANWARI LAL PUROHIT ON THE OCCASION OF SANGEET SAMMELLAN (PRACHEEN KALA KENDRA) AT TAGORE THEATRE SECTOR 18, CHANDIGARH ON 23.03.2024 AT 6.30 PM.

53वां अखिल भारतीय भास्कर राव संगीत एवं नृत्य सम्मेलन (23.03.24)

 इस संगीत संध्या में उत्कृष्ट कलाकारों के बीच उपस्थित होकर अत्यंत हर्ष का अनुभव हो रहा है।

मित्रों,

 विश्व के सांस्कृतिक मानचित्र पर भारत का एक महत्वपूर्ण स्थान है।

 हमें अपनी समृद्ध और विविध संस्कृति पर गर्व है।

 सभ्यता द्वारा हमारी भौतिक उपलब्ध्यिां सामने आती हैं, लेकिन संस्कृति द्वारा हमारी अमूर्त विरासत (Intangible Heritage) की धाराएं प्रवाहित होती हैं।

 संस्कृति द्वारा ही किसी देश की वास्तविक पहचान होती है।

 हमारी कलाएं और कलाकार, हमारी समृद्ध संस्कृति के संवाहक हैं।

 हमें कला, साहित्य, स्मारकों, रीति-रिवाजों और परंपराओं की एक मूल्यवान श्रृंखला विरासत में मिली है।

 हमें अपने पूर्वजों द्वारा प्रदान की गई सांस्कृतिक विरासत का पूरा सम्मान करना चाहिए; अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए इसके संरक्षण में अपना योगदान देना चाहिए।

मित्रों,

 भारतीय पंरपरा में कला को ईश्वर का वरदान माना गया है।

 लास्य और तांडव नृत्य करने वाले भगवान शिव, वीणा-वादिनी देवी सरस्वती तथा मुरली-धर श्रीकृष्ण भारत के जनमानस में कला के दैवीय प्रतीक हैं।

 कला द्वारा उपासना, अर्चना और स्तुति की जाती है।

 कल्याणकारी भावनाओं का प्रसार किया जाता है।

 प्रकृति का सम्मान किया जाता है।

 नई फसल का स्वागत किया जाता है।

 आप में से अधिकांश लोग हमारी कला व संस्कृति की बारीकियों को समझते हैं।

 लेकिन, आज की युवा पीढ़ी शायद इससे वाकिफ नहीं है।

 इस उदासीनता के कारण ही कई वाद्य यंत्र और शैलियाँ विलुप्त होने की कगार पर हैं।

 अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए प्राचीन कला केन्द्र गायन, वादन एवं नृत्य के उत्थान एवं प्रसार में योगदान दे रहा है।

 भारतीय नृत्य और संगीत की विभिन्न कलाओं एवं विधाओं के विकास, संरक्षण और संजोने का कार्य आप पिछले 7 दशकों से निरन्तर कर रहे हैं।

 कलाक्षेत्र में आपकी सेवाओं के लिए कला-प्रेमी आपके ऋणी रहेंगे।

 पुरस्कारों से सम्मानित किए गए सभी कलाकारों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।

 समस्त आयोजकों, कलाकारों एवं श्रोतागणों को भी बहुत-बहुत बधाई।

 आशा करता हूं कि आप लोग इसी तरह कला और संस्कृति के प्रचार और प्रसार में अपना योगदान देते रहेंगे और इसका उत्थान होता रहेगा।

धन्यवाद।

जय हिन्द।