SPEECH OF HON'BLE GOVERNOR PUNJAB AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH, SHRI BANWARI LAL PUROHIT ON THE OCCASION OF SAPT SINDHU KAAV UTSAV AT AUDITORIUM, CENTRE FOR DISTANCE AND ONLINE EDUCATION (CDOE) (UNIVERSITY SCHOOL OF OPEN LEARNING) PANJAB UNIVERSITY, C

सप्त सिंधु काव्य उत्सव (15 अप्रैल, 2024)

आज यहां विभिन्न देशों और भारत के विभिन्न हिस्सों से आए कवियों के बीच आकर मुझे खुशी हो रही है।

आज के कविता उत्सव में भारत, पाकिस्तान, अमेरिका, कनाडा और यू.के. के प्रख्यात पंजाबी कवि मंच साझा करेंगे।

मुशायरे और कवि सम्मेलन मानवीय भावनाओं के प्रदर्शन के सशक्त माध्यम हैं।

कवि और शायर हमें एकता और भाईचारे के साथ रहने और नए उत्साह और जोश के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा और ताकत देते हैं।

शायरी इंसान की जिंदगी में रवानी पैदा करती है। 

वही शायर कामयाब शायर कहलाता है जिसकी कलम में बिना किसी भय, पक्षपात और लालच के अपनी बात कहने का साहस होता है।

आजादी की लड़ाई में हमारे अनेकों शायरों ने ऐसे ही साहस और भावना का परिचय दिया था। 

उनकी कलम से निकला हर एक शेयर बच्चे-बच्चे के दिल पर असर करता था।

मित्रों,

कविता के साथ भारत का रिश्ता पुराना है। प्राचीन भारत में काव्य का विकास हुआ।

महान भारतीय महाकाव्य ‘रामायण’ और ‘महाभारत’ को अब तक लिखे गए काव्यों के बेहतरीन प्रतिरूपों में से एक माना जाता है।

ये न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में अपने प्रसंगों की भव्यता, अनूठी साहित्यिक पराकाष्ठा और इनके द्वारा व्यक्त संदेशों की गहनता के लिए जाने जाते हैं।

श्री गुरु नानक देव जी के समय के बारे में किसी कवि ने सुदर वर्णन किया है किः ‘सतगुरु नानक प्रगटिया, मिटी धुंध जग चानण होया, जियो कर सूरज निकलिया, तारे छुपे हनेर पलोआ।’

अर्थातः जिस प्रकार सुबह सूर्य के प्रकाश से आकाश का अंधकार और तारे छिप जाते हैं, उसी प्रकार गुरु नानक देव जी के जन्म के साथ ही सामाजिक कुरीतियों का अज्ञान रूपी अंधकार समाप्त हो गया।

भारत में काव्य की एक लंबी गौरवशाली परंपरा रही है।

कालिदास, मीरा बाई, तुलसी दास, अमीर खुसरो, कबीर दास, सरोजिनी नायडू, सुब्रमण्य भारती, मिर्ज़ा ग़ालिब और श्री रवींद्रनाथ टैगोर जैसे दिग्गज हमारे देश में हुए हैं, जिन्होंने अपनी काव्य प्रतिभा से सभी को मंत्रमुग्ध  किया।

बहनों और भाइयों,

कविता सामाजिक बदलाव की प्रक्रिया को गति प्रदान करने हेतु एक शक्तिशाली माध्यम के रूप में काम कर सकती है।

कवियों में प्रेरक और विचारक बनने की क्षमता होती है।

कलाकार समाज की चेतना के संरक्षक होते हैं। वे अतार्किकता पर सवाल उठाते हैं और समाज में सकारात्मक मूल्यों को स्थापित करने में मदद करते हैं।

कविता अमन और चैन को बढ़ावा दे सकती है, लोगों को वैश्विक भाईचारा, सामाजिक सद्भाव और सहिष्णुता विकसित करने के लिए प्रेरित कर सकती है।

आपके पास विचारों, भावनाओं और दृष्टिकोण को आकार देने की अनूठी क्षमता है। 

मुझे विश्वास है कि आप एक बेहतर दुनिया बनाने के लिए अपनी इस अद्भुत शक्ति का उपयोग करेंगे।

मैं प्रसिद्ध भारतीय कवि मम्मट के एक कथन के साथ अपनी बात समाप्त करना चाहूँगा। 

जब उनसे पूछा गया कि वह कविता क्यों लिखते हैं तो उनका उत्तर था, ‘‘मैं नाम कमाने और मशहूर होने के लिए लिखता हूं। मैं अपनी आजीविका कमाने के लिए लिखता हूं। लेकिन, इन सबसे ऊपर, मैं लिखता हूं क्योंकि मेरा मानना है कि मैं नकारात्मकता और जो कुछ भी मानवता के लिए अच्छा नहीं है, उसे कम करके दुनिया के तरीकों को बदल सकता हूं।’’

धन्यवाद,

जय हिन्द!