SPEECH OF HON’BLE GOVERNOR PUNJAB AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH, SHRI BANWARI LAL PUROHIT ON THE OCCASION OF FOUNDATION DAY OF HIMACHAL PRADESH AT PUNJAB RAJ BHAVAN ON APRIL 15, 2024.
- by Admin
- 2024-04-15 17:50
हिमाचल प्रदेश स्थापना दिवस (15 अप्रैल 2024)
हिमाचल दिवस पर सभी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।
हिमाचल प्रदेश का गठन आजादी के बाद 30 रियासतों को एकजुट करके 15 अप्रैल, 1948 को हुआ।
हिमाचल प्रदेश का शाब्दिक अर्थ ‘‘बर्फ़ीले पहाड़ों का प्रांत’’ है।
यह हिमालय की गोद में बसा है। बर्फ से ढकी चोटियाँ इस राज्य की खूबसूरती को चार चांद लगाती हैं।
हिमाचल की प्राकृतिक सुंदरता, इसके सुंदर पहाड़ और नदियों ने लाखों लोगों को आकर्षित किया है। इसकी कल-कल बहती नदियाँ, इसके हरे-भरे चरागाह और इसके जंगल अत्यंत मनमोहक हैं।
इसकी राजधानी शिमला को पहाड़ों की रानी (Queen of the Hills) के रूप में व्यापक रूप से सराहा जाता है।
चंडीगढ़ से शिमला केवल 100 किलोमीटर दूर है। मैंने देखा है कि long week-end (शनिवार-रविवार के साथ जब शुक्रवार या सोमवार की छुट्टी होती है) पर चंडीगढ़वासी शिमला की खूबसूरती का आनंद लेने के लिए तत्पर रहते हैं। शायद ही कोई चंडीगढ़वासी हो जिसने शिमला न देखा हो।
यहां के प्रमुख पर्यटक स्थल चंबा, डल्हौजी, धर्मशाला, कुफरी, मनाली, कुल्लू, शिमला आदि में या तो हर चंडीगढ़ और पंजाब का निवासी कभी-न-कभी गया या जाने की इच्छा रखता है।
हिमाचल प्रदेश पर्यटन के लिए विश्वभर में मशहूर है।
कहा जाता है कि हर साल यहां पर प्रदेश की जनसंख्या के समान या उससे भी ज्यादा पर्यटक आते हैं। सरकारी आंकड़ों के अुनसार पिछले वर्ष (2023) में हिमाचल में 1 करोड़ 60 लाख पर्यटक आए।
कुछ तो बात है इस भूमि में कि इतने लोग यहां खींचे चले आते हैं।
महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, गुरुदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर तथा पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी भी इस भूमि से आकर्षित होकर यहां पर प्रवास के लिए आए थे।
हिमाचल के लिए अटल जी ने कभी लिखा था-
बर्फ ढंकी पर्वतमालाएं, नदियां, झरने, जंगल,
किन्नरियों का देश, देवता डोलें पल-पल!
लम्बे समय तक देश की 'Summer Capital' शिमला का भारतीय जनमानस के हृदय में एक विशेष स्थान है।
देश के कई भागों में अचानक ठण्ड बढ़ने पर लोग अक्सर आम बोलचाल में कहते हैं कि, ‘‘आज मौसम शिमला की तरह हो गया है!’’
हिमाचल को ‘‘देव भूमि’’ भी कहा जाता है।
ये पवित्र भूमि है देवी-देवताओं की, माँ ज्वाला की, माँ चामुंडा की, माँ चिंतपूर्णी की, भीमाकाली की, हिडिंबा देवी की।
राज्य को व्यास, पराशर, वसिष्ठ, मार्कण्डेय और लोमश आदि ऋषियों के निवास स्थल होने का गौरव प्राप्त है।
हिमाचल प्रदेश के त्यौहारों में कुल्लू का दशहरा विश्व प्रसिद्ध है। चाहे मंडी का शिवरात्रि मेला हो या चंबा की मणिमहेश यात्रा, श्रद्धालुओं की पहली पसंद है ये भूमि।
यहां के हर गाँव में देवी-देवताओं का वास है; यहां शांति चारों ओर व्याप्त है, ऐसा है यहां का जीवन।
नृत्य हिमाचल प्रदेश की धड़कन है, इसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की लयबद्ध अभिव्यक्ति है। राज्य के लोकप्रिय नृत्य रूप राक्षस नृत्य, कायांग नृत्य, बकायंग नृत्य, रस नृत्य और झूर नृत्य हैं।
हिमालय की गोद में बसा यह राज्य अपने भीतर प्रकृति के विभिन्न मनोरम दृश्यों को समेटे हुए है।
हिमाचल प्रदेश का शांतिप्रिय वातावरण, देवी-देवताओं का आशीर्वाद और परिश्रम की पराकाष्ठा करने वाले हिमाचल के लोग, सब अतुलनीय हैं।
हिमाचल की यह धरती तप और त्याग तथा अध्यात्म और धर्म की पावन भूमि है। इस धरती ने देश की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले अनगिनत वीरों को जन्म दिया है।
एक बार फिर सभी को हिमाचल प्रदेश के स्थापना दिवस की बधाई।
धन्यवाद,
जय हिन्द!