SPEECH OF HON’BLE GOVERNOR PUNJAB AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH, SHRI BANWARI LAL PUROHIT ON THE OCCASION OF MAHARASHTRA AND GUJARAT FOUNDATION DAY AT PUNJAB RAJ BHAVAN, CHANDIGARH ON MAY 1, 2024.

महाराष्ट्र और गुजरात स्थापना दिवस (01.05.2024)

 महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों के गठन की वर्षगांठ पर सभी मराठी और गुजराती भाइयों को हार्दिक बधाई।

 आज अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस भी है। मैं पंजाब और देश के निर्माण में समर्पित श्रमिकों के बहुमुखी योगदान के लिए उन्हें बधाई देता हूं।

बन्धुओं,

 भारत एक बहुत बड़ा देश है। भारत में 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं। भारत के हर राज्य की अपनी एक अलग संस्कृति है।

 अलग-अलग विचारधाराएँ, अलग-अलग धर्म, विभिन्न समुदाय परन्तु फिर भी हम एक हैं। विविधता में एकता ही हमारे देश की पहचान है।

 सभी संस्कृतियों की विशिष्टता को समझना और सम्मान करना भारत की एकता के लिए आवश्यक है।

 भ्रमण, भोजन, मेले, त्योहार, celebrations ये सभी हमें जोड़ने का काम करते हैं।

 इसी लक्ष्य से Statehood Day Celebrations का सिलसिला आरम्भ हुआ था।

 पिछले साल, आज ही के दिन, हमने पंजाब राज भवन में भव्य रूप से गुजरात और महाराष्ट्र का स्थापना दिवस मनाकर इस खूबसूरत परंपरा की शुरूआत की थी।

 पिछले एक साल के दौरान पंजाब राजभवन में देश के सभी प्रदेशों का स्थापना दिवस बड़े ही उत्साह और धूम-धाम से मनाया गया।

मित्रों,

 पंजाब का महाराष्ट्र और गुजरात से एक अटूट बंधन है। हमारा राष्ट्रगाण, इसके शब्द ‘‘पंजाब, सिंध, गुजरात, मराठा.....’’ हमें एक सूत्र में पिरोते हैं।

 गुजरात प्रमुख स्वतंत्रता आंदोलनों की भूमि रहा है - खेड़ा, बारडोली, बोरसाद में सत्याग्रह और नमक सत्याग्रह। महात्मा गांधी का साबरमति आश्रम यहां स्थित है। यह गांधी और वल्लभ की जन्मभूमि है!

 दूसरी ओर, महाराष्ट्र ने विनोबा भावे, डॉ. बी.आर. अम्बेडकर, महात्मा ज्योतिबा फुले, बाल गंगाधर तिलक, नानाजी देशमुख जैसे कई प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों और समाज सुधारकों को जन्म दिया है।

 नवरात्रों के दिनों में गुजरात में मनाए जाने वाले डांडिया उत्सव की देश-विदेश में धूम रहती है।

 इसी तरह, महाराष्ट्र में भव्य पैमाने पर आयोजित जन्माष्टमी पर दही हांडी तोड़ने की परंपरा और गणेश चतुर्थी का उत्सव, गणपति बप्पा मोरया का वो जयघोष महाराष्ट्र तो क्या पूरे देश को हर्षोल्लास से सराबोर कर देता है। ये अब केवल महाराष्ट्र के ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय पर्व हैं।

 उसी तरह गुजरात के प्रमुख व्यंजन ढोकला, फाफड़ा, जलेबी, खांडवी, थेपला और महाराष्ट्र की भेल पुरी, पूरन पोली, रगड़ा पेटीस, वड़ा पाव इत्यादि देशभर में प्रसिद्ध हैं।

 हम सभी ने ये कभी न कभी तो चखे ही होंगे।

 परन्तु, पंजाब की मक्की की रोटी और सरसों का साग भी किसी से कम नहीं है!

 महाराष्ट्र का पंजाब से एक बहुत ही पवित्र नाता है। आप में से कुछ लोग शायद जानते हों कि संत नामदेव जी महाराष्ट्र से सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर पंजाब के जिला गुरदासपुर के गाँव घुमान पहुंचे थे। स्थानीय लोगों का कहना है कि वह यहां 20 साल से अधिक समय तक रहे।

 संत नामदेव के 62 अभंगों को गुरु ग्रंथ साहिब में ‘नामदेवजी की मुखबानी’ के रूप में शामिल किया गया है।

 लगातार दो सालों से (2022, 2023) महाराष्ट्र से घुमान तक साईकिल वारी का आयोजन हुआ व cyclists यहां राजभवन में भी आए।

 गुजराती और महाराष्ट्रीयन, दोनों ही समुदायों ने चंडीगढ़ में भी अपनी पहचान बनाई है। बहुत मृदुभाषी लोग हैं।

 आशा है कि इस कार्यक्रम के माध्यम से एकता, प्रेम और सौहार्द का वातावरण मज़बूत होगा।

 हमें अपनी समृद्ध संस्कृति का पालन करते हुए औरों की संस्कृति का भी सम्मान करना चाहिए।

 गुजरात और महाराष्ट्र के स्थापना दिवस की एक बार फिर बहुत-बहुत बधाई।

धन्यवाद,

जय हिन्द!