SPEECH OF PUNJAB GOVERNOR AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH, SHRI GULAB CHAND KATARIA ON THE OCCASION OF CENTENARY CELEBRATIONS OF SHRI RAM EDUCATIONAL SOCIETY AT AMRITSAR ON SEPTEMBER 27, 2024.

समारोह दिनांक 27.09.2024

श्री राम ऐजूकेशनल सोसायटी (रजि.) का शताब्दी समारोह

श्री गुलाब चंद कटारिया जी का संबोधन

 

देवियों और सज्जनों,

श्री राम एजुकेशनल सोसाइटी अमृतसर के आज के इस शताब्दी समारोह के महत्वपूर्ण अवसर पर आपके बीच उपस्थित होकर अत्यंत हर्ष का अनुभव कर रहा हूँ। मैं इस संस्था की प्रबंधन कमेटी के समस्त सदस्यों, प्रधानाचार्यों, छात्रगणों व अभिभावकों और अमृतसर के गणमान्य जनों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।

आज का यह दिन इस संस्था की उपलब्धियों के जश्न का ही नहीं, बल्कि संस्था से जुड़े उन लोगों के समर्पण, परिश्रम और दृष्टिकोण का भी प्रतीक है, जिन्होंने इस संस्था को यहां तक पहुंचाया है।

आज हम इस संस्था की 100 वर्षों की एक गौरवमयी यात्रा का स्मरण कर रहे हैं। यह आयोजन हमें उस दिन की याद दिलाता है जब इस संस्था की नींव रखी गई थी, और इसके संस्थापकों ने शिक्षा के माध्यम से समाज में परिवर्तन लाने का सपना देखा था। वे जानते थे कि शिक्षा ही वह शक्ति है, जो हमें अज्ञानता से मुक्ति दिलाकर विकास और समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ा सकती है।

मुझे पिछले 100 वर्षों में श्री राम एजुकेशन सोसाइटी की यात्रा के बारे में जानकर बहुत अच्छा लगा। यह एक ऐसी संस्था है, जिसे आचार्य सुंदर सिंह जी ने राष्ट्रवादी आंदोलन के जवाब में शुरू किया था। विशेष रूप से महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन और अमृतसर में 1919 की जलियांवाला बाग में हुई त्रासदी के बाद ब्रिटिश सरकार के मनसूबों की चुनौतियों का सामना करने के लिए और भारतीय मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए।

मुझे जानकर बेहद खुशी हो रही है कि श्री राम आश्रम हाई स्कूल उत्तर भारत का पहला सहशैक्षिक स्कूल था। इसे पंडित मदन मोहन मालवीय जी जैसे नेताओं का आशीर्वाद प्राप्त था और मॉल रोड पर वर्तमान भवन की आधारशिला भारत रत्न डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के तत्कालीन उपराष्ट्रपति द्वारा रखी गई थी। 

मुझे स्वामी विवेकानंद के दृष्टिकोण की याद आती है जिन्होंने कहा था कि ‘‘हम एक ऐसी शिक्षा चाहते हैं जिसके द्वारा चरित्र का निर्माण हो, मानसिक शक्ति, बुद्धि का विस्तार हो और जिसके द्वारा व्यक्ति अपने पैरों पर खड़ा हो सके।’’

ये सोसाइटी देश भक्ति और पारंपरिक मूल्यों में गहराई से निहित है जो वैश्विक विकास को अपनाकर वास्तव में सराहनीय काम कर रही है।

दोनों ही स्कूल श्री राम आश्रम पब्लिक स्कूल और श्री राम आश्रम सीनियर सेकेंडरी स्कूल आज अध्यक्ष श्री बलबीर बजाज जी के गतिशील नेतृत्व में लगभग 4000 विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान कर रहे हैं । 

अक्सर कहा जाता है कि जब आप किसी समाज को आंकना चाहते हैं तो आपको यह देखना चाहिए कि स्कूल में क्या हो रहा है और ऐसे स्कूल ही राष्ट्र के भविष्य को आकार दे रहे हैं। 

मुझे इस संस्थान को देखकर खुशी हो रही है जो एक ही समय में भारतीय मूल्यों के साथ विद्यार्थियों का पोषण कर रहा है। साथ ही उन्हें नवीनतम तकनीकी प्रगति से परिपूर्ण भी कर रहा है। 

स्कूल न केवल शिक्षा बल्कि खेलों में भी अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और यह देखकर मुझे बहुत खुशी होती है कि शतरंज, योग, स्केटिंग, स्किपिंग, बैडमिंटन, जूडो, ताइ क्वांडो आदि जैसे खेलों में स्कूल राज्य और राष्ट्रीय स्तर तक पहुंच रहा है। 

हमारे देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम जी ने ठीक ही कहा था कि ‘‘शिक्षा का उद्देश्य कौशल और विशेषज्ञ के साथ-साथ अच्छे इंसान बनना है और प्रबुद्ध इंसान शिक्षकों द्वारा ही बनाए जा सकते हैं।’’

मित्रों,

प्राचीन भारत में गुरूकुल की प्रथा प्रचलित थी। गुरुकुल में विद्यार्थी एक गुरु के मार्गदर्शन में शिक्षा ग्रहण करते थे। वे केवल सैद्धांतिक शिक्षा तक सीमित नहीं रहते थे, बल्कि खेती, पशुपालन, हथकरघा, धनुर्विद्या, और कला जैसे व्यावहारिक ज्ञान का भी अध्ययन करते थे। इसका उद्देश्य था कि विद्यार्थी हर प्रकार से जीवन के लिए तैयार हो सकें।

गुरुकुल पद्धति का मुख्य सिद्धांत था ‘‘शिष्य और गुरु’’ के बीच गहरे संबंध का निर्माण। गुरु सिर्फ ज्ञान देने वाला नहीं होता था, बल्कि वह एक मार्गदर्शक, मित्र और अभिभावक की भूमिका निभाता था। 

आज के समय में जब शिक्षा आधुनिक तकनीक पर आधारित है, गुरुकुल पद्धति का महत्व और भी अधिक हो गया है। हमें आज की शिक्षा में भी नैतिक और सांस्कृतिक मूल्यों को जोड़ने की आवश्यकता है।

आने वाले समय में छात्रों की कौशल क्षमता ही हमारे बच्चों की मदद करने वाली है और यही उनका विकास सुनिश्चित करेगी। यह देखकर अच्छा लगा कि श्रीराम आश्रम स्कूल रोबोटिक के माध्यम से छात्रों को व्यवहारिक ज्ञान दे रहे हैं। इंटर्नशिप और औद्योगिकी दौरे कर रहे हैं जो भविष्य के जीवन की नींव बनने जा रहे हैं। 

 मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि अगले सौ साल निरंतर नवाचार, प्रगति और सेवा से भरे रहें और इस विद्यालय की प्रबंधन कमेटी आने वाली पीढ़ी को दुनिया में अपनी पहचान बनाने के लिए प्रेरित, शिक्षित और सशक्त करती रहे।

मुझे पथ प्रदर्शन की दूरदर्शिता की विशेष सराहना करनी चाहिए जो छात्रों को अच्छे और प्रगतिशील इंसान बनाने के लिए नैतिक मूल्यों और पारंपरिक मूल्य प्रणाली प्रदान करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। छात्रों को भविष्य के नेता, उद्यमी पेशेवर और अच्छे नागरिक बनाने के लिए इनका प्रयास प्रशंसनीय है।

देवियो और सज्जनों,

हमारे देश में शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए हमारे दूरदर्शी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में नई शिक्षा नीति 2020 लागू की गई है। इस नई शिक्षा नीति का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों का संपूर्ण विकास करना और उन्हें पुस्तकीय ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक और रचनात्मक शिक्षा प्रदान करना है। 

हमें इसे लागू करने के लिए एकजुट होकर काम करना होगा, ताकि हमारे विद्यार्थी एक उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर हों।

आज के डिजिटल युग में बच्चों को रचनात्मक रूप से व्यस्त रखने और उन्हें संवेदनशील बनाना बहुत आवश्यक है। बच्चों के लिए साझा करने और संतुष्टि देने का मूल्य सीखना भी महत्त्वपूर्ण है। हम ऐसा वातावरण बनाएं जिससे सीखना और अन्वेषण फल-फूल सके।

मैं उन सभी शिक्षकों, छात्रों, कर्मचारियों और संस्थापकों का दिल से आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने इस संस्था को इस ऊंचाई तक पहुंचाया है। उनके बिना यह संभव नहीं था। साथ ही, हमारे सम्मानित अतिथियों और सभी प्रतिभागियों का भी धन्यवाद, जो इस ऐतिहासिक क्षण को हमारे साथ साझा करने आए हैं।

अंत में मैं एक बार फिर श्री राम एजुकेशन सोसाइटी की समर्पित टीम को बधाई देता हूं और इसकी सफलता के कई और वर्षों की कामना करता हूं।

चमकते रहें, प्रेरित करते रहें और उत्कृष्टता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बनाए रखें ।

धन्यवाद,

जय हिंद!