SPEECH OF HON’BLE GOVERNOR PUNJAB AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH, SHRI GULAB CHAND KATARIA ON THE OCCASION OF 54TH CONVOCATION OF PUNJAB ENGINEERING COLLEGE AT CHANDIGARH ON 19/10/2024.
- by Admin
- 2024-10-19 13:10
दिनांकः 19.10.2024 स्थानः पी.ई.सी. चंडीगढ़ पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज का 54वां दीक्षांत समारोह श्री गुलाब चंद कटारिया जी का संबोधन
मुझे आज पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (पैक) के 54वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर आप सभी के बीच उपस्थित होकर अत्यंत हर्ष का अनुभव हो रहा है। हर शैक्षणिक संस्थान के लिए दीक्षांत समारोह एक बहुत ही खास अवसर होता है। मुझे बताया गया है कि आज के इस दीक्षांत समारोह में बी.टेक. एम.टेक. और पीएचडी, स्नातकों को लगभग 763 डिग्रियां प्रदान की जाएंगी।
तकनीकी उत्कृष्टता और प्रतिष्ठा से समृद्ध पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज ने 09 नवंबर 2021 को 100 साल का अपना गौरवशाली अस्तित्व पूरा किया है। इसके लिए मैं आप सभी को हार्दिक बधाई देता हूं ।
100 से अधिक वर्षों की प्रतिष्ठित यात्रा के दौरान, पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज ने वैज्ञानिकों, इंजीनियरों, शोधकर्ताओं, नौकरशाहों, उद्यमियों और कलाकारों सहित समाज के सभी क्षेत्रों में विश्व प्रसिद्ध व्यक्तित्वों का निर्माण किया है।
वर्तमान में, संस्थान इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी में 13 स्नातक और 12 स्नातकोत्तर कार्यक्रम तथा इंजीनियरिंग, विज्ञान, मानविकी और प्रबंधन में पीएचडी कार्यक्रम प्रदान कर रहा है। संस्थान में सभी कार्यक्रमों के लिए वर्तमान छात्र संख्या लगभग 3500 है।
उत्तर भारत में तकनीकी शिक्षा के इस प्रमुख संस्थान की स्थापना 9 नवंबर 1921 को मुगलपुरा, लाहौर, पाकिस्तान में मुगलपुरा इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में की गई थी।
1931 में पंजाब विश्वविद्यालय, लाहौर से संबद्ध होने से लेकर 1947 में विभाजन के बाद ईस्ट पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में रूड़की में स्थानांतरित होने तक, यह अंततः 1953 के अंत में पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में चंडीगढ़ में स्थानांतरित हो गया, जहां यह पंजाब सरकार के अधीन कार्य करता था।
अंत में, चंडीगढ़ के केन्द्र शासित प्रदेश के गठन के साथ, यह चंडीगढ़ प्रशासन के नियंत्रण में आ गया। 2003में, इसे डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा प्राप्त हुआ।
पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज का इतिहास अतीत में राष्ट्र की जरूरतों और अपेक्षाओं, औद्योगिक क्रांति और उभरती प्रोद्योगिकियों से घनिष्ठ संबंध रखता है। 1962में, जब यह महसूस किया गया कि भारतीय वायु सेना के पास अपने विमानों के रखरखाव के लिए पर्याप्त इंजीनियर नहीं हैं, तो पैक ने 1964 में भारत को अपने पहले 17 स्नातक वैमानिकी इंजीनियरों को देकर साबित कर दिया कि यह देश की अखंडता की सेवा और रक्षा के लिए किसी भी लक्ष्य और उद्देश्य को पूरा कर सकता है।
इस संस्थान के कई प्रतिष्ठित पूर्व छात्रों ने विभिन्न क्षेत्रों में शानदार योगदान दिया है:
- डॉ कल्पना चावला, 1982 में यहाँ से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। कल्पना चावला, अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला थीं। उनके ये शब्द हम सभी को हमेशा प्रेरित करते हैं, “सपनों से सफलता तक की राह, मौजूद है। आप में उसे ढूंढने का दृष्टिकोण, उस पर चलने का साहस और उसे पूरा करने का धैर्य होना चाहिए।”
पद्मभूषण प्रो. सतीश चंद्र धवन, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष और भारत में एक्सपेरिमेंटल फ्लुइड डायनामिक्स रिसर्च के जनक माने जाते हैं और प्रो. आर.एन. डोगरा, जो कि आई.आई.टी. दिल्ली के संस्थापक निदेशक बने और प्रख्यात हास्य कलाकार पद्मभूषण श्री जसपाल भट्टी जी, जिन्होंने हास्य जगत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया वह भी पैक के ही छात्र थे।
हाल ही में, भारत सरकार ने भारतीय मोबाइल कांग्रेस के उद्घाटन समारोह के माध्यम से पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज, चंडीगढ़ को 5जी यूज़ केस लैब से सम्मानित किया है। इसी श्रृंखला में आगे बढ़ते हुए, भारत सरकार के सेमीकंडक्टर मिशन के तहत, सम्पूर्ण राष्ट्र में शामिल 31 कोहोर्ट्स में पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज को भी सम्मिलित किया गया।
गत वर्ष यहाँ बी.टेक इन आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस, और बी.टेक इन वी.एल.एस.आई. डिज़ाइन एंड टेक्नोलॉजी, बी.टेक इन मैथमेटिक्स एंड कंप्यूटिंग जैसे कई प्रोग्राम शुरू करके पैक ने स्वयं को साइंस और नवाचार के साथ भी जोड़ा है।
मैं पैक की फैकल्टी मेंबर डॉ. शिमी एस.एल. को, शिक्षक दिवस के अवसर पर भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2024 से सम्मानित किये जाने पर बधाई देता हूँ।
यहाँ के छात्रों की उपलब्धियां भी इस संस्थान की उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।
मुझे बताया गया है कि रिसर्च और नवाचार के क्षेत्र में आगे बढ़ते हुए यहाँ के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के 3 छात्रों ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए ऐसा ट्रैक्शन सिस्टम बनाया है, जिससे वो ज़्यादा सुरक्षित, तेज़ और सस्ते हो सकें।
यहीं के रिसर्च स्कॉलर डॉ दीपक सैनी ने एक ऐसा वेब एप्लीकेशन तैयार किया है, जो कि मोबाइल के ज़रिये ये बता देगा, कि बीमारी के किस स्टेज पर, किस तरह के इलाज की ज़रुरत है, और खेलों के क्षेत्र में भी कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग की छात्रा नानकी को साइकिलिंग में चेतन चौहान अवार्ड से सम्मानित किये जाने के लिए मैं तहेदिल से बधाई देता हूँ।
प्रिय छात्रों,
मैं देश के सबसे पुराने संस्थानों में से एक, ऐसे अत्यधिक प्रतिष्ठित पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई देता हूं।
दीक्षांत समारोह का दिन केवल आपके लिए ही नहीं, बल्कि देश सहित सभी शिक्षकों और आपके माता-पिता के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण एवं हर्ष और उल्लास का दिन है। उन्होंने जीवन के हर मोड़ पर आपका साथ दिया है और अपकी सफलता में निर्णायक भूमिका निभाई है।
मैं पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राध्यापकों और यहां की पूरी टीम को भी बधाई देता हूं, जिनकी कड़ी मेहनत के फलस्वरूप आज आप अपने लक्ष्य को हासिल कर पाए हैं।
याद रखें कि आज का दिन आपके करियर की शुरूआत है। आपने जो ज्ञान और कौशल यहां प्राप्त किया है उसका उपयोग समाज और देश के विकास में करें। एक इंजीनियर के रूप में, आपके पास समस्याओं को हल करने और दुनिया को बेहतर बनाने की क्षमता है।
तकनीकी क्षेत्र में निरंतर परिवर्तन हो रहे हैं। इसलिए सीखने की प्रक्रिया कभी न रोकें। नवीनतम तकनीकों से अवगत रहें और अपने कौशल को लगातार अपडेट करते रहें।
देवियों और सज्जनों,
ज्ञान केवल तथ्यों या सूचनाओं का संग्रह नहीं है; यह वह कुंजी है जो समझ, ज्ञान और प्रगति के द्वार खोलती है। तेजी से बदलते वैश्विक परिदृश्य में, जहां चुनौतियां और अवसर लगातार विकसित हो रहे हैं, नवीनतम ज्ञान जीवन की यात्रा में हमारा मार्गदर्शन करता है।
ज्ञान एक ऐसा सेतु है जो अतीत को वर्तमान से और वर्तमान को भविष्य से जोड़ता है। आप सभी को इस भव्य परंपरा का हिस्सा बनने का प्रयास करना जरूरी है।
प्यारे विद्यार्थियों,
आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा युवा देश बन रहा है। हाल ही में माननीय प्रधानमंत्री जी ने युवाओं की क्षमताओं का ध्यान रखते हुए वॉइस ऑफ यूथ ऐट 2047कार्यक्रम की घोषणा की है। यह जानकर, मुझे अत्यंत ख़ुशी का अनुभव हो रहा है, कि पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज अपने रिसर्च और अकादमिक कार्यक्रमों को भारत सरकार की प्रमुख योजनाओं जैसे, विकसित भारत ऐट 2047, मेक इन इंडिया और डिजिटल भारत इत्यादि के साथ जोड़ रहा है।
हाल ही में पंजाब राजभवन में केन्द्र सरकार द्वारा लाई गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 संबंधी विभिन्न विश्वविद्यालयों और संस्थानों के कुलपतियों और निदेशकों की भागीदारी वाले दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें पंजाब के मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और कई अन्य दिग्गजों ने हिस्सा लिया और शिक्षा नीति के सफल कार्यान्वयन पर चर्चा की गई।
इस सेमिनार का उद्देश्य पंजाब और चंडीगढ़ में नई शिक्षा नीति को पूर्ण रूप से लागू कर शिक्षा के स्तर में सुधार करते हुए पंजाब और चंडीगढ़ को शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बनाना है।
यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, इक्कीसवीं शताब्दी की पहली शिक्षा नीति है जिसका लक्ष्य हमारे देश के विकास के लिए अनिवार्य आवश्यकताओं को पूरा करना है।
यह नीति भारत की परंपरा और सांस्कृतिक मूल्यों के आधार को बरकरार रखते हुए, इक्कीसवीं सदी की शिक्षा के लिए आकांक्षात्मक लक्ष्यों, के संयोजन में शिक्षा व्यवस्था, उसके नियमन और गवर्नन्स सहित, सभी पक्षों के सुधार और पुनर्गठन का प्रस्ताव रखती है।
प्रिय छात्रों! मैं आपसे यह अपेक्षा करता हूं कि आप न केवल अपने व्यक्तिगत लक्ष्यों को प्राप्त करें, बल्कि समाज और देश की प्रगति में भी सक्रिय भूमिका निभाएं। अपनी सफलता को दूसरों की भलाई के लिए समर्पित करें और एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें।
अंत में, मैं आप सभी के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं। आपके जीवन में नए अवसर आएं और आप हमेशा सफलता की ऊँचाइयों को छुएं और अपने कॉलेज का नाम रोशन करें।
धन्यवाद,
जय हिन्द!