Speech of Hon'ble Governor of Punjab and Administrator, UT, Chandigarh, Shri Gulab Chand Kataria on the occasion of 64th Founders' Day celebration of PPS Nabha on October 27, 2024.

दिनांकः 27.10.2024स्थानः पंजाब पब्लिक स्कूल, नाभा
पंजाब पब्लिक स्कूल, नाभा का 64वां स्थापना दिवस समारोह
श्री गुलाब चंद कटारिया जी का संबोधन

सभी को नमस्कार!

कार्यकारी समिति के अध्यक्ष श्री जय सिंह गिल, बोर्ड के प्रतिष्ठित सदस्यगण, प्रधानाध्यापक डॉ. डीसी शर्मा, रोल ऑफ ऑनर और लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित सभी विजेता, प्यारे छात्र, कर्मचारी, सम्मानित अतिथिगण और स्कूल समुदाय के प्रिय सदस्यों!

मैं पंजाब पब्लिक स्कूल नाभा को इसके 64वें स्थापना दिवस समारोह पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूँ।

पंजाब पब्लिक स्कूल की स्थापना 1960 में हुई थी, जिसका उद्देश्य सेवानिवृत्त सैनिकों, रक्षा बलों के कर्मियों और नागरिकों के योग्य बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना था। इसकी स्थापना में सरदार प्रताप सिंह कैरों की प्रेरणा थी, जो तत्कालीन पंजाब के मुख्यमंत्री थे। राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 11 अप्रैल, 1961 को औपचारिक रूप से इसका उद्घाटन किया।

मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि स्कूल का बुनियादी ढांचा 105 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है ।

स्कूल का आदर्श वाक्य ‘‘आगे और ऊपर’ (Onward and Upward) है,  यह  वाक्य हमें प्रेरित करता है कि हम निरंतर नई ऊँचाइयों को छूने का संकल्प लें, और हर कदम पर अपने मानकों को ऊँचा उठाते रहें। मुझे पूरा विश्वास है कि इस आदर्श वाक्य को अपनाते हुए यह स्कूल और छात्र नए शिखरों को छुएंगे और एक सशक्त, विकसित भारत की दिशा में योगदान देंगे।

यह गर्व का विषय है कि स्कूल के कई पूर्व छात्र सशस्त्र बलों में उच्च पदों पर पहुँचे हैं, जैसे जनरल बिक्रम सिंह, पूर्व थल सेनाध्यक्ष, और वाइस एडमिरल सतीश सोनी। इसके अलावा, कई पूर्व छात्र वर्तमान में लेफ्टिनेंट जनरल पद पर कार्यरत हैं। रोल ऑफ ऑनर प्राप्त प्रमुख पूर्व छात्रों में लेफ्टिनेंट जनरल ओ पी नंदराजोग, वाइस एडमिरल जे एस बेदी, और हीरो मोटोकॉर्प के अध्यक्ष एवं सीईओ डॉ. पवन कांत मुंजाल शामिल हैं। अन्य क्षेत्रों में भी स्कूल के पूर्व छात्र जैसे राजनीति, खेल, ज्यूडिशियल और सिविल सर्विसेज में उत्कृष्ट पदों पर रहे है।

प्रारंभ में इस संस्थान का नाम ‘सैनिक स्कूल’ था, क्योंकि इसका उद्देश्य खड़कवासला की राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के लिए एक प्रदायक विद्यालय बनना था। आज भी यहाँ एन.सी.सी के तीनों विंग्स - सेना, नौसेना और वायुसेना के साथ गर्ल्स एनसीसी भी उपलब्ध है, जो छात्रों को सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए प्रेरित करता है।

इस विद्यालय ने उत्तरी भारत में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करके एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसने सार्वजनिक जीवन के सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट व्यक्तित्वों को तैयार किया है। विद्यालय ने बदलते समय के साथ शिक्षण पद्धतियों को अपनाया है और उत्कृष्टता का प्रतीक बन गया है।

मुझे बताया गया है कि वर्तमान में स्कूल में पंजाब और अन्य राज्यों के 651 छात्र-छात्राएँ और कई एनआरआई बच्चे हैं। जूनियर विंग में अत्याधुनिक गर्ल्स हॉस्टल है, जहां वर्तमान में 159 लड़कियाँ रह रही हैं।

मित्रों,

स्कूल केवल एक शैक्षिक संस्थान नहीं होता, बल्कि यह एक परिवार की तरह होता है, जहाँ शिक्षक और विद्यार्थी एक साथ सीखते और आगे बढ़ते हैं। हमारे संस्थापकों ने जिस मूल्यों और आदर्शों की नींव रखी थी, वही आज भी हमारे स्कूल की पहचान बने हुए हैं।

स्कूल वह जगह है जहाँ हमें छात्र को समाज के प्रति उसके दायित्व, देश के नागरिक के रूप में उसकी जिम्मेदारी और अंततः विशिष्ट सदस्य के रूप में दुनिया के प्रति उसके दायित्व की याद दिलानी होती है। यह विशेष रूप से आवश्यक है क्योंकि आज के बच्चे वैश्विक नागरिक हैं।

पंजाब पब्लिक स्कूल नाभा के छात्र भाग्यशाली हैं कि उन्हें शिक्षित करने के लिए बेहतरीन शिक्षकों के साथ एक बेहतरीन स्कूल मिला है। बच्चों के दिमाग पर सबसे ज्यादा प्रभाव शिक्षकों का होता है। माता-पिता के साथ-साथ शिक्षक ही चरित्र का विकास करते हैं, महत्वाकांक्षा और मूल्यों का संचार करते हैं और छात्रों में आत्मविश्वास पैदा करते हैं। ये शिक्षक ही हैं जो छात्रों के जीवन में बदलाव लाते हैं।

मेरा मानना है कि शिक्षा छात्रों को अगली कक्षा के लिए तैयार करने की प्रक्रिया नहीं है; यह उन्हें जीवन के लिए तैयार करने की प्रक्रिया है।

स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था कि, ‘‘हमें वह शिक्षा चाहिए जिससे चरित्र का निर्माण हो, मन की शक्ति बढ़े, बुद्धि का विस्तार हो, और जिससे व्यक्ति अपने पैरों पर खड़ा हो सके।’’

मैं शिक्षकों और अभिभावकों से आग्रह करता हूँ कि वे विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण पर अत्यधिक जोर दें। हमें अपने विद्यार्थियों में अपनी सांस्कृतिक विरासत और सभ्यता के प्रति गर्व पैदा करना होगा। मैं विशेष रूप से अभिभावकों और शिक्षकों से बच्चों से संवाद करने, उन्हें समझने और उनकी चिंताओं को दूर करने का आग्रह करना चाहूंगा।

मित्रों,

यह दिन हमें याद दिलाता है कि शिक्षा का असली उद्देश्य केवल अकादमिक ज्ञान प्राप्त करना नहीं है, बल्कि नैतिक मूल्यों, अनुशासन और जीवन में सही मार्गदर्शन प्राप्त करना भी है।

शिक्षा केवल कक्षा में पढ़ाई तक सीमित नहीं है; खेल और सह-पाठ्यक्रम गतिविधियाँ इसका अभिन्न हिस्सा हैं। यह देखकर खुशी होती है कि इस स्कूल ने खेल में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं, जो अन्य स्कूलों के लिए अनुकरणीय हैं।

घुड़सवारी जैसे खेल, जो अब कुछ ही स्कूलों में प्रचलित हैं, में भी PPS नाभा स्कूल के छात्रों ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सफलता पाई है।

यह दिन हमें उस समृद्ध विरासत की याद दिलाता है जिसे हम आगे बढ़ा रहे हैं। यह हमें भविष्य की असीम संभावनाओं से भी परिचित करवाता है। अध्यक्ष के रूप में, यह देखकर मुझे बहुत गर्व होता है कि हम कितनी दूर आ गए हैं। लेकिन आज का मेरा यह संदेश केवल अतीत का सम्मान करने के बारे में नहीं है, बल्कि यह भविष्य को आकार देने हेतु आपको प्रेरित करने के बारे में भी है।

आप में से प्रत्येक व्यक्ति असीम संभावनाओं, सपनों और महत्वाकांक्षाओं से भरा हुआ है जो न केवल आपके जीवन को बल्कि आपके आस-पास की दुनिया को बदलने की ताकत रखते हैं। आप में से हर एक के पास एक विशेष प्रतिभा है, जो आपको दूसरों से अलग करती है। लेकिन उस प्रतिभा को महानता में बदलने के लिए कड़ी मेहनत, दृढ़ संकल्प और विश्वास की आवश्यकता होती है। एक बार हम जो भी मन में ठान लें, उसे हासिल कर सकते हैं।

सफलता की राह कभी भी आसान नहीं होती। इसमें चुनौतियाँ, असफलताएँ और ऐसे क्षण आएंगे जब आपको लगेगा कि आप हार मान चुके हैं। लेकिन यही वह समय है जब आपकी असली क्षमता की परीक्षा होगी। क्या आप रुक जाएँगे, या दृढ़ रहेंगे? क्या आप आसान रास्ता अपनाएँगे, या आप चुनौती का सामना करेंगे और आगे बढ़ेंगे?

असफलता से न डरें−असफलता अक्सर सबसे अच्छी शिक्षक होती है। आपके सामने आने वाली हर बाधा सीखने, आगे बढ़ने और मजबूत बनने का अवसर है। दुनिया में सबसे सफल लोग वे नहीं हैं जो कभी असफल नहीं हुए, बल्कि वे हैं जिन्होंने अपनी असफलताओं से सीखा है और हर बार और अधिक मजबूत होकर लौटे हैं।

सफलता केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता नहीं है। माना कि ग्रेड महत्वपूर्ण होते हैं, लेकिन वे आपके आकलन के विभिन्न तरीकों में से मात्र एक तरीका हैं। आपकी दयालुता, आपकी सहानुभूति, दूसरों के साथ मिलकर काम करने की आपकी क्षमता और सकारात्मक प्रभाव डालने की आपकी इच्छा, ये ऐसे गुण हैं जो आपको एक लीडर और चेंजमेकर के रूप में परिभाषित करेंगे।

महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करें, न केवल अपने लिए, बल्कि अपने समुदाय, अपने देश और पूरी दुनिया के लिए। दुनिया को समस्या का समाधान करने वालों (प्रॉब्लम सॉल्वर), नवप्रवर्तकों (इनोवेटर्स) और करूणा भरे मार्गदर्शकों की आवश्यकता है। इसके लिए ऐसे लोगों की जरूरत है जो अतिरिक्त प्रयास करने को तैयार हों, जो सही के लिए खड़े होने से न डरें और जो जीवन को बदलने के लिए शिक्षा की शक्ति में विश्वास करते हों।

हमारे संस्थापकों और आपसे पहले आए लोगों ने आपके लिए एक मज़बूत नींव का निर्माण किया है। उन्होंने आपको साधन, ज्ञान और अवसर प्रदान किए हैं। लेकिन यहां से आगे का सफर आपको स्वयं तय करना है।

आप अपने दोस्तों, अपने शिक्षकों और अपने स्कूल की ओर देखें। यह आपका एक सपोर्ट सिस्टम है। इसका इस्तेमाल बुद्धिमानी से करें। सवाल पूछें, मार्गदर्शन लें और जोखिम उठाने से कभी न डरें। खुद पर विश्वास रखें, क्योंकि हमें आप पर विश्वास है।

भविष्य कोई घटना नहीं है जो आपके साथ घटित होती है बल्कि आप इसका निर्माण स्वयं करते हैं और यह आपके हर निर्णय, हर कदम पर निर्भर करता है। आप कल के निर्माता हैं, और आप जो ऊंचाइयां हासिल कर सकते हैं, वे केवल उन सीमाओं तक ही सीमित हैं जो आप स्वयं के लिए निर्धारित करते हैं।

मित्रों,

वर्ष 2047 में जब हम अपनी स्वतंत्रता के 100 वर्ष मना रहे होंगे, हमारा लक्ष्य विकसित देशों की श्रेणी में शामिल होना है। इस राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, आप जैसे युवाओं के लिए उत्साह के साथ काम करना और हमारे देश के विकास में योगदान देना महत्वपूर्ण है।

हम छात्रों की एक ऐसी पीढ़ी चाहते हैं जो क्षितिज से परे देखने के लिए तैयार हो, जो समाज की सेवा करने के लिए तैयार हो और गरीबी, अशिक्षा, अभाव और अज्ञानता जैसी हमारे देश की कुछ मौजूदा समस्याओं को दूर करने में अपनी भूमिका निभाए।

स्कूलों को लगातार नवाचार करना होगा और समझना होगा कि छात्र क्या सीखना चाहते हैं। एक-आयामी शिक्षा के दिन खत्म हो चुके हैं। शिक्षकों को शिक्षण की प्रक्रिया में सहायक बनना होगा। छात्रों के साथ तालमेल बिठाने के लिए उन्हें तकनीक-प्रेमी बनना होगा।

प्रिय छात्रों,

देश में शिक्षा और कौशल विकास में फिर से जान फूंकने का उपकरण राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के रूप में हमारे सामने है। यह नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति शिक्षा, संस्कृति और कौशल का सुमेल है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को भारतीय शिक्षा प्रणाली में सुधार लाने और इसे अधिक समावेशी, सुलभ, और आधुनिक बनाने के उद्देश्य से लागू किया गया है। यह नीति शिक्षा में व्यापक सुधार का मार्ग प्रशस्त करती है, जिससे हमारे देश के छात्रों को न केवल ज्ञान प्राप्त होगा, बल्कि उन्हें जीवन के हर क्षेत्र में सक्षम बनाने का प्रयास किया जाएगा।

इसका उद्देश्य न केवल एक बेहतर शिक्षा प्रणाली का निर्माण करना है, बल्कि भारत को एक वैश्विक शिक्षा शक्ति के रूप में स्थापित करना भी है। हमें इसे समझकर, अपनाकर और अपनी शिक्षा यात्रा में इसके लाभों का पूरा उपयोग करना चाहिए।

सामूहिक प्रयासों से हम पंजाब की शिक्षा प्रणाली को उन्नत कर सकते हैं और इसे राष्ट्रीय मॉडल के रूप में स्थापित कर सकते हैं। पंजाब में शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्र का नेतृत्व करने की क्षमता है।

मित्रों,

आज के इस शुभ दिन पर, हमें संकल्प लेना चाहिए कि हम अपने संस्थापकों के आदर्शों पर चलते हुए शिक्षा के प्रति अपना समर्पण और दृढ़ संकल्प बनाए रखें। आइए, हम इस वर्ष को उन महान उपलब्धियों का साक्षी बनाएं जिन्हें हम सभी एक साथ हासिल कर सकते हैं।

अंत में, मैं उन सभी का धन्यवाद करना चाहूंगा, जिन्होंने इस विद्यालय को आगे बढ़ाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

आप सभी को दीपावली की भी हार्दिक शुभकामनाएँ।

धन्यवाद,

जय हिंद!