SPEECH OF HON’BLE GOVERNOR PUNJAB AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH, SHRI GULAB CHAND KATARIA ON THE OCCASION OF SWACH BHARAT DIVAS CELEBRATIONS AT CHANDIGARH ON 02.10.2024.

दिनांकः 02.10.2024स्थानः चंडीगढ़
गांधी जयंती के अवसर पर ‘स्वच्छता ही सेवा अभियान’
श्री गुलाब चंद कटारिया जी का संबोधन

 

प्रिय साथियों,

सर्वप्रथम आप सभी को राष्ट्रपिता महात्मा गांधीजी की155वीं जयंती की हार्दिक बधाई।

गांधी जयंती सिर्फ उत्सव का दिन नहीं, बल्कि चिंतन का दिन है। यह हमें गांधी जी के सिद्धांतों की याद दिलाता है। गांधी जी का शांति, अहिंसा, करूणा और सत्य के प्रति अटूट विश्वास था।

सत्य और अहिंसा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने दुनिया भर में मौलिक अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए आंदोलनों को प्रेरित किया। उन्होंने ब्रिटिश शासन से भारत की आजादी के लिए लड़ने के लिए अहिंसा को अपना सबसे बड़ा शस्त्र बनाया।

उनके समर्पण और संघर्ष के कारण भारत को 200 वर्षों के ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से आजादी मिली। गांधी जी के बलिदान और उनके अतुलनीय कार्य के लिए उन्हें राष्ट्रपिता का दर्जा दिया गया।

उनके अहिंसा के सिद्धांत को पूरी दुनिया ने सलाम किया, यही वजह है कि पूरा विश्व आज का दिन अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के तौर पर भी मनाता है।

गांधीजी की महानता, उनके कार्यों और विचारों के कारण ही 2 अक्टूबर को स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस की तरह राष्ट्रीय पर्व का दर्जा दिया गया है।

2 अक्टूबर केवल महात्मा गांधी जी की जयंती नहीं है, बल्कि यह दिन हमें उस महान सपने की याद दिलाता है जिसे उन्होंने एक स्वच्छ, स्वस्थ और विकसित भारत के रूप में देखा था।

स्वच्छता का उनका संदेश न केवल उनकी सोच का हिस्सा था, बल्कि यह हमारे समाज को बेहतर, अधिक मानवीय और अधिक सभ्य बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी विचार था।

हमारे प्राचीन वेदों और ग्रंथों में भी स्वच्छता को एक नैतिक और आध्यात्मिक जिम्मेदारी के रूप में देखा गया है। ऋग्वेद और अथर्ववेद जैसे प्राचीन ग्रंथों में यह उल्लेख मिलता है कि स्वच्छता न केवल व्यक्ति के लिए, बल्कि समाज और पर्यावरण के लिए भी अत्यावश्यक है।

मनुस्मृति, जो कि एक प्राचीन भारतीय विधि संहिता है, में भी स्वच्छता के महत्व का वर्णन किया गया है। इसमें व्यक्ति की शारीरिक स्वच्छता के साथ-साथ उसके आस-पास के पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने पर जोर दिया गया है।

पतंजलि के योग सूत्रों में भी स्वच्छता को एक महत्वपूर्ण नैतिक नियम के रूप में स्वीकार किया गया है। शौच को मानसिक और शारीरिक स्वच्छता दोनों से जोड़ा गया है, और इसे एक संपूर्ण जीवन जीने के लिए अनिवार्य माना गया है।

हमारे धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं में भी स्वच्छता का विशेष महत्व है। दीवाली जैसे पर्वों में घरों और आस-पास की सफाई एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान का हिस्सा है। यह माना जाता है कि माता लक्ष्मी साफ-सुथरे घरों में ही निवास करती हैं।

हम महात्मा गांधी के योगदान को कभी नहीं भूल सकते। उनका मानना था कि ‘‘स्वच्छता, भक्ति से भी बढ़कर है’’ अर्थात ईश्वर के सबसे करीब वही है जो स्वच्छ है।

वर्ष 1895 में जब ब्रिटिश सरकार ने दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों और एशियाई व्यापारियों से उनके स्थानों को गंदा रखने के आधार पर भेदभाव किया था, तब से लेकर जीवनभर गांधीजी लगातार स्वच्छता पर जोर देते रहे।

उनके अनुसार, एक स्वच्छ और स्वस्थ समाज ही सच्चे अर्थों में स्वतंत्र हो सकता है। जब वे भारत लौटे, तो उन्होंने स्वच्छता को राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया का अभिन्न अंग माना और कहा कि ‘‘स्वच्छता स्वतंत्रता से भी अधिक महत्वपूर्ण है।’’

मित्रो,

गांधीजी के इस सपने को साकार करने के लिए, 2अक्टूबर 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की। इस अभियान का उद्देश्य न केवल खुले में शौच मुक्त भारत बनाना है, बल्कि हर नागरिक को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना है।

आज स्वच्छ भारत मिशन अपने दस वर्ष पूरे कर चुका है,जिसके अन्तर्गत 17 सितंबर को शुरू हुआ ‘‘स्वच्छता हीसेवा’’ एक राष्ट्रव्यापी पहल है, जिसे सभी क्षेत्रों के नागरिकोंको संगठित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

इस वर्ष के अभियान का विषय, ‘स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता’ है, जो स्वच्छता को हमारी आदतों औरमूल्यों में शामिल करने पर केंद्रित है। मुझे इस महान मिशनमें पूरे देश और विशेष रूप से चंडीगढ़ के लोगों की अपारभागीदारी देखकर खुशी हुई।

‘स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता’ अभियान तीन प्रमुख स्तंभों पर आधारित हैः-

पहला, स्वच्छता की भागीदारी, जिसमें जन जागरूकता और जन भागीदारी के माध्यम से स्वच्छता के लिए लोगों को प्रेरित करना शामिल है।

दूसरा, संपूर्ण स्वच्छता, जो स्वच्छता लक्षित इकाइयों जैसे चुनौतीपूर्ण और सर्वाधिक गंदे स्थानों की समयबद्ध स्वच्छता सुनिश्चित करता है।

तीसरा, सफाई मित्र सुरक्षा शिविर, जिसमें सफाई कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य जांच, सुरक्षा और सम्मान को सुनिश्चित करने के लिए शिविरों का आयोजन होता है।

इस अभियान का उद्देश्य सामूहिक प्रयासों से स्वच्छता को एक स्थायी संस्कृति के रूप में स्थापित करना है। यह अभियान न केवल पिछले दशक की उपलब्धियों का उत्सव है, बल्कि आने वाले वर्षों में स्वच्छता की दिशा में हमारे संकल्प को और मजबूत करने का भी एक माध्यम है।

आज हम गर्व से कह सकते हैं कि स्वच्छ भारत अभियान की वजह से देश में व्यापक परिवर्तन हुए हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर वर्ग ने इस आंदोलन में भाग लिया और स्वच्छता को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाया।

साथ ही, सफाई मित्रों की भूमिका इस अभियान में सबसे महत्वपूर्ण रही है। उनके अथक परिश्रम से आज हमारे शहरों और गाँवों की सूरत बदली है।

चंडीगढ़, जिसे सिटी ब्यूटीफुल के नाम से पहचान मिली है, यह सफाई मित्रों के निरंतर प्रयासों का ही परिणाम है। ‘‘स्वच्छ भारत दिवस’’ पर मैं आप सभी ‘‘सफाई मित्रों’’ का हृदय के अंतःकरण से अभिनंदन करता हूं।

मुझे गर्व है कि हमारे शहर ने स्वच्छता और स्मार्ट सिटी योजनाओं में कई पुरस्कार जीते हैं। इसे स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में 12वां स्थान मिला और फास्टेस्ट मूविंग कैपिटल अवार्ड भी मिला। और स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में चंडीगढ़ को 11वां स्थान मिला और सर्वश्रेष्ठ सफ़ाई मित्र सुरक्षित शहर का अवॉर्ड भी मिला। हमारा प्रयास है कि हम 100 प्रतिशत कचरा संग्रहण, पृथक्करण और प्रोसेसिंग को जल्द से जल्द प्राप्त करें।

सफाई मित्रों और लगभग 28 हज़ार चंडीगढ़ वासियों ने 155 स्थानों पर पार्क, मार्केट, गौशाला और सार्वजनिक स्थानों की ‘‘सफाई-सेवा’’ की। देश आपका कृतज्ञ है और इसलिए आज देशभर में सफाई-मित्रों का अभिवादन किया जा रहा है।

अभी हाल ही में गणेशचतुर्थी के पर्व के समय जिस प्रकार देशवासियों ने माटी से निर्मित गणेश जी की मूर्तियों को अपने घरों में विधिवत स्थापित कर पूजा-अर्चना के पश्चात् विसर्जित किया, मैं चाहता हूं कि उसी प्रकार इस दीवाली पर भी हम सब पर्यावरण को ध्यान में रखकर ग्रीन दीवाली मनाएं और पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने में अपना महति योगदान दें।

उद्योगों, अस्पतालों आदि से गंदा पानी या अपशिष्ट पदार्थ नदी-नालों में फेंका जा रहा है जिसके कारण कैंसर जैसी बीमारियां घातक रूप लेती जा रही हैं। इसे रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाने चाहिएं।

आज इस अवसर पर मैं नगर निगम और चंडीगढ़ प्रशासन से अपील करता हूं कि सभी उद्योगों और अस्पतालों सहित अन्य कारोबारों का गंदा पानी बिना उपचार किए नदी-नालों में न जाने दिया जाए और ऐसा न होने की स्थिति में संबंधितों के विरूद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।

इसके अलावा चंडीगढ़ की बाहरी कालोनियों और गांवों में, जहां पर गरीब लोग बसे हुए हैं और जो हमारे सफाई मित्र सिटी ब्यूटीफुल की स्वच्छता व सुंदरता बनाए रखने में निरंतर प्रयासरत हैं, उनके आंगन को स्वच्छ बनाने के लिए प्राथमिकता दी जाए।

चंडीगढ़ को ग्रहण लगा रहे डंपिंग ग्राउंड की समस्या से मैं भलीभांति परिचित हूं और इसके समाधान के लिए आने वाले दिनों में ठोस प्रयास किए जाएंगे।

मैं आप सभी से अपील करता हूँ कि इस स्वच्छता यात्रा को जारी रखते हुए, हम अपने जीवन में स्वच्छता को एक संस्कार के रूप में अपनाएं और इस मिशन को सफल बनाएं।

धन्यवाद,

जय हिन्द!