Speech of Hon'ble Punjab Governor and Administrator, UT, Chandigarh, Shri Gulab Chand Kataria on the occasion of honouring the civil servants who were mentored by ‘Samkalp Chandigarh’ at Punjab Raj Bhavan on November 10,2024.
- by Admin
- 2024-11-10 20:25
संकल्प चंडीगढ़ द्वारा सिविल सेवा में सफलता प्राप्त करने वाले पूर्व उम्मीदवारों हेतु आयोजित सम्मान समारोह के अवसर पर श्री गुलाब चंद कटारिया जी का भाषण स्थानः पंजाब राजभवन दिनांकः 10.11.2024, रविवार समयः 4:00 PM
सभी को मेरा नमस्कार!
मुझे आज संकल्प चंडीगढ़ द्वारा आयोजित इस सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होकर अत्यंत हर्ष का अनुभव हो रहा है।
राष्ट्र निर्माण में सिविल सेवकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि सिविल सेवकों को सिद्धांतवादी होना चाहिए और यह सुनिश्चित करने के लिए दूरदृष्टि होनी चाहिए कि सरकार की नीतियों के परिणाम आम आदमी तक अवश्य पहुँचें।
इसी उद्देश्य से, 1986 में दिल्ली में संकल्प की स्थापना की गई थी, ताकि ज़रूरतमंद युवाओं को देश की प्रशासनिक सेवाओं को एक मिशनरी उत्साह, राष्ट्रवादी भावना और बुनियादी मानवीय मूल्यों के प्रति पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ करियर के रूप में अपनाने के लिए तैयार किया जा सके।
संकल्प उनमें बेहतर प्रशासक बनने के लिए आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प की भावना पैदा करने का प्रयास करता है। उनसे नवोन्मेषी सोच के अलावा नेतृत्व के गुण और असाधारण प्रबंधन कौशल दिखाने की अपेक्षा की जाती है।
संकल्प उनमें ईमानदारी, सत्यनिष्ठा, करुणा, सामाजिक प्रतिबद्धता, उत्कृष्टता, दूरदर्शिता, दृढ़ संकल्प और कर्तव्य के प्रति समर्पण के साथ-साथ राष्ट्रीय उद्देश्य के प्रति निष्ठा और समर्पण के मूल्यों को आत्मसात करने का प्रयास करता है। यह सच्चे भारतीय मूल्यों और लोकाचारों को विकसित करता है।
संकल्प की टीम के सदस्यों के प्रयासों स्वरूप संस्था को बड़ी सफलता मिली है। वर्तमान में दिल्ली में 4छात्रावास हैं, जिनमें छात्रावासी अभ्यर्थी सिविल सेवा की तैयारी कर रहे हैं। दिल्ली में हर साल 1800 से अधिक छात्रावासी अभ्यर्थियों को मार्गदर्शन एवं कोचिंग प्रदान की जाती है।
पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर तथा चंडीगढ़ के अभ्यर्थियों की मांग पर चंडीगढ़ में संकल्प की शाखा में कोचिंग एवं मार्गदर्शन कार्यक्रम शुरू किया गया है।
वर्ष 2007 में स्थापित संकल्प चंडीगढ़ सिविल सेवा उम्मीदवारों को मार्गदर्शन और तैयारी कराने के लिए प्रतिबद्ध एक संस्थान है। संकल्प चंडीगढ़ के लिए यह गर्व की बात है कि इसके 108 छात्रों ने गत वर्षों में प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा में सफलता प्राप्त की है।
मुझे बताया गया है कि संकल्प चंडीगढ़ अपने पूर्व छात्रों के लिए ‘पर्व मिलन उत्सव’ का भी आयोजन करता है, जिन्हें संकल्प चंडीगढ़ पिछले 16 वर्षों से यूपीएससी और पीसीएस परीक्षा उत्तीर्ण करने में सहायता प्रदान कर रहा है।
देश भर में विभिन्न सरकारी सेवाओं में प्रतिष्ठित पदों पर आसीन ये व्यक्ति भविष्य के उम्मीदवारों के लिए प्रेरणास्रोत हैं और इस कार्यक्रम के माध्यम से हमारा उद्देश्य उनकी उपलब्धियों और राष्ट्र की सेवा के प्रति प्रतिबद्धता का जश्न मनाना है।
मैं आपको बताना चाहता हूं कि पंजाब राजभवन ने भी Society for Empowerment of Disadvantaged Talented Youth के अन्तर्गत पंजाब और चंडीगढ़ के सरकारी स्कूलों के कक्षा 8वीं और 10वीं के उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित करने की परंपरा की शुरूआत की है जिसके तहत छात्रों को स्कॉलरशिप और प्रशंसा प्रमाणपत्र से सम्मानित किया जाता है।
मित्रों,
आज का यह अवसर हमारे लिए अत्यधिक गौरवपूर्ण और महत्वपूर्ण है, आज जिन सिविल सेवकों को सम्मानित किया है, वे केवल सरकारी कर्मचारी नहीं हैं। वे हमारे समाज के नेतृत्वकर्ता, मार्गदर्शक और प्रेरणास्त्रोत हैं। इनकी कड़ी मेहनत, सच्ची निष्ठा और ईमानदारी के कारण ही हमारा प्रशासन सुचारू रूप से कार्य करता है और देश प्रगति की दिशा में आगे बढ़ता है।
आज विभिन्न पदों पर आसीन कुल 37 अधिकारियों को सम्मानित किया गया है जिनमें 2 आई.ए.ए.एस., 4आई.ए.एस, 3 आई.पी.एस., 11 पी.सी.एस., 5एच.सी.एस., 1 पी.आई.एस., 6 आई.आर.एस., 3डी.एस.पी., 1 ए.ई.टी.सी. और 1 पी.ओ. शामिल हैं।
हर सिविल सेवक की जिम्मेदारी सिर्फ सरकारी नियमों और नीतियों को लागू करने तक सीमित नहीं रहती। उनका कार्य यह सुनिश्चित करना होता है कि सरकारी योजनाओं का लाभ हर नागरिक तक पहुंचे, समाज में समानता हो, और हर जरूरतमंद को उसका हक मिले।
हमारे सिविल सेवक न केवल अपने कार्यों के लिए बल्कि अपनी ईमानदारी और नैतिकता के लिए भी प्रसिद्ध हैं। वे एक उदाहरण प्रस्तुत करते हैं कि कैसे उच्च नैतिक मूल्यों के साथ कार्य करते हुए कोई भी चुनौती पार की जा सकती है। ये अधिकारी अपने कर्तव्यों को निभाते हुए समाज में आदर्श स्थापित करते हैं और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देते हैं।
सिविल सेवकों का योगदान केवल प्रशासन तक सीमित नहीं है, बल्कि उन्होंने देश के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। चाहे वह शिक्षा का क्षेत्र हो, स्वास्थ्य का, या आर्थिक विकास का, सिविल सेवकों ने अपनी कार्यकुशलता से हर क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल की है। उनके द्वारा लागू की गई नीतियाँ और योजनाएं राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं।
सिविल सेवक वे लोग हैं, जिन्होंने अपने जीवन के सर्वोत्तम वर्ष समाज की सेवा में समर्पित कर दिए हैं। देश में जब भी कोई संकट आता है, सिविल सेवक सबसे पहले मैदान में उतरते हैं। चाहे यह प्राकृतिक आपदा हो, महामारी हो, या कोई अन्य राष्ट्रीय संकट, सिविल सेवकों ने हमेशा संकट की घड़ी में नेतृत्व प्रदान किया है और जनता की सेवा में अपना सब कुछ झोंक दिया है।
कोरोना महामारी जैसी वैश्विक महामारी के दौरान, सिविल सेवकों ने अपने जीवन को जोखिम में डालकर लोगों की मदद की। उनका यह साहस और नेतृत्व प्रेरणादायक है।
आज जब हम ने इन सिविल सेवकों को सम्मानित किया है, तो यह सम्मान केवल उनके कार्यों का नहीं, बल्कि उनके समर्पण, उनकी प्रेरणा और उनके योगदान का भी है। यह सम्मान समारोह हमें यह याद दिलाता है कि हमारे प्रशासनिक तंत्र को बनाए रखने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में इन सिविल सेवकों की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है।
मित्रों,
आप वे लोग हैं जिनके कंधों पर देश की प्रशासनिक मशीनरी का भार है, और आप ही हैं जो ‘विकसित भारत’ के स्वप्न को साकार करने की दिशा में निरंतर काम कर रहे हैं।
भारत को एक सशक्त और समृद्ध राष्ट्र बनाने के लिए जो ऊर्जा चाहिए, वह ऊर्जा आप सभी में है। हर एक अधिकारी की मेहनत, समर्पण और निष्ठा से ही हम अपने देश को वैश्विक मंच पर एक नए स्थान पर स्थापित कर सकते हैं।
विकसित भारत का सपना सिर्फ आर्थिक समृद्धि या भौतिक विकास का नहीं है, बल्कि यह एक समावेशी, सशक्त और आत्मनिर्भर समाज का सपना है।
यह सपना है- एक ऐसा भारत जहां हर नागरिक को बुनियादी सुविधाएं मिलें, जहां शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार हो, जहां अवसर समान रूप से सभी तक पहुंचें, और जहां युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलें। एक ऐसा भारत, जो अपनी संस्कृति और परंपराओं का सम्मान करते हुए आधुनिकता की ओर अग्रसर हो।
यह सपना एक दिन में पूरा नहीं हो सकता, लेकिन यह सिर्फ हमारी इच्छाशक्ति, कठिन परिश्रम, और सामूहिक प्रयासों से ही संभव है। आप जैसे सक्षम और मेहनती अधिकारी देश की रीढ़ की हड्डी हैं, और आपके प्रयासों से ही इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।
याद रखिए, जब आप सही तरीके से काम करते हैं, तो एक आम नागरिक को उस सरकारी योजना का लाभ मिलता है जो उसकी जिंदगी बदल सकती है। जब आप कठिन निर्णय लेते हैं, तो देश की विकास यात्रा में एक नया अध्याय जुड़ता है। आप नीति निर्माता हैं, समस्या समाधानकर्ता हैं, और सबसे बढ़कर, एक नायक हैं।
विकसित भारत का सपना कोई आसान कार्य नहीं है। हमें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा-भ्रष्टाचार, अशिक्षा, बेरोजगारी, और सामाजिक असमानताएं। लेकिन इन्हीं चुनौतियों से जूझते हुए ही हमें सफलता मिलती है। हमें अपनी प्राथमिकताएं सही रखनी होंगी और उन्हीं के हिसाब से नीतियों और योजनाओं को लागू करना होगा।
अक्सर हमें परिणाम जल्दी नहीं मिलते। यह समय की मांग है कि हम अपनी जिद और धैर्य को बनाए रखें। छोटे-छोटे कदम, बड़े परिवर्तन की दिशा में अग्रसर करते हैं।
हमारे महान नेता, महात्मा गांधी, सरदार पटेल और बाबा साहब अंबेडकर ने हमें हमेशा प्रेरित किया कि हम अपने देश की सेवा में न केवल काम करें, बल्कि उससे पहले अपने भीतर के संस्कार और नैतिक जिम्मेदारी को समझें।
आपका कार्य, आपकी निष्ठा और आपके निर्णय समाज को बदलने की क्षमता रखते हैं। प्रत्येक एक्शन में आपकी पहचान और देश के प्रति आपकी प्रतिबद्धता झलकेगी। यही असल में ‘विकसित भारत’ की दिशा है।
मित्रों,
यहां मैं संकल्प चंडीगढ़ की सराहना करना चाहूंगा जो समाज के ज़रूरतमंद युवाओं को सिविल सेवा की परीक्षा उत्तीर्ण करने में सहायता प्रदान करके राष्ट्र सेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का परिचय दे रहे हैं। मैं आशा करता हूं कि वे अपनी इस प्रतिबद्धता को आगे भी जारी रखेंगे और देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देते रहेंगे।
अंत में, मैं उन सभी सिविल सेवकों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ देता हूँ, जिन्होंने अपनी मेहनत और समर्पण से समाज को लाभान्वित किया है। आप सभी की कड़ी मेहनत, संघर्ष और सेवा के लिए हम सदैव आभारी रहेंगे। आपकी मेहनत से ही हमारा देश प्रगति की दिशा में आगे बढ़ेगा और एक समृद्ध राष्ट्र बनेगा।
धन्यवाद,
जय हिन्द!