SPEECH OF HON’BLE GOVERNOR PUNJAB AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH, SHRI GULAB CHAND KATARIA ON THE OCCASION OF GRADUATION CEREMONY ‘ADVANCES MANAGEMENT PROGRAMME CO 2024” OF INDIAN SCHOOL OF BUSINESS AT MOHALI ON NOVEMBER 11, 2024.

आई.एस.बी. मोहाली द्वारा अयोजित ग्रेजुएट्स पासआउट समारोह के अवसर पर

श्री गुलाब चंद कटारिया जी का भाषण

दिनांकः 11.11.2024, सोमवार समयः सुबह 10:30 बजे स्थानः आईएसबी मोहाली

 

सभी को मेरा नमस्कार!

सर्वप्रथम, इस खास और महत्वपूर्ण दिन पर मुझे आप सबके बीच उपस्थित होने का अवसर प्राप्त हुआ, इसके लिए मैं अपने दिल से आभार व्यक्त करता हूँ।

इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस, मोहाली में वर्ष 2024 में एडवांस्ट मैनेजमेंट प्रोग्राम के अन्तर्गत हेल्थकेयर; इन्फ्रास्ट्रक्चर; ऑपरेशन्स एंड सप्लाई चेन; तथा पब्लिक पॉलिसी में ग्रैजुएट्स होने वाले सभी 180 छात्रों को बहुत-बहुत बधाई।

आज, हम आपकी उपलब्धियों को पहचान प्रदान करते हुए उनका जश्न मना रहे हैं, और हम व्यापार जगत और समाज में आपके द्वारा किए जाने वाले उल्लेखनीय योगदान की आशा करते हैं।

इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (आईएसबी) एक वैश्विक बिजनेस स्कूल है जो हैदराबाद और मोहाली स्थित अपने दो कैंपसों में पेशेवरों को विश्व स्तरीय मैनेजमेंट की शिक्षा प्रदान करता है। 

इसकी स्थापना 2001 में हैदराबाद में हुई थी। और मोहाली स्थित कैंपस की शुरूआत अप्रैल 2012 में लगभग 200 छात्रों के साथ हुई थी। साल 2001 में अटल जी ने इसे देश को समर्पित किया था। तब से लेकर आज तक लगभग 50 हज़ार से अधिक एक्ज़ीक्यूटिव यहाँ से ट्रेन होकर निकले हैं। आज आई.एस.बी. एशिया के टॉप बिजनेस स्कूलों में से एक है।

आई.एस.बी. ने 2001 में पहले बैच में 128 छात्रों से लेकर 2025 के पीजीपी क्लास में 819 छात्रों तक का सफर तय किया है। इस संस्थान के 18,800 से अधिक छात्र दुनिया के 60 से अधिक देशों में विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। 

पिछले 23 वर्षों में आईएसबी ने तीव्र गति से विकास किया है और कई प्रतिष्ठित पुरस्कार अर्जित किए हैं। आईएसबी लगातार शीर्ष वैश्विक एमबीए प्रोग्रामों में स्थान पाने वाला सबसे युवा बिजनेस स्कूल है। आईएसबी एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष रैंक वाला, शोध-आधारित और स्वतंत्र प्रबंधन संस्थान बनने का लक्ष्य रखता है जो भारत और दुनिया के लिए भविष्य के दिग्गजों और मार्गदर्शकों को तैयार करता है।

मुझे इस बात पर गर्व है कि पंजाब आईएसबी का घर है, जो विश्व स्तर पर शीर्ष 30 बिजनेस स्कूलों में से एक है। और मैं इस उपलब्धि के लिए आईएसबी से जुड़े सभी लोगों को बधाई देता हूं।

मेरा मानना है कि आईएसबी के एडवांस्ड मैनेजमेंट प्रोग्राम विभिन्न क्षेत्रों के फंक्शनल लीडरों को उन पहलुओं की समझ हासिल करने में मदद करने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं, जो उन्हें अपने संगठनों के विकास के अवसरों को बेहतर ढंग से पहचानने और उनका उपयोग करने में सक्षम बनाएंगे। 

मुझे बताया गया है कि आईएसबी के ये प्रोग्राम अग्रणी औद्योगिक घरानों के सहयोग से आईएसबी में स्थापित विभिन्न संस्थानों द्वारा चलाए जाते हैं। 

हालांकि भारत पिछले कुछ वर्षों से लगभग हर आर्थिक और विकासात्मक मानदंड पर अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, फिर भी हमारे लिए एक बहुत बड़ी संभावना यह है कि हम अपनी ज्ञान पूंजी का उपयोग विश्व के लाभ के लिए करें, विशेष रूप से विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के लिए। यहीं पर आईएसबी के अनुसंधान केन्द्रों और संस्थानों जैसी संस्थाओं द्वारा उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर किया गया अनुसंधान एक बड़ी भूमिका निभा सकता है।

मित्रों,

आज जो स्टूडेंट्स पास होकर निकल रहे हैं, उनके लिए ये इसलिए भी खास है क्योंकि आज भारत में जो आशा है, लोगों में जो आत्मविश्वास है, नए भारत के निर्माण के लिए जो इच्छाशक्ति है, वो आपके लिए भी अनेक संभावनाओं के द्वार खोल रही है। 

जैसा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने वर्ष 2022 में आईएसबी हैदराबाद के अपने दौरे के दौरान कहा था कि आज दुनिया यह महसूस कर रही है कि India means businessऔर ये केवल अकेले सरकार के प्रयासों के कारण संभव नहीं हुआ है। 

इसमें आई.एस.बी. जैसे बिज़नेस स्कूल्स का, यहाँ से निकलने वाले प्रोफेशनल्स का, देश के युवा का भी बहुत बड़ा योगदान है। चाहे स्टार्टअप्स हों, या traditional business हो, चाहे manufacturingहो या सर्विस सेक्टर हो, हमारे युवा ये साबित कर रहे हैं कि वो दुनिया को लीड कर सकते हैं। 

भारत जिस स्केल पर लोकतांत्रिक तरीके से अनेक चीजें अपने यहाँ कर सकता है, जिस तरीके से हम यहाँ कोई नीति या निर्णय लागू कर सकते हैं, वो पूरी दुनिया के लिए अध्ययन का सीखने का विषय बन जाता है। और इसलिए हम अक्सर भारतीय समाधानों को वैश्विक स्तर पर लागू होते हुए देखते हैं। और इसलिए मैं आज इस महत्वपूर्ण दिन पर आपसे कहूंगा कि आप अपने व्यक्तिगत लक्ष्यों को, देश के लक्ष्यों के साथ जोड़िए। 

आप जो सीखते हैं, आपका जो भी अनुभव होता है, आप जो भी प्रयास करते हैं, उससे देशहित कैसे सधेगा, इस बारे में सोचिये। आज देश में चाहे व्यापार की सुगमता के लिए अभियान हो, डेढ़ हजार से ज्यादा पुराने कानूनों और हजारों अनुपालनों को समाप्त करने का काम हो, टैक्स के अनेकों कानूनों को समाप्त करके जीएसटी जैसी पारदर्शी व्यवस्था का निर्माण हो, उद्यमियों और नवाचार को बढ़ावा देना हो, नई स्टार्ट अप पॉलिसी हो, ड्रोन पॉलिसी हो, अनेक नए सेक्टर्स को खोलना हो, 21वीं सदी की आवश्यकताओं को पूरा करने वाली नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को लागू करना हो, ये सारे बड़े बदलाव आप जैसे युवाओं के लिए ही तो हो रहे हैं। 

आप जैसे युवाओं की तरफ से आने वाले जो समाधान हैं, उन समाधानों को लागू करने के लिए, आपके विचारों को देश की ताकत बनाने के लिए सरकार हमेशा युवा शक्ति के साथ खड़ी है।

प्रिय युवा छात्रों, 

आज का दिन आप सभी के लिए एक नया अध्याय प्रारंभ करने का दिन है। आज आप जिस शिक्षा के मंच से स्नातक हो रहे हैं, वह केवल औपचारिक शिक्षा नहीं, बल्कि एक नए दृष्टिकोण, एक नए सोचने के तरीके और नेतृत्व की शक्तियों का संवर्धन है। इस ‘एडवांस्ड मैनेजमेंट प्रोग्राम’ ने हमें व्यापार की जटिलताओं को समझने, अनुकूलित निर्णय लेने, और संस्थानों के भीतर उत्कृष्टता प्राप्त करने की अनगिनत रणनीतियों से परिचित कराया है।

आज आप सब यहाँ खड़े हैं, लेकिन इस रास्ते पर पहुंचने के लिए आपने कठिन परीक्षा, प्रोजेक्ट्स, केस स्टडीज और अनगिनत रातों की मेहनत को देखा है। लेकिन यही संघर्ष आपके लिए एक मजबूत नींव साबित हुआ है, जिस पर आप अब अपनी सफलता की इमारत खड़ी करेंगे। 

यहाँ आप सभी को यह एहसास हुआ है कि मैनेजमेंट का असली उद्देश्य सिर्फ लाभ कमाना नहीं, बल्कि मानवता की भलाई और समाज की समृद्धि के लिए काम करना है।

आईएसबी मोहाली में आपने जो शिक्षा प्राप्त की है, उसने आपको व्यवसाय के गतिशील और निरंतर विकसित होने वाले क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए आवश्यक ज्ञान, कौशल और अंतर्दृष्टि से सुसज्जित किया है। वित्त से लेकर विपणन तक, संचालन से लेकर रणनीति तक, आपने कॉर्पोरेट जगत में सफलता को आगे बढ़ाने वाले सिद्धांतों और प्रथाओं की व्यापक समझ हासिल की है। 

लेकिन व्यवसाय के तकनीकी पहलुओं से परे, मुझे आशा है कि आपने उन मूल्यों और नैतिकताओं को भी अपनाया है जो हमारे देश की आत्मा हैं। ईमानदारी, निष्ठा और सामाजिक जिम्मेदारी केवल शब्द नहीं हैं-ये मार्गदर्शक सिद्धांत हैं जो भविष्य के दिग्गजों और निर्णयकर्ताओं के रूप में आपके द्वारा लिए जाने वाले प्रत्येक निर्णय और आपके द्वारा की जाने वाली प्रत्येक कार्रवाई के अग्रदूत होने चाहिएं। 

मेरे युवा मित्रों, आप केवल अपने भाग्य के निर्माता नहीं हैं, बल्कि हमारे देश और व्यापक रूप से पूरे विश्व के भी भाग्य के निर्माता हैं। हम एक दूसरे से जुड़ी दुनिया में रहते हैं। आप जल्द ही एक पेशेवर के रूप में दुनिया भर में अपनी मौजूदगी दर्ज कराएंगे। लेकिन आप हमारे देश की भावना और नैतिकता को कभी मत भूलना।

आप दुनिया भर में भारतीय संस्कृति और ज्ञान के दूत के रूप में भी अहम भूमिका निभाएंगे और आपका प्रदर्शन पूरे देश के लिए मानक स्थापित करेगा।

आधुनिक भारत का गिलास अब आधे से ज़्यादा भरा हुआ है। आज हम पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। हम एक संपन्न और उत्कृष्ट तरीके से काम करने वाला लोकतंत्र हैं। हमने चाँद पर कदम रखा है और अब हमारी नज़र सूरज पर है। हम विकास की कहानियां लिख रहे हैं जो दुनिया को चकित और प्रेरित कर रही हैं।

आपको ऐसे व्यवसाय बनाने का प्रयास करना होगा जो न केवल पूंजी उत्पन्न करें बल्कि समुदायों का उत्थान करें, पर्यावरण की रक्षा करें और सामाजिक न्याय को बढ़ावा दें।

चाहे आप निजी क्षेत्र, सार्वजनिक क्षेत्र या गैर-लाभकारी क्षेत्र में करियर बनाना चाहें, मैं आपसे आग्रह करता हूँ कि आप अपने काम को उद्देश्य की भावना और बदलाव लाने की प्रतिबद्धता के साथ करें।

मैं यहाँ एक प्रसिद्ध कथन का उल्लेख करना चाहूँगा, ‘‘आप वो नहीं होते जो आप सोचते हैं, बल्कि आप वो होते हैं जो आप करते हैं।’’ यह विचार हमें अपने भविष्य की दिशा को तय करने के लिए प्रेरित करता है। आज से आप वो नहीं हैं जो आप कल थे, बल्कि आप वो बन चुके हैं जो आप आज से बनने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।

अंत में, मैं सभी प्रशिक्षकों, मेंटरों, और प्रोफेसरों को धन्यवाद देना चाहता हूँ, जिन्होंने आप सभी को ज्ञान और मार्गदर्शन प्रदान किया। साथ ही, आपके परिवार और मित्रों का भी आभार व्यक्त करना चाहता हूँ, जिन्होंने हर कदम पर आपका साथ दिया।

मैं आप सभी ग्रैजुएट्स को आपके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं देता हूं, तथा आईएसबी के मैनेजमेंट और फैकल्टी के लिए आने वाले वर्षों में सफलता की कामना करता हूं।

धन्यवाद, जय हिन्द!