SPEECH OF HON’BLE GOVERNOR PUNJAB AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH, SHRI GULAB CHAND KATARIA ON THE OCCASION OF RAISING DAY PARADE AT PARADE GROUND, POLICE LINE, SECTOR 26, CHANDIGARH ON NOVEMBER 13, 2024.

चंडीगढ़ पुलिस द्वारा रेज़िंग डे परेड के अवसर पर

राज्यपाल श्रीगुलाब चंद कटारिया जी का संबोधन

दिनांकः 13.11.24 बुधवार समयः सुबह 09:30 बजे स्थानः सेक्टर-26, चंडीगढ़

 

सम्माननीय सलाहकार श्री राजीव वर्मा, पुलिस महानिदेशक श्री सुरेंद्र सिंह यादव, चंडीगढ़ पुलिस एवं प्रशासन के सदस्यों, विशिष्ट अतिथियों, और सभी आदरणीय नागरिकों,

आज हम यहाँ चंडीगढ़ पुलिस के 58वें स्थापना दिवस परेड के अवसर पर एकत्रित हुए हैं। इस विशेष अवसर पर, मुझे गर्व है कि मैं इस अद्भुत पुलिस बल की उपलब्धियों और उनके योगदान को मान्यता देने का अवसर प्राप्त कर रहा हूँ। चंडीगढ़ पुलिस ने न केवल शहर की सुरक्षा सुनिश्चित की है, बल्कि यह हमारे समाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

पूरी दुनिया में ‘सिटी ब्युटिफुल’ के तौर पर विख्यात चंडीगढ़ शहर को एक आदर्श शहर के रूप में बनाए रखने में चंडीगढ़ पुलिस की अहम भूमिका रही है।

हालाँकि शहर के योजनाकार ली-कार्बूज़ियर ने केवल पाँच लाख लोगों के लिए शहर की योजना बनाई थी लेकिन आज इसकी आबादी दस लाख का आंकड़ा पार कर गई है। शहर की बढ़ती जरूरत के साथ तालमेल बिठाने के लिए चंडीगढ़ पुलिस ने अपने बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और कुशल यातायात प्रबंधन की दिशा में कई कदम उठाए हैं।

उस समय पुलिस बल की कुल संख्या 1643 थी, परन्तु वर्तमान में चंडीगढ़ पुलिस में 6000 से अधिक पुरुष और महिला अधिकारी व कर्मचारी हैं।

वर्ष 1966  मे अपनी स्थापना के बाद से चंडीगढ़ पुलिस ने एक ऐसे बल के रूप में ख्याति अर्जित की है जो अपनी प्रतिबद्धता, निष्पक्षता और व्यावसायिकता के लिए जाना जाता है।

चंडीगढ़ पुलिस का - ‘‘वी केयर फॉर यू’’ - का ध्येय वाक्य इस संकल्प को व्यक्त करता है कि यह पुलिस बल हर नागरिक की सेवा और सुरक्षा के प्रति अटूट निष्ठा रखता है। 

चण्डीगढ़ पुलिस बल देश का ऐसा पहला बल है जिसने 01 जुलाई 2024 को तीन नये अपराधिक कानूनों को न केवल सफलतापूर्वक लागू किया बल्कि अपने समुचे पुलिस बल को इन कानूनों के बारे में प्रशिक्षित भी किया। श्री अमित शाह जी, माननीय केन्द्रीय गृह एंव सहकारिता मंत्री भारत सरकार ने चण्डीगढ़ में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी एप यानी ई-साक्ष्य, ई-समन, न्याय सेतू और न्याय श्रुति की एक श्रृंखला लॉन्च करके एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर चिन्हित किया, जिससे हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली और अधिक सशक्त बनी है। 

चण्डीगढ़ पुलिस द्वारा तीन नये अपराधिक कानूनों की जागरुकता के लिए 466 कार्यक्रम आयोजित किए हैं और क्षेत्रीय भाषाओं में व्यापक जागरूकता हेतु 15,124 व्यक्तियो को जागरुक किया गया तथा तीनों भाषाओं में 60,000 पर्चे वितरित किये गये।

मैं चण्डीगढ़ पुलिस के समावेश कार्यक्रम की भी सराहना करना चाहूँगा, जिसके तहत 14 तरह की विभिन्न सेवाएं, नागरिकों को घर बैठे प्राप्त हो रही हैं। पुलिस थाने के स्तर पर समावेश केन्द्र में सामूहिक रुप से नागरिक समाज के प्रतिनिधि, विशेषज्ञ, गैर सरकारी संगठन और पुलिस पदाधिकारी शामिल हैं। 

ये केन्द्र नागरिकों को पुलिस से संबंधित सेवाओं तक सम्मानजनक पहुंच और समुदाय उन्मुख कार्यक्रमों को लागू करने के लिए एक मंच प्रदान करते हैं। इन प्रयासों के चलते आज चंडीगढ़ में पासपोर्ट वेरिफिकेशन का कार्य हर केस में 24 घंटों के भीतर किया जा रहा है और इसके लिए चंडीगढ़ पुलिस को विदेश मंत्रालय, भारत सरकार से भी सम्मान मिला है।

चंडीगढ़ पुलिस ने पारदर्शिता बढ़ाने, पुलिस सेवाओं की पुष्टि करने और सेवा वितरण में सुधार करने के उद्देश्य से हाल ही में नागरिक समीक्षा सेवा भी शुरू की है, जिसका मैं स्वयं भी साक्षी बना हूं। 

यह सिस्टम एक क्यू.आर. कोड-आधारित प्रक्रिया का उपयोग करता है, जिससे नागरिक अपनी पुलिसकर्मियों के साथ बातचीत और सेवा वितरण पर फीडबैक जल्दी और सुविधाजनक तरीके से दे सकते हैं। क्यू.आर. कोड स्कैन करने पर व्यक्ति पुलिसकर्मियों के व्यवहार, सेवा की दक्षता और समग्र संतुष्टि जैसी विभिन्न पहलुओं पर प्रश्नों का जवाब देते हैं। जवाबदेही को बढ़ावा देने के साथ-साथ, यह सिस्टम सुधार के मुख्य क्षेत्रों की पहचान करने में मदद करेगा, जिससे पुलिस बल के कामकाज के मानकों में सुधार होगा। एकत्र किए गए फीडबैक का उपयोग पुलिस थानों/ इकाइयों की मासिक रैंकिंग के लिए किया जाएगा। 

मित्रों,

साइबर अपराध आज समाज और पुलिस बल के आगे एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। इससे निपटने के लिए चंडीगढ़ पुलिस ने काफ़ी अहम कदम उठाए हैं। 

माननीय गृहमंत्री श्री अमित शाह जी के मार्गदर्शन में स्थापित प्रोजेक्ट सेनकॉप्स CenCOPS (Centre for cyber operations and security)  भारत में अपनी तरह का पहला प्रोजेक्ट है, जो केन्द्र शासित प्रदेश चण्डीगढ़ के अलावा हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर प्रशासन के साथ-साथ इन राज्यों के पुलिस बल को विशेष रुप से कंप्यूटर सिस्टम, मोबइल सिस्टम, ड्रोन, जीपीएस सक्षम वाहन, अन्य एलओटी डिवाइस जैसे अन्य स्मार्ट बुनियादी ढ़ाचे के उपयोग से जुडेम अपराधों को सुलझानें में सक्षम बनाता है। 

उत्कृष्टता के इस केन्द्र का लक्ष्य सभी प्रमुख डिजिटल फोरेंसिक, मैलवेयर विश्लेषण, डाटा विश्लेषण, डाटा रिकवरी, भावना विश्लेषण, वास्तविक समय घटना निगरानी, नागरिक जुड़ाव और आउटरीच और भविष्य के लिए पुलिसिंग के लिए एक अत्याधुनिक सेटअप स्थापित करना है। चंडीगढ़ पुलिस के कर्मियों की तकनीकी क्षमता निर्माण करने के लिए उन्हें लगातार 30 के batches में CenCOPS में प्रशिक्षण भी प्रदान किया जा रहा है। इससे जाँच में भी सहुलियत मिली है।

साइबर स्वच्छता मिशन के अन्तर्गत साइबर इंटर्नशिप कार्यक्रम में शहर के विभिन्न कॉलेजों/संस्थानों के छात्रों में से 1500 साइबर Soldiers तैयार किए गए हैं। साइबर स्वच्छता मिशन के द्वारा 15000 छात्रों और 2 लाख से ज़्यादा नागरिकों को साइबर फ्राड से बचने संबंधी सीधा जागरुक किया गया। नागरिकों को जागरुक करने के लिए सुखना झील, प्लाजा सैक्टर-17 और एलांते मॉल ओद्यौगिक क्षेत्र में तीन साइबर कियोस्क मशीनें स्थापित की गई हैं ताकि नागरिकों को साइबर अपराधों से संबधित जानकारी और बचाव के उपायों के बारे में पता चल सके। चण्डीगढ़ पुलिस बल को और अधिक मजबूत बनाने के लिए 45 सहायक उप निरिक्षक, 700 सिपाही सामान्य वर्ग में, 45 सिपाही खेल कोटे में और 144 सिपाही आई टी विशेषज्ञ वर्ग में भर्ती किये गये हैं। 

चण्डीगढ़ प्रशासन द्वारा दो नये पुलिस थानों, आर्थिक अपराध शाखा और अपराध शाखा के रुप में स्थापित किये गये ताकि बड़े आर्थिक मामलों और संगठित अपराध पर प्रभावी ढ़ंग से नकेल कसी जा सके और आम नागरिक को जल्दी से जल्दी न्याय दिलाया जा सके।

चण्डीगढ़ पुलिस में इमरजेंसी रिस्पाँस सुपोर्ट सिस्टम-112 की स्थापना नंवम्बर 2019 में की गई औऱ वर्ष 2024 में गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रकाशित विवरण के अनुसार चण्डीगढ़ पुलिस ने घटनास्थल पर सबसे पहले पहुँचने वाले पुलिस बल में प्रथम स्थान प्राप्त किया। देशभर का औसत समय 7.03 मिन्ट पाया गया जबकि चण्डीगढ़ पुलिस के घटनास्थल पर पहुँचने का समय महज 3 मिन्ट पाया गया।

चंडीगढ़ पुलिस नशे के विरुद्ध लड़ाई में भी तत्परता से योगदान कर रही है। चण्डीगढ़ पुलिस ने यूटी क्रिकेट एसोसिएशन चण्डीगढ़ के सहयोग से अंडर-14 और अंडर-18 आयु वर्ग के खिलाड़ियों के लिये गली क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया, जिसमें लड़कों की श्रेणी में 256 और लड़कियों की श्रेणी में 32 टीमों ने भाग लिया, जिसे एशिया बुक ऑफ रिकार्डस में सबसे अधिक टीमों के एक टूर्नामेंट में खेलने के रुप में दर्ज किया गया। 

इस वर्ष चण्डीगढ़ पुलिस ने 57 एन डी पी एस के केस दर्ज किये और 74 लोगों को गिरफ्तार किया गया। चण्डीगढ़ पुलिस ने ड्रग पर नकेल कसने के लिए पहली बार एक केस में NDPS Chapter V के अंतर्गत 5 करोड़ से ज़्यादा मार्केट वैल्यू की संपति जब्त की और आगे भी अपराधियों की संपति अटैच करवाने के लिए कार्यवाही प्रक्रिया अधीन है।

मित्रों, 

बच्चे किसी भी राष्ट्र का भविष्य होते हैं और युवा अपनी ऊर्जा और उत्साह से आगे बढ़कर देश का नेतृत्व करते हैं। इसी कड़ी के तहत Student Police Cadet प्रोग्राम में 212 कैडेटों ने चण्डीगढ़ पुलिस की विभिन्न इकाइयों यानि हॉर्स राइडिंग क्लब सैक्टर-26, शुटिंग रेंज सैक्टर-25, पुलिस स्टेशन सैक्टर-3 और पुलिस स्टेशन सैक्टर-36 का दौरा किया और उन्हें पुलिस की कार्यप्रणाली की जानकारी दी गई ताकि प्रेरित होकर वो वर्दीधारी (पुलिस/रक्षा) बलों में शामिल होने के लिए प्रेरित हों। 

हम सभी जानते हैं कि नारी शक्ति किसी भी राष्ट्र की रीढ़ होती है, और चण्डीगढ़ पुलिस इस बात को बखूबी जानती है, इसलिये चण्डीगढ़ पुलिस की स्वयं टीम द्वारा लड़कियों और महिलाओं के लिए विभिन्न स्कूलों/कॉलेजों में जाकर 90 आत्मरक्षा कार्यक्रम आयोजित किये, जिनमें 23422 लड़कियों/महिलाओं ने भाग लेकर किसी भी अप्रिय घटनाओं/स्थितियों का सामना करने और उनसे निपटने के गुर सीखे।

चंडीगढ़ पुलिस में महिलाओं का प्रतिनिधित्व लगभग 22 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत से काफी अधिक है। हमने महिला अधिकारियों को महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया है, जिसमें वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी), उप पुलिस अधीक्षक (डीएसपी), और थाना प्रभारी (एसएचओ) शामिल हैं। वर्तमान में, सात महिला अधिकारी डीएसपी के पद पर और दो एसएचओ के रूप में कार्यरत हैं।

महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हमने महिला हेल्प डेस्क स्थापित किए हैं। ये डेस्क विशेष रूप से महिला पीड़ितों को सहायता प्रदान करने के लिए बनाए गए हैं। यहाँ प्रशिक्षित महिला अधिकारियों द्वारा पीड़ितों को संवेदनशीलता और सहानुभूति के साथ सहायता दी जाती है।

चण्डीगढ़ पुलिस द्वारा महिला एवं बाल सुरक्षा जैसे पोक्सो अधिनियम जागरुकता, मानव तस्करी, बाल दुर्व्यवहार, बाल श्रम, महिला सुरक्षा आदि पर जागरुकता हेतु 275 कार्यक्रम आयोजित किये गये जिनमें 31087 लड़कियों/महिलाओं ने भाग लिया।

मित्रों,

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का दृष्टिकोण हमें एक ऐसे भारत की ओर ले जा रहा है जो 2047 तक पूरी तरह से विकसित हो। उनका विजन एक ऐसे भारत का है जो आतंकवाद और नशीले पदार्थों से मुक्त हो, जहाँ आंतरिक सुरक्षा मजबूत हो, और जहाँ मानवाधिकारों और नागरिकों के अधिकारों की पूरी सुरक्षा हो। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में हमारी पुलिस बल की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।

मैं सभी पुलिसकर्मियों को उनके साहस, समर्पण और कड़ी मेहनत के लिए धन्यवाद देना चाहता हूँ। आप न केवल चंडीगढ़ पुलिस के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा हैं। 

हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम इस प्रगति को जारी रखें और एक ऐसा पुलिस बल बनाएं जो वास्तव में समावेशी, प्रभावी और जनता के प्रति उत्तरदायी हो। यह न केवल चंडीगढ़ के लिए, बल्कि पूरे भारत के लिए एक मॉडल बनेगा।

अंत में मैं कहूँगा कि पुलिस अधिकारियों द्वारा प्रदर्शित, इस तरह की उच्च मानक परेड को देखना बहुत ही संतुष्टि की बात है और मैं परेड में भाग लेने वाले सभी लोगों को मैं बधाई देता हूँ। मैं सभी पुरस्कार विजेतायों को भी बधाई देता हूँ।

इस अवसर पर, मैं चण्डीगढ़ के नागरिकों को अपराध मुक्त, अच्छा यातायात प्रबंधन और शांतिपूर्ण वातावरण प्रदान करने के लिए चण्डीगढ़ पुलिस का उत्साह वर्धन करना चाहता हूँ और सभी सदस्यों द्वारा किए गए प्रयासों और कड़ी मेहनत की सराहना करता हूँ। 

कर्तव्य के प्रति आपका समर्पण, व्यावसायिकता और सत्यनिष्ठा हम सभी को प्रेरित करती रहे। 

धन्यवाद, 

जय हिन्द!