Speech of Hon'ble Punjab Governor and Administrator, UT, Chandigarh, Shri Gulab Chand Kataria on the occasion of valedictory session of ‘Punjab Vision 2047” at Chandigarh on November 13, 2024.
- by Admin
- 2024-11-13 22:30
कॉन्क्लेव ‘‘पंजाब विज़न-2047’’ के समापन सत्र में पंजाब के राज्यपाल श्रीगुलाब चंद कटारिया जी का संबोधन दिनांकः 13.11.24, बुधवार समयः शाम 4:30 बजे स्थानः पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़
देवियो और सज्जनो, विशिष्ट अतिथिगण औरप्रिय साथियों,
आज, मैं आप सभी के सामने बड़े गर्व और आशाके साथ खड़ा हूं, क्योंकि हम पंजाब विजन 2047 कीदिशा में एक परिवर्तनकारी यात्रा पर निकल रहे हैं। यहदृष्टिकोण हमारे राज्य के भविष्य का सिर्फ एक खाकानहीं है; यह प्रत्येक पंजाबी के सपनों, आकांक्षाओं औरक्षमताओं को समर्पित एक सामूहिक आकांक्षा है।
हमारे मित्र श्री विक्रमजीत सिंह साहनी, माननीयएम.पी. ने इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर विचार करने के लिएयह कदम उठाया है, जो न केवल पंजाब बल्कि पूरेभारत के हर नागरिक के दिल के करीब है।
जैसे ही हम 2047 के विकसित भारत की ओरदेखते हैं तो हमें प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के सपनों काभारत दिखाई देता है। मुझे यकीन है कि पंजाब हमेशाकी तरह 2047 के विकसित भारत के निर्माण में भी एकअग्रणी भूमिका निभाएगा। हमारा दृष्टिकोण भारतीयविरासत पर आधारित है, हमारे अतीत का सम्मानकरना और भविष्य की ओर साहसिक कदम उठाना है।
पंजाब विजन-2047 के मूल में सतत आर्थिकविकास की प्रतिबद्धता है।
पंजाब की संस्कृति भारतीय उपमहाद्वीप की सबसेसमृद्ध और सबसे विविध संस्कृतियों में से एक है, जिसने प्राचीन काल से लेकर आज तक अपनी विशिष्टपहचान बनाए रखी है। पंजाब, जिसका अर्थ है ‘‘पांचनदियों की भूमि’’, ने भारतीय उपमहाद्वीप की प्राचीनसभ्यताओं को देखा है।
हमारा उद्देश्य अपनी कृषि क्षमता का लाभ उठाने केसाथ-साथ प्रौद्योगिकी, विनिर्माण और नवीकरणीयऊर्जा जैसे क्षेत्रों में विविधता लाकर पंजाब को एकआर्थिक महाशक्ति में बदलना है। हमारे किसान नकेवल सफल होने के लिए नवीनतम तकनीक औरप्रशिक्षण से लैस होंगे, बल्कि टिकाऊ उद्यमों में अग्रणीबनेंगे जो आने वाली पीढ़ियों के लिए हमारे पर्यावरणकी रक्षा करेंगे।
मित्रों,
पंजाब अपनी विविधता के लिए जाना जाता है औरयही हमारी ताकत है। विज़न 2047 एक ऐसे समाज कानिर्माण करना चाहता है जो इस विविधता का जश्नमनाए और समावेशन को बढ़ावा दे। हम यह सुनिश्चितकरने के लिए अथक प्रयास करेंगे कि प्रत्येक नागरिकको, बिना उसकी पृष्ठभूमि या विश्वास के, हमारे साझाभविष्य में अपनी आवाज और हिस्सेदारी मिले।सामाजिक न्याय और समानता के प्रति हमारीप्रतिबद्धता हमारी नीतियों और पहलों का मार्गदर्शनकरेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि सभी पंजाबीसद्भाव से रहें।
मित्रों,,
पंजाब कृषि की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण राज्य है, जिसे खाद्य भंडारण में देश की रीढ़ माना जाता है।पंजाब की कृषि न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व मेंएक मॉडल बनी हुई है
1960 के दशक में हरित क्रांति ने पंजाब की कृषिको एक नया जीवन दिया। वैज्ञानिक खेती, अधिकउपज देने वाली किस्मों (उदाहरण के लिए, गेहूं औरचावल की किस्में), रासायनिक उर्वरकों औरकीटनाशकों और आधुनिक सिंचाई तकनीकों केउपयोग ने पंजाब के कृषि उत्पादन को कई गुना बढ़ादिया है। इससे न केवल पंजाब बल्कि पूरे भारत कीखाद्य सुरक्षा का स्तर मजबूत हुआ।
हालाँकि पंजाब में कृषि क्षेत्र ने काफी प्रगति की है, लेकिन इसे कुछ महत्वपूर्ण समस्याओं का भी सामनाकरना पड़ रहा है। सबसे बड़ी समस्या जल संकट है।अत्यधिक सिंचाई के कारण भूजल स्तर तेजी से गिररहा है और पंजाब में पानी की कमी की स्थिति पैदा होगई है। इसके अलावा, रासायनिक उर्वरकों औरकीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग से मिट्टी की उर्वरताकम हो रही है। प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन काअसर कृषि उत्पादन पर भी पड़ रहा है।
इसके साथ ही कृषि लागत में वृद्धि, किसानों कीऋण संबंधी समस्या और न्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी) में कमी जैसे मुद्दे भी किसानों के लिएचुनौतीपूर्ण हैं। इन समस्याओं के समाधान के लिएसरकार, किसान और समाज को मिलकर काम करनेकी जरूरत है।
पंजाब के कृषि संकट के समाधान के लिए सरकार, कृषि विशेषज्ञों और किसानों का सहयोग जरूरी है।स्थायी उद्यमों को बढ़ावा देकर, वित्तीय सहायता मेंसुधार और बाजार पहुंच में सुधार करके, हम पंजाब केकृषि क्षेत्र को पुनर्जीवित कर सकते हैं और अपनेकिसानों के लिए समृद्ध भविष्य सुनिश्चित कर सकतेहैं।
जल संकट से निपटने के लिए जल संरक्षणतकनीकों को अपनाने की जरूरत है। वर्षा जल संचयन, सूक्ष्म सिंचाई एवं अधिक से अधिक जल संरक्षणतकनीकों को प्रोत्साहित किया जाये।
रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों के विकल्प केरूप में जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। यहन केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद है, बल्किकिसानों के लिए आर्थिक रूप से भी फायदेमंद होसकता है।
डिजिटल प्लेटफॉर्म, कृषि प्रौद्योगिकी उपकरणऔर सटीक खेती को लागू करके खेती को अधिकप्रभावी और लाभदायक बनाया जा सकता है।
किसानों के लिए बुनियादी ढांचे, प्रशिक्षण औरबेहतर समर्थन मूल्य में सुधार के लिए योजनाएं बनाईजानी चाहिएं। इसके अलावा, किसानों के हितों कोध्यान में रखते हुए नीतियां भी बनाई जानी चाहिएं ताकिहमारे किसान आत्महत्या न करें और कृषि को अपनेजीवन का मुख्य हिस्सा बनाए रखें।
पंजाब में कृषि वर्तमान में मुख्य रूप से दो फसलोंगेहूं और चावल पर निर्भर है। इन दोनों फसलों कोसिंचाई की बहुत अधिक आवश्यकता होती है, जिसकेपरिणामस्वरूप पंजाब में भूजल स्तर तेजी से गिर रहा हैऔर पानी की कमी एक गंभीर समस्या बन गई है।इसके अलावा, पारंपरिक फसलें उगाने से मिट्टी कीउर्वरता भी कम हो रही है और कृषि में लचीलापन भीकम हो रहा है।
आज एक बड़ी मांग है कि किसानों को गेहूं औरधान के पारंपरिक फसल चक्र से बाहर निकालकरफसल विविधीकरण की ओर प्रोत्साहित किया जाए।हमारा लक्ष्य न केवल पंजाब के कृषि वैभव को बहालकरना है, बल्कि एक लचीला और टिकाऊ कृषिपरिदृश्य बनाना है जो आने वाली पीढ़ियों के लिएसुरक्षित हो।
इसी तरह, पंजाब के औद्योगिक क्षेत्र को पुनर्जीवितकरने के लिए एक बहु-आयामी दृष्टिकोण कीआवश्यकता है जो संकट के मूल कारणों को हल करे।बुनियादी ढांचे में निवेश करके, कौशल विकास कोप्रोत्साहित करके, उद्यमिता को बढ़ावा देकर औरस्थिरता को बढ़ावा देकर, हम एक गतिशील औरलचीला औद्योगिक परिदृश्य बना सकते हैं। इससे नकेवल रोजगार के अवसर पैदा होंगे और आर्थिकविकास को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि नागरिकों के लिएसमृद्ध भविष्य भी सुनिश्चित होगा।
पंजाब का सीमावर्ती क्षेत्र अपने भूगोल, सांस्कृतिकविरासत और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन इस क्षेत्र ने हमेशा सुरक्षा, रणनीतिक औरविकास के दृष्टिकोण से कुछ चुनौतियाँ पेश की हैं।इसके बावजूद, पंजाब का सीमावर्ती क्षेत्र संसाधनों सेसमृद्ध है और यदि इन संसाधनों का सही उपयोग कियाजाए, तो यह न केवल राज्य के लिए बल्कि पूरे देश कीअर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद हो सकता है।
सीमावर्ती क्षेत्रों में उद्योगों की स्थापना से न केवलउस क्षेत्र का आर्थिक विकास होगा बल्कि स्थानीयनिवासियों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।उद्योगों के खुलने से यहां बेरोजगारी की समस्या कासमाधान हो सकता है। इससे युवाओं को स्थानीयनौकरियां पाने में मदद मिलेगी और वे रोजगार के लिएदूसरे राज्यों या देशों में जाने से बचेंगे।
एक मजबूत औद्योगिक क्षेत्र न केवल रोजगार केअवसर पैदा करता है बल्कि राज्य की समृद्धि में भीयोगदान देता है। लेकिन उद्योगों की सफलता औरस्थिरता के लिए एक मजबूत और प्रभावी कानूनीप्रणाली की आवश्यकता है।
कानून और व्यवस्था यह सुनिश्चित करती है किउद्योगों को संचालन के लिए एक सुरक्षित और भयमुक्त वातावरण मिले। जब तक कानून का सही ढंग सेपालन नहीं किया जाएगा, निवेशक और उद्यमी अपनीपूंजी और संसाधनों का निवेश करने से कतराएंगे।उद्योगों की सुरक्षा, उनके कर्मचारियों की सुरक्षा औरसंपत्ति की सुरक्षा के लिए कानून की भूमिका बहुतमहत्वपूर्ण है।
कानूनी प्रणाली उद्योगों की स्थापना और संचालनके लिए एक ठोस ढांचा प्रदान करती है। यह न केवलसुरक्षा सुनिश्चित करता है बल्कि एक समृद्ध और स्थिरवातावरण भी सुनिश्चित करता है जिसमें उद्योगफल-फूल सकें। पंजाब जैसे राज्य में जहां कृषि प्रधानहै, औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूतकानूनी ढांचा आवश्यक है। तभी हम अपने राज्य कोऔद्योगिक केंद्र बनाने में सफल होंगे।
इसके अलावा कृषि प्रधान इस राज्य में खाद्यप्रसंस्करण की स्थिति अभी उस स्तर तक नहीं पहुंचपाई है, जहां होनी चाहिए। इसलिए आज हमारी खाद्यप्रसंस्करण संयंत्रों की आवश्यकता को समझना बहुतमहत्वपूर्ण है।
पंजाब में खाद्य प्रसंस्करण संयंत्रों के विस्तार से नकेवल किसानों बल्कि युवाओं को भी रोजगार मिलसकता है। इससे राज्य के आर्थिक विकास में मददमिलेगी और बेरोजगारी की समस्या का समाधान होगा।तकनीकी कर्मचारियों, मैनुअल श्रमिकों और संयंत्रों मेंकाम करने में सक्षम अन्य श्रेणियों के लिए रोजगार केअवसर खुल सकते हैं। खाद्य प्रसंस्करण संयंत्रों केमाध्यम से किसान अपनी उपज का बेहतर मूल्य प्राप्तकर सकते हैं।
हमें इस दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे और राज्यसरकार, निजी निवेशकों और किसानों के सहयोग सेएक मजबूत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का निर्माण करनाहोगा।
मित्रों,
पंजाब का उच्च शिक्षा क्षेत्र कई चुनौतियों कासामना कर रहा है, खासकर निजीकरण, गुणवत्ता, पहुंचऔर प्रासंगिकता के संबंध में। उच्च शिक्षा कीसमस्याओं के समाधान के लिए एक व्यापक रणनीतिकी आवश्यकता है जो निजीकरण के लाभों को पहुंच, गुणवत्ता और प्रासंगिकता के साथ संतुलित करे।नियामक उपायों को लागू करके, सार्वजनिक संस्थानोंको मजबूत करके, पाठ्यक्रम में सुधार करके औरबुनियादी ढांचे और अनुसंधान में निवेश करके, हम एकउच्च शिक्षा प्रणाली बना सकते हैं जो छात्रों को सशक्तबनाती है और उन्हें प्रतिस्पर्धी नौकरी बाजार के लिएतैयार करती है। आइए, हम ऐसे भविष्य के लिएमिलकर काम करें जहां गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा सभीके लिए सुलभ हो, नवाचार को बढ़ावा मिले और पंजाबके समग्र विकास में योगदान मिले।
हम सभी जानते हैं कि आज का समय बहुत तेजी सेबदल रहा है। विज्ञान, तकनीकी विकास और वैश्विकपरिवर्तनों के कारण न केवल हमारी जीवनशैली बदलरही है, बल्कि समाज और पेशेवर दुनिया की ज़रूरतें भीबदल रही हैं। बदलते दौर में न केवल शिक्षा बल्किकौशल भी युवा जीवन में सफलता की कुंजी बन गयाहै।
आज के समय में तकनीकी प्रगति के कारण कईनौकरियाँ बदल रही हैं या नई नौकरियाँ पैदा हो रही हैं।हालाँकि, हर काम के लिए कुछ विशिष्ट तकनीकीकौशल की आवश्यकता होती है, लेकिन जिन युवाओंके पास दीर्घकालिक कौशल होता है, वे किसी भीनौकरी में जल्द ही ढल जाते हैं।
आज की प्रतिस्पर्धी और बदलती दुनिया में, केवलशैक्षणिक डिग्री ही पर्याप्त नहीं है। युवाओं को अपनेजीवन में दीर्घकालिक कौशल विकसित करने कीआवश्यकता है, ताकि वे न केवल वर्तमान चुनौतियों कासामना कर सकें, बल्कि भविष्य में उत्पन्न होने वालीकिसी भी स्थिति के लिए भी तैयार रहें। ये कौशल एकसंतुलित, सशक्त और सफल जीवन बनाने में मददकरते हैं।
हमारे राज्य के भविष्य का निर्माण हमारे युवाओं परनिर्भर करता है, और इस निर्माण में वे जो दीर्घकालिककौशल योगदान देते हैं वह बहुमूल्य हैं। इसलिए, हमेंयुवाओं के लिए ऐसे कौशल तैयार करने की जरूरत हैजो कम से कम अगले 50 वर्षों तक प्रासंगिक रहें।युवाओं को इन कौशलों का निरंतर अभ्यास करनाचाहिए, सीखते रहना चाहिए और अपने जीवन को नईदिशा देनी चाहिए।
मित्रों,
पंजाब आज एक महत्वपूर्ण प्रतिभा पलायन कासामना कर रहा है, जहां कुशल और शिक्षित लोगबेहतर अवसरों की तलाश में विदेश जा रहे हैं। आर्थिकविकास, शिक्षा सुधार और जीवन स्तर में सुधार कोमिलाकर इस समस्या का समाधान किया जा सकताहै। ऐसा माहौल बनाकर जहां कुशल व्यक्तियों कोअपनी क्षमता का एहसास करने का अवसर मिले, हमइस प्रवृत्ति को उलट सकते हैं और एक समृद्ध, अभिनवऔर गतिशील पंजाब का निर्माण कर सकते हैं।
इसके अलावा एक और महत्वपूर्ण विषय है जो मैंकहना चाहूंगा और वह है पर्यावरण को प्रदूषण सेबचाना। जैसे-जैसे हमारी दुनिया आगे बढ़ रही है, हमपर्यावरण संकट, जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिकसंसाधनों की कमी जैसी कई बड़ी चुनौतियों का सामनाकर रहे हैं। ऐसे में हरित ऊर्जा यानी नवीकरणीय ऊर्जास्रोतों का उपयोग न केवल हमारे पर्यावरण को बचानेके लिए बल्कि हमारे आर्थिक और सामाजिक विकासके लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है।
भारत का ‘‘अनाज का कटोरा’’ कहा जाने वाला पंजाब एक प्रमुख कृषि-आधारित राज्य है। यहां कीमिट्टी और जलवायु बहुत उपजाऊ है, लेकिन जलवायुपरिवर्तन के प्रभाव और पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों कीअधिक खपत ने राज्य के पर्यावरण को भी नुकसानपहुंचाया है।
कोयला, गैस और पेट्रोलियम जैसे पारंपरिक ऊर्जास्रोतों का अत्यधिक उपयोग पर्यावरण को भारी प्रदूषितकर रहा है और जलवायु परिवर्तन में योगदान दे रहा है।इसके अलावा, इन संसाधनों का अत्यधिक उपयोग हमेंलंबे समय में सस्ते और स्वच्छ ऊर्जा विकल्पों से दूर लेजा रहा है।
यह कहना गलत नहीं होगा कि हरित ऊर्जा काउपयोग आज एक आवश्यकता बन गया है। पंजाब मेंहरित ऊर्जा को बढ़ावा देना न केवल हमारे पर्यावरण कोबचाने के लिए बल्कि राज्य के आर्थिक विकास औरऊर्जा सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। हमें अपनीजिम्मेदारी समझनी चाहिए और हरित ऊर्जा स्रोतों काअधिकतम उपयोग करना चाहिए और इसे अपने दैनिकजीवन का हिस्सा बनाना चाहिए।
मित्रों,
आज पंजाब गंभीर ऋण संकट का सामना कर रहाहै, जिसका असर विशेष रूप से किसानों, छोटेव्यवसायों और राज्य सरकार पर पड़ रहा है। बढ़तीलागत और गिरती कीमतों के संयुक्त प्रभाव से कईकिसान फसल उत्पादन के लिए कर्ज में डूबे हुए हैं।इससे कर्ज का दुष्चक्र बढ़ गया है और दुर्भाग्य सेकिसान आत्महत्या कर रहे हैं। पंजाब सरकार ने मुख्यरूप से राजकोषीय घाटे को पूरा करने के लिए पर्याप्तकर्ज इकट्ठा कर लिया है, जिससे संसाधनों पर दबावपड़ रहा है और विकास परियोजनाएं बाधित हो रही हैं।हमें एक मजबूत बहुआयामी दृष्टिकोण के माध्यम सेइस संकट पर काबू पाने के लिए दृढ़ संकल्पित होनाचाहिए जो दीर्घकालिक ढांचागत सुधारों के साथतत्काल राहत उपायों को जोड़ता है।
मेरा दृढ़ विश्वास है कि पंजाब का आर्थिकपुनरुत्थान न केवल राज्य के आर्थिक स्वास्थ्य के लिएबल्कि इसके नागरिकों की समग्र समृद्धि के लिए भीमहत्वपूर्ण है। राजकोषीय प्रबंधन की पहचान, विविधता को बढ़ावा, शिक्षा में निवेश और बुनियादीढांचे को बढ़ाने वाली व्यापक रणनीतियों को अपनाकर, पंजाब अपने वित्तीय संकट से मजबूत और अधिकलचीले ढंग से उभर सकता है।
आइए, हम एक उज्ज्वल आर्थिक भविष्य के लिएएक साथ आएं और अपने समृद्ध संसाधनों और क्षमताका उपयोग करते हुए भविष्य की पीढ़ियों के लिए सततविकास सुनिश्चित करें।
पंजाब विजन 2047 को हासिल करना अकेलेसरकार की जिम्मेदारी नहीं है। यह एक सामूहिकप्रयास है जिसमें प्रत्येक नागरिक, प्रत्येक समुदाय औरप्रत्येक हितधारक की भागीदारी की आवश्यकता है।हम आपके साथ जुड़े रहेंगे, आपके विचारों को सुनेंगेऔर इस दृष्टिकोण को जीवन में लाने के लिए आपकेसाथ काम करेंगे। हमारे भविष्य को आकार देने मेंआपका योगदान और आपकी आवाज़ बहुमूल्य है।
हमें अपने पंजाब के पुराने गौरव को बहाल करकेएक बार फिर से रंगला पंजाब बनाना है और यह तभीसंभव होगा जब हम इसके हर पहलू पर पूरी तरह सेकाम करेंगे। पंजाब की कृषि, संस्कृति, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और पर्यावरण सभी को प्रगति की ओर बढ़नाहै। पंजाब के किसानों, युवाओं, महिलाओं और समाजके हर वर्ग को एक साथ आकर एक नया पंजाब बनानाहोगा, जो एक बार फिर समृद्ध, खुशहाल औरप्रेरणादायक हो।
आइए, हम अपने इस बड़े सपने को साकार करनेके प्रयासों में एकजुट हों और 2047 के पंजाब के लिएअथक प्रयास करें जिसका हमने सपना देखा है। आइए, हम आशा और प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ें।
पंजाबी संगीत और नृत्य ने पूरी दुनिया में अपनीपहचान बनाई है। यहां का लोक संगीत बहुत ही विविधऔर जीवंत है। समय के साथ पंजाब की संस्कृति मेंबदलाव आया है, लेकिन इसने अपनी जड़ें मजबूत औरगहरी बनाए रखी हैं।
पंजाब की सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन करके, हम अपने स्थानीय कलाकारों और कारीगरों को सशक्तबना सकते हैं, जिससे उन्हें विश्व स्तर पर अपनी पहचानबनाने का अवसर मिल सके। इससे न केवल इनसमुदायों की आर्थिक समृद्धि बढ़ेगी बल्कि पंजाब कीविशिष्ट सांस्कृतिक पहचान का संरक्षण और संवर्धनभी होगा।
आइए, दुनिया के साथ पंजाब की इस जीवंतसांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाएं और सुनिश्चितकरें कि इसकी विरासत आने वाली पीढ़ियों तक जीवितरहे।
धन्यवाद,
जय हिंद!