SPEECH OF PUNJAB GOVERNOR AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH, SHRI GULAB CHAND KATARIA ON THE OCCASION OF OLYMPIC VALUES EDUCATION PROGRAMME SIGNING OF MoU AT CHANDIGARH ON JANUARY 7, 2024.

अभिनव बिंद्रा फाउंडेशन के साथ समझौता के अवसर पर

राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया जी का संबोधन

दिनांकः 07.01.2025, मंगलवार  समयः सुबह 10:30 बजे स्थानः चंडीगढ़

 

नमस्कार!

आज का यह दिन हमारे लिए अत्यंत गौरव का क्षण है। हम सब यहां एक ऐसे महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए एकत्र हुए हैं, जो हमारे युवाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने और उन्हें वैश्विक मंच पर अपने गुणों का प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करेगा।

आज, अभिनव बिंद्रा फाउंडेशन के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के साथ, हम यूटी चंडीगढ़ के अपने सरकारी विद्यालयों में ओलंपिक मूल्य शिक्षा कार्यक्रम (ओलंपिक वैल्यूज़ ऐजूकेशन प्रोग्राम) शुरू कर रहे हैं। यह कार्यक्रम न केवल अकादमिक उत्कृष्टता बल्कि खेल भावना, टीम वर्क और लचीलेपन के मूल्यों को बढ़ावा देने की हमारी साझा दृष्टि का प्रतीक है जो ओलंपिक की भावना में निहित हैं।

इस एमओयू को अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) की मंजूरी प्राप्त है - जो दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित खेल संस्थाओं में से एक है और वे अभिनव बिंद्रा फाउंडेशन के माध्यम से हमारे सरकारी विद्यालयों के साथ साझेदारी कर रहे हैं।

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि अभिनव बिंद्रा फाउंडेशन, वर्ष 2008 में बीजिंग ओलंपिक में पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में भारत के पहले व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा द्वारा वर्ष 2010 में स्थापित एक संगठन है। 

मुझे इस बात की खुशी है कि यह फाउंडेशन खेल विज्ञान, पोषण, मानसिक स्वास्थ्य, और पुनर्वास जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर काम कर रहा है। इससे न केवल हमारे देश के एथलीटों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सहायता मिलेगी, बल्कि खेल संस्कृति को भी मजबूती मिलेगी।

यह हर्ष का विषय है कि अभिनव बिंद्रा फाउंडेशन बच्चों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से प्रशिक्षित कर न केवल उनके खेल कौशल को निखार रहा है, बल्कि उन्हें खेल के दौरान चोटिल होने से बचाने के लिए भी सक्षम बना रहा है। यदि हम चाहते हैं कि हमारे युवा अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धाओं में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें, तो उन्हें न केवल खेल तकनीकों में दक्ष होना होगा, बल्कि खेलों में चोटिल होने से बचने के महत्व को भी समझना होगा। इस दिशा में अभिनव बिंद्रा फाउंडेशन जैसे संगठनों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है, और हमें ऐसे और भी प्रयासों की आवश्यकता होगी, ताकि हमारे युवा स्वस्थ और सशक्त रहते हुए खेल में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकें।

मैं अभिनव बिंद्रा जी से कहना चाहूंगा कि आप न केवल भारत के पहले व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता हैं, बल्कि एक ऐसे प्रेरणास्त्रोत भी हैं, जिन्होंने अपनी सफलता के माध्यम से लाखों युवाओं को सपने देखने और उन्हें पूरा करने की प्रेरणा दी है।

मैं अभिनव बिंद्रा जी और उनकी पूरी टीम को उनके इस अद्भुत प्रयास के लिए बधाई देता हूँ। मैं आशा करता हूँ कि यह फाउंडेशन हमारे देश में खेल के क्षेत्र में क्रांति लाने और नई ऊंचाइयों को छूने में सफल होगा।

देवियो और सज्जनों,

ओलंपिक खेलों का इतिहास हज़ारों वर्षों पुराना है। इसकी शुरुआत प्राचीन ग्रीस में हुई थी, जहाँ यह खेल मानव शक्ति, कौशल, और संकल्प का प्रतीक माने जाते थे। आधुनिक ओलंपिक खेलों की नींव 1896 में पड़ी, और तब से यह हर चार साल में आयोजित होते आ रहे हैं, जहाँ दुनिया भर के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हैं।

ओलंपिक खेल केवल खेल का आयोजन नहीं हैं, यह मानवता को जोड़ने वाला एक ऐसा मंच है, जहाँ अलग-अलग देशों, संस्कृतियों और भाषाओं के लोग एक साथ आते हैं। 

ओलंपिक खेल ‘सद्भाव, एकता, और उत्कृष्टता’ का संदेश देते हैं। यह खेल हमें यह सिखाते हैं कि सफलता केवल जीतने में नहीं है, बल्कि उसमें है कि हम अपने सपनों को साकार करने के लिए कितना कठिन परिश्रम करते हैं।

तीन लेटिन शब्द, ‘सिटियस, आल्टियस, फॉर्टियस (तेज़, ऊँचा, मज़बूत) ओलंपिक के तीन मुख्य आदर्श हैं, जो हमें प्रेरणा देते हैं कि हम अपने जीवन में निरंतर सुधार करते रहें। यह आदर्श न केवल खिलाड़ियों के लिए, बल्कि हम सभी के लिए हैं।

भारत का ओलंपिक में योगदान गर्व का विषय है। चाहे वह ध्यानचंद की हॉकी हो, मिल्खा सिंह की दौड़ हो, अभिनव बिंद्रा की शूटिंग, पी.वी. सिंधु की बैडमिंटन में उपलब्धियाँ, या नीरज चोपड़ा का स्वर्ण पदक, हमारे खिलाड़ियों ने विश्व मंच पर देश का नाम रौशन किया है। इन उपलब्धियों ने हमें यह दिखाया है कि हमारे युवाओं में असीम संभावनाएँ हैं।

हम सभी का कर्तव्य है कि हम ओलंपिक के मूल्यों को अपने जीवन में अपनाएँ - चाहे वह अनुशासन हो, खेल भावना हो, या दूसरों के प्रति सम्मान। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे युवा न केवल खेलों में, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करें। और आज की इस पहल द्वारा हम इस दिशा में आगे बढ़े हैं।

देवियो और सज्जनों,

आज, हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत खेलों में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और युवाओं को खेलों के प्रति उत्साहित करने के लिए देश भर में गावों व ब्लॉक स्तर पर कार्यक्रम किए जा रहे हैं। 

युवा किसी भी देश की सबसे बड़ी शक्ति होती है। युवाओं को खेलों के प्रति उत्साहित करने के लिए हम सभी को मिलकर कार्य करने की आवश्यता है ताकि माननीय प्रधानमंत्री जी के 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार किया जा सके।

भारत सरकार ने पिछले 10 वर्षों में खेलों के लिए बजट को पहले की तुलना में तीन गुना कर दिया है।

खेलो इंडिया गेम्स के तहत 3,000 से अधिक एथलीटों को प्रति माह 50,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। लाखों एथलीट जमीनी स्तर पर करीब एक हजार खेलो इंडिया केंद्रों के माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। 

भारत सरकार के ‘‘खेलो इंडिया राइजिंग टैलेंट आइडेंटिफिकेशन’’ (कीर्ति) कार्यक्रम की शुरुआत भी चंडीगढ़ से हुई है। इसका उद्देश्य देश के हर कोने से उभरते हुए खेल प्रतिभाओं की पहचान करना और उन्हें विश्व स्तरीय एथलीट बनने के लिए आवश्यक सुविधाएं प्रदान करना है। इस कार्यक्रम के तहत युवा खिलाड़ियों को उनके कौशल और प्रदर्शन के आधार पर चुना जाता है और उन्हें वैज्ञानिक प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता, और बेहतर कोचिंग प्रदान की जाती है।

यू.टी चंडीगढ़ की भी सराहना करनी बनती है जिन्होंने युवाओं को नशों से दूर करने और खेलों के प्रति उत्साहित करने के लिए सराहनीय कदम उठाए हैं। यू.टी चंडीगढ़ प्रशासन ने यू.टी. क्रिकेट एसोसिएशन और पुलिस की सहायता से गली क्रिकेट की शुरूआत की है।

चंडीगढ़ प्रशासन ने एक प्रगतिशील खेल नीति भी शुरू की है। इस खेल नीति के अनुसार, ओलंपिक में स्वर्ण पदक विजेता को 6 करोड़ रूपए का नकद पुरस्कार, रजत पदक विजेताओं को 4 करोड़ रुपए और कांस्य पदक विजेताओं को 2.5 करोड़ रुपए मिलेंगे।

मित्रों,

अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) की मंजूरी प्राप्त यह एमओयू हमारे चंडीगढ़ के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगा। आईओसी का समर्थन वैश्विक पहचान लाता है और शहर की खेल पहलों के लिए उच्च मानक स्थापित करता है। 

ओलंपिक ने एकता, सम्मान और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के एक शक्तिशाली प्रतीक के रूप में कार्य किया है, जो हमें निष्पक्ष खेल और कड़ी मेहनत के महत्व की याद दिलाता है। ओलंपिक शिक्षा मूल्य कार्यक्रम का उद्देश्य हमारे युवा मन में इन महान मूल्यों को स्थापित करना है, उन्हें न केवल खेलों में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए बल्कि भविष्य के जिम्मेदार नागरिक और नेता बनने के लिए तैयार करना है।

भारत के पहले व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता के रूप में श्री अभिनव बिंद्रा का योगदान अद्वितीय है और ओडिशा और असम राज्यों के विद्यालयों में इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक चलाने और जारी रखने के लिए मूल्य-आधारित खेल शिक्षा में उनकी नींव की भूमिका अच्छी तरह से स्थापित है। ऐसा देखा गया है कि अभिनव बिंद्रा फाउंडेशन ओलंपिक वैल्यूज़ एजुकेशन प्रोग्राम (ओवीईपी) के माध्यम से जमीनी स्तर के खेलों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।

राष्ट्र निर्माण के हिस्से के रूप में खेल संस्कृति, विशेष रूप से ओलंपिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए माननीय प्रधानमंत्री जी के आह्वान को उजागर करना महत्वपूर्ण है और इस पहल के माध्यम से हम युवाओं के बीच फिटनेस, अनुशासन और समग्र विकास को प्रोत्साहित करने के व्यापक राष्ट्रीय उद्देश्य का समर्थन कर रहे हैं।

यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के साथ निकटता से जुड़ी हुई है, जो समग्र शिक्षा पर जोर देती है और जिम्मेदार व अच्छे नागरिकों के निर्माण के प्रयास पर केन्द्रित है। एनईपी जीवन कौशल से जुड़ी शिक्षा, आलोचनात्मक सोच और नैतिक मूल्यों को प्रोत्साहित करती है, जिनका ओलंपिक मूल्य शिक्षा कार्यक्रम (ओवीईपी) व्यक्तिगत और सामाजिक विकास हेतु खेल का उपयोग करके समर्थन कर सकता है।

शारीरिक शिक्षा बच्चों के विकास में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, और इसलिए एनईपी 2020 में इस पर उचित रूप से जोर दिया गया है। एनईपी ढांचे में शारीरिक शिक्षा विद्यालयों के लिए पाठ्यक्रम में खेल को शामिल करना अनिवार्य बनाती है। यह बच्चों को बेहतर आकार देने और यह सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है कि हमारे बच्चे फिट और स्वस्थ रहें और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार हों। 

बच्चों को खेल खेलने और शारीरिक रूप से सक्रिय रहने के लिए प्रोत्साहित करके, हम उन्हें स्वस्थ जीवन का आनंद दे रहे हैं। जब शारीरिक शिक्षा, शिक्षा नीति का एक अभिन्न अंग बन जाएगी तभी माता-पिता और शिक्षक इसके महत्व को समझना शुरू करेंगे और इस पर उचित ध्यान देना शुरू करेंगे। 

समय की मांग है कि प्रशिक्षित खेल शिक्षक, खेल सामग्री एवं उपकरण तथा शारीरिक शिक्षा को शैक्षणिक विषयों जितना ही महत्व दिया जाए। इसका समर्थन करने के लिए, भारत सरकार ने फिट इंडिया मूवमेंट, खेलो इंडिया, राष्ट्रीय खेल दिवस और अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस जैसी विभिन्न पहल शुरू की हैं।

मित्रों,

चंडीगढ़ एक आधुनिक, प्रगतिशील शहर है जो एक मजबूत खेल संस्कृति को अपनाता है और जो खेल के बुनियादी ढांचे के विकास और शैक्षिक सुधारों के लिए सक्रिय समर्थन प्रदान करता है। इसके लिए मैंने भी हर प्रकार के आवश्यक बुनियादी ढांचे से लैस इस शहर में खेल परिदृश्य को मजबूत करने, लगातार खेल आयोजनों को बढ़ावा देने और एथलीटों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने हेतु पंजाब राजभवन में चंडीगढ़ के विभिन्न खेल संघों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक कर चुका हूं।

इस बैठक में चंडीगढ़ के उत्कृष्ट बुनियादी ढांचे का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करते हुए, राष्ट्रीय स्तर के आयोजनों का एक वार्षिक कैलेंडर तैयार करने पर भी चर्चा की गई। इन नियमित आयोजनों का उद्देश्य एथलीटों के कौशल को निखारना, उन्हें उच्चस्तरीय प्रतिस्पर्धाओं के लिए तैयार करना, और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने के अवसर प्रदान करना है।

हमारे पास 108 सरकारी विद्यालय हैं जहां हम यह कार्यक्रम चलाएंगे। ओवीईपी जैसे कार्यक्रम नेतृत्व, टीम वर्क और सम्मान जैसे आवश्यक जीवन कौशल को बढ़ावा दे सकते हैं - जिससे छात्रों को संभावित दीर्घकालिक सामुदायिक लाभ के साथ जिम्मेदार नागरिक बनने में मदद मिलती है, जिसमें खेल भागीदारी, स्वस्थ जीवन शैली और सामाजिक एकजुटता शामिल है।

विद्यालयों में ओवीईपी को अपनाने के साथ, मैं सभी हितधारकों-शिक्षकों, खेल प्रशिक्षकों, स्थानीय क्लबों और अभिभावकों से इस लॉन्च इवेंट से आगे मूल्य-आधारित खेल पहल को अपनाने और बनाए रखने का आग्रह करता हूँ जो राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों संगठनों के साथ चल रही साझेदारी बनाने में मदद करेगा। 

मेरा मानना है कि प्रत्येक बच्चे को, चाहे उसकी पृष्ठभूमि कुछ भी हो, खेल शिक्षा के लाभों तक पहुँच मिलनी चाहिए। संसाधन, प्रशिक्षण और सहायता प्रदान करके, हम अपने छात्रों को उनकी क्षमता का पता लगाने और उनके जुनून की खोज करने के लिए सशक्त बना सकते हैं।

मैं आप सभी छात्रों को इस कार्यक्रम को पूरे उत्साह और समर्पण के साथ अपनाने के लिए प्रेरित करना चाहता हूँ। इसमें सक्रिय रूप से भाग लें, सीखें, और इस अनूठी यात्रा का आनंद लें। यह याद रखें कि मैदान पर सीखे गए सबक, जैसे दृढ़ संकल्प, टीम वर्क, और दूसरों के प्रति सम्मान, जीवन के हर पहलू में आपकी मदद करेंगे। ये मूल्य आपको न केवल एक बेहतर खिलाड़ी, बल्कि एक नेतृत्वकर्ता और प्रेरणादायक व्यक्तित्व के रूप में भी विकसित करेंगे।

यूटी चंडीगढ़ के विद्यालयों में इसे लाने के लिए इसमें शामिल सभी लोगों को बधाई। मुझे यकीन है कि चंडीगढ़ भारत के अन्य क्षेत्रों के लिए एक मॉडल के रूप में काम करेगा, अंततः ओलंपिक सहित वैश्विक खेल आयोजनों में उत्कृष्टता हासिल करने की देश की आकांक्षा में योगदान देगा।

आज का यह समझौता एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है। मैं आप सभी से अपील करता हूं कि आप इस पहल में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें और इसे सफल बनाने में सहयोग करें।

आइए, हम सब मिलकर इस अभियान को आगे बढ़ाएं और यह सुनिश्चित करें कि हमारे युवा न केवल उत्कृष्ट खिलाड़ी बनें, बल्कि अच्छे नागरिक भी बनें।

धन्यवाद,

जय हिन्द!