Speech of Hon'ble Governor Punjab and Administrator, UT, Chandigarh, Shri Gulab Chand Kataria on the occasion Convocation ceremony of batches 2019-20 of FDDI at Mohali on January 10,2025.

एफडीडीआई के दीक्षांत समारोह के अवसर पर

राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया जी का संबोधन

दिनांकः 10.01.2025, शुक्रवारसमयः शाम 5:00 बजेस्थानः बनूड़, मोहाली

 

नमस्कार!

आज इस महत्वपूर्ण अवसर पर फुटवियर डिजाइन और डेव्लपमेंट इंस्टिट्यूट के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होना मेरे लिए सौभाग्य और खुशी की बात है। 

आज कुल 15 छात्रों को डिग्रियां प्रदान की जा रही हैं। और इस संस्थान द्वारा अब तक कुल 237 छात्रों को डिग्रियां प्रदान की जा चुकी हैं।

मैं सबसे पहले 2023 और 2024 के स्नातक और स्नातकोत्तर बैचों को अपनी हार्दिक बधाई देता हूँ। यह आपका दिन है, वर्षों की कड़ी मेहनत, समर्पण और दृढ़ता की परिणति है। 

आज का दिन आपमें से प्रत्येक के जीवन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है क्योंकि आप दुनिया में नई चुनौतियों और अवसरों को अपनाने के लिए आगे बढ़ रहे हैं।

मुझे बताया गया है कि 1986 में अपनी स्थापना के बाद से, यह संस्थान फुटवियर, लेदर एक्सेसरीज, रिटेल और फैशन डिजाइन के क्षेत्र में उत्कृष्टता के केंद्र के रूप में उभरा है। 

2017 के एफडीडीआई अधिनियम के तहत इस संस्थान को ‘‘राष्ट्रीय महत्व के संस्थान’’ के रूप में मान्यता देना प्रतिभा के पोषण और नवाचार को बढ़ावा देने की इसकी प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है। 

देश भर में फैले 12 परिसरों के साथ, एफडीडीआई सिर्फ एक शैक्षणिक संस्थान नहीं है - यह रचनात्मकता का केंद्र है, कौशल विकास के लिए उत्प्रेरक है और राष्ट्र निर्माण में भागीदार है। बुनियादी ढांचे, अंतर्राष्ट्रीय मान्यता और उद्योगों के साथ सहयोग ने एफडीडीआई को विश्व स्तरीय शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करने में सक्षम बनाया है। 

एफडीडीआई जैसे संस्थान केवल उच्च शिक्षा या करियर के अवसर प्रदान करने का माध्यम नहीं हैं, बल्कि आधुनिक युग की शिक्षा के मार्ग भी खोल रहे हैं। जहां रोजगार पाना ही एकमात्र उद्देश्य नहीं है, बल्कि समाज और राष्ट्र का समग्र विकास इसका मुख्य उद्देश्य है।

मुझे खुशी है कि आज हम अपने युवाओं की उन्नति के लिए केवल चिकित्सा, इंजीनियरिंग, प्रबंधन जैसे पारंपरिक विषयों की बात नहीं कर रहे हैं, बल्कि फुटवियर उत्पादन, फैशन डिजाइनिंग, चमड़े के सामानों की डिजाइनिंग, रिटेल मर्चेंडाइजिंग (खुदरा बिक्री) जैसे नए युग के दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

एफडीडीआई जैसे संस्थान नई पीढ़ी को नवाचार की असीम संभावनाओं का ऐसा व्यापक आकाश प्रदान कर रहे हैं, जिसमें वे अपने सपनों को साकार करने के लिए ऊंची उड़ान भर सकते हैं। मुझे खुशी है कि इसके पूर्व छात्र आज दुनिया भर में विभिन्न उद्योगों में अग्रणी भूमिकाएं निभा रहे हैं।

एफडीडीआई, फैशन, रिटेल और फुटवियर के क्षेत्र में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों को टिकाऊ रूप से विकसित करने के लिए समर्पित है। यह संस्थान छात्रों की प्रतिभाओं और कौशल को एक उपयुक्त शैक्षिक वातावरण में निखारने का प्रयास करता है। संस्थान का ध्यान सिर्फ उत्पादन और डिजाइनिंग पर नहीं है, बल्कि पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी और टिकाऊ विकास पर भी है।

शुरुआत में, इसका उद्देश्य चमड़ा और फुटवियर के क्षेत्र में प्रशिक्षित मानव संसाधन की कमी को पूरा करना था। लेकिन आज यह न केवल उद्योग के लिए प्रशिक्षित जनशक्ति का सतत स्रोत बन गया है, बल्कि इसने उद्योग के लोगों के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करके उद्योग की सेवा कर रहा है। 

चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा चमड़े और फुटवियर के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं और इसलिए इस क्षेत्र में सतत विकास के ये उपयुक्त उम्मीदवार हैं।

फुटवियर हमारे पहनावे का एक अनिवार्य हिस्सा है, और एफडीडीआई ने अपने विदेशी भागीदारों के साथ सहयोग करके फुटवियर से जुड़े इस उद्योग की समृद्धि को सुनिश्चित किया है। 

एक आवश्यक एक्सेसरी के तौर पर जाने जाते चमड़ा और फुटवियर, राष्ट्र की समृद्धि का कारण भी बनते हैं।

अपनी स्थापना के बाद भारत सरकार के निहितार्थों को पूरा करते हुए, एफडीडीआई को अपने विशेषज्ञता के क्षेत्र में राष्ट्र निर्माण से जुड़े इसके अभूतपूर्व प्रयासों के लिए राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में मान्यता दी गई है। यह वाकई बहुत गर्व की बात है, जिससे न केवल संस्थान पर बल्कि इसके अभ्यर्थियों पर भी मुझे गर्व महसूस होता है।

मित्रों,

हमें ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने की आवश्यकता है जो ज्ञान आधारित उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करे। हमें अपनी युवा पीढ़ी को नौकरी चाहने वालों के बजाय नौकरी प्रदाता बनाना होगा, खासतौर पर ज्ञान आधारित संगठनों के निर्माण के माध्यम से।

इसके लिए, संस्थानों और विश्वविद्यालयों के स्तर पर संकाय को छात्रों के बीच उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करना होगा और हमें इन उद्यमियों के लिए मार्गदर्शन के साथ वित्तीय सहायता भी सुनिश्चित करनी होगी।

अक्सर यह देखा गया है कि शैक्षणिक संस्थान और व्यावसायिक संगठन दो अलग-अलग क्षेत्रों के रूप में कार्य करते हैं। ये दोनों अपने-अपने क्षेत्र में अत्यधिक प्रतिभाशाली और ज्ञानवान लोगों का भंडार हैं, लेकिन इनके बीच शायद ही कभी विचारों का आदान-प्रदान होता है या उन्हें एक साथ बैठने और चर्चा करने का अवसर मिलता है।

हमें ज्ञान की सीमाओं को तोड़ने और शिक्षा और उद्यमशीलता के समर्थन के लिए एक अधिक सशक्त तंत्र विकसित करने की आवश्यकता है।

भारत एक ‘‘युवा राष्ट्र’’ है। लगभग 140 करोड़ की आबादी की औसत आयु 29 वर्ष है और आबादी का तीन गुना से अधिक हिस्सा 25 वर्ष से कम आयु का है। 

हर साल कम से कम एक करोड़ युवा भारतीय कार्यबल में प्रवेश करते हैं। जब इस बड़े कार्यबल को रोजगार के उपयुक्त अवसर मिलेंगे, तभी हम जनसांख्यिकीय लाभांश का पूरा लाभ उठा सकेंगे।

इसके लिए, हमें उन्हें पर्याप्त कौशल प्रदान करना होगा और उन्हें उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा देनी होगी। एक मजबूत अर्थव्यवस्था के विकास के लिए शिक्षा और कुशल श्रम अनिवार्य हैं। कौशल विकास के साथ-साथ, नवाचार-आधारित विकास को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। 

छात्रों को रचनात्मक रूप से सोचने और नए समाधान खोजकर सुधार के लिए प्रयास करने के लिए प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है। हाल ही में, पूरे देश में स्टार्टअप व्यवसायों में काफी गतिशीलता देखी गई है।

हमारे पास पारंपरिक ज्ञान का एक मजबूत आधार है, जो हमारे राष्ट्र के लिए एक आशीर्वाद है। पारंपरिक ज्ञान और औपचारिक शिक्षा का संयोजन नए उत्पादों और सेवाओं का निर्माण कर सकता है, जिनका हमारे जीवन पर दूरगामी प्रभाव हो सकता है।

ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्थाओं की ओर बदलाव वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा पैदा करने में मदद करता है। प्रतिस्पर्धा की परिभाषा में एक बड़ा बदलाव आया है। आज पंजाब के उद्यमी केवल भारत के अन्य उद्यमियों से प्रतिस्पर्धा नहीं करते; वे दुनिया भर के उद्यमियों के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं। घरेलू और निर्यात बाजार के बीच का अंतर तेजी से धुंधला हो रहा है।

सवाल यह है कि क्या हम इस प्रतिस्पर्धा का सामना करने के लिए तैयार हैं? हम इन चुनौतीपूर्ण समय में कैसे टिक पाएंगे? इन सवालों का जवाब ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था की ओर रुख करने में निहित है।

भारत सरकार ने भारतीय फुटवियर और चमड़ा विकास कार्यक्रम के तहत हजारों करोड़ रुपये की योजनाओं को मंजूरी दी है।

चाहे वह मेगा लेदर फुटवियर और एसेसरीज क्लस्टर डेवलपमेंट हो, भारतीय ब्रांडों को चमड़ा और फुटवियर क्षेत्र में बढ़ावा देना हो, या डिज़ाइन स्टूडियो का विकास हो, इन सभी का उद्देश्य भारतीय फुटवियर और चमड़ा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए है और इनमें अपार संभावनाएं हैं। इनका अधिकतम लाभ उठाएं!

प्रिय स्नातकों, 

जब आप इस प्रतिष्ठित संस्थान को छोड़ रहे हैं, तो याद रखें कि आप सिर्फ पेशेवर दुनिया में कदम नहीं रख रहे हैं आप भविष्य को आकार देने की जिम्मेदारी में भी कदम रख रहे हैं। यहाँ प्राप्त ज्ञान और कौशल आपको न केवल अपने करियर में उत्कृष्टता प्राप्त करने में सक्षम बनाते हैं बल्कि समाज पर सार्थक प्रभाव डालने में भी सक्षम बनाते हैं।

आप जिन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं फुटवियर, चमड़ा उत्पाद, खुदरा और फैशन डिजाइन- भारत की विकास गाथा के लिए महत्वपूर्ण हैं। वे नवाचार, स्थिरता और सांस्कृतिक विरासत की भावना का प्रतीक हैं। उच्च गुणवत्ता, टिकाऊ और नैतिक रूप से उत्पादित वस्तुओं की वैश्विक मांग आपको इन क्षेत्रों में भारत का नेतृत्व करने का अवसर प्रदान करती है। एफडीडीआई के राजदूत के रूप में, आपका योगदान डिजाइन, प्रौद्योगिकी और विनिर्माण में एक अग्रणी भूमिका के रूप में भारत की स्थिति को ऊँचा कर सकता है।

आप जिस दुनिया में प्रवेश कर रहे हैं वह चुनौतीपूर्ण और गतिशील दोनों है। ए.आई. (AI), स्वचालन और स्थिरता में प्रगति से प्रेरित चौथी औद्योगिक क्रांति अभूतपूर्व गति से उद्योगों को नया आकार दे रही है। इस उभरते परिदृश्य में, आपकी अनुकूलन क्षमता, रचनात्मकता और आजीवन सीखने के प्रति प्रतिबद्धता आपकी सबसे बड़ी संपत्ति होगी।

‘‘अवसर वही हैं जो आप बनाते हैं’’ - यह सोचें और हर चुनौती को एक अवसर में बदलने का प्रयास करें। अपनी भारतीय जड़ों से जुड़े रहते हुए, वैश्विक दृष्टिकोण अपनाएं। विविधता और संस्कृति को समझें और उसे अपने काम में शामिल करें।

मैं आपको अपनी पेशेवर यात्रा की आधारशिला के रूप में नवाचार और स्थिरता को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता हूँ। नैतिक व्यावसायिक प्रथाओं, पर्यावरणीय जिम्मेदारी और सामाजिक समावेशिता के सिद्धांतों को आपके निर्णयों का मार्गदर्शन करना चाहिए। याद रखें, सच्ची सफलता केवल व्यक्तिगत उपलब्धियाँ हासिल करने में नहीं बल्कि दूसरों का उत्थान करने और व्यापक भलाई में योगदान देने में निहित है।

मेरा मानना है कि एफडीडीआई के स्नातक ‘मेक इन इंडिया’ और आत्मनिर्भर भारत अभियान को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। भारत को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में आपका योगदान अहम होगा।

मैं संस्थान के प्रबंधन से आग्रह करूंगा कि आप अधिक से अधिक बच्चों तक पहुंच स्थापित करते हुए संस्थान में बच्चों के दौरे करवाएं जिससे कि वे फुटवियर डिजाइन के क्षेत्र की ओर आकर्षित होकर इसे अपने करियर के रूप में अपनाने हेतु प्रेरित हो सकें। 

साथ ही मैं चाहूंगा कि आप इस विषय से जुड़े अल्पकालिक पाठ्यक्रम भी चलाएं क्योंकि इनसे बच्चों को कम समय में नई और व्यावहारिक कौशल सीखने का मौका मिलता है और उनको खाली समय का सही उपयोग करने का अवसर मिलता है। ये कोर्स समय और पैसे दोनों की दृष्टि से प्रभावी होते हैं, जिससे हर वर्ग के बच्चे इनका लाभ उठा सकते हैं।

इसके अलावा मैं चाहूंगा कि आप स्वयं को सीमित न रखते हुए प्रदेश के अन्य क्षेत्रों, विशेषकर सीमावर्ती क्षेत्रों तक अपनी पहुंच को बढ़ाएं जहां रोज़गार के अवसरों की बहुत कमी है। इससे न केवल सीमावर्ती क्षेत्र के बच्चों को स्वयं को फुटवियर डिजाइन के क्षेत्र में कौशलपूर्ण बनाकर रोज़गार प्राप्त करने में मदद मिलेगी बल्कि राष्ट्रनिर्माण में उनकी भूमिका भी सुनिश्चित की जा सकेगी।

मैं युवा छात्रों के भविष्य को आकार देने में अटूट समर्पण और अथक प्रयासों के लिए एफडीडीआई के संकाय सदस्यों और कर्मचारियों की सराहना करना चाहूँगा। एक नेतृत्वकर्ता और मार्गदर्शक के रूप में आपकी भूमिका अमूल्य है। यहाँ एकत्र हुए माता-पिता और परिवारों के लिए, आपका समर्थन और प्रोत्साहन इन स्नातकों की सफलता की नींव रहा है। यह दिन जितना उनका है उतना ही आपका भी है।

जब मैं उज्ज्वल और दृढ़ विश्वास से भरे चेहरों के इस समुद्र को देखता हूँ, तो मैं भविष्य के प्रति पूर्ण भरोसे और आशावाद से भर जाता हूँ। आप में से प्रत्येक में महानता हासिल करने और हमारे देश और दुनिया की प्रगति में योगदान करने की क्षमता है। मैं आपसे आग्रह करता हूँ कि बड़े सपने देखें, जमीन से जुड़े रहें और एफडीडीआई में अपने बिताए समय के दौरान आपमें जो मूल्य पैदा किए गए, उन्हें कभी न भूलें।

आज की उपलब्धियाँ आपको और भी अधिक ऊंचाइयों के लिए प्रयास करने हेतु प्रेरित करें। अपनी आगे की यात्रा को जिज्ञासा, लचीलेपन और करुणा से निर्देशित होने दें और आपके कार्यों में एफडीडीआई के पूर्व छात्र होने का गौरव झलकता है, जो एक ऐसी संस्था है जो उत्कृष्टता के प्रतीक के रूप में खड़ी है।

मैं एक बार फिर 2023 और 2024 में स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों को बधाई देता हूं। आपका मार्ग सफलता से भरा हो और जीवन आपको जहाँ भी ले जाए, आप वहाँ चमकते रहें। 

धन्यवाद, 

जय हिंद!