SPEECH OF HON’BLE GOVERNOR PUNJAB AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH, SHRI GULAB CHAND KATARIA ON THE OCCASION OF FLAGGING OFF CTU BUSES AT CHANDIGARH ON JANUARY 17, 2025.

सीटीयू की 60 नई बासों की फ़्लैग-ऑफ़ सेरेमनी के अवसर पर

राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया जी का संबोधन

दिनांकः 14.01.2025, मंगलवारसमयः दोपहर 12:00 बजेस्थानः चंडीगढ़

 

नमस्कार!

आज इस विशेष अवसर पर, जब हम चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग (सीटीयू) के बेड़े में 60 नई बसों को शामिल करने का गौरव प्राप्त कर रहे हैं, मैं आप सभी को बधाई देता हूँ। यह कदम न केवल हमारे सार्वजनिक परिवहन के क्षेत्र को सशक्त बनाएगा, बल्कि नागरिक सुविधा की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण प्रगति है।

यह पहल सरकार की उन प्राथमिकताओं का हिस्सा है, जो समाज के हर वर्ग को समान सुविधाएँ और अवसर प्रदान करने की दिशा में काम कर रही हैं। 

चंडीगढ़, जो अपने स्वच्छ और सुनियोजित शहरी ढांचे के लिए जाना जाता है, में ऐसी उन्नत परिवहन सेवाओं की जरूरत और महत्व और भी बढ़ जाता है।

एक सुव्यवस्थित और प्रभावी परिवहन प्रणाली किसी भी आधुनिक शहर की रीढ़ होती है। सार्वजनिक परिवहन न केवल लोगों के लिए एक किफायती और सुरक्षित विकल्प प्रदान करता है, बल्कि यह यातायात प्रबंधन और प्रदूषण को कम करने में भी सहायक होता है।

चंडीगढ़ परिवहन उपक्रम ने समय के साथ परिवहन सेवाओं को अधिक कुशल, सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल बनाया है। यह संस्था न केवल यात्रियों की आवश्यकताओं को पूरा करती है बल्कि हरित और टिकाऊ विकास की दिशा में एक प्रेरणा स्रोत भी है।

चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग का मुख्य कार्य शहर, उप-शहरी क्षेत्र और आसपास के राज्यों जैसे पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, राजस्थान आदि में आम जनता को बस सेवाएं प्रदान करना है।

सीटीयू 1 नवम्बर 1966 को केवल 30 बसों के बेड़े के साथ अस्तित्व में आया और आज इसके बेड़े में 624 बसें हैं। 

अब नई बसों के आने से यह संख्या 684 हो जायेगी। इनमें से 310 बसें ‘चण्डीगढ़ सिटी बस सर्विस सोसायटी’ के तहत शहर में परिवहन सुविधाएँ दे रही हैं।

सीटीयू की कुल 684 बसों में से 220 (आज शामिल 60 नई बसों सहित) बसें लंबे रूट की बसें हैं जिनमें 119 एसी और 101 नॉन-एसी बसें हैं। इसके अलावा शहरी परिवहन की बात करें तो स्थानीय/उप-शहरी क्षेत्र में संचालित सभी 26 बसें नॉन-एसी हैं। 

साथ ही, ट्राईसिटी में कार्यशील कुल 438 बसों में से 239 एसी और 199 नॉन-एसी बसें हैं।

अगर राजस्व में इसके योगदान की बात करें तो वित्तीय वर्ष 2021-22 में जो 105.15 करोड़ था, वह अब 2023-24 में बढ़कर 193.50 करोड़ रुपये हो गया है।

वहीं अगर प्रति किलोमीटर आय की बात करें, तो जो 2021-22 में 28.27 प्रति किलोमीटर था, वही अब 2023-24 में 37.33 रुपए प्रति किलोमीटर हो गया है। निःसन्देह यह एक सराहनीय उपलब्धि है।

यहाँ यह बात विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि जहाँ 2021-22 में सीटीयू बसों ने प्रतिदिन 1 लाख किलोमीटर की दूरी तय करते हुए 71,000 यात्रियों को सुविधा प्रदान की, वहीं 2023-24 में प्रतिदिन 1 लाख 42 हजार किलोमीटर की दूरी तय करते हुए 1 लाख 45 हजार यात्रियों को यह सुविधा प्रदान की है। केवल दो साल में यात्रियों की दुगुनी वृद्धि होना भी एक सराहनीय उपलब्धि है।

सीटीयू अपनी डिपो क्षमता और बुनियादी ढाँचे को भी सुदृढ़ बनाने जा रहा है। रायपुर कलां में इसका नया डिपो निर्माणाधीन है जो इस साल के अंत तक पूरा हो जायेगा।

मित्रों,

यहाँ यह बात भी उल्लेखनीय है कि सीटीयू ने प्रौद्योगिकी संचालित योजनाओं को भी लागू किया है। ऐसी ही एक परियोजना विश्व बैंक से वित्त पोषण के साथ 438 सिटी बसों पर लगी ‘‘इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम’’ है। इन सभी बसों में ‘स्वचालित वाहन स्थान प्रणाली’, ‘यात्री सूचना प्रणाली’, ‘स्वचालित किराया संग्रहण प्रणाली’ और ‘डिपो प्रबंधन प्रणाली’ है। यात्रियों को कैशलेस यात्रा को बढ़ावा देने के लिए लगभग 75,000 ‘स्मार्ट कार्ड’ भी जारी किए गए है।

यही नहीं अंतर-राज्यीय बस टर्मिनल (आईएसबीटी) के साथ-साथ बस कतार आश्रयों (बस क्यू शेल्टर) में यात्री सूचना स्क्रीन भी लगाए गये हैं।

साथ ही ‘ट्राई सिटी मोबाईल ऐप’ भी विकसित किया गया है। सीसीटीवी द्वारा ऑनलाईन निगरानी के अतिरिक्त शिकायत निवारण प्रबंधन प्रणाली के लिए आईएसबीटी-43 में कमाण्ड कंट्रोल भी स्थापित किया गया है। ये सारी सुविधाएँ लम्बे रूट की 260 बसों में देने का एक संशोधित प्रस्ताव भी भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को भेजा गया है।

यहाँ यह बात भी उल्लेखनीय है कि पिछले 2-3 सालों में सिटी बस संचालन में 80 इलेक्ट्रिक बसें लगाई गयी हैं जिसके परिणामस्वरूप 29.81 लाख लीटर डीजल और 7872 मिट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन की बचत हुई है। अब पीएम ई-बस के तहत 100 इलेक्ट्रिक बसें शामिल करने की मंजूरी दी गई है। हमारा लक्ष्य 2026-27 तक ट्राई सिटी में और 358 इलेक्ट्रिक बसें शामिल करने का है जो सभी डीजल बसों का स्थान ले लेंगी।

मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी का अनुभव हो रहा है कि 2023-24 में ‘ऐसोसिएशन ऑफ स्टेट ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग’ द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सार्वजनिक बस परिवहन उत्कृष्टता पुरस्कार और गैर यातायात राजस्व पुरस्कार की श्रेणी में चण्डीगढ़ परिवहन उपक्रम को रनर-अप पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। 

देवियो और सज्जनों,

मैं आप सभी नागरिकों से यह आग्रह करना चाहूँगा कि सार्वजनिक परिवहन का अधिकाधिक उपयोग करें। क्योंकि यह न केवल व्यक्तिगत बल्कि सामूहिक रूप से हमारे समाज और पर्यावरण के लिए अत्यंत लाभकारी है। 

सार्वजनिक परिवहन के लाभों की बात करें तो सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने से वाहनों की संख्या कम होती है, जिससे प्रदूषण में कमी आती है। निजी वाहनों की तुलना में बसों और अन्य सार्वजनिक परिवहन साधनों से प्रति व्यक्ति कार्बन उत्सर्जन काफी कम होता है।

मेरा मानना है कि हम सबको शहर में कम से कम सप्ताह में एक दिन अपने निजि वाहनों का उपयोग न करते हुए केवल सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना चाहिए। निजी वाहन का उपयोग न करना कोई बड़ी चुनौती नहीं है, लेकिन इसका प्रभाव बहुत बड़ा हो सकता है। यह पहल पर्यावरण संरक्षण, यातायात सुधार और संसाधनों की बचत में योगदान देगी।

सार्वजनिक परिवहन के व्यापक उपयोग से सड़कों पर भीड़भाड़ कम होती है। इससे यातायात सुगम बनता है और यात्रा का समय भी कम हो जाता है। सार्वजनिक परिवहन निजी वाहनों की तुलना में अधिक किफायती होता है। इसके उपयोग से पेट्रोल, डीज़ल, और वाहनों के रखरखाव में लगने वाले अतिरिक्त खर्च से बचा जा सकता है।

मित्रो,

सार्वजनिक परिवहन सेवाएँ जैसे बसें, मेट्रो, ट्रेन, और अन्य सुविधाएँ सरकार द्वारा समाज के प्रत्येक नागरिक के लिए उपलब्ध कराई जाती हैं। इसलिए इनका सम्मान करना और उनकी देखभाल करना हमारा कर्तव्य है। 

यदि हम सार्वजनिक परिवहन का उचित उपयोग करते हैं और उनका सम्मान करते हैं, तो ये सेवाएँ लंबे समय तक सुचारू रूप से काम कर सकती हैं।

साथियो,

चंडीगढ़ केवल अपने उत्तम सार्वजनिक परिवहन के लिए ही नहीं जाना जाता बल्कि चंडीगढ़ को स्वतंत्र भारत के पहले सुनियोजित शहर के रूप में जाना जाता है।

प्रसिद्ध आर्किटेक्ट ली कोर्बूज़ियर द्वारा डिज़ाइन किया गया यह शहर अपनी सुव्यवस्थित सड़कों, सेक्टरों, और हरियाली के लिए विख्यात है। यहाँ हर सेक्टर में बाजार, पार्क, और अन्य सुविधाएँ उपलब्ध हैं, जो नागरिकों के जीवन को सरल और आरामदायक बनाती हैं।

चंडीगढ़ को ‘‘ग्रीन सिटी’ के नाम से भी जाना जाता है। शहर के पार्क, ग्रीन बेल्ट, और वृक्षारोपण इसे एक स्वच्छ और पर्यावरण-अनुकूल स्थान बनाते हैं। चंडीगढ़ को भारत के सबसे स्वच्छ शहरों में से एक के रूप में इसे बार-बार सम्मानित किया गया है।

चंडीगढ़ कई प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों का घर भी है, जैसे रॉक गार्डन, सुखना झील, और रोज गार्डन। 

‘होप ऑन, होप ऑफ’ बस सेवाएँ और स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रम इसे पर्यटकों के लिए और भी खास बनाते हैं।

शहर का सार्वजनिक परिवहन, ट्रैफिक प्रबंधन, और कुशल सड़क नेटवर्क इसे आधुनिक शहरी जीवन का आदर्श उदाहरण बनाता है। इलेक्ट्रिक बसों और पर्यावरण-अनुकूल योजनाओं ने इसे स्मार्ट सिटी की दिशा में अग्रसर किया है।

मैं यहां एक बात कहना चाहूंगा कि केवल चंडीगढ़ परिवहन उपक्रम ही नहीं बल्कि चंडीगढ़ प्रशासन का हर विभाग शहर की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। चंडीगढ़ की प्रगति केवल एक विभाग या संस्था की नहीं, बल्कि प्रशासन के हर विभाग की सामूहिक कोशिशों का परिणाम है।

हमें चाहिए कि हम सब मिलकर प्रशासन के इन प्रयासों में अपना योगदान दें और शहर की प्रगति को और गति दें।

अंत में, मैं आज की इस पहल के लिए चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग और प्रशासन को बधाई देता हूँ। यह हमारे शहर के भविष्य को और भी उज्ज्वल और हरित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

आइए, हम सब मिलकर चंडीगढ़ को एक ऐसा शहर बनाएँ, जो न केवल सुव्यवस्थित हो, बल्कि पर्यावरण और सामाजिक कल्याण का भी आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करे।

मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ आपके साथ हैं।

धन्यवाद,

जय हिन्द!