SPEECH OF HON’BLE GOVERNOR PUNJAB AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH, SHRI GULAB CHAND KATARIA ON THE OCCASION OF SANKALP PROGRAMME AT CHANDIGARH ON JANUARY 31, 2025.

संकल्प द्वारा यू.पी.एस.सी. परीक्षार्थियों हेतु आयोजित

‘शुभकामना समारोह’ के अवसर पर

राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया जी का संबोधन

दिनांकः 31.01.2025, शुक्रवारसमयः सुबह 09:30 बजेस्थानः चंडीगढ़

         

आदरणीय श्री ज्ञान चंद गुप्ता जी, श्री सत्य पाल जैन जी, डॉ. प्रभलीन सिंह जी, श्री चरणजीत राय जी, प्रिय विद्यार्थियों एवं अन्य मान्य अतिथिगण! 

सुप्रभात! 

जैसा कि आप सभी जानते हैं, आज का यह विशेष कार्यक्रम उन होनहार युवाओं को प्रोत्साहित करने और शुभकामनाएं देने के लिए आयोजित किया गया है, जो संकल्प संस्थान की चंडीगढ़ शाखा के माध्यम से इस वर्ष संघ लोक सेवा आयोग (यू.पी.एस.सी.) की प्रतिष्ठित परीक्षा में बैठने जा रहे हैं। इस खास अवसर पर आप सभी के बीच उपस्थित होना मेरे लिए बेहद गर्व और प्रसन्नता की बात है।

सबसे पहले, मैं आप सभी को यहाँ तक पहुँचने के लिए बधाई देना चाहता हूँ। आप में से हर एक ने कड़ी मेहनत, अनुशासन और समर्पण के साथ इस यात्रा को तय किया है। यह परीक्षा केवल आपकी प्रतिभा का नहीं, अपितु भारतीय सभ्यता और संस्कृति के प्रति आपके समर्पण तथा भारत माता के प्रति आपके कर्तव्य को निभाने का एक अवसर है।

बच्चों! आप अपने जीवन के एक महत्वपूर्ण पड़ाव पर हैं, जहाँ आप देश की प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं। यह परीक्षा केवल एक प्रतियोगिता नहीं है, बल्कि आपके ज्ञान, दृष्टिकोण और कर्तव्यनिष्ठा की एक कसौटी है।

यह आयोजन न केवल आपकी मेहनत, लगन और दृढ़ संकल्प को सम्मानित करने का अवसर है, बल्कि यह आपके सपनों को साकार करने की दिशा में आपके योगदान और आपके उज्ज्वल भविष्य की शुरुआत को भी चिह्नित करता है। 

जैसे कि हम सभी जानते हैं कि राष्ट्र निर्माण में सिविल सेवकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि सिविल सेवकों को सिद्धांतवादी होना चाहिए और यह सुनिश्चित करने के लिए दूरदृष्टि होनी चाहिए कि सरकार की नीतियों के परिणाम आम आदमी तक अवश्य पहुँचें। 

इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए, वर्ष 1986 में दिल्ली में संकल्प संस्थान की स्थापना की गई थी। इसके बाद, 2007 में संस्थान की चंडीगढ़ शाखा अस्तित्व में आई, ताकि उत्तरी भारत के प्रतिभावान उम्मीदवारों को देश की प्रशासनिक सेवाओं में करियर बनाने के लिए प्रेरित और प्रशिक्षित किया जा सके। 

इस संस्थान की स्थापना का उद्देश्य न केवल छात्रों को प्रशासनिक परीक्षाओं के लिए तैयार करना है, बल्कि उनमें एक मिशनरी उत्साह, राष्ट्रवादी भावना और बुनियादी मानवीय मूल्यों के प्रति पूर्ण प्रतिबद्धता विकसित करना भी है। 

संकल्प संस्थान अपने नाम के अनुरूप छात्रों को उनकी मंज़िल तक पहुँचाने में उनकी ताकत और आत्मविश्वास को जगाने का प्रयास करता है। संस्थान छात्रों के भीतर दृढ़ संकल्प, आत्मविश्वास, और सेवा भावना को विकसित करता है, यह छात्रों को सिखाता है कि किस प्रकार देश के विकास, सामाजिक न्याय, और गरीबों के उत्थान में उनकी भूमिका अहम हो सकती है।

यह बड़े ही हर्ष और गर्व का विषय है कि वर्ष 2024 में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा घोषित परिणामों में संकल्प संस्थान ने अपनी उत्कृष्टता और प्रतिबद्धता का अद्वितीय प्रमाण प्रस्तुत किया है। इस वर्ष कुल 1016 सफल उम्मीदवारों में से 646 उम्मीदवारों ने संकल्प संस्थान से मार्गदर्शन प्राप्त किया है। 

विशेष रूप से उल्लेखनीय यह है कि इन 646 सफल उम्मीदवारों में से 5 प्रतिभावान छात्र संस्थान की चंडीगढ़ शाखा से हैं। यह चंडीगढ़ शाखा, जो 2007 में उत्तर भारत के युवाओं को प्रशासनिक सेवाओं में करियर के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से स्थापित की गई थी, अब सफलता की नई ऊंचाइयों को छू रही है। 

यूपीएससी जैसी प्रतिष्ठित परीक्षा में इतनी बड़ी संख्या में सफलता प्राप्त करना न केवल संकल्प की शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता को प्रमाणित करता है, अपितु यह भी दर्शाता है कि संस्थान का दृष्टिकोण कितनी दूरदर्शिता और समर्पण से प्रेरित है। इसके शिक्षक और मार्गदर्शक छात्रों को न केवल पाठ्यक्रम के विषयों में निपुण बनाते हैं, अपितु उनके भीतर आत्मविश्वास, समर्पण, और दृढ़ता के गुणों को भी विकसित करते हैं।

इसके अलावा, यदि चंडीगढ़ शाखा की बात की जाए तो यह गर्व का विषय है कि 2007 में स्थापित होने के बाद से इस शाखा ने उत्तर भारत के युवाओं के बीच प्रशासनिक सेवाओं के क्षेत्र में उत्कृष्टता और नेतृत्व का प्रतीक बनकर उभरने का कार्य किया है। 

अब तक इस शाखा से मार्गदर्शन प्राप्त कर कुल 113 प्रतिभावान उम्मीदवारों ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC), पंजाब लोक सेवा आयोग (PPSC), हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) और हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा (HPAS) की कठिन परीक्षाओं को सफलतापूर्वक उत्तीर्ण किया है। 

चंडीगढ़ शाखा की सफलता इस बात को प्रमाणित करती है कि सही मार्गदर्शन, समर्पित शिक्षकों, और संसाधनों की मदद से कोई भी छात्र अपनी क्षमताओं को नई ऊँचाइयों तक पहुँचा सकता है।

इस संस्थान ने अपने छात्रों को न केवल परीक्षा की तैयारियों में सहायक सामग्री और रणनीतियां प्रदान की हैं, बल्कि उनके भीतर आत्मविश्वास, संकल्प, और समाज के प्रति दायित्व की भावना को भी मजबूत किया है।

113 उम्मीदवारों की यह सफलता इस शाखा की गुणवत्ता और प्रतिबद्धता का प्रमाण है। हर सफल उम्मीदवार इस शाखा के दूरदर्शी दृष्टिकोण और समर्पित प्रयासों की कहानी को दर्शाता है। यह केवल एक शैक्षणिक संस्थान नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा मंच है, जहां छात्रों को उनके सपनों को साकार करने और उन्हें ज़िम्मेदार नागरिक बनने की प्रेरणा दी जाती है।

विशेष रूप से, चंडीगढ़ शाखा का प्रभाव उन छात्रों पर अधिक देखने को मिलता है, जो सीमित संसाधनों और सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों के बीच अपने सपनों को साकार करने के लिए संघर्षरत हैं। 

मैं इस अवसर पर चंडीगढ़ शाखा के शिक्षकों, मार्गदर्शकों, और समर्पित कर्मचारियों को भी बधाई देता हूँ, जिन्होंने इन छात्रों को सफलता की राह दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। 

प्रिय छात्रो,

यू.पी.एस.सी. परीक्षा की तैयारी करना कोई साधारण कार्य नहीं है। यह केवल किताबें पढ़ने और तथ्य याद रखने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आत्म-अनुशासन, कड़ी मेहनत और सही दिशा में निरंतर प्रयास की मांग करता है।

यह परीक्षा आपकी ज्ञान क्षमता के साथ-साथ आपकी सहनशीलता, मानसिक स्थिरता, और समाज के प्रति आपकी सोच को भी परखती है। आप सभी ने इस चुनौती को स्वीकार किया है, और यह अपने आप में आपकी प्रतिबद्धता और साहस का प्रमाण है। 

सिविल सेवा का कार्य केवल एक नौकरी नहीं है, यह भारत माता की सेवा और अपने लोगों के कल्याण का सर्वोच्च माध्यम है। इस सेवा के माध्यम से आपको समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने, न्याय और समानता सुनिश्चित करने, तथा भारतीय संस्कृति की महान परंपराओं को आगे बढ़ाने का अवसर मिलता है। यह न केवल आपके जीवन को, बल्कि लाखों लोगों के जीवन को भी प्रभावित करता है।

प्रिय बच्चो,

मेरा पूर्ण विश्वास है कि आप सब इस यूपीएससी परीक्षा में अवश्य उत्तीर्ण होंगे और अपने लक्ष्य को प्राप्त करेंगे। इस महत्वपूर्ण यात्रा में मैं आपसे कहना चाहता हूं कि जब आप इस प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता हासिल कर देश सेवा के मार्ग पर आगे बढ़ें, तो हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के 2047 तक ‘विकसित भारत’ के सपने को जरूर याद रखें।

प्रिय बच्चो,

सफलता की ओर पहला कदम हमेशा सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास से भरा होता है। यह दो गुण न केवल आपकी क्षमता को निखारते हैं, बल्कि मुश्किल से मुश्किल परिस्थितियों में भी आपको आगे बढ़ने की शक्ति देते हैं।

जब भी आप जीवन में किसी चुनौती का सामना करें, उसे केवल एक कठिनाई के रूप में न देखें, बल्कि उसे एक अवसर के रूप में देखें। हर चुनौती में आपके लिए कुछ नया सीखने और बेहतर बनने का मौका छिपा होता है।

खास तौर पर, यदि आप किसी महत्वपूर्ण परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो सफलता का मूल मंत्र है- सुव्यवस्थित योजना, अनुशासन और सतत अभ्यास। सबसे पहले, अपने अध्ययन की एक ठोस और यथार्थवादी योजना बनाएं। इस योजना में उन विषयों और टॉपिक्स को प्राथमिकता दें, जिनमें आपको अधिक मेहनत की आवश्यकता है। अपनी तैयारी को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटें और हर दिन अपने लक्ष्य को पूरा करने का प्रयास करें।

अपने समय का प्रबंधन सफलता की कुंजी है। समय का सही उपयोग करना सुनिश्चित करता है कि आप हर विषय पर उचित ध्यान दे सकें। नियमित रूप से अध्ययन के लिए समय निर्धारित करें, लेकिन इसके साथ ही विश्राम और मनोरंजन के लिए भी समय निकालें।

मानसिक और शारीरिक संतुलन बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि यह आपकी उत्पादकता और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को बढ़ाता है।

रणनीतिक दृष्टिकोण अपनाना आपकी तैयारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यह समझें कि हर परीक्षा की अपनी विशेष संरचना और मांग होती है। परीक्षा के पैटर्न को समझें, पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों का विश्लेषण करें और उन विषयों पर अधिक ध्यान केंद्रित करें, जिनका परीक्षा में अधिक महत्व है।

अभ्यास को अपने दिनचर्या का एक अनिवार्य हिस्सा बनाएं। जितना अधिक आप मॉक टेस्ट और प्रश्नपत्र हल करेंगे, उतना ही आप अपनी कमजोरियों को समझ पाएंगे और उन्हें सुधारने का अवसर मिलेगा। निरंतर अभ्यास से आपकी आत्मविश्वास बढ़ेगा और परीक्षा में समय प्रबंधन की आपकी क्षमता में सुधार होगा।

इसके साथ ही, यह भी महत्वपूर्ण है कि आप अपनी सोच को सकारात्मक रखें। कभी भी असफलता से हतोत्साहित न हों। असफलता आपके सीखने की प्रक्रिया का एक हिस्सा है और यह आपको बेहतर बनने के लिए प्रेरित करती है। जब भी आप निराश महसूस करें, अपने उद्देश्य को याद करें और खुद पर विश्वास बनाए रखें।

याद रखें कि सफलता केवल मंज़िल तक पहुँचने का नाम नहीं है, बल्कि यह यात्रा के दौरान सीखी गई चीजों और आपके द्वारा दिखाए गए समर्पण का प्रतीक है। आप अपने उद्देश्य की प्राप्ति के लिए पूरी लगन और मेहनत से जुट जाएं। हर चुनौती को आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच के साथ स्वीकार करें, और अपने सपनों को साकार करने के लिए दृढ़ निश्चय के साथ आगे बढ़ते रहें।

साथ ही, यह भी याद रखें कि परिणाम से अधिक महत्वपूर्ण आपकी यात्रा है। हर प्रयास, हर अनुभव, और हर सीख हम सभी की जीवन यात्रा को सुगम और सफल बनाता है। 

मुझे पूर्ण आशा है कि आप सबका प्रयास अवश्य ही सफलता दिलाएगा और आप सब अपने परिवार और पूरे समाज को गौरवान्वित करेंगे। आपकी सफलता नए भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और भारतीय सभ्यता और संस्कृति को विश्व मंच पर और अधिक सम्मान दिलाएगी।

आप लोगों की इस परीक्षा के लिए तैयार करने में जो भूमिका संकल्प द्वारा निभाई जा रही है वह अत्यंत सराहनीय है जिसके लिए मैं संकल्प के प्रधान श्री चरणजीत राय जी तथा संकल्प की समस्त टीम विशेष कर सभी शिक्षकों को साधुवाद देता हूँ। 

इसके अतिरिक्त इस कार्य को सम्पन्न करने में ‘यंग प्रोग्रेसिव सिख फोरम’ (वाईपीएसएफ) द्वारा पूर्ण सहयोग दिया जा रहा है उसके लिए डॉ. प्रभलीन सिंह और उनकी पूरी टीम भी बधाई की पात्र है। 

अंत में, मैं आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ। आपके सपने साकार हों और आप अपने प्रयासों से देश को गौरवान्वित करें। आप सभी का भविष्य उज्ज्वल हो और आप सफलता के शिखर को छुएँ।

धन्यवाद,

जय हिन्द!