SPEECH OF HON’BLE GOVERNOR PUNJAB AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH, SHRI GULAB CHAND KATARIA ON THE OCCASION OF REPUBLIC DAY 2025 AT LUDHIANA ON JANUARY 26, 2025.
- by Admin
- 2025-01-26 18:00
गणतंत्र दिवस
संबोधन-2025
प्रिय पंजाब वासियो,
आज, 26 जनवरी के पावन अवसर पर, मैं समस्त भारतवासियों विशेष रूप से पंजाब के निवासियों को 76वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ देता हूँ। यह दिन हम सभी के लिए गर्व और उल्लास का दिन है। यह वह दिन है, जब हमारे देश का संविधान लागू हुआ और भारत एक संप्रभु, लोकतांत्रिक और गणराज्य राष्ट्र बना।
सर्वप्रथम मैं, इस शुभ अवसर पर, वीरों, गुरूओं और पीरों की तपोभूमि, पंजाब को नमन करता हूँ। इस बलिदानी व वीर भूमि के सभी सैनिक परिवारों का भी हृदय की गहराइयों से सम्मान, जिनके वीर, पराक्रमी व शौर्यवान सपूतों ने माँ भारती की रक्षा का महान निश्चय किया है।
गणतंत्र दिवस हमें हमारे संविधान के उन आदर्शों की याद दिलाता है, जो न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के आधार पर समाज का निर्माण करते हैं। यह उन महान स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान का स्मरण करने का दिन है, जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना हमें आज़ादी दिलाई और हमारे देश को नई दिशा दी।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, सुभाष चन्द्र बोस, सरदार वल्लभभाई पटेल, पं. जवाहरलाल नेहरू, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद और लाखों भारतवासियों ने भारत को आज़ादी दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। इन सभी को मैं नमन करता हूं।
शहीद भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव, चन्द्रशेखर आजाद, करतार सिंह सराभा, मदन लाल ढींगरा, लाला लाजपत राय, गदरी बाबे और ऐसे ही अन्य कई स्वतंत्रता सेनानी आज़ादी के आंदोलन में शहीद हुए थे। इन सभी शहीदों को भी नमन करते हुए मैं उनका स्मरण करता हूँ।
आज के इस अवसर पर मैं संविधान सभा के सभी सदस्यों का भी पुण्य स्मरण करता हूं। हमारा देश, डॉ. बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर का सदैव ऋणी रहेगा, जिन्होंने प्रारूप समिति की अध्यक्षता की और संविधान को अंतिम रूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
आज के दिन हमें संविधान का प्रारंभिक मसौदा तैयार करने वाले विधिवेत्ता श्री बी.एन. राव तथा अन्य विशेषज्ञों और अधिकारियों को भी स्मरण करना चाहिए जिन्होंने संविधान निर्माण में सहायता की थी।
मेरे प्यारे पंजाब वासियो,
इस वर्ष के गणतंत्र दिवस का विषय ‘स्वर्णिम भारतः विरासत और विकास’ है जो भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की साल-दर-साल प्रगति को दर्शाता है।
मैं आप सभी से गर्व के साथ साझा करना चाहता हूं कि आज दिल्ली के कर्तव्य पथ पर आयोजित गणतंत्र दिवस परेड में हमारे पंजाब, चंडीगढ़ और पड़ोसी राज्य हरियाणा की झांकियों ने इस विषय के अन्तर्गत अपनी विशिष्ट पहचान बनाई। इन झांकियों ने न केवल हमारे क्षेत्र की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को प्रदर्शित किया, बल्कि विकास, नवाचार और स्थिरता के क्षेत्र में हमारी उपलब्धियों को भी रेखांकित किया है।
एक ओर जहां हमारे पंजाब की झांकी ने ज्ञान, बुद्धि और महान परंपराओं को प्रदर्शित किया, तो वहीं दूसरी ओर चंडीगढ़ की झांकी ने विरासत, नवाचार और पर्यावरणीय स्थिरता पर जोर दिया और हरियाणा की झांकी ने विकास के विभिन्न क्षेत्रों सहित भगवद गीता के अमर संदेश को केंद्र में रखा।
यह झांकियां पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं और हमारी विविधता में एकता को और अधिक प्रबल करती हैं। मैं सभी कलाकारों, आयोजकों और इन झांकियों को साकार रूप देने वाले प्रत्येक व्यक्ति को उनके योगदान के लिए हार्दिक बधाई देता हूं।
प्रिय पंजाब वासियो,
26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ, और इसने हमारे देश को लोकतंत्र का सबसे बड़ा उदाहरण बनाया। इसने भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य बनाया।
भारत वास्तव में लोकतंत्र की जननी है। लोकतंत्र भारत की आत्मा है। वह आम भारतीयों की साँसों और संस्कारों में रचा-बसा है। भारत में लोकतांत्रिक मूल्यों एवं अवधारणाओं का विकास सहयोग, समन्वय एवं सह-अस्तित्व पर आधारित प्राचीन एवं सनातन सांस्कृतिक विचार-प्रवाह एवं जीवन-दर्शन से हुआ है।
हमें गर्व है कि हमारा भारत विश्व का सबसे बड़ा और सक्रिय लोकतांत्रिक देश है। भारत की उभरती शक्ति को दुनिया उम्मीदों से देख रही है। देश आज पूरे सामर्थ्य से अपनी सारी विविधताओं पर गर्व करते हुए आगे बढ़ रहा है और इसके पीछे हमारी सबसे बड़ी ताकत हमारा संविधान है।
यह दिन भारत की सांस्कृतिक विविधता और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है जो हमें अपने स्वतंत्रता सेनानियों और नेताओं के बलिदान की याद दिलाता है, जिन्होंने हमारे देश को स्वतंत्र और आत्मनिर्भर बनाया।
देवियो और सज्जनो,
हमारा संविधान लोकतंत्र का एक पवित्र ग्रंथ है जो हम सभी के लिए एक मार्गदर्शक है। हमारा कर्तव्य है कि हम इसका पूरा सम्मान करें क्योंकि संविधान किसी भी राष्ट्र की शासन प्रणाली का मज़बूत आधार होता है। यह शासन की प्रकृति और प्रक्रिया को परिभाषित करता है। इसी के माध्यम से विभिन्न संस्थाओं की स्थापना और उनके कामकाज के नियम निर्धारित किए जाते हैं।
डॉ. अम्बेडकर ने कहा था और मैं उनके शब्दों को दोहराता हूं, उन्होंने कहा थाः ‘‘मैं समझता हूं कि संविधान चाहे कितना भी अच्छा हो, वह बुरा साबित हो सकता है, यदि उसका अनुसरण करने वाले लोग बुरे हों। एक संविधान चाहे कितना भी बुरा हो, वह अच्छा साबित हो सकता है, यदि उसका पालन करने वाले लोग अच्छे हों।’’ बाबा साहेब संवैधानिक नैतिकता पर बहुत जोर देते थे। मैं इसी का अनुसरण करने के लिए सभी जनप्रतिनिधियों से आह्वान करता हूं।
यह लोकतांत्रिक प्रणाली ही वह नींव है, जिस पर ‘विकसित भारत 2047’ का सपना साकार होगा।
प्यारे पंजाब वासियो,
पंजाब ने भारत की स्वतंत्रता संग्राम में अद्वितीय और प्रेरणादायक भूमिका निभाई, जो हमारे गणतंत्र की नींव का आधार बना। यह भूमि उन वीर सपूतों की कर्मभूमि रही है जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर देश को स्वतंत्रता दिलाई।
बहादुरी तो पंजाब वासियों को विरासत में मिली है। सिख गुरू साहिबानों ने बलिदान का ऐसा उदाहरण पेश किया जो संसार के इतिहास में बेमिसाल है।
श्री गुरू अर्जुन देव जी सिख धर्म के पहले बलिदानी हैं, जिन्हें शहीदों के सरताज भी कहा जाता है। मुग़ल सम्राट जहांगीर ने श्री गुरू अर्जुन देव जी को तपते हुए तवे पर बिठाकर यातनाएं दीं परन्तु उन्होंने धर्म के मार्ग पर अडिग रहते हुए अपनी शहादत दे दी।
श्री गुरू गोबिन्द सिंह जी के पिता श्री गुरू तेग़ बहादुर जी जिन्हें ‘हिन्द की चादर’ भी कहा जाता है, ने भी धर्म व मानवीय अधिकारों की रक्षा हेतु अपने प्राण न्यौछावर किए।
श्री गुरू गोबिंद सिंह जिन्हें ‘सरबन्स दानी’ भी कहा जाता है, ने देश व धर्म की रक्षा के लिए अपने चारों पुत्र कुर्बान कर दिये। उन्होंने अपने पुत्रों की शहादत पर कहा था,
‘‘इन पुतरन के सीस पर, वार दिए सुत चार।
चार मुए तो क्या हुआ, जीवित कई हज़ार।।’’
गुरू साहिबानों के रास्ते पर चलकर पंजाब के बेटे-बेटियां आज भी बड़ी तादाद में सेना में शामिल होकर देश की सुरक्षा में बढ़-चढ़ कर योगदान दे रहे हैं।
प्यारे नागरिको,
राष्ट्र आज आर्थिक रूप से मजबूत हो रहा है जो अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और आनेवाले कुछ ही वर्षों में यह अमेरिका, चीन के बाद तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर अग्रसर है।
भारत में कई क्षेत्रों में असाधारण प्रगति हुई है। स्वच्छ पेयजल, ऊर्जा, रोजगार, अच्छी सड़कें और रेल पथ के विस्तार जैसे मोर्चों पर हम तीव्र गति से आगे बढ़ रहे हैं।
भारत के वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष विज्ञान, सामरिक अनुसंधान, अत्याधुनिक सैनिक उपकरणों, मिसाइलों, तेजस विमानों, सैनिक साजो सामान, कृषि अनुसंधान, वैज्ञानिक खोजों, संचार एवं तकनीक, विदेश व्यापार, परमाणु ऊर्जा तथा परमाणु शक्ति के क्षेत्रों में बेहतरीन काम किया है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि हम 2047 तक ‘विकसित भारत’ के संकल्प को भी पूरा करने में अवश्य सक्षम होंगे।
प्रिय पंजाब वासियो,
हमने अपने गणतंत्र की स्थापना के 75 वर्ष पूर्ण करते हुए 76वें वर्ष में प्रवेश कर लिया है। यह गणतंत्र नए सपने, नए संकल्प और नई आशाएं लेकर आया है।
वर्ष 2024 हमारे लिए सांस्कृतिक और आध्यात्मिक तौर पर अत्यंत महत्वपूर्ण रहा, इस वर्ष अयोध्या में श्री राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की गई जोकि भारत के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक इतिहास में अभूतपूर्व अध्याय साबित हुआ।
साल 2024 भारतवर्ष के लिए उपलब्धियों से भी भरा रहा है। हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में गरीबी उन्मूलन से संबंधित सभी महत्वपूर्ण पहलुओं पर यथोचित ध्यान केन्द्रित करने के चलते पिछले 10 वर्षों में लगभग 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले।
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत, 70 साल या उससे अधिक उम्र के सभी वरिष्ठ नागरिकों को 5लाख रुपये तक के निःशुल्क स्वास्थ्य बीमा कवर की सुविधा प्रदान की गई।
वर्ष 2024 में गांधी जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री जी द्वारा 79 हजार 1 सौ 56 करोड़ रूपये के बजट के साथ ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ की शुरूअता की गई जिसका लक्ष्य सामाजिक बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका में महत्वपूर्ण कमियों को खत्म करना और जनजातीय क्षेत्रों और समुदायों के समग्र और सतत विकास को सुनिश्चित करना है।
मुंबई में निर्मित देश का सबसे लम्बा, 22 किलोमीटर लंबा अटल सेतु; तमिलनाडु के रामेश्वरम में निर्मित पम्बन ब्रिज के रूप में भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे ब्रिज और जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर निर्मित दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्क ब्रिज, ये सब ऐसे बुनियादी ढांचे हैं जो हमारे संकल्प से सिद्धी को दर्शाते हैं।
2024 में भारत ने अपने पहले स्वदेशी एंटीबायोटिक ‘‘नेफिथ्रोमाइसिन’’ बनाई, जो चिकित्सा क्षेत्र में एक बड़ी सफलता है। यह एंटीबायोटिक प्रतिरोधी संक्रमणों के इलाज में उपयोगी है और एज़िथ्रोमाइसिन से दस गुना अधिक प्रभावी है। भारत की यह अभूतपूर्व उपलब्धि स्वास्थ्य देखभाल में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
अंतरिक्ष की बात करें तो भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 30 दिसंबर 2024 को स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट (SpaDeX) को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। यह इसरो द्वारा किया गया पहला प्रयास था, जिसमें अंतरिक्ष यान को जोड़ने और अलग करने की तकनीक का प्रदर्शन किया गया। इस मिशन की सफलता के साथ भारत अमेरिका, रूस और चीन के बाद चौथा ऐसा देश बन गया है, जिसके पास यह उन्नत तकनीक है। इस तकनीक का उपयोग भविष्य में भारत के मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन गगनयान और अन्य गहरे अंतरिक्ष मिशनों के लिए किया जाएगा।
इसके अलावा भारत ने 2024 में DRDO द्वारा विकसित हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया जिसने 6,200 किमी प्रति घंटा से अधिक की गति प्राप्त की और स्वदेशी तकनीक का उपयोग किया। इस सफलता ने भारत को अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों के साथ इस तकनीक में अग्रणी बना दिया है।
खेलों की बात की जाए तो भारत ने खो-खो में एक अविस्मरणीय उपलब्धि हासिल करते हुए न केवल खो-खो विश्व कप की मेज़बानी ही की अपितु भारत की पुरूष और महिला टीमों ने खिताबी जीत दर्ज करके सम्पूर्ण राष्ट्र को गौरवान्वित किया।
भारतीय क्रिकेट टीम ने 2024 का टी20 वर्ल्ड कप जीता। पेरिस 2024 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में भारत ने 6 पदक जीते जिनमें 1 रजत और 5 कांस्य पदक शामिल हैं। इसके अलावा पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत ने 29 पदक जीतकर इतिहास रचा जिनमें 7 स्वर्ण, 9 रजत, और 13 कांस्य पदक शामिल हैं। साथ ही इसी वर्ष 18 वर्षीय डी. गुकेश ने 18वां विश्व शतरंज चैंपियन बनकर इतिहास रच दिया है, जिससे वह ऐसा करने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बने।
इसके अलावा मैं पिछले वर्ष भारत की एक अनूठी उपलब्धी के बारे में बताना चाहता हूं। वर्ष 2024 में जब हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी अमेरिकी यात्रा पर थे, तो इस दौरान भारत को 297 प्राचीन और ऐतिहासिक वस्तुएं लौटाई गईं, जिन्हें तस्करी कर देश से बाहर ले जाया गया था। यह भारत और अमेरिका के बीच सांस्कृतिक साझेदारी और विरासत संरक्षण के लिए बढ़ते सहयोग का प्रतीक है।
प्यारे नागरिको,
मुझे आप सभी को बताते हुए हर्ष हो रहा है कि इसी माह कुछ दिन पहले हमारे देश के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार द्वारा ऐतिहासिक स्वामित्व योजना कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें 10 राज्यों और 2 केन्द्र शासित प्रदेशों के 237 जिलों के 50 हजार से अधिक गांवों में लाभार्थियों को 65 लाख से अधिक संपत्ति कार्ड वितरित किए गए।
यदि पंजाब की बात की जाए तो इसके पांच जिलों-गुरदासपुर, रुपनगर, फरीदकोट, संगरूर और बठिंडा के 178गांवों में लाभार्थियों को 24,089 संपत्ति कार्ड वितरित किए गए हैं।
यह स्वामित्व योजना ग्रामीण विकास के लिए एक गेम चेंजर है। यह योजना ग्रामीणों को कानूनी स्वामित्व अधिकार प्रदान करती है, आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देती है और उन्हें संस्थागत ऋण और आर्थिक अवसरों तक पहुंच प्रदान करती है। पंजाब की इस पहल में सक्रिय भागीदारी हमारे समान और पारदर्शी शासन के प्रति समर्पण को दर्शाती है।
मेरे प्यारे पंजाब वासियो,
आज जब मैं पंजाब की इस पावन धरती पर खड़ा हूं तो मैं कहना चाहूंगा कि पंजाब की इस भूमि का क्या कहना? पांच नदियों (झेलम, चेनाब, रावी, ब्यास, सतलुज) की धरती पंजाब, हमारे देश का एक गौरवशाली और समृद्ध राज्य है, जिसने अपनी बहादुरी, मेहनत और सांस्कृतिक धरोहर से पूरे भारत को प्रेरित किया है। यह राज्य न केवल कृषि और औद्योगिक प्रगति का प्रतीक है, बल्कि इसकी वीरता और सेवा की भावना ने इसे एक विशेष स्थान दिलाया है। पंजाब का एक अपना ही स्थान है, हमारे राष्ट्रगीत में भी पंजाब पहले आता है - पंजाब, सिंध, गुजरात, मराठा।
‘विकसित भारत 2047’ की परिकल्पना में पंजाब की भूमिका विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। पंजाब न केवल कृषि और खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में अग्रणी है, बल्कि औद्योगिक, सांस्कृतिक और सामाजिक प्रगति में भी इसका योगदान अद्वितीय है।
पंजाब वह राज्य है जिसने देश के कठिन समय में लाल बहादुर शास्त्री जी के ‘जय जवान जय किसान’ के नारे को साकार करने में सबसे अग्रणी भूमिका निभाई।
विशेष रूप से पंजाब के किसानों ने न केवल अपने कृषि उत्पादन में क्रांतिकारी वृद्धि की, बल्कि पूरे देश को खाद्यान्न संकट से उबारते हुए खाद्य भंडारण में आत्मनिर्भर बनाने में अहम योगदान दिया। कठिन से कठिन समय में भी पंजाब के किसानों ने अपनी मेहनत और समर्पण से देश के लिए खाद्य अधिशेष पैदा किया, जो उनके परिश्रम और कुशलता का प्रमाण है।
आज के इस विशेष अवसर पर, सबसे पहले मैं पंजाब सरकार को हार्दिक बधाई देना चाहता हूं, जिसने बाबा साहेब डॉ. भीम राव अंबेडकर जी द्वारा बताए गए संवैधानिक मूल्यों और आदर्शों को आत्मसात करते हुए स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी पंचायत तथा स्थानीय निकाय चुनाव सुनिश्चित किए जिससे ग्रामीण एवं शहरी विकास को गति मिलेगी।
पंजाब, जो लंबे समय से देश की खाद्य सुरक्षा का आधार स्तंभ रहा है, जिसने न केवल कृषि उत्पादन में अपनी श्रेष्ठता बनाए रखी है, बल्कि जल संरक्षण, जैविक खेती, और फसल विविधीकरण जैसे आधुनिक उपायों को अपनाकर कृषि क्षेत्र को अधिक टिकाऊ और लाभप्रद बना रहा है।
राज्य सरकार के प्रयास स्वरूप राज्य में 72 प्रतिशत नहरी पानी सिंचाई के लिए प्रयोग किया जा रहा है जो कुछ वर्ष पहले तक 21 प्रतिशत था। इसके अलावा राज्य की लगभग 2लाख एकड़ भूमि की सिंचाई के लिए राज्य में 150 किलोमीटर लंबी ‘मालवा नहर’ के निर्माण कार्य की प्रक्रिया भी शुरू की गई है।
पंजाब सरकार द्वारा धान और गेहूं की निर्विघ्न खरीद और उठान प्रक्रिया को सम्पन्न किया गया और साथ ही किसानों को भुगतान भी बिना किसी देरी के किया गया। इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा राज्य के गन्ना किसानों को देश में सबसे अधिक 401 रूपये प्रति क्विंटल गन्ने का भाव दिया जा रहा है।
पंजाब की शिक्षा के क्षेत्र में भी उपलब्धियां अत्यंत सराहनीय रही हैं। पंजाब सरकार ने ‘पंजाब शिक्षा क्रांति’ की शुरूआत की है जिसके तहत 118 सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों को स्कूल ऑफ एमिनेंस में बदला जाएगा। सरकारी स्कूलों में प्री-प्राइमरी कक्षाओं की नामांकन दर में 17 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके अतिरिक्त, शिक्षकों और प्राचार्यों को नई तकनीकों और कौशल में दक्षता हासिल करने के लिए विदेशों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
यह अत्यंत हर्ष और गर्व का विषय है कि पंजाब सरकार ने प्रदेश की बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 118 स्कूल ऑफ एमिनेंस और 17वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों की छात्राओं के लिए परिवहन सुविधाएं शुरू की हैं।
इसके अलावा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का क्रियान्वयन पंजाब के उच्च शिक्षा संस्थानों को नए युग की आवश्यकताओं के अनुरूप बदलने और उन्हें देश का अग्रणी शिक्षा केंद्र बनाने में मदद करेगा। यह नीति न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करेगी, बल्कि राज्य को ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए भी तैयार करेगी।
राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए निरंतर यत्नशील है जिसके चलते सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। राज्य में 881 आम आदमी क्लिनिक स्थापित किए गए हैं, प्रदेश में कुल 325 हाईटेक एम्बुलेंसें जनता को समर्पित की गई हैं, और साथ ही, मोहाली में ‘पंजाब इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलीरी साइंसेज’ की स्थापना की गई है, जो देश का दूसरा और पंजाब का पहला ऐसा संस्थान है, जो लिवर और बिलीरी साइंसेज के क्षेत्र में अत्याधुनिक इलाज प्रदान करेगा।
राज्य के नागरिकों को उनके द्वार पर ही प्रशासनिक सेवाएं प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा लोगों को घर-घर जाकर नागरिक केन्द्रित सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं जिनमें से 43 सेवाएं ऐसी हैं जो 99 प्रतिशत लोगों के रोजमर्रा के प्रशासनिक कार्यों से संबंधित हैं।
पंजाब सरकार द्वारा युवाओं को पारदर्शी और मेरिट के आधार पर रोज़गार उपलब्ध करवाने के लिए भी निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं जिसके चलते अब तक राज्य के 50,000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियां प्रदान की गई हैं, 12,710शिक्षकों की सेवाओं को नियमित किया गया है। पंजाब सरकार द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष में आयोजित 1332 प्लेसमेंट शिविरों, नौकरी मेलों और स्वरोजगार कैम्पों के माध्यम से 1,11,810 युवाओं को रोजगार के अवसर दिए गए।
पंजाब सरकार द्वारा राज्य के 90 प्रतिशत घरों को वर्ष 2022से निःशुल्क बिजली सुविधा प्रदान की जा रही है, जिसके तहतइन घरों के बिजली बिल शून्य आ रहे हैं। इसके अलावा राज्य में किसानों को भी मुफ्त बिजली की सुविधा प्रदान की जा रही है। मुफ्त बिजली की सुविधा से गरीब और मध्यमवर्ग के लोगों सहित किसानों को इस योजना के तहत बहुत बड़ी राहत प्रदान की जा रही है।
इसके अलावा, राज्य सरकार द्वारा पंजाब में नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देते हुए 604 सरकारी इमारतों पर 3.3 मेगावाट क्षमता वाले सोलर पावर प्लांट स्थापित किए गए हैं। खेती के लिए 20,000 सोलर पंप लगाए जाएंगे। 166 गांवों में 3191एलईडी आधारित सोलर स्ट्रीट लाइट्स लगाई गई हैं।
प्रिय नागरिको,
उद्योग के क्षेत्र में भी पंजाब सरकार द्वारा कई क्रांतिकारी कदम उठाए गए हैं जिसके चलते औद्योगिक बुनियादी ढांचे को उन्नत करके कपड़ा, मशीनरी और स्टार्टअप के क्षेत्र में एक वैश्विक केंद्र बनने की ओर बढ़ रहा है।
राज्य में औद्योगिक विकास को सुगम बनाने के लिए इन्वेस्ट पंजाब बिज़नेस फर्स्ट पोर्टल नामक एक सिंगल विंडो पोर्टल उपलब्ध करवाया गया है जो 140 नियामक अनुमतियाँ, 36वित्तीय प्रोत्साहन, और कई अन्य सेवाएँ प्रदान करता है।
साथ ही, औद्योगिक परियोजनाओं की नियामक अनुमतियों को तेज़ और सरल बनाने के लिए सीएलयू (ग्रीन स्टेंप पेपर) की स्वीकृति हेतु कलर-कोडिड स्टेप पेपर जारी किया गया है।
गांव जो पंजाब की रीढ़ हैं, उसके लिए पंजाब सरकार द्वारा 100 प्रतिशत ग्रामीण घरों को पाईप द्वारा जलापूर्ति सुनिश्चित की गई है, जबकि पंजाब ‘हर घर जल’ का दर्जा प्राप्त करने वाला देश का पांचवां राज्य बन गया है। इसके अलावा राज्य के सभी गांवों द्वारा स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अन्तर्गत खुले में शौच से मुक्त (ओ.डी.एफ.) का दर्जा प्राप्त किया गया है।
मनरेगा योजना के तहत वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 797करोड़ रुपये खर्च करते हुए 1.73 करोड़ का मानवीय रोज़गार प्रदान किया गया है।
इसके अलावा राज्य में भारत सरकार के अमृत-1.0 योजना के तहत 2765 करोड़ रुपये के कार्यों में से लगभग 1020 करोड़ रुपये के कार्य पूरे हो चुके हैं और 1740 करोड़ रुपये के कार्य सौंपे जा चुके हैं और प्रगति पर हैं।
पंजाब सरकार ने पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए भ्रष्टाचार विरोधी हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। इस पहल का उद्देश्य राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना और लोगों को इसके खिलाफ अपनी शिकायतें दर्ज कराने का सीधा और सरल माध्यम प्रदान करना है।
पंजाब सरकार ने सड़कों पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए ‘सड़क सुरक्षा फोर्स’ का गठन किया है, जिससे सड़क दुर्घटनाओं में लोगों की जान बचाई जा रही है। साथ ही ‘फरिश्ते’ योजना भी शुरू की गई है जिसमें घायलों को समय पर अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति को 2,000 रुपये की आर्थिक मदद और प्रशंसा पत्र देकर प्रोत्साहित किया जाता है।
इसके अलावा, पंजाब में अपराध रोकथाम और सुरक्षा के लिए गठित एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) ने कई गैंगस्टरों को गिरफ्तार कर उनके गिरोहों का भंडाफोड़ किया है। पुलिस बल को सशक्त करने के लिए अगले चार वर्षों तक हर साल 1800 कांस्टेबल और 300 सब-इंस्पेक्टर की भर्ती का निर्णय लिया गया है, साथ ही 10,000 नए पुलिसकर्मियों की भर्ती की अधिसूचना भी जारी की गई है।
राज्य सरकार द्वारा शहीद सैनिकों के परिवारों को 1 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देकर सशस्त्र बलों, अर्धसैनिक बलों, पुलिस और अग्निवीरों के महान योगदान का सम्मान किया जा रहा है।
पंजाब सरकार ने खेलों में राज्य के गौरव को पुनः स्थापित करने के लिए 2023 में नई खेल नीति लागू की है। एशियाई खेलों में पंजाब के एथलीटों ने 20 पदक जीतकर ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के पंजाब के 8 खिलाड़ियों को 1-1 करोड़ रुपये का पुरस्कार दिया गया। ओलंपिक में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को 15 लाख रुपये और तैयारी के लिए भी 15लाख रुपये प्रति खिलाड़ी प्रदान किए गए।
साथ ही, पंजाब सरकार ने खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने और उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए राज्य के 11 प्रमुख खिलाड़ियों को पी.सी.एस. (पंजाब सिविल सेवा) और डी.एस.पी. (डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस) के पदों पर नियुक्ति दी है।
मुझे यह जानकर अति प्रसन्नता हुई कि हमारे पंजाब से भारतीय हॉकी टीम के कप्तान श्री हरमनप्रीत सिंह को खेल रत्न से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा अमृतसर से हॉकी खिलाड़ी श्री जरमनप्रीत सिंह और जालंधर के श्री सुखजीत सिंह को अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया है। साथ ही, जालंधर के पूर्व एथलीट श्री सुच्चा सिंह को भी लाइफ टाइम अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया है।
मैं इन सभी को हार्दिक बधाई देता हूं। खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के लिए पंजाब सरकार द्वारा राज्य में ‘खेडां वतन पंजाब दीयां’ कार्यक्रम चलाया जा रहा है, जिसका तीसरा संस्करण जारी है।
अंत में मैं पंजाब सरकार की एक अत्यंत महत्वपूर्ण पहल की भी सराहना करना चाहूंगा। पंजाब में नेशनल ई-विधान एप्लिकेशन परियोजना का आरंभ एक महत्वपूर्ण कदम है, जो विधायी कार्यों को डिजिटल और पारदर्शी बनाने की दिशा में राज्य की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस परियोजना के तहत सदन की कार्यवाही को पेपरलेस किया गया है और सदन की कार्यवाही को लाइव दिखाया जाता है।
साथियो, पंजाब सरकार की यह विकास यात्रा केवल भौतिक विकास तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलने का प्रतीक है।
प्रिय पंजाब वासियो,
आज मैं यहां, गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर, आप सभी के बीच लुधियाना की इस ऐतिहासिक धरती पर उपस्थित हूं। यह शहर न केवल पंजाब, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का स्रोत है। लुधियाना को पंजाब की औद्योगिक राजधानी के रूप में जाना जाता है, जिसे ‘‘उद्यमियों का विश्वविद्यालय’’ भी कहा जाता है, और यह नाम इस शहर की औद्योगिक क्षमता और उत्पादन के कारण दिया गया है।
लुधियाना साइकिल उत्पादन, ऊनी वस्त्रों और छोटे-मध्यम उद्योगों के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी साइकिलें और वस्त्र निर्यात करता है। साथ ही, यह मशीनरी और ऑटोमोटिव स्पेयर पार्ट्स के निर्माण में अग्रणी है, जिससे इसे भारत का औद्योगिक केंद्र माना जाता है।
साथियो,
आज जब हमारा राज्य विकास और उन्नति के मार्ग पर अग्रसर है तो हमारे सामने विकास के साथ-साथ जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण और औद्योगिक कचरे का अनुचित प्रबंधन राज्य में पर्यावरणीय स्थिरता के लिए बड़ी चुनौतियाँ पैदा कर रहे हैं। इसका औचित्य यह है कि भले ही आज हम विकास के पथ पर बड़ी तीव्र गति के साथ अग्रसर हो रहे हों, किन्तु हमें यह कदापि नहीं भूलना चाहिए कि हमें विकास और पर्यावरण की स्वच्छता, इन दोनों में उचित संतुलन बनाए रखना होगा क्योंकि अपनी भावी पीढ़ी को एक स्वस्थ वातावरण प्रदान करना हमारा प्रथम ध्येय होना चाहिए।
यहां मैं लुधियाना का बुड्ढे नाले का विशेष उल्लेख करना चाहूंगा, जो कभी निर्मल और जीवनदायिनी जलधारा थी, लेकिन आज प्रदूषण और उपेक्षा का शिकार हो गया है।
बुड्ढा नाला केवल एक जलधारा नहीं है; यह हमारी सांस्कृतिक, आर्थिक और पर्यावरणीय धरोहर का हिस्सा है। इसे मिलकर बचाना हमारा कर्तव्य है।
नशा हमारी सबसे बड़ी चुनौती है जो प्रदेश के लिए एक अभिशाप बन गया है। नशा न केवल हमारे युवाओं को शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर कर रहा है, बल्कि यह उनके परिवारों और समाज को भी गहरे संकट में डाल रहा है। इस समस्या से निपटने के लिए हमें एकजुट होकर ठोस कदमउठाने होंगे। तभी हम पंजाब को स्वस्थ, खुशहाल और नशामुक्त राज्य बना पाएंगे।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार के सम्पूर्ण सहयोग से पंजाब सरकार के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सीमा से नशों और हथियारों की तस्करी को नियंत्रित करने के उद्देश्य से भरसक प्रयास किए जा रहे हैं। पंजाब के 6 सीमावर्ती जिलों में 1500 से अधिक ग्राम स्तरीय रक्षा समितियां गठित की गई हैं। ये समितियां देश की सुरक्षा ऐजंसियों की ड्रोनों के द्वारा भेजे जा रहे हथियारों और नशों को रोकने में काफी कारगर सिद्ध हो रही हैं।
इसके अलावा, हाल ही में पंजाब सरकार ने राज्य में व्याप्त नशे की गंभीर समस्या से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए मोहाली स्थित एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) मुख्यालय में अत्याधुनिक ‘सहायता सेवा इकाई’ (एसएसयू) की स्थापना की है। यह इकाई अत्याधुनिक तकनीक और संसाधनों से सुसज्जित है, जो नशे के तस्करों और आपूर्ति श्रृंखलाओं पर निगरानी रखने में सक्षम होगी।
कृषि के क्षेत्र में पंजाब का देश के अन्न भंडार में दिया गया योगदान किसी से छिपा नहीं है और देशभक्ति का यह सबसे बड़ा उदाहरण है, किन्तु प्रदूषण और पराली का उचित प्रबंधन हमारे समक्ष एक बड़ी चुनौती है जिसके विषय में मुझे यह जानकारी साझा करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि पंजाब में इस खरीफ सीजन के दौरान पराली जलाने की घटनाओं में 70प्रतिशत की उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है जबकि पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए राज्य में 58 कम्प्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है जिनमें से 7 परियोजनाएं कार्यशील हैं।
इन समस्याओं का समाधान न केवल पर्यावरण की दृष्टि से, अपितु राज्य के सतत विकास और नागरिकों के स्वास्थ्य के साथ-साथ भावी पीढ़ियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए भी आवश्यक है।
प्रिय नागरिको,
पंजाब अपने मेहनती लोगों, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, और दृढ़ संकल्प के साथ ‘विकसित भारत 2047’ की यात्रा में एक प्रकाशस्तंभ साबित होगा। मुझे पूर्ण विश्वास है कि पंजाब इस यात्रा में एक प्रमुख भूमिका निभाएगा और पूरे भारत को विकास, प्रगति और एकता का एक नया दृष्टिकोण प्रदान करेगा।
गणतंत्र दिवस न केवल उत्सव का दिन है, बल्कि यह अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को पूरा करने का भी दिन है। हमें अपने संविधान की मर्यादाओं का पालन करते हुए एक सशक्त एवं समृद्ध भारत के निर्माण के लिए कार्य करना है।
अंत में, मैं अपने सैनिकों को सलाम करता हूं, जो कठिन परिस्थितियों में देश की सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं। मैं एक बार फिर आपको गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देता हूं और आपके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं।
आइए, इस गणतंत्र दिवस पर प्रतिज्ञा करें कि हम पंजाब और देश को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने में योगदान देंगे।
धन्यवाद,
जय हिन्द!