SPEECH OF HON’BLE GOVERNOR PUNJAB AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH, SHRI GULAB CHAND KATARIA ON THE OCCASION OF 10TH EDITION OF TiECon CHANDIGARH 2025 ON MARCH 6, 2025.

TiE Chandigarh द्वारा आयोजित सम्मेलन के अवसर पर
माननीय राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया जी का संबोधन
दिनांकः 06.03.2025, गुरूवार समयः शाम 6:30 बजे स्थानः चंडीगढ़

नमस्कार!
आज मैं TiE-CON Chandigarh (The Indus Entrepreneurs Conference Chandigarh) के 10वें संस्करण, में आपके सामने बहुत गर्व और आशावाद के साथ खड़ा हूँ। TiE (The Indus Entrepreneurs) का यह मंच न केवल उद्यमशीलता को प्रोत्साहन देने का कार्य कर रहा है, बल्कि नवाचार, नेटवर्किंग और युवा नेतृत्व को भी सशक्त बना रहा है।
मुझे बताया गया है कि दी इंडस एंटरप्रेन्योर्स ग्लोबल (TiE Global) की स्थापना 1992 में सिलिकॉन वैली में सफल उद्यमियों, कॉर्पोरेट अधिकारियों और वरिष्ठ पेशेवरों के एक समूह द्वारा की गई थी। 14 देशों में 62 से अधिक अध्यायों के साथ, TiE Global उद्यमियों, निवेशकों और सलाहकारों का दुनिया का सबसे बड़ा नेटवर्क है।
यह मंच युवा उद्यमियों को मार्गदर्शन, नेटवर्किंग और निवेशकों तक पहुँच प्रदान कर, नए उद्यमों के निर्माण में सहायक बनता है। संगठन का मिशन अगली पीढ़ी के उद्यमियों को तैयार करना, उन्हें आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराना और समाज के आर्थिक उत्थान में योगदान देना है।
यह संगठन नवाचार, मेंटरशिप, वित्तीय सहयोग और नेटवर्किंग के माध्यम से स्टार्टअप्स को सफलता की ओर अग्रसर करता है। साथ ही, यह सामाजिक उद्यमिता को भी प्रोत्साहित करता है ताकि व्यवसाय केवल लाभ अर्जित करने का साधन न बनकर समाज की समस्याओं का समाधान भी प्रस्तुत कर सके। 
इसका उद्देश्य एक मजबूत उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करना है, जिससे रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हों और भारत वैश्विक स्तर पर अपनी सशक्त पहचान बना सके।
देवियो और सज्जनो, 
मुझे बताया गया है कि TiE Chandigarh ने पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ में स्टार्टअप्स को सशक्त बनाने और आर्थिक विकास को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
पंजाब और ट्राई-सिटी क्षेत्र के 450 से अधिक उद्यमियों के एक मजबूत सदस्य समुदाय के साथ, TiE Chandigarh मेंटरिंग, नेटवर्किंग, शिक्षा, फंडिंग और इनक्यूबेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है।
TiE Chandigarh की प्रमुख पहलों की बात की जाए तो इनमें ‘टाई महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम’, ‘टाई विश्वविद्यालय कार्यक्रम’ और ‘टाई युवा उद्यमी कार्यक्रम’ प्रमुख रूप से शामिल हैं।
• टाई महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम के तहत, वैश्विक पिच प्रतियोगिताओं के माध्यम से महिलाओं को 1 लाख डॉलर तक के पुरस्कार, रणनीतिक सहयोग और निवेशकों तक पहुँच प्रदान की जाती है।
• टाई विश्वविद्यालय कार्यक्रम के अंतर्गत, 12 से अधिक प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ भागीदारी कर 300 से अधिक छात्रों को स्टार्टअप फंडिंग और नवाचार के अवसर दिए गए हैं।
• टाई युवा उद्यमी कार्यक्रम हाई स्कूल छात्रों के लिए वैश्विक प्रतियोगिताएँ और प्रशिक्षण आयोजित कर उन्हें उद्यमिता से जोड़ता है।
देवियो और सज्जनो,
इस वर्ष, हम TiECON Chandigarh के एक दशक का जश्न मना रहे हैं। पिछले एक दशक से आयोजित हो रहा यह सम्मेलन उत्तर भारत के सबसे महत्वपूर्ण स्टार्टअप और व्यवसाय सम्मेलन के रूप में विकसित हुआ है। मुझे बताया गया है कि इस दो दिवसीय सम्मेलन दौरान होने वाली प्रमुख गतिविधियों में निम्न गतिविधियां शामिल हैं। 
• स्टार्टअप शार्क सोइरी 4.0-एक उच्च-दांव पिचिंग इवेंट, जिसमें 5 करोड़ रूपये से अधिक की फंडिंग की पेशकश की गई है।
• एआई, फिनटेक और बाजार विस्तार संबंधी मास्टरक्लास-उद्योग जगत के दिग्गजों द्वारा संचालित।
• निवेशक नेटवर्किंग और एम.एस.एम.ई. मैचथॉन- पूंजीपतियों, एंजेल निवेशकों और व्यवसाय सलाहकारों से जुड़ने का विशेष अवसर।
• चंडीगढ़ गोल्फ़ क्लब पुरस्कार समारोह-खेल और व्यवसाय नेतृत्व में उत्कृष्टता को मान्यता देना।
• STPI (Software Technology Parks of India)उत्कृष्टता पुरस्कार समारोह-नवाचार और निर्यात में आईटी दिग्गजों को मान्यता देना।
देवियो और सज्जनो,
आज का यह आयोजन केवल एक सम्मेलन नहीं, बल्कि नवाचार, उद्यमशीलता और आर्थिक सशक्तिकरण की उस भावना का उत्सव है, जो पंजाब और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ को नवाचार और आर्थिक समृद्धि की अभूतपूर्व ऊंचाइयों पर ले जा रहा है।
पंजाब और चंडीगढ़ ने सदैव ही कृषि, विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में अपनी समृद्ध विरासत को संजोए रखा है। अब, वही विरासत प्रौद्योगिकी-आधारित नवाचार के साथ विकसित हो रही है, जो हमारे स्टार्टअप्स और व्यवसायों को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए सक्षम बना रही है।
आज, यह विरासत विकसित हो रही है क्योंकि हम एक प्रौद्योगिकी-संचालित, नवाचार-आधारित अर्थव्यवस्था को अपना रहे हैं, स्टार्टअप और व्यवसायों को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए सशक्त बना रहे हैं। 
यह सम्मेलन हमारी यात्रा में एक निर्णायक क्षण है, जहाँ नीति निर्माता, अग्रणी उद्योगपति और उद्यमी एक साथ मिलकर एक मजबूत, अधिक समावेशी और गतिशील स्टार्टअप परिदृश्य का निर्माण करने के लिए एकजुट हुए हैं।
देवियो और सज्जनो, 
‘विकसित भारत 2047’ हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का एक ऐसा सपना है, जो हर भारतीय को सशक्त, आत्मनिर्भर, और उन्नत जीवन जीने का अवसर प्रदान करता है। 
इस तेजी से विकसित हो रहे आर्थिक परिदृश्य में, भारत सरकार द्वारा शुरू की गई नीतियों व कार्यक्रमों ने नवाचार और विकास के लिए व्यापक अवसर खोले हैं। स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया, आत्मनिर्भर भारत, स्वच्छ भारत अभियान और डिजिटल इंडिया जैसी पहलें एक स्थायी और ज्ञान-आधारित भविष्य के लिए आधार प्रदान करती हैं।
2016 में हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा शुरू की गई स्टार्टअप इंडिया पहल ने भारत को दुनिया के तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम में बदल दिया है। यह उन युवाओं और नए उद्यमियों के लिए एक सुनहरा अवसर है जो अपना व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं और भारत को आत्मनिर्भर बनाने में योगदान देना चाहते हैं। 
दिसंबर 2023 तक, उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने पूरे भारत में 1 लाख 17 हजार 254 स्टार्टअप्स को मान्यता दी है, जो फिनटेक, एग्रीटेक, डीपटेक, हेल्थटेक और स्थिरता जैसे विविध क्षेत्रों को कवर करते हैं।
महिलाओं द्वारा संचालित 55 हजार 816 से अधिक स्टार्टअप्स, समावेशी उद्यमिता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करते हैं। 100 से अधिक यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स, जिनका सामूहिक मूल्य 340 बिलियन डॉलर है, भारत को नवाचार में एक वैश्विक महाशक्ति बनाते हैं। 
देवियो और सज्जनो, 
पंजाब और चंडीगढ़ में विकास को बढ़ावा देने वाली सरकारी पहल ‘स्टार्टअप इंडिया’ के साथ घनिष्ठ समन्वय में सरकार ने उद्यमिता की नींव को मजबूत करने के लिए सक्रिय कदम उठाए हैं। 
इन प्रमुख पहलों में निम्नलिखित शामिल हैं:
1.स्टार्टअप पंजाब पहलः यह उद्यमियों को समर्थन देने के लिए डिज़ाइन किया गया एक मज़बूत नीति ढांचा है, जिसमें वित्तीय प्रोत्साहन, अनुदान और व्यवसाय विकास में तेज़ी लाने के लिए एक विशेष 100 करोड़ रूपये का स्टार्टअप फंड शामिल है।
2.पंजाब छात्र उद्यमिता योजनाः स्टार्टअप उद्यमों में सक्रिय रूप से शामिल छात्रों के लिए शैक्षणिक पाठ्यक्रमों में 20 प्रतिशत उपस्थिति छूट और 4 प्रतिशत ग्रेस अंक देकर युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित करना।
3.निवेश पंजाबः यह एक व्यापक सिंगल-विंडो क्लीयरेंस सिस्टम है, जिसने राज्य में 1.2 लाख करोड़ रूपये के निवेश की सुविधा प्रदान की है, जिससे व्यापार में आसानी हुई है और निवेशकों का विश्वास बढ़ा है।
4.पंजाब एग्री-टेक इनक्यूबेशन सेंटरः यह कृषि और खाद्य-तकनीक स्टार्टअप के लिए एक केंद्र है, जो सटीक खेती, खाद्य प्रसंस्करण और स्थिरता में अभिनव समाधानों का समर्थन करता है।
5.स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीमः इस योजना का उद्देश्य होनहार स्टार्टअप को आवश्यक प्रारंभिक चरण का वित्तपोषण प्रदान करना है, जिससे कि उन्हें न्यूनतम व्यवहार्य उत्पाद (MVP) विकसित करने और संचालन को बढ़ाने में सक्षम बनाया जा सके।
6.स्टार्टअप के लिए फंड ऑफ फंड्सः यह SIDBI (Small Industries Development Bank of India) द्वारा प्रबंधित 10 हजार करोड़ रूपये का फंड है, जिसे पूंजीगत अंतर को पाटने और विकास-चरण वाले स्टार्टअप को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
7.राष्ट्रीय ऋण गारंटी ट्रस्ट योजनाः इस योजना का उद्देश्य एम.एस.एम.ई. और स्टार्टअप को बिना गारंटी के ऋण की सुविधा प्रदान करने सहित संचालन को बढ़ाने संबंधी उनकी क्षमता को बढ़ाना है।
इन नीतिगत हस्तक्षेपों, वित्तीय सहायता तंत्रों और बढ़ते निवेशक नेटवर्क के साथ, पंजाब और चंडीगढ़ उत्तर भारत में स्टार्टअप और एसएमई के लिए शीर्ष गंतव्य के रूप में उभर रहे हैं।
देवियो और सज्जनो, 
आज की अर्थव्यवस्था में प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानते हुए, हमने डिजिटल क्रांति को खुले हाथों से अपनाया है। भारत का Artificial Intelligence (AI) बाज़ार 2027 तक 17 बिलियन डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है, और हमारा क्षेत्र इस वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बनने के लिए तैयार है। 
1.25 बिलियन डॉलर के निवेश के साथ IndiaAI मिशन जैसी पहल हमारे AI बुनियादी ढांचे को मजबूत कर रही है और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा दे रही है।
इसके अलावा, नियामक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने के हमारे प्रयास फलीभूत हुए हैं। हाल के सुधारों ने विदेशों में स्थित स्टार्टअप्स के लिए भारत लौटने के लिए आवश्यक समय को 12-18 महीनों से घटाकर केवल 3-4 महीने कर दिया है। 
इस बदलाव ने कई कंपनियों को अपना आधार भारत में स्थानांतरित करने के लिए प्रोत्साहित किया है, जिससे हमारे घरेलू स्टार्टअप परिदृश्य में वृद्धि हुई है।
देवियो और सज्जनो,
आईटी और प्रौद्योगिकी क्षेत्र दुनिया भर में आर्थिक विकास की रीढ़ बन गया है। भारत में, आईटी उद्योग राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 8 प्रतिशत का योगदान देता है, और इस क्षेत्र के 2030 तक 500 बिलियन डॉलर तक बढ़ने की उम्मीद है।
पंजाब और चंडीगढ़ आईटी विकास के लिए आदर्श स्थान हैं, क्योंकि यह क्षेत्र रणनीतिक रूप से दिल्ली-एनसीआर के निकट स्थित है और इसमें मजबूत बुनियादी ढांचा, कुशल कार्यबल और वैश्विक कनेक्टिविटी उपलब्ध है। इन कारकों के कारण, यह क्षेत्र आईटी कंपनियों और स्टार्टअप्स के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहा है।
प्रतिभा की प्रचुरता भी इस क्षेत्र की एक बड़ी ताकत है। 100 से अधिक इंजीनियरिंग कॉलेजों और Indian Institute of Technology Ropar]  आईसर (Indian Institutes of Science Education and Research) मोहाली, नाईपर (National Institute of Pharmaceutical Education and Research) मोहाली और अन्य सरकारी व निजि विश्वविद्यालयों जैसे प्रमुख संस्थानों की उपस्थिति पंजाब को एक अत्यधिक कुशल आईटी कार्यबल प्रदान करने में मदद कर रही है।
इसके अलावा, चंडीगढ़ आईटी पार्क, मोहाली में क्वार्कसिटी और लुधियाना तथा अमृतसर में उभरते आईटी हब तकनीकी नवाचार और उद्यमशीलता को बढ़ावा दे रहे हैं। 
देवियो और सज्जनो,
पंजाब और चंडीगढ़ को भारत के शीर्ष आईटी हब के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए एक बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। इसके तहत आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना प्रमुख प्राथमिकता है। डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ाने हेतु शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड नेटवर्क का विस्तार आवश्यक है।   
साथ ही, अमृतसर, जालंधर और लुधियाना जैसे शहरों में आईटी हब, सॉफ्टवेयर पार्क और विशेष आर्थिक क्षेत्र (Special Economic Zone) स्थापित करने से उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। 
क्लाउड कंप्यूटिंग, ब्लॉकचेन और AI इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार डिजिटल परिवर्तन को गति देगा। इसके अतिरिक्त, सरकार, निवेशकों और इनक्यूबेटरों के बीच सार्वजनिक-निजी साझेदारी से नवाचार को सफल उद्यमों में बदलने में मदद मिलेगी।
नवाचार और उभरती तकनीकों के प्रोत्साहन हेतु AI, मशीन लर्निंग, ब्लॉकचेन और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में निवेश करना जरूरी है। 
स्मार्ट सिटी परियोजनाओं, औद्योगिक स्वचालन और ई-गवर्नेंस को प्रोत्साहित करके टेक्नोलॉजी के उपयोग को व्यापक बनाया जा सकता है। बेंगलुरु और हैदराबाद की तरह डीपटेक और AI इनोवेशन सेंटर विकसित करने से क्षेत्र में तकनीकी उन्नति को बढ़ावा मिलेगा।
आईटी कार्यबल के विकास के लिए आईआईटी, आईएसबी और वैश्विक टेक कंपनियों के साथ उद्योग-अकादमिक सहयोग को बढ़ावा देना आवश्यक है। 
विश्वविद्यालयों में AI, डेटा साइंस और क्लाउड कंप्यूटिंग को अनिवार्य पाठ्यक्रम के रूप में शामिल करने से छात्रों को नवीनतम तकनीकों की समझ मिलेगी। इसके अलावा, एक डिजिटल टैलेंट हब स्थापित करके युवाओं और पेशेवरों को आधुनिक तकनीकों में प्रशिक्षित किया जा सकता है।
आईटी निर्यात के प्रोत्साहन एवं वैश्विक कंपनियों को आकर्षित करने हेतु, क्षेत्र को उत्तरी अमेरिका और यूरोप के लिए एक प्रमुख आईटी आउटसोर्सिंग गंतव्य के रूप में स्थापित करने हेतु कार्य करना होगा। 
विदेशी आईटी कंपनियों को अनुसंधान एवं विकास और वितरण केंद्र स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन प्रदान करने से क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा। 2030 तक आईटी सेवाओं के निर्यात में 5 बिलियन डॉलर की वृद्धि का लक्ष्य रखते हुए नीतियों को इस दिशा में निर्देशित किया जाना चाहिए।
देवियो और सज्जनो,
पंजाब और चंडीगढ़ का आईटी और स्टार्टअप इकोसिस्टम तेजी से विकसित हो रहा है और कई उल्लेखनीय कंपनियों ने अपनी सफलता से क्षेत्र को वैश्विक पहचान दिलाई है। इनमें से नेट सॉल्यूशंस (चंडीगढ़) एक प्रमुख नाम है, जो फॉर्च्यून 500 ग्राहकों को सॉफ्टवेयर समाधान प्रदान करने वाली अग्रणी आईटी सेवा कंपनी बन चुकी है। 
जुगनू (चंडीगढ़) भारत का एक अग्रणी ऑटो-रिक्शा एग्रीगेटर है, जो राइड-शेयरिंग, लॉजिस्टिक्स और हाइपरलोकल डिलीवरी सेवाएँ प्रदान करता है। 16 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाने के साथ, इस स्टार्टअप ने यह साबित किया है कि पंजाब स्केलेबल और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी स्टार्टअप को जन्म दे सकता है।
थिंक 360 (मोहाली) यूआई/यूएक्स डिजाइन और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के क्षेत्र में अग्रणी है। यह अंतर्राष्ट्रीय ग्राहकों के साथ काम करता है और इसे भारत की शीर्ष 10 डिजिटल उत्पाद डिजाइन एजेंसियों में गिना जाता है। 
इसी तरह, ट्राइडेंट ग्रुप ने अपने विनिर्माण संचालन में AI, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और ऑटोमेशन को अपनाकर खुद को भारत के सबसे अधिक तकनीक-संचालित कपड़ा दिग्गजों में से एक बना लिया है।
कॉग्नीसोल (मोहाली) आईटी और वित्तीय सेवा आउटसोर्सिंग में एक वैश्विक अग्रणी कंपनी है, जो 2,000 से अधिक पेशेवरों को रोजगार प्रदान कर रही है। 
इन कंपनियों की सफलता यह दर्शाती है कि पंजाब और चंडीगढ़ तेजी से एक अग्रणी आईटी और टेक्नोलॉजी हब के रूप में उभर रहे हैं, जो भारत के डिजिटल भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
देवियो और सज्जनो,
जानकर हर्ष हुआ कि TiE Chandigarh ने आईटी स्टार्टअप और तकनीकी उद्यमिता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह संगठन AI, फिनटेक, साइबर सुरक्षा और ब्लॉकचेन से जुड़े स्टार्टअप्स को सलाह और वित्तीय सहायता प्रदान करता है। 
साथ ही, सिलिकॉन वैली, कनाडा और यूके के साथ साझेदारी करके पंजाब स्थित टेक स्टार्टअप्स को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़ाने में मदद करता है। 
TiE मास्टरक्लास और हैकथॉन के माध्यम से AI, क्लाउड कंप्यूटिंग, वेब3 और बिग डेटा एनालिटिक्स में युवा उद्यमियों को प्रशिक्षित कर, नवाचार और तकनीकी कौशल को बढ़ावा देने का कार्य कर रहा है।
TiE Chandigarh के विज़न की बात करें तो इसका उद्देश्य अगले पाँच वर्षों में पंजाब और चंडीगढ़ को एक प्रमुख स्टार्टअप और नवाचार केंद्र के रूप में स्थापित करना है। 
2027 तक 5,000 से अधिक उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) द्वारा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप को बढ़ावा देने, 10 हजार करोड़ डॉलर का निवेश आकर्षित करने और पंजाब को भारत के शीर्ष पाँच स्टार्टअप हब में शामिल करने का लक्ष्य है। 
साथ ही, इसके द्वारा महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप को मज़बूत करने सहित प्रमुख पहलों में महिला उद्यमियों की 50 प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। 
संगठन द्वारा वैश्विक साझेदारियों को बढ़ावा देकर, पंजाब को नवाचार, उद्यमिता और स्थिरता का एक वैश्विक केंद्र बनाने की योजना है। इसके द्वारा सही समर्थन, नीतिगत हस्तक्षेप और उद्योग सहयोग के साथ, पंजाब और चंडीगढ़ को अग्रणी उद्यमशीलता पावरहाउस के रूप में स्थापित किया जा सकता है।
देवियो और सज्जनो,
मैं समझता हूँ कि TiECON Chandigarh 2025 सिर्फ़ एक इवेंट नहीं है; यह समावेशी विकास, सतत विकास और वैश्विक नवाचार की दिशा में एक आंदोलन है। 
आज यहां उपस्थित दूरदर्शी, नवाचारकों और परिवर्तन के वाहकों से मैं कहना चाहूंगा कि यही आपका समय है। अवसरों का पूरा लाभ उठाएँ, चुनौतियों को साहस के साथ स्वीकार करें और भारत में उद्यमशीलता के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में कदम बढ़ाएँ। 
मैं TiE चंडीगढ़, स्टार्टअप पंजाब, चंडीगढ़ प्रशासन और सभी भागीदारों को उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए उनके अटूट समर्पण के लिए दिल से आभार व्यक्त करता हूँ। मैं TiECON Chandigarh 2025 की अपार सफलता की कामना करता हूँ और ऐसे अभूतपूर्व विचारों को देखने के लिए उत्सुक हूँ जो हमारे भविष्य को आकार देंगे। 
आइए, हम सब मिलकर नवाचार करें, सहयोग करें और एक संपन्न उद्यमशीलता इकोसिस्टम का निर्माण करें। 
धन्यवाद, जय हिंद!