SPEECH OF HON’BLE GOVERNOR PUNJAB AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH, SHRI GULAB CHAND KATARIA ON THE OCCASION OF ANNUAL CONVOCATION OF THE UNIVERSITY OF SRI GURU GRANTH SAHIB WORLD UNIVERSITY AT FATEHGARH SAHIB ON MARCH 8, 2025.

श्री गुरू ग्रंथ साहिब वर्ल्ड यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह के अवसर पर

माननीय राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया जी का संबोधन

दिनांकः 08.03.2025, शनिवारसमयः दोहपर 12:15 बजेस्थानः फतेहगढ़ साहिब

 

नमस्कार!

आज इस शुभ अवसर पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब वर्ल्ड यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में उपस्थित होना मेरे लिए बड़े सम्मान और गर्व की बात है। यह विश्वविद्यालय केवल एक शैक्षणिक संस्थान नहीं है, बल्कि यह ज्ञान, आध्यात्मिकता और अकादमिक उत्कृष्टता का प्रकाश स्तंभ है।

गुरु नानक देव जी से लेकर गुरु गोबिंद सिंह जी तक, हमारे गुरुओं ने हमें सत्य, सेवा, परिश्रम और सहिष्णुता का संदेश दिया है। यह शिक्षाएँ केवल धर्म तक सीमित नहीं, बल्कि जीवन को सही दिशा देने वाली हैं। आज जब आप इस विश्वविद्यालय से विदा ले रहे हैं, तो इन मूल्यों को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लें। 

यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की शाश्वत शिक्षाओं से प्रेरित यह विश्वविद्यालय अपने छात्रों में धार्मिकता, सेवा और सत्यनिष्ठा के मूल्य स्थापित करता है। मुझे खुशी है कि यह विश्वविद्यालय समग्र शिक्षा के सिद्धांतों का पालन कर छात्रों को केवल बौद्धिक रूप से नहीं, बल्कि नैतिक रूप से भी सशक्त बना रहा है।

मुझे बताया गया है कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब वर्ल्ड यूनिवर्सिटी, शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) द्वारा स्थापित एक मिशनरी, धर्मार्थ और मानवीय संस्था है, जिसका उद्देश्य सभी पंथों, जातियों और धर्मों के विद्यार्थियों को समावेशी शिक्षा प्रदान करना है।

एसजीपीसी ने 1937 में मुंबई में अपना पहला शैक्षणिक संस्थान स्थापित किया था और तब से यह शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहा है।

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री सरदार प्रकाश सिंह बादल ने स्वर्ण मंदिर में श्री आदि ग्रंथ की स्थापना के चौथे शताब्दी समारोह के दौरान घोषणा की थी कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब में निहित आदर्शों को समर्पित एक विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी। इस संकल्प को साकार करते हुए, वर्ष 2008 में इस विश्वविद्यालय की नींव रखी गई, जिसने जुलाई 2011 में अपना पहला शैक्षणिक सत्र प्रारंभ किया। 

इस विश्वविद्यालय की स्थापना एक दूरदर्शी पहल थी, जिसका उद्देश्य आने वाली पीढ़ियों को श्री गुरु ग्रंथ साहिब की शिक्षाओं के अनुरूप नैतिकता, करुणा, सेवा और आध्यात्मिकता के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करना है। 

प्रिय स्नातको, 

आज के इस विशेष अवसर पर, मैं फ़तेहगढ़ साहिब के शहीदों की पावन स्मृति को नमन करता हूँ। इतिहास गवाह है कि धर्म, सत्य और न्याय की रक्षा के लिए महान बलिदान दिए गए हैं और फ़तेहगढ़ साहिब उन्हीं बलिदानों की भूमि है। 

यह वही स्थान है जहाँ साहिबजादे जोरावर सिंह और फतेह सिंह, मात्र नौ और सात वर्ष की आयु में, अपने अडिग विश्वास और साहस के कारण सरहिंद के नवाब वज़ीर खान की क्रूर सत्ता के सामने झुके नहीं। उन्होंने मृत्यु को गले लगा लिया, लेकिन धर्म से विचलित नहीं हुए। उनका बलिदान न केवल सिख इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है, बल्कि यह पूरी मानवता के लिए प्रेरणा स्रोत भी है।

फ़तेहगढ़ साहिब का शहीदी इतिहास हमें सिखाता है कि सच्चाई और न्याय के मार्ग पर चलना हमेशा आसान नहीं होता, लेकिन जो लोग अपने सिद्धांतों के प्रति अडिग रहते हैं, वे इतिहास में अमर हो जाते हैं। साहिबज़ादों का बलिदान हमें याद दिलाता है कि हमारे व्यक्तिगत और सामूहिक जीवन में नैतिकता, ईमानदारी और साहस का क्या महत्व है।

आज, जब आप अपने जीवन की एक नई यात्रा पर निकल रहे हैं, तो साहिबज़ादों की शहादत से प्रेरणा लें। उनके साहस, निडरता और सच्चाई के प्रति समर्पण को अपने जीवन के मूल्यों में अपनाएँ। समाज में बदलाव लाने के लिए, अन्याय के विरुद्ध खड़े होने के लिए, और एक बेहतर दुनिया बनाने के लिए साहिबजादों की तरह निडर बनें।

श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की शिक्षाओं में ‘सत्य और न्याय’ की जो राह बताई गई है, वही राह आपको आगे ले जाएगी। आप जिस भी क्षेत्र में जाएँ, अपनी कार्यक्षमता और नैतिक मूल्यों के आधार पर समाज में सकारात्मक बदलाव लाएँ। आपकी शिक्षा केवल आपके व्यक्तिगत लाभ तक सीमित न रहे, बल्कि इसे समस्त मानवता के कल्याण के लिए प्रयोग करें। 

मैं आप सभी से आग्रह करता हूँ कि फ़तेहगढ़ साहिब की शहादत को केवल इतिहास का हिस्सा न मानें, बल्कि इसे अपने जीवन का मार्गदर्शक बनाएँ।

श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने कहा थाः ‘‘चरन शरण गुरु एक पैंदा जाए चल, सतिगुर कोटि पैंदा आगै होए लेत है।’’

अर्थात, यदि आप सच्चे हृदय से एक कदम गुरु की ओर बढ़ाते हैं, तो गुरु कोटि (करोड़ों) कदम आपकी ओर बढ़ाते हैं। यह संदेश हमें बताता है कि यदि हम सच्चाई, ईमानदारी और सेवा की राह पर चलते हैं, तो हमारी यात्रा को सफल बनाने के लिए खुद ईश्वर हमारे साथ होते हैं।

साहिबज़ादों की शहादत हमें सिखाती है कि असली विजय आत्मबलिदान, सेवा और मानवता की रक्षा में है। सच्ची शिक्षा वही है जो हमें केवल ज्ञान नहीं देती, बल्कि हमें एक बेहतर इंसान भी बनाती है। इसलिए, इस विश्वविद्यालय से प्राप्त शिक्षा को अपने भीतर के साहस, करुणा और सेवा की भावना के साथ जोड़ें। 

प्रिय स्नातको, 

यह दीक्षांत समारोह केवल एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह वह क्षण है जब आपकी शिक्षा, संघर्ष और उपलब्धियों को मान्यता मिलती है और आपके द्वारा अर्जित ज्ञान को समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए एक नई दिशा मिलती है। 

यह क्षण केवल आपके लिए ही नहीं, बल्कि आपके माता-पिता और आपके शिक्षक, जिन्होंने आपके ज्ञान, चरित्र और दृष्टिकोण को सँवारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, आज आपको इस मुकाम तक पहुँचते देखकर गर्व महसूस कर रहे हैं।

यह क्षण न केवल अतीत की मेहनत का परिणाम है, बल्कि भविष्य की अनगिनत संभावनाओं की भी शुरुआत है। अब, आपके ऊपर यह दायित्व है कि आप इस ज्ञान और अनुभव का उपयोग करके अपने परिवार, समाज और राष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य में योगदान दें।

आपने केवल पुस्तकों से ही नहीं, बल्कि अपने शिक्षकों, साथियों और व्यावहारिक अनुभवों से भी सीखा है। कठिनाइयों और चुनौतियों ने आपको और मजबूत बनाया, जिससे आपकी समस्या-समाधान क्षमता और आत्मनिर्भरता में वृद्धि हुई। 

इन वर्षों में आपने अनुशासन, धैर्य, नवाचार और परिश्रम जैसे मूल्य आत्मसात किए, जो आगे चलकर आपके व्यक्तित्व और करियर की नींव बनेंगे।

हालाँकि, यह उपलब्धि आपकी शिक्षा का अंत नहीं है, बल्कि एक नए अध्याय की शुरुआत है, जहाँ आपको अपने अर्जित ज्ञान, कौशल और मूल्यों को वास्तविक दुनिया में लागू करके स्वयं को साबित करना होगा। यह यात्रा निरंतर सीखने, आत्म-सुधार और नवाचार की होगी।

प्रिय छात्रो,

जैसे ही आप इस विश्वविद्यालय के शैक्षणिक गलियारों से बाहर निकलेंगे, आप एक ऐसी दुनिया में कदम रखेंगे, जो अनगिनत अवसरों और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों से भरी हुई है। यह एक ऐसा क्षण है, जहाँ आपकी शिक्षा, आपके सिद्धांत और आपकी दृष्टि आपकी सबसे बड़ी पूंजी बनेंगी।

अगला चरण आपकी बौद्धिक क्षमता और व्यक्तिगत प्रतिबद्धता की परीक्षा लेगा। इसलिए, मैं आपसे आग्रह करता हूँ कि आप हमेशा सत्य, ईमानदारी और मानवता की सेवा के सिद्धांतों का पालन करें, जैसा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब हमें सिखाते हैं।

आज की दुनिया को ऐसे ज़िम्मेदार व्यक्तियों की आवश्यकता है जो न्याय, समानता और प्रगति के लिए कार्य करने को तत्पर हों। आपका ज्ञान समाज को ऊपर उठाने, महत्वपूर्ण समस्याओं का समाधान निकालने और एक सकारात्मक प्रभाव छोड़ने का माध्यम बनना चाहिए।

गुरु नानक देव जी ने हमें ‘नाम जपो, कीरत करो, वंड छको’ का संदेश दिया। अर्थात् ईश्वर का स्मरण करो, मेहनत और ईमानदारी से कमाओ, और अपने संसाधनों को दूसरों के साथ साझा करो। यही शिक्षाएँ आज भी प्रासंगिक हैं और आपके मार्गदर्शन के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।

देवियो और सज्जनो,

पंजाब और भारत एक महत्वपूर्ण परिवर्तन के दौर से गुजर रहे हैं। प्रौद्योगिकी की तीव्र प्रगति, उद्योगों का विस्तार और वैश्विक चुनौतियों की बढ़ती जटिलता के कारण, युवाओं की भूमिका पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। 

आप भविष्य के नेता, उद्यमी, शिक्षक, वैज्ञानिक और नीति निर्माता हैं। आपके कंधों पर एक प्रगतिशील, समावेशी और सतत समाज को आकार देने की जिम्मेदारी है।

मैं आपसे आग्रह करता हूँ कि आप नवाचार को अपनाएँ, आलोचनात्मक सोच को विकसित करें और एक उज्ज्वल भविष्य में योगदान देने के तरीकों पर विचार करें।

आगे की राह चुनौतीपूर्ण हो सकती है, लेकिन याद रखें कि हर महान उपलब्धि एक छोटे कदम से शुरू होती है। आपको निरंतर उत्कृष्टता के लिए प्रयास करना चाहिए, न केवल व्यक्तिगत विकास के लिए, बल्कि समाज की भलाई के लिए भी।

दुनिया आप जैसे युवाओं की ओर देख रही है जो सतत विकास को गति दे सकते हैं, मानवाधिकारों के लिए संघर्ष कर सकते हैं और समावेशिता और सौहार्द की संस्कृति को बढ़ावा दे सकते हैं। याद रखें कि आपकी छोटी-छोटी ईमानदार कोशिशें भी समाज में बड़ा बदलाव ला सकती हैं।

श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की सबसे महान शिक्षाओं में से एक है ‘सरबत दा भला’ अर्थात् सभी का कल्याण। इस प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय के स्नातक के रूप में, आपको इस सिद्धांत को अपने जीवन में अपनाना होगा। चाहे आप व्यवसाय, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, प्रशासन या सामाजिक कार्य के क्षेत्र में जाएँ, आपकी प्राथमिकता सेवा का भाव होना चाहिए।

आज की दुनिया को ऐसे व्यक्तियों की आवश्यकता है जो सहानुभूति, करुणा और ईमानदारी के साथ नेतृत्व करें। मानवता की सेवा का अर्थ केवल बड़े कार्यों तक सीमित नहीं है; छोटे-छोटे नेक कार्य और जिम्मेदारियाँ भी महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती हैं। चाहे किसी जरूरतमंद की सहायता करना हो, अपने समुदाय में योगदान देना हो, या न्याय और शांति के लिए आवाज उठानी हो-हर कार्य का महत्व है।

 देवियो और सज्जनो,

हमारे देश में शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए हमारे दूरदर्शी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में नई शिक्षा नीति 2020 लागू की गई है। इस नई शिक्षा नीति का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों का संपूर्ण विकास करना और उन्हें पुस्तकीय ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक और रचनात्मक शिक्षा प्रदान करना है। 

हमें इसे लागू करने के लिए एकजुट होकर काम करना होगा, ताकि हमारे विद्यार्थी एक उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर हों। 

आज के डिजिटल युग में बच्चों को रचनात्मक रूप से व्यस्त रखने और उन्हें संवेदनशील बनाना बहुत आवश्यक है। बच्चों के लिए साझा करने और संतुष्टि देने का मूल्य सीखना भी महत्त्वपूर्ण है। हम ऐसा वातावरण बनाएं जिससे सीखना और अन्वेषण फल-फूल सके।

आज के इस अवसर पर मैं सभी अभिभावकों और संकाय सदस्यों को अपनी हार्दिक बधाई और आभार व्यक्त करता हूँ। आपकी अटूट सहायता, मार्गदर्शन और बलिदान ने इन युवा प्रतिभाओं को जिम्मेदार और सक्षम व्यक्तियों में ढालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 

इन स्नातकों की सफलता आपके समर्पण और परिश्रम का प्रतिबिंब है। आपकी प्रेरणा और समर्थन के कारण ही ये छात्र इस महत्वपूर्ण पड़ाव तक पहुँच सके हैं।

अंत में, मैं यही कहूंगा कि उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए हमेशा प्रयास करें, सफलता में विनम्र बने रहें और कठिनाइयों का सामना करने में दृढ़ रहें। 

बाहरी दुनिया निरंतर बदल रही है, और जो लोग सीखते, अनुकूलित होते और विकसित होते रहते हैं, वही आगे बढ़ते हैं। आपकी उपलब्धियाँ आपके माता-पिता, आपके विश्वविद्यालय और आपके राष्ट्र के लिए गौरव का विषय बनें।

इन्हीं शब्दों के साथ, मैं एक बार फिर श्री गुरु ग्रंथ साहिब वर्ल्ड यूनिवर्सिटी के स्नातकों को हार्दिक बधाई देता हूँ। आपकी भविष्य की राहें उज्ज्वल हों, आपके प्रयास सार्थक हों और समाज में आपका योगदान महत्वपूर्ण हो। 

आइए, हम सभी श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की शिक्षाओं से प्रेरणा लें और एक न्यायसंगत, दयालु और समृद्ध विश्व के निर्माण के लिए मिलकर कार्य करें। 

दुनिया आपके योगदान की प्रतीक्षा कर रही है। आगे बढ़ें और एक सुनहरा भविष्य विकसित करें! 

आपकी सफलता की अनंत शुभकामनाएं! 

धन्यवाद,

जय हिंद!