SPEECH OF HON’BLE GOVERNOR PUNJAB AND ADMINISTRATOR, CHANDIGARH,SHRI GULAB CHAND KATARIA ON THE OCCASIO NOF HANDING OVER APPOINTMENT LETTERS TO POST GRADUATE TEACHERS (PGT) AT CHANDIGARH ON FEBRUARY 11, 2025.

नवनियुक्त पीजीटी अध्यापकों को नियुक्तिपत्र वितरण समारोह पर

राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया जी का संबोधन

दिनांकः 11.02.2025,  मंगलवारसमयः दोपहर 12:00 बजेस्थानः चंडीगढ़

 

नमस्कार!

सर्वप्रथम, मैं आज नियुक्ति पत्र पाने वाले समस्त युवाओं को और उनके परिवारजनों को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएँ देता हूँ।

आज का यह शुभ अवसर हम सभी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि आज हम समाज के शिक्षक रूपी उस महत्वपूर्ण अंग को नियुक्ति दे रहे हैं जो एक सामान्य शिक्षक होते हुए भी मनुष्य को महान बनाने की ताक़त रखते हैं। 

आज आप लोगों को शिक्षा विभाग में बतौर शिक्षक नियुक्त किया गया है। यह आपकी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प का परिणाम है कि आप भर्ती प्रक्रिया में उत्तीर्ण हुए हैं। आप बहुत भाग्यशाली हैं कि आपको अमृतकाल में देश की सेवा करने का सुनहरा अवसर मिल रहा है।

आप देश का वर्तमान एवं भविष्य, दोनों हैं। वर्तमान में हम जो कार्य करते हैं, वे हमारे देश के भविष्य का निर्माण करते हैं। युवा और शिक्षक वर्तमान समय में अपनी मेहनत और कर्तव्यनिष्ठा से देश के हर क्षेत्र में प्रगति सुनिश्चित कर सकते हैं।

मुझे बताया गया है कि चंडीगढ़ शिक्षा विभाग के 111 विद्यालयों में डेढ़ लाख विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। जिनमें ग्यारहवीं व बारहवीं में विद्यार्थियों की कुल संख्या 22,378 है।

इनके लिए विद्यालयों में 541 पीजीटी शिक्षकों के स्वीकृत पद हैं और इनमें से 131 रिक्त पदों पर 16 विषयों में 78 शिक्षकों को आज नियुक्ति पत्र प्रदान किए जा रहे हैं।

मित्रों,

शिक्षक विद्यार्थियों को केवल पाठ्यक्रम का ज्ञान नहीं देते, बल्कि उन्हें जीवन के हर क्षेत्र में जागरूक और कुशल बनाते हैं। शिक्षक केवल मार्गदर्शन का कार्य ही नहीं करते बल्कि समाज के निर्माण और विकास का आधार भी होते हैं।

वे न केवल ज्ञान के प्रकाशक होते हैं, बल्कि नैतिकता, अनुशासन, और मूल्यों के संवाहक भी होते हैं। शिक्षक हमारे समाज को शिक्षित और सशक्त बनाते हैं, जिससे एक मजबूत और प्रगतिशील राष्ट्र का निर्माण होता है। यही बच्चे कल के नेता, वैज्ञानिक, शिक्षक, और समाज के अन्य महत्वपूर्ण स्तंभ बनते हैं।

आपकी मेहनत और समर्पण के बिना एक समृद्ध और सशक्त समाज की कल्पना करना असंभव है। इसलिए, समाज में शिक्षक का सम्मान और योगदान अमूल्य है।

आज हम जो कुछ भी हैं, वह हमारी पिछली पीढ़ियों के प्रयासों का परिणाम है। इसी तरह, जो आप आज करेंगे, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए आदर्श और मार्गदर्शक बनेगा।

वर्तमान और भविष्य एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। आप वह कड़ी हैं जो आज और कल को जोड़ती है। यदि वर्तमान में आप अपने कर्तव्यों को पूरी ईमानदारी और निष्ठा से निभाते हैं, तो आप न केवल अपना बल्कि अपने समाज और देश का भविष्य भी उज्ज्वल बनाते हैं।

प्रिय छात्रो,

भारतीय इतिहास में वेदिक काल से लेकर आज तक अनेक महान आचार्य और गुरु हुए हैं जिन्होंने अपने शिष्यों को ज्ञान, नैतिकता और जीवन के उच्चतम आदर्शों तक पहुँचने में मार्गदर्शन प्रदान किया। उनके उपदेश न केवल शैक्षिक और युद्ध कौशल में दक्षता प्रदान करते हैं, बल्कि जीवन के हर पहलू में संतुलन, धर्म और नीति की शिक्षा भी देते हैं। 

उदाहरण के लिए, श्रीराम जी और उनके भाइयों को गुरु वशिष्ठ ने वेद, नीति, धर्म और युद्ध विद्या में पारंगत बनाया, वहीं भगवान श्री कृष्ण को महर्षि संदीपनि ने वेद, शास्त्र, धर्म और राजनीति में निपुण बनाया। 

गुरु द्रोणाचार्य ने कौरवों और पांडवों को शस्त्र विद्या सिखाई, जिससे उनके शिष्यों में न केवल युद्ध कौशल, बल्कि नैतिकता, कर्तव्य और संघर्ष में दृढ़ता का भी विकास हुआ।

इन महान गुरुओं की शिक्षाएँ भारतीय संस्कृति और इतिहास की नींव हैं, और उनके द्वारा दी गई ज्ञान की धारा न केवल तत्कालीन समाज में परिवर्तन लाने का कारण बनी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है।

इसलिए, मैं आज आप नवनियुक्त शिक्षकों से आग्रह करता हूँ कि आप इस समृद्ध विरासत को अपने कक्षाओं में जीवंत करें। अपने विद्यार्थियों में न केवल शैक्षिक ज्ञान का संचार करें, बल्कि उनमें नैतिकता, सहानुभूति, और उच्च आदर्शों की भावना को भी जगाएं। याद रखें कि आपके शब्दों और कर्मों का प्रभाव उनके चरित्र निर्माण में दीर्घकालिक रूप से दिखेगा।

महात्मा गांधी ने कहा था, ‘‘जो परिवर्तन आप दुनिया में देखना चाहते हैं, वह पहले अपने आप में उत्पन्न करें।’’ इस विचार का सार यह है कि वास्तविक बदलाव की शुरुआत स्वयं से होती है। 

इसके अलावा चाणक्य ने शिक्षकों को लेकर कहा था कि, ‘‘शिक्षक कभी भी साधारण नहीं होता; उसकी गोद में प्रलय भी पनपते हैं और निर्माण भी होता है।’’ इस कथन का तात्पर्य है कि शिक्षक केवल ज्ञान का प्रसार नहीं करते, बल्कि समाज के संपूर्ण परिवर्तन का केंद्र भी होते हैं। 

प्रिय नवनियुक्त शिक्षको,

आज जब आप सरकारी नौकरी में प्रवेश कर रहे हैं तो यह जीवन का अंतिम पड़ाव नहीं हो सकता। सरकारी नौकरी का उद्देश्य सिर्फ स्थिरता प्राप्त करना नहीं है। यह एक नई यात्रा की शुरुआत है, जहाँ आप समाज को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं। 

हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में सरकारी दफ्तरों और सरकारी कामकाज की पुरानी छवि में पिछले 10 वर्षों में उल्लेखनीय बदलाव आया है। 

अब जहाँ कभी कागजी कार्रवाई और धीमी प्रक्रियाएँ आम थीं, वहीं आज डिजिटल तकनीकों, ई-गवर्नेंस और आधुनिक प्रबंधन प्रणालियों ने सरकारी सेवाओं में क्रांतिकारी परिवर्तन कर दिया है। इस परिवर्तन ने न केवल प्रशासनिक प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाया है, बल्कि जनता के लिए सेवाओं की पहुँच और विश्वसनीयता में भी उल्लेखनीय सुधार लाया है।

इस तरह के सुधारों ने सरकारी दफ्तरों की छवि को पूरी तरह से बदल दिया है। अब सरकारी सेवाएं अधिक समयबद्ध, प्रभावी और जनता के अनुकूल हैं, जिससे न केवल प्रशासनिक कार्यक्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि पूरे देश में एक आधुनिक, समृद्ध और विकसित शासन व्यवस्था की स्थापना भी संभव हो सकी है। 

आज, जब दुनिया तेजी से बदल रही है, शिक्षा के क्षेत्र में भी नवाचार और तकनीकी का समावेश जरूरी है। मुझे विश्वास है कि आप नई तकनीकों और पद्धतियों को अपनाकर अपने शिक्षण को और अधिक प्रभावशाली बनाएंगे।

मैं चाहूंगा कि आप समय-समय पर राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाले टीचर्स एक्सचेंज प्रोग्राम और टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम में भाग लेना सुनिश्चित करें, ताकि आप अपने ज्ञान और कौशल को और अधिक निखार सकें।

इन प्रोग्रामों में भाग लेने से शिक्षक अन्य देशों के शिक्षण तरीकों, शैक्षिक प्रणालियों, और सांस्कृतिक विविधताओं को समझ सकते हैं। यह हमारे दृष्टिकोण को विस्तृत करता है और हमें ग्लोबल दृष्टिकोण से सोचने की क्षमता देता है।

शिक्षक जब अपने ज्ञान और कौशल को निरंतर निखारते हैं, तो वे शिक्षा के क्षेत्र में उच्च मानक स्थापित करते हैं और अपने छात्रों के जीवन में वास्तविक परिवर्तन लाते हैं।

मैं आशा करता हूं कि आप जिस भी स्कूल में कार्यरत हों, उस स्कूल का परिणाम निजी स्कूलों से बेहतर होगा क्योंकि आपके पास न केवल उत्कृष्ट शैक्षिक योग्यता है, बल्कि समर्पण, मेहनत और एक समर्थ शिक्षा प्रणाली भी है।

देवियो और सज्जनो,

जैसे कि आप सभी जानते हैं कि देश में नई शिक्षा नीति (एनईपी 2020) को लागू किया गया है जिसका मुख्य उद्देश्य शिक्षा को और अधिक समावेशी, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण बनाना है। 

यह नीति छात्रों को एक समग्र, व्यावहारिक और प्रौद्योगिकी-संचालित शिक्षा प्रदान करने पर जोर देती है, जिससे वे केवल ज्ञान ही नहीं, बल्कि जीवन के हर पहलू में कुशल और सक्षम बनें। इस नीति का उद्देश्य एक ऐसा पर्यावरण तैयार करना है, जो छात्रों को मानसिक, शारीरिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाए।

आप भी यहां इस मुकाम तक इसलिए पहुंचे, क्योंकि आप में सीखने की ललक है, आगे बढ़ने की उत्सुकता है। आप आगे के जीवन में भी इसी दृष्टिकोण को बनाए रखें।

आपको सीखते रहने में मिशन कर्मयोगी के तहत iGOT कर्मयोगी प्लेटफॉर्म (इंटिग्रेटिड गवर्नमेंट ऑनलाइन ट्रेनिंग) से बहुत मदद मिलेगी। iGOT, मिशन कर्मयोगी के तहत नागरिक सेवा क्षमता निर्माण के लिए सरकार का एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है। इसमें 1600 से ज्यादा अलग-अलग प्रकार के कोर्स उपलब्ध हैं। इसके माध्यम से आप बहुत कम समय में, प्रभावी तरीके से विभिन्न विषयों में कोर्स कंप्लीट कर सकते हैं। 

अपने कार्यों में पूरी पारदर्शिता बनाए रखें और सच्चाई व ईमानदारी को अपना आधार बनाएं। समय की पाबंदी जीवन में सफलता का मूलमंत्र है। इसलिए समय की पाबंदी को अपने काम के पहले दिन से ही सुनिश्चित करें और इसे अपने व्यक्तित्व का अभिन्न हिस्सा बनाएं।

देवियो और सज्जनो,

मैं आज तनाव प्रबंधन पर चर्चा करना चाहता हूँ। आज के तेज़ रफ्तार और प्रतिस्पर्धात्मक जीवन में, विशेष रूप से छात्रों के लिए, तनाव एक बड़ी बाधा है जो न केवल उनके शैक्षिक प्रदर्शन में, बल्कि उनके संपूर्ण विकास में भी बाधा उत्पन्न करता है।

इसलिए, हमें एक ऐसा शिक्षण वातावरण तैयार करना चाहिए जहाँ उच्च गुणवत्ता की शिक्षा के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य का भी पूरा ध्यान रखा जाए।

इस सकारात्मक माहौल में, छात्रों में न केवल उत्कृष्टता, बल्कि रचनात्मकता, नवाचार और सकारात्मक सोच भी विकसित होगी। शिक्षकों को चाहिए कि वे खेल, योग, ध्यान तथा संवाद जैसी गतिविधियों के माध्यम से छात्रों के तनाव को कम करने में मदद करें।

हमारा अंतिम लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि छात्रों के लिए ऐसा मंच उपलब्ध हो जहाँ तनाव का कोई स्थान न हो, ताकि वे अपनी पूरी क्षमता के साथ विकसित हो सकें और हमारे देश का उज्जवल भविष्य सुनिश्चित हो सके।

इसके अलावा स्कूल स्तर पर ही बच्चों में छिपी प्रतिभाओं को उजागर करने के लिए पाठ्येतर गतिविधियों का आयोजन अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह गतिविधियाँ न केवल शैक्षिक ज्ञान को विस्तृत करती हैं, बल्कि बच्चों के सामाजिक, सांस्कृतिक और मानसिक विकास में भी अहम भूमिका निभाती हैं। 

इसके अतिरिक्त, पाठ्येतर गतिविधियाँ बच्चों में नेतृत्व कौशल, टीम वर्क और समस्या समाधान की क्षमता को भी बढ़ाती हैं। खेल, संगीत, नृत्य, कला, साहित्य, विज्ञान मेलों और अन्य प्रतियोगिताओं के माध्यम से बच्चे न केवल मनोरंजन करते हैं, बल्कि अपनी रचनात्मकता और विचारशीलता को भी प्रोत्साहित करते हैं। यह एक समग्र विकास की प्रक्रिया है, जो उन्हें भविष्य के लिए तैयार करती है। 

प्रिय नवनियुक्त शिक्षको,

हमारा लक्ष्य है कि 2047 तक हमारा भारत एक विकसित, समृद्ध और आत्मनिर्भर राष्ट्र बन जाए, जहां शिक्षा की ज्योति हर घर तक पहुंचे। इस सपने को साकार करने के लिए आप सभी शिक्षकों का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। आप न केवल ज्ञान का संचार करते हैं, बल्कि नैतिक मूल्यों, सामाजिक जिम्मेदारी, और रचनात्मक सोच की भी शिक्षा देते हैं।

आपकी कक्षा में बीती हर एक घड़ी न केवल छात्रों के जीवन में परिवर्तन का बीज बोती है, बल्कि देश के भविष्य के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। 

आज, के तकनीकी प्रगति के इस युग में, हमें अपने छात्रों को मात्र ज्ञान देना ही नहीं, बल्कि उन्हें सोचने, प्रश्न पूछने, और चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रेरित करना है।

आपके प्रयासों से ही राष्ट्र का भविष्य संवरता है। प्रत्येक छात्र, जो आपके मार्गदर्शन में उभरता है, वह हमारे देश के विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनता है। 

मैं आप सभी से यह आग्रह करता हूँ कि अपने कार्यक्षेत्र में नवाचार और उत्कृष्टता के लिए निरंतर प्रयास करते रहें। हम सब मिलकर एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करेंगे, जहां शिक्षा का प्रकाश हर कोने में फैल जाएगा और हमारा भारत विश्व में एक विकसित, प्रगतिशील और समृद्ध राष्ट्र के रूप में चमक उठेगा।

मित्रो,

आज जिन युवा साथियों को नियुक्ति पत्र मिला है, वो एक नई तरह की सरकारी व्यवस्था का हिस्सा बनने जा रहे हैं। 

मैं आपसे यह अपेक्षा करता हूं कि आप न केवल बच्चों को सिखाने का काम करेंगे, बल्कि उनकी सोच, उनके कौशल, और उनकी सृजनात्मकता को भी विकसित करने में अपनी भूमिका निभाएंगे।

आज का यह कार्यक्रम इस बात का प्रमाण है कि हम शिक्षा के विकास के लिए ठोस कदम उठा रहे हैं। यह नियुक्ति प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष रूप से पूरी की गई है, और हमें विश्वास है कि आप सभी इस जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ निभाएंगे।

अंत में, मैं आप सभी को बधाई देता हूं और आपके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूँ। मुझे विश्वास है कि आप अपने कार्यक्षेत्र में न केवल अपना सर्वाेत्तम योगदान देंगे, बल्कि हमारे प्रदेश और देश के शिक्षा क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सहायक होंगे।

मेरी शुभकामनाएँ आपके साथ हैं। बच्चों के जीवन को बेहतर बनाने में आपका हर प्रयास सराहनीय होगा। आइए, हम सभी मिलकर यह संकल्प लें कि शिक्षा के माध्यम से हम एक सशक्त, समृद्ध, और नैतिक समाज का निर्माण करेंगे।

धन्यवाद,

जय हिंद!