SPEECH OF HON’BLE GOVERNOR PUNJAB AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH, SHRI GULAB CHAND KATARIA ON THE OCCASION OF FemPreneur RISING STARS 2025 AWARD ORGANISED BY CONFEDERATION OF WOMEN ENTREPRENEURS OF INDIA AT PUNJAB RAJ BHVAN CHANDIGARH ON MARCH 8, 2025.
- by Admin
- 2025-03-10 11:30
COWE India द्वारा अयोजित सम्मान समारोह के अवसर पर माननीय राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया जी का संबोधनदिनांकः 08.03.2025, शनिवार समयः शाम 4:00 बजे स्थानः पंजाब राजभवन
नमस्कार!
आज हम पंजाब राज भवन में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर Confederation of Women Entrepreneurs of India (COWE India - कोवे इंडिया) द्वारा आयोजित प्रतिष्ठित FemPreneur Rising Stars 2025 Award समारोह में एकत्रित हुए हैं। यह समारोह नारी उद्यमिता और नवाचार की शक्ति का प्रतीक है, जिसने नारीशक्ति को न केवल आर्थिक क्षेत्र में बल्कि समाज में भी आत्मनिर्भर और सशक्त भूमिका निभाने का अवसर प्रदान किया है।
मैं इस अवसर पर समस्त देशवासियों और प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूँ। साथ ही, आज इस मंच पर पुरस्कार से सम्मानित सभी महिलाओं को विशेष बधाई देता हूँ, जिन्होंने अपने अदम्य साहस, परिश्रम और रचनात्मक सोच से अपने व्यवसाय को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया है।
मैं आज इस मंच पर सम्मान पाने वाली उद्यमी महिलाओं को अपनी हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ देना चाहता हूँ, जिन्होंने न केवल अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल की है, बल्कि यह भी साबित कर दिया है कि महिलाएं किसी से कम नहीं हैं।
इन सम्मानित महिलाओं में बर्ड ग्रुप की राधा भाटिया, क्रेमिका इंडस्ट्री की रजनी बेक्टर, रेलीगेयर इंडस्ट्री की रश्मि सलूजा, ऐमिटी यूनिवर्सिटी की दिव्या चौहान, पंजाबी गायिका सरगी मान, अरोमा मैजिक एंड ब्लोसम कोचर ग्रुप ऑफ कंपनीज़ की डॉ. ब्लोसम कोचर, अंतर्राष्ट्रीय डिज़ाइनर ब्रांड रिम्पल एंड हरप्रीत नरूला की रिम्पल नरूला तथा लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी की कोमल मित्तल शामिल हैं।
आप सभी ने यह सिद्ध कर दिया है कि महिलाएं अपनी प्रतिभा, लगन और साहस से किसी भी क्षेत्र में अग्रसर हो सकती हैं। आपके द्वारा किए गए प्रयास यह प्रमाणित करते हैं कि यदि सही अवसर मिले तो महिलाएं अपनी अद्वितीय क्षमताओं को उजागर कर, न केवल व्यक्तिगत सफलता हासिल कर सकती हैं, बल्कि समाज और देश के विकास में भी अहम योगदान दे सकती हैं।
मुझे बताया गया है कि कोवे इंडिया की स्थापना नवंबर 2004 में छह सफल प्रथम पीढ़ी की महिला उद्यमियों द्वारा एक गैर-लाभकारी संगठन के रूप में की गई थी।
आज, कोवे इंडिया 1 हजार से अधिक सदस्यों की एक मजबूत टीम है, जिसमें सफल महिला उद्यमी शामिल हैं, जिसका मुख्यालय हैदराबाद में है और भारत भर में आंध्र प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में इसकी शाखाएं हैं।
देवियो और सज्जनो,
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पूरे विश्व की महिलाओं को समर्पित एक दिवस है। 1975 में, संयुक्त राष्ट्र ने पहली बार 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया था। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस महिलाओं द्वारा की गई सांस्कृतिक, राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक उपलब्धियों को मान्यता देने के लिए मनाया जाता है। यह लैंगिक पूर्वाग्रहों और भेदभाव को समाप्त करने और लैंगिक समानता प्राप्त करने के प्रयासों को प्रेरित करने का एक अवसर है।
इस वर्ष, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2025 का थीम है, “Accelerating Action”, जो महिलाओं की उन्नति पर सकारात्मक प्रभाव डालने वाली रणनीतियों, संसाधनों और गतिविधियों को मान्यता देने तथा उनके कार्यान्वयन को समर्थन देने और उसे आगे बढ़ाने के लिए एक विश्वव्यापी आह्वान है।
देवियो और सज्जनो,
भारत की मजबूत, बुद्धिमान और दृढ़ निश्चयी महिलाएं वर्षों से विश्व के हर कोने में अपनी छाप छोड़ रही हैं। उन्होंने पारंपरिक बाधाओं और सामाजिक रूढ़िवादिता को तोड़ते हुए नए आयाम स्थापित किए हैं, चाहे वह विज्ञान, खेल, राजनीति, शिक्षा या कला का क्षेत्र हो।
चाहे वह संयुक्त राष्ट्र महासभा की पहली भारतीय महिला अध्यक्ष, विजया लक्ष्मी पंडित हों, जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत का मान बढ़ाया; या अंतरिक्ष में पहली भारतीय महिला, कल्पना चावला और भारत की पहली ट्रेन चालक सुरेखा यादव, जिन्होंने यह साबित किया कि सीमाएँ केवल मन में होती हैं; या फिर प्रसिद्ध मुक्केबाज मैरी कॉम, जिन्होंने विश्वभर में खेल के क्षेत्र में अपनी चमक बिखेरी हो, इन सभी ने नारी शक्ति और साहस की मिसाल कायम की है।
इसी के साथ, आज का दिन उन महिला उद्यमियों के योगदान को भी सलाम करने का है, जिन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। सिमोन टाटा, किरण मजूमदार-शॉ, वंदना लूथरा, चंदा कोचर, अंजली सूद, दिव्या सूर्यदेवरा और रितु कुमार जैसी महिला उद्यमियों ने न केवल अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त की है, बल्कि उन्होंने नयी सोच और नवाचार के साथ उद्योग जगत में क्रांतिकारी बदलाव लाए हैं। इनकी सफलता ने लाखों युवाओं को प्रेरित किया है और भारतीय उद्यमशीलता को वैश्विक स्तर पर मान्यता दिलाई है।
इसके अलावा देश का गौरव बढ़ाने वाली अन्य महिलाओं में:
- ‘क्वीन ऑफ ट्रैक एंड फील्ड’ के नाम से प्रसिद्ध महान एथलीट पी.टी. उषा
- 2015 में विश्व बैडमिंटन रैंकिंग में, साइना नेहवाल नंबर 1 स्थान हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।
- भारतीय स्प्रिंट धावक हिमा दास आई.ए.ए.एफ. वर्ल्ड अंडर-20 चैंपियनशिप में ट्रैक इवेंट में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट हैं।
- 2016 रियो ओलंपिक में रजत पदक और 2020 टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीत कर देश को गौरवान्वित करने वाली बैडमिंटन खिलाड़ी पी.वी. सिंधु।
- इसरो (ISRO) की वैज्ञानिक और ‘मंगलयान मिशन’ की उप निदेशक रितु करिधल और अग्नि-5 मिसाइल प्रोजेक्ट का नेतृत्व करने वाली भारत की पहली महिला वैज्ञानिक टेसी थॉमस।
इन्हीं की तरह हमारे देश में महिलाओं के योगदान के अनगिनत प्रेरक उदाहरण मौजूद हैं।
देवियो और सज्जनो,
भारतीय परंपरा में नारी को शक्ति का प्रतीक माना जाता है, जिसके अनुरूप देवी दुर्गा, काली और लक्ष्मी की पूजा की जाती है। ये देवियां यह दर्शाती हैं कि नारी केवल कोमलता और संवेदनशीलता का ही नहीं, बल्कि अदम्य शक्ति, साहस और आत्मनिर्भरता का भी स्वरूप है। नारी को प्रकृति के सृजन के आधार के रूप में देखा जाता है, जो न केवल संतान को जन्म देती है, बल्कि अपने पालन-पोषण, संस्कारों और प्रेम से समाज के भविष्य को आकार देती है।
हमारे महाकाव्यों जैसे रामायण और महाभारत में भी नारी शक्ति का सम्मान किया गया है-माता सीता का धैर्य, द्रौपदी का साहस, गार्गी एवं मैत्रेयी का ज्ञान, और रानी लक्ष्मीबाई का शौर्य हमें यह सिखाता है कि भारतीय संस्कृति में नारी सदैव एक प्रेरणास्पद शक्ति रही है।
हमारे वेदों ने महिलाओं का आह्वान ‘पुरन्धिः योषा’ जैसे मंत्रों के माध्यम से किया है, जिसका अर्थ है कि महिलाएं अपने नगर और समाज की जिम्मेदारियाँ संभालने में समर्थ हों, और राष्ट्र का नेतृत्व करें।
हम अक्सर कहते हैं, ‘‘नारी तू नारायणी’’, जिसका अर्थ है कि नारी अपने स्वभाव में ही दिव्यता और अपार शक्ति का सार है।
हमारी 5000 वर्ष की सभ्यता में ऋग्वेद में कहा गया है, ‘जहां नारी की पूजा होती है, वहां भगवान निवास करते हैं।’ उपनिषद में भी कहा गया है कि ‘मातृ देवा भाभा’ अर्थात् आपकी माता ही आपकी देवी हैं।
हमारे समाज में महिलाएँ हमेशा से ही माँ, पत्नी, समाज सुधारक और न जाने क्या-क्या सक्रिय भूमिका निभाती रही हैं। बच्चों के लिए माताएं जीवन की पहली शिक्षक होती हैं और वे उन्हीं की देखरेख में बड़े होते हैं।
देवियो और सज्जनो,
हमें अपनी बेटियों को न केवल उच्च शिक्षा, बल्कि पेशेवर प्रशिक्षण और कौशल विकास के अवसर भी प्रदान करने चाहिए, ताकि वे आत्मनिर्भर बनें और देश के आर्थिक विकास में सक्रिय योगदान दे सकें।
स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था, ‘‘जब तक आप स्त्रियों की स्थिति सुधारने का प्रयास नहीं करते, तब तक विश्व के कल्याण की कोई भी योजना सफल नहीं हो सकती।’’
मैं समझता हूँ कि इसी के अनुरूप केंद्र सरकार ने महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं की शुरुआत की है। मुद्रा योजना, स्टैंड-अप इंडिया, और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) की पहलें न केवल वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं, बल्कि गैर-वित्तीय समर्थन जैसे मेंटरशिप, प्रशिक्षण, और नेटवर्किंग के अवसर भी उपलब्ध कराती हैं।
इन पहलों के माध्यम से महिला उद्यमी अपने व्यवसाय को स्थापित करने, विकसित करने और नवाचार के साथ आगे बढ़ने में समर्थ हो रही हैं।
हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि महिलाओं को अधिक आर्थिक स्वायत्तता, व्यक्तिगत स्वतंत्रता और राजनीतिक शक्ति प्राप्त हो।
‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ से महिलाओं को लोकसभा और विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें मिलेंगी। यह अधिनियम महिलाओं का जीवन स्तर सुधारने के लिए, क्वालिटी ऑफ लाइफ बेहतर करने के लिए, देश में महिला नेतृत्व-आधारित विकास का नया युग लाने के लिए अहम कदम है।
सामाजिक स्तर पर भी तीन तलाक जैसी जिन कुरीतियों के कारण महिलाओं पर अत्याचार होते थे, इसके लिए कानून बनाकर करोड़ों मुस्लिम बहनों को आज तीन तलाक की अमानवीय कुप्रथा से सुरक्षा मिली है।
सरकार ने नारी शक्ति के जीवन चक्र से जुड़ी हर समस्या को दूर करने पर पूरी गंभीरता से ध्यान दिया है। शौचालय ना होने की वजह से बेटियाँ स्कूल ना छोड़ें, इसके लिए करोड़ों शौचालय, बेटी की शिक्षा जारी रहे, इसके लिए सुकन्या समृद्धि योजना, बहनों को रसोई में लकड़ी का धुआँ ना सहना पड़े, इसके लिए उज्ज्वला गैस कनेक्शन, बहन-बेटी को पानी के इंतजाम में परेशान ना हो, इसके लिए हर घर नल योजना शुरू की गई है।
बहन-बेटी अंधेरे में ना रहें, इसके लिए सौभाग्य योजना से मुफ्त बिजली कनेक्शन। बेटी का घर की संपत्ति पर भी अधिकार हो, इसके लिए पीएम आवास में उसे संयुक्त भागीदारी। रोजगार, स्वरोजगार के लिए लोन देने वाली मुद्रा योजना शुरू की गई है।
देवियो और सज्जनो,
महिला सशक्तिकरण न केवल लैंगिक समानता का प्रतीक है, बल्कि यह आर्थिक विकास, सामाजिक न्याय और समावेशिता के लिए भी आवश्यक है।
इससे न केवल घरेलू अर्थव्यवस्था मजबूत होती है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी आर्थिक वृद्धि में लाखों डॉलर की बढ़ोतरी संभव होती है। इसलिए, महिलाओं के सशक्तिकरण में निवेश करना, उन्हें शिक्षा, प्रशिक्षण, मेंटरशिप और उद्यमिता के क्षेत्र में अवसर प्रदान करना, हमारे समाज और देश के लिए एक दीर्घकालिक लाभकारी कदम है।
इसलिए, महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए हमें शिक्षा और प्रशिक्षण, आर्थिक अवसर, स्वास्थ्य और कल्याण और राजनीतिक प्रतिनिधित्व के चार क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
जब महिलाएं शिक्षित, जागरूक और सशक्त होंगी, तो वे न केवल अपने व्यक्तिगत जीवन में उन्नति करेंगी, बल्कि समाज में भी समानता, न्याय और समावेशिता की भावना को मजबूती प्रदान करेंगी। इस तरह, महिला सशक्तिकरण से महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ता है, वे अधिक प्रभावशाली बनती हैं और देश की प्रगति में एक प्रेरणास्पद योगदान दे सकती हैं।
अपने परिवार और घरों से लेकर खेत-खलिहानों तक, और व्यवसाय तथा विभिन्न पेशों में, महिलाएं किसी से कम नहीं हैं। वे पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ अपने कार्यों को अंजाम देती हैं, जो उनके हृदय और आत्मा से आता है।
आइए, हम सभी मिलकर ऐसे समाज का निर्माण करें, जहाँ महिलाओं को समान अवसर, समान अधिकार और समान प्रतिनिधित्व प्राप्त हो। हम अपनी प्रतिबद्धता का पुनः संकल्प लें कि हम महिलाओं के लिए एक उज्ज्वल, सुरक्षित और समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयासरत रहेंगे।
जब महिलाएं सशक्त होंगी, तभी हमारा राष्ट्र भी आत्मनिर्भर और प्रगतिशील बनेगा। महिलाओं को सशक्त बनाना, न केवल उनके व्यक्तिगत विकास का आधार है, बल्कि यह भारत की समग्र शक्ति और समृद्धि का मूलमंत्र भी है।
मुझे आशा है कि आपका यह संगठन इसी तरह महिलाओं को समाज में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित और प्रोत्साहित करता रहेगा। आप सभी स्तरों पर महिलाओं को सशक्त बनाकर उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए काम करते रहेंगे।
मैं COWE India (कोवे इंडिया) को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर इस सम्मान समारोह के आयोजन के लिए हृदय से सराहना करता हूँ। आशा है कि यह सम्मान विजेताओं में एक नई ऊर्जा, आशा और आत्मसम्मान का संचार करेगा, जिससे अन्य महिलाओं को भी प्रेरणा मिलेगी।
आप सभी के उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएँ!
धन्यवाद,
जय हिंद!